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Click hereनमस्ते दोस्तों आप सब के सामने मे फिर हाजिर हूं अपने मेरी पहली स्टोरी को खूब प्यार दिया। इसलिए मै आपके सामने अपनी कहानी का 2ed पार्ट लेकर हाजिर हु।
वैसे मुझे लगता है की अगर घर मै कसुम जैसा माल हो तो कही बाहर जाने की जरूरत ही नहीं पड़इसका फायदा है। की घर की बात घर मै रहती है ( घर की चूत सुरक्षित रहती है आवारा
मेरी माँ के 38 dd के स्तनों को बारे मै सोचकर आपका मन भी किया होगा काश कुसुम आपकी माँ होती और उसकी मस्त मोटी गांड का तो कहना ही क्या मेरी माँ की गांड के बारे मै सोच कर ही मेरे लण्ड से पानी निकल जाता है। क्या आपके लण्ड से निकला क्या???????
मेरी माँ जब भी बाहर जाती तो उसकी मोटी गांड मटक कर चलती थी। मैंने कई बार देखा की मेरी गली के लड़के उसकी गांड को देख के अपने लण्ड को सेहलाते रहते थे।
अब आप ही बताइये की आपकी माँ की अकेली चूत को कोई बाहर का कुत्ता चोदे तो अच्छा लगेगा।
मै अपनी माँ की कोमल, रसीली चूत और गांड की रक्षा करने लगा।
मेरी 7 इंच की बंदूक (lund) अपनी माँ की गुफा की ( चूत ) की रक्षा करने लगी।
मुझे अपनी बन्दूक की गोली माँ की गुफा मै छोड़नी थी।
मै इससे के लिए कई सेक्सी प्लान बनाये।
जैसा की आप सब जानते ही है।
मैंने अपनी प्यारी माँ की सारी ब्रा और पेंटी गायब कर दी थी। और मार्किट बंद होने की वजह से वो न्यू ब्रा पेंटी नहीं खरीद सकी और मैंने उसके मस्त फिगर का नाप लेकर उसके लिए सेक्सी ब्रा पेंटी और हनीमून लिंगेरिए आर्डर कर दी।
मेरी माँ हाउसवाइफ है और पापा अभी बाहर थे घर पर किसी के ना होने पर माँ नाड़े वाला ट्रांसपेरेंट पजामा और गहरे गले का सलवार पहन लेती थी।
चुकी अब ब्रा पेंटी नहीं थी तो उसकी चूत उसके पाजामे से मुझे साफ नज़र आने लगी थी।
आप लोग भी सोच रहे होंगे की काश हमारे घर पर भी कुसुम जैसी मस्त सेक्सी औरत होती।
वो जब झुकती तो उसके आधे स्तन बाहर आने लगते। मेरी माँ की गांड बहुत मस्त है वो जब चलती
तो उसकी बड़ी गांड को देखके मेरी हालत ख़राब हो जाती।
मेरी माँ हमेशा बैठ के पोछा लगाती है तो जब वो पोछा लगाती तो मै उससे पीछे से देखता क्या मस्त गांड है माँ की उसकी मस्त गांड को देखते देखते पता नहीं कब मेरा लण्ड पानी छोड़ देता और पैरा पूरा पजामा गिला हो जाता।
एक बार ऐसा ही गया,
मै अपनी माँ की चूत को चुप क्व देख रहा था और मेरा मुट्ठ निकल गया मै उस पाजामे को निकलमे लगा इतने मै माँ भी आ गयी मै बुरी तारा डर गया उसने पूछा।
माँ - ये दूंगा. क्यों उतर रहे हो और ये गिला कैसे हो गया?????
मै - माँ वोओओओओओ
मै - माँ वो मेरे ऊपर पानी गिर गया था।
Mom- कोई बात नहीं लाओ इससे मै सुखाने बाहर डाल देतिहु।
मै - नहीं माँ मै ही इससे बाहर डाल दूंगा।
माँ मे पाजामे पर छुआ तो उन्हें चिपचिपा सा कुछ लगा।
माँ - ये चिपचिपा सा क्या है?????
