अंतरंग हमसफ़र भाग 015

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जेन के साथ सेक्स
2.6k words
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Part 15 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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"अंतरंग हमसफ़र - 14 " में पढ़ा

" यह केवल कुछ ही क्षणों के लिए था, मैं उसे अपने से नीचे कांपती हुई महसूस कर सकता था, और उसकी म्यान अब अच्छी तरह से चिकनी हो गयी थी, और मेरा लंड भी अभी तक कठोर ही था हमने परमानंद के लिए एक रमणीय संसर्ग की शुरुआत की और मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये।

उसका सारा दर्द गायब हो गया था, मेरे वीर्य के बहाव से उसकी योनि के घायल हुए भाग, अब केवल प्रेम के रमणीय घर्षण का आंनद ले रहे थे; मेरा प्रसन्नचित्त लंड उसमें घुसा, फिर मेरा लंड मेरे पूरे मर्दाना जोर से अंदर-बाहर हो रहा था और वो बार बार झड़ रही थी इस तरह मैं भी उसके अंदर तीन चार बार झड़ गया .. जब तक हमारी काम प्रचंडता काफी हद तक कम नहीं हो गयी "

मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोजी और रूबी मिली और मेरी पहली चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोजी की पहली चुदाई हुई । उसके बाद कैसे मैंने रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और रोजी ने हमे अपनी सहेली टीना से मिलवाया और टीना की पहली चुदाई कैसे हुई । फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा । रात में एकबार फिर सबका एक साथ ग्रुप सेक्स हुआ और रोजी मेरे साथ शहर आ गयी । उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये और मैं और मेरी बुआ की सबसे बड़ी बेटी जेन के साथ शाम के समय मैदान में घूमने गया। वहां उससे प्रेम निवेदन किया और रात में रोजी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआl अगले दिन सुबह अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मैं और जेन नाश्ते के बाद घूमने निकलेl वहां हमने संसर्ग शुरू किया ही था की एक बैल वहां आ गया, जिससे जेन डर गयी और हमने जगह बदल कर मैंने अपनी फूफेरी बहन जेन के साथ सम्भोग कर उसका कुंवारापन भंग किया l ( अंतरंग हमसफ़र -1 -14)

अब आगे

तो मैं बोला प्रीती फिर इस तरह मैंने जेन को उस दिन हमारे पहले मिलन पर तीन चार बार नॉनस्टॉप चोदा और जेन तो पता नहीं कितनी बार झड़ीl

उस दोपहर उसके अंदर आखिरी बार जब मैं झडा तो उसके कुछ देर बाद मेरा लंड आधा मुरझाया हुआ आधा बाहर आ गया, जिस पर उसकी नज़र पड़ी तो उसने मुझ से शांत होने की अपील की और साथ ही ये भी बोली की कृपया अत्यधिक आनंद से खुद को घायल मत कीजियेl अब बस कीजिये। तो मैं रुक गया ।

फिर उसने आह भरते हुए बोला "ओह दीपक! क्या इस तरह के रमणीय आनंद से किसी का खुद को चोट पहुंचाना भी संभव हो सकता है?" उसने आहें भरींl

उसने अब तक तो मेरे लंबे कठोर लंड को ही देखा था पर इस बार उसने मुझे अपना मुरझाया हुआ लंगड़ा उपकरण उसकी योनि से निकालते हुए देखा तो वह कुछ चिंता करते हुए बोली थी अब बस कीजिये ।

वह मंद मंद मुस्कुराई, जैसा कि उसने शरमाते हुए कहा था, "मेरी अशिष्टता के लिए मुझे क्षमा कीजिये, प्रिय दीपक, लेकिन मुझे डर है कि हम दोनों में से तुम ही सबसे ज्यादा घायल हो। देखिये आपका औज़ार खून से पूरा सना हुआ है । "

" हे थोड़ी अनजान, अनाड़ी सुंदरी ," उसे हर्षातिरेक से चुंबन करते हुए मैंने कहा " ये तुम्हारा खुद के कुंवारेपन का रक्त है। मुझे, इसे पोंछने दो, प्रिय जेन," फिर मैंने अपना रुमाल ले कर उसकी सूजी गई योनि के ऊपर और अंदर पोंछने के बाद मैंने अपना लंड भी उससे पोंछ कर साफ किया और बाद में उससे कहा। "यह सबसे प्यारी जेन , इसे मैं आपके कुंवारे और पहले प्यार के सबूत के रूप मे अपने खजाने में रखूंगा, आज आपने मेरे आगे आत्मसमर्पण करते हुए मुझे अपना सब कुछ सौंप दिया हैl" उसके लहू से सना हुआ रुमाल उसको प्रदर्शित किया और फिर उसे अपनी जेब में छुपा लिया ।

फिर मैंने उससे पुछा उसे कैसा लगा? तो वह बोली "बस शुरू में जब पहली बार आपने अंदर डाला था तब कुछ देर दर्द हुआ था। उसके बाद तो बहुत मजा आया। उससे पहले भी जब आपने चूमा चाटा तो सब बहुत अच्छा लगा। आपको कैसा लगा?"

तो मैंने कहा मुझे तो हर पल बहुत मजा आया और आपके साथ जब भी संभव हो सके तब करना चाहूंगाl आपको जो दर्द होना था वह हो गया अब कभी वैसा दर्द नहीं होगा। नाही अब फिर कभी खून निकलेगा। अब तो बस मजे लूटिये प्यार के खेल के। मैंने जेन को अपने कमरे में आने के लिए आमंत्रित किया।

अब हम अपने नरम हरी घास के बिस्तर से उठे, और एक-दूसरे की सहायता करके हमारे प्रेम संबंधों के सभी निशान वहां से हटा दिए। एक दुसरे को कपडे पहनायेl वैसे तो कपडे उतारने में मजा आता है पर कपडे पहनाने के भी आनंद आया। फिर हम वापिस भवन की और चले और रास्ते में मैंने प्रिय जेन को प्यार की सभी कलाओं और प्रथाओं के बारे में बताया।

"क्या आपको लगता है," मैंने टिप्पणी की, "आपकी बहनों या बॉब और टॉम को इस बात का कोई अंदाजा है कि प्यार की खुशियाँ क्या होती हैं?" इससे पहले के जेन कोई जवाब देती मुझे लगा के कोई लड़की मुझे पुकार रही थी । दीपक! कहाँ है आप? इससे पहले हम कुछ समझते हमें सामने अलका आती हुई दिखाई दीl उसके हाथ में मोबाइल फ़ोन था।

वो मेरे पास आयी और मुस्कुराते हुए बोली दीपक आप कहाँ थे? तो मैंने कहा मैं और जेन बस यही घूम रहे थे। तो वह बोली मेरी माँ आपसे बात करना चाहती है। तो मैंने कहा ठीक है आप चलो मैं जेन को उनके निवास पर छोड़ कर आता हूँ। तो मैंने जेन और अलका दोनों मौसेरी बहनो का आपस में परिचय करवाया।

तो उसके बाद अलका बोली नहीं माँ घर पर नहीं है, वो इनकी माँ ( मौसी) और मौसा के साथ गयी हैं और फिर उसने फ़ोन मिला कर मुझे पकड़ा दिया। तो मैंने बुआ को प्रणाम किया तो बुआ ने कहा वह, बहन और जीजा के साथ किसी काम से किसी परिचित के यहाँ गए थे और शाम तक वापिस आने का कार्यक्रम थाl पर अब वो अगले दिन वापिस आएंगे। ऐसे में अलका अकेली है, इसलिए वो चाहती थी की आज मैं अलका के पास रात को सो जाऊं, क्योंकि अलका कभी भी रात को अकेली नहीं रही है। तो मैंने कहा क्यों न अलका मेरे भवन पर मेरे पास आ कर रात में रहे, वहां और लोग भी हैं तो उसके लिए बुआ मान गयी। तो मैंने अलका को दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया जिसे उसने सहर्ष स्वीकार कर लिया।

इतने में जेन की माँ और पिताजी का भी फ़ोन आ गया और उन्होंने भी अपने वापसी के कार्यक्रम के एक दिन टल जाने की बात बताई और खाने पर इंतज़ार न करने के लिए कह दिया ।

इस पर अलका मुस्कुराती हुई वापिस चली गयी और जेन ने भी अपना कमरे में वापिस जाने की बात कही तो उसको उसके कमरे में छोड़ कर मैं अपना कमरे में आ गया । तो रोजी मेरे पास आ कर मुझ से पूछने लगी आज आप जेन के साथ काफी लम्बे चक्कर पर चले गए नाश्ते के बाद तो मैं कुछ नहीं बोला और अपनी पेण्ट बदलने लगा तो उसमे से जेन के कौमार्य के लहू, वीर्य और जेन के चूत रस से सना रूमाल बाहर गिर गया ।

रोजी उसे उठा कर सूंघते हुए बोली "ठीक है फिर तो आप शायद जल्दी वापिस आ गए" और मुझे बधाई देती हुई बोली .. कैसी लगी जेन आपको?