मैंने बात बदल दी माँ वो मै गुलाब जामुन कहा रहा था तो उसकी चाशनी गुरु गयी उसी को पानी से दो रहा था।
उन्होंने बड़े गौर से देखा वो बहुत गाड़ा था और चिपचिपा भी मेरी माँ की सर्दी के बजह से नाक बंद थी तो वो उन्हें सुंगाने पर तो कुछ पाना नहीं चला।
फिर उन्होंने उसको लेकर उसे चखने की सोची।
उन्होंने एक ऊँगली से मेरे मुट्ठ को लिया और उससे पिने मुँह मी ले गयी।
मुझे यकीन नहीं हो रहा था की माँ मेरा मुट्ठ चख रही है
मुट्ठ बहुत गाड़ा था।
एक मर्द का जो था। माँ ने उसे लेकर अपनी जीभ पर रखा और चखने लगी।
मुझे मज़ा तो आ रहा था की कुसुम मेरा मुट्ठ चख रही है मेरा बस चलता तो अभी पेंट खोल के अपना मोटा लॉलीपॉप ( लण्ड ) सीधे उसके मुह मै दे देता।
और सारामुट्ठ उसके गले के निचे छोड़ देता।
पर डर भी लग रहा था की अब क्या होगा???????
माँ ने जब चखा तो कुछ देर तक तो वो उसके स्वाद के मज़े लेने लगी।
माँ - इसका टेस्ट कुछ जाना पहचना क्यों है?????
मै - माँ ये चाशनी है।
मुट्ठ की ( धीरे से )......।
माँ - क्या बोले?????
मै - वोओओओ मूम ये तो आप जानती हो के इसका स्वाद केसा होता है ( पापा का तो खूब मुँह भर कर पीगाई है तो स्वाद तो पाता होगा।)
माँ - पर इसका स्वाद तो अभी मीठा नहीं है।
पता नहीं क्यों याद नहीं आ रहा इसका स्वाद पहले भी मेने चखा था।
माँ को पापा के मुट्ठ का स्वाद लिए काफ़ी समय हो गया था। मेरी भोली माँ को मीठा मुट्ठ का सवाद नहीं आ रहा था।
Mom- बेटा जरा आराम से खाया कर देख तेरी सारी चाशनी ख़राब हो गई ना।
मै - मन मै तुमने तो पीली कहा ख़राब हुई????
Mom- चलो इसको धो लो।
मैंने जल्दी से माँ से वो लेलिया और बाहर चला गया।
माँ को शक तो हुआ पर मेरी गाय जेसी माँ को कुछ पता नहीं चला।
अब रोज मै माँ की मस्त गांड और सालावार या सीरत से दीखते गोल स्तनों को देखता और अपना मुट्ठ पाजामे मै छोड़ देता।
मुट्ठ सुखने के बाद अपना दाग छोड़ देता है।
मेरी माँ ने उसका सफ़ेद दाग़ देखा और मुझसे पूछा
माँ - बेटा आज कल तेरे पाजामे पर मुझे रोज दाग़ दिखा रहा है क्या बात है?????
मै - वोओओओ माँ मे?????
माँ - मुझे सब पता है।
मै एक दम से शोक हो गया और मैंने कहाँ सॉरी सॉरी मौका अब मैं नहीं कारूंगा।
माँ - बदमाश अरे इतना गुलाब जामुन खायेगा तो दात ख़राब हो जायेगे।
मै - गुलाब?????