मैंने कहा "वह एक शानदार युवती हैl" ये मेरे द्वारा पटायी गयी पहली युवती के साथ मेरे संसर्ग की निशानी है। इसे संभाल कर खजाने में रख दो और वहां जगह बना लो ऐसे बहुत से रुमाल इकट्ठे करने का मैंने निश्चय कर लिया है।

मैंने कहा " रोजी, मैंने अब तक तुम्हारे , रूबी, मोना और टीना के साथ कई बार संसर्ग किया है और आज जेन के साथ भी संसर्ग किया हैl हरेक के साथ मैंने भरपूर मजे लिए हैं और आगे भी लेता ही रहूंगा, पर अपने अनुभव से कह सकता हूँ, की एक कुंवारी के साथ पहला संसर्ग करने के आनंद का कोई मुक़ाबला नहीं है।

मैं चाहता हूँ के इस यादगार को ख़ास बनाया जाए और लड़की को भी हमारे इस मिलन की प्यारी स्मृति रहे, इस के लिए उसे कुछ तोहफा दूँl तुम ऐसा करो हमारे परिचित सुनार के पास जा कर कुछ अँगूठिया बनवा लो जिन्हे मैं अपनी प्रेमिकाओ को पहले मिलन की निशानी के तौर पर तौह्फे के तौर पर देना चाहूंगाlमैं उन्हें फ़ोन कर दूंगा और मैंने उसे स्वस्तिक का निशाँ बना कर दे दिया और कहा हर अंगूठी पर ये निशाँ बनवा देनाl ये मेरी याद उन्हें दिलवाएगाl

मैंने कहा " रोजी, आज मैं बहुत खुश हूँ और अगर प्रभु की कृपा ऐसे ही बनी रही. तो आज रात को एक नयी कुंवारी से भी पहला मिलन हो जाएगाl "

तो रोजी बोली कौन है वह सौभाग्यशाली कन्या तो मैंने कहा शाम को आएगी तुम खुद ही देख लेना . तो रोजी मुस्कुराते हुए बोली अलका आएगी ऐसा क्यों नहीं कहते आपl तो मैं चौंका और बोलै तुम्हे कैसे मालूम अलका आएगीl हे प्राणप्रिया! अन्तर्यामी सुंदरी ये राज बताओl

वह मुस्कराते हुए बोलीl " मेरे भोले प्रेमी! सुबह के नाश्ते के कुछ देर बाद अलका तुम्हे ढूंढती हुई आयी थी और मुझे उसने सब बताया था, तो मैंने ही उसे तुम्हे ढूंढ़ने के लिए पीछे मैदान और जंगल की तरफ भेजा था।"

तो मुझे संशय हुआ जब अलका हमें ढूंढते हुए इतनी जल्दी आ गयी थी तो हमे इतनी देर बाद जब हमारा संसर्ग ख़तम हो गया ,तब क्यों मिली पर अभी मेरे पास इसका कोई उत्तर नहीं था।

दोपहर के खाने के समय मैंने अपने फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम और फूफेरी बहनो जेन , लूसी और सिंडी से. मैंने कहा जेन आप पहले ही अलका से आज नाश्ते के बाद जब हम सैर करके वापिस आ रहे थे तब अलका से मिल ही चुकी हैं और उसके बाद सबका परिचय अलका के साथ करवाया। अलका जाकर जेन जो मेरे साथ बैठी थी उसके पास दूसरी तरफ बैठ गयी । फिर मैंने उन सब को ये भी बताया की आज रात बुआ और फूफा वापिस नहीं लौटने वाले हैं।. तो ये सुन कर बॉब और टॉम अति प्रसन्न हो गए। फिर मैंने उन्हें ये भी बताया की आज रात को अलका भी यहीं हम सब के साथ रुकने वाली है. तो अलका बोली उसे घर में कुछ काम है जिन्हे ख़त्म करके वह रात के खाने के समय यहाँ आ जायेगी ।

खाना ख़त्म करके हम लोग कुछ इधर उधर की बाते करते रहे अलका वापिस चली गयी और बॉब मेरे पास से गुजरा और फुसफुसाता हुआ बोला जेन को संभाल लो और आँखो से इशारा करते हुए वापिस पुस्तक पढ़ने अपने कमरे में चला गया। लूसी और सिंडी अपने कमरे में जाकर टीवी से चिपक गयी कोई वेब सीरीज देख रही थी। जिसके काफी हिस्से थे और उसे ख़त्म किये बिना छोड़ने वाली नहीं थी। और टॉम भी अंगड़ाई लेते हुए बॉब के कमरे में चला गया ।

वहां मैं और जेन दोनों रह गए तो मैंने कहा जेन चलिए बाहर का एक चक्कर लगा कर आते हैं तो उसने कोई जवाब नहीं दिया । शायद मुझ से किसी बात के लिए नाराज हो गयी थी। लेकिन मैं चाहता था वह यहाँ से बाहर चले ताकि बॉब और टॉम अपनी प्रेमिकाओ से मिल सके। मेरे बार बार अनुनय करने पर नाराजगी भरे स्वर में जेन बोली " आप अपनी अलका के पास जाईये मुझ से अब आपको क्या मिलेगा? "

मैंने वहीँ जेन का हाथ पकड़ लिया और बोला आप ही बताइये मैं क्या करता, अगर बड़े कह रहे हैं तो मैं उसे कैसे टालता?

अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है आप कुछ सुझाव दीजिये। जेन बोली मैं आज रात आपके साथ रहना चाहती हूँ ऐसा मौका हमे दुबारा पता नहीं कब