माँ - ज्यादा नहीं खाना।
तब मेरी जान मे जान आई माँ तो गुलाब जामुन की चाशनी समझ रही थी।
कुछ दिनों तक ये की लीला चलती रही।
अब दिवाली आ रही थी और हमें घर की साफी करनी थी।
माँ - बेटा चलो घर की सफाई करनी है।
मै - ठीक है।
मै और माँ दोनों अपने अपने काम मै लग गए।
माँ और मै सारे कमरे साफ करने लगे और सारी गंदिगी बाहर निकलने लगे।
मै माँ के कमरे मै सफाई करने लगा।
अचानक मुझे माँ के कमरे मै एक किताब मिली।
वो किताब काफ़ी पुरानी थी शायद पापा पढ़ते होंगे। तो उसमे कई सारे सेक्सी पिक्चर दिए थे उस किताब मै औरत को चोदने के नुस्खे थे।
उसमे कई तरह की स्वस्य पोजीशन थी जो सेक्स जे समय औरत को सबसे ज्यादा मजा देती है।
पापा इसी को पढ़ के माँ को चोदते होगे।
मैने उस किताब को संभाल कर अपने पास रखलिया
सोचा की बाद मै पडूंगा।
हम लोग सब सफाई करने लगे।
माँ सभी मकड़ी के जाले हटाने लगी
उसने अचानक मुझे आवाज दी
माँ - बेटाआआआ जरा इधर आना।
मै - आया मम्मी।
मेने देखा की माँ नाल चला ने की कोसिस कर रही थी ताकि पोछे का पानी ले सके।
पर ये क्या नल अचानक ज्यादा खुल गया।
और सारा पानी कमरे में फैल गया।
पानी इतना तेज था कि मॉम को पूरी तरह से भीगा दिया।
वह नल के पानी को बंद नहीं कर पा रही थी और इस चक्कर में वह पूरी तरह से गीली हो गई।
उसकी तलवार तथा कमीज पानी के कारण पूरी तरह से गीले हो गए। क्योंकि उसमें ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी।
पानी से गीले होने के बाद उसके मस्त दो बड़े बड़े स्त्री के धन ( स्तन ) और उनपर डार्क बड़े निप्पल साफ ढेर जा सकते थे।
उसकी सलवार गीली होने से उसकी ब्लैक फारेस्ट ( चूत ) का भी दर्शन हो रहा था।
मै तो उन्हें देखता ही रह गया।
माँ - अरे तू खड़े खड़े क्या देख रहा है जल्द्दी आ और इस नाल को बंद करा नहीं तो सारा पानी ख़तम हो जायेगा।
मै - है माँ।
मै जल्दी से उसके पास गया। नल बहुत तेज था।
तो मेरा बैलेंस बिगड़ गया पानी की बजह से और मै अचानक माँ के ऊपर गिर गया।
मेरा मुँह माँ के की चूत पर था और हाथ मोटे स्तनों पर।
मैंने मज़ा लेने के लिए उनके दोनों स्तनों को दवाना सुरु किया और उठने का नाटक करने लगा।
मैंने माँ के ब्रैस्ट को जोर से दबाया तो माँ की सिसकी निकल गयी
माँ - अह्ह्ह हहह आआ।
मै उन्हें बार बार दबा रहा था और उठने का नाटक कर रहा था।
माँ - आहहहह बेटा उठ और भी काम है जल्दी।
मै - माँ उठ तो रहा हूं पर बार बार फ़िसल जा रहा हूं।
फिर मै और माँ उठे मेरे स्तनो के दबाने से माँ के निप्पल टाइट हो गए और कमीज़ से साफ दिखने लगे।
मैंने फिर नाल बंद किया।
इतने मै मेने माँ से कहा माँ आप तो भीग गयी हो आप जल्दी से कपडे बदल लो।
Mom= बेटा मेरे सारे कपडे तो मेने धोने डाल दिए यही एक था वो भी गिला हो गया।
मै - माँ आपको इससे और सर्दी लग जाएगी उससे जल्दी निकल कर कुछ और पहन लो।
Mom- बता क्या पहनू मेरे पास तो ब्रा पेंटी भी नहीं है।
मै - पर अगर आप बीमार हो गयी तो????
माँ - कोई नहीं तू है तो सेवा करने के लिए।
मै - माँ प्लीज आप इन गीले कपड़ो को हटा दो यहाँ मेरे और आपके अलावा और कोई नहीं ही और मै तो आपकी चूत का पूत हूं।
माँ - क्या???
मै - मतलब मै आपका पूत हूं।
मन मै » जो चूत चोदना चाहता है।
माँ से मेने कहा की आप जाके टॉवल लगा तो ताकि आपको शराम ना आये और आप बीमार भी ना पड़ो।
माँ ने कहा की टॉवल भी एक ही है अब उससे निचे का धकू ये ऊपर की
माँ - तुम लड़को का सही है सर निचे का पार्ट ढाकाना है। और हमे दोनों।
मै - माँ मै तो आपका बेटा हूं मेरे सामने केसी शर्म।
मै आपके निचे से निकला और मेने आपके ऊपर के स्तनों से दूध पिया।
Mom- तब की बात और थी।
मै - माँ मै आज भी आपका छोटा से मुन्ना हूं मेरे सामने आप फ्री रह सकती है।
माँ - वो तो थी है परर.
मै - पर बर नहीं अप्प जल्दी से चेंज करो नहीं तो आपको चाँद लग जाएगी।
मेरे इतना कहने पर माँ मुश्किल से तैयार हुई।
नेक्स्ट स्टोरी इन पार्ट 3 कीप रीडिंग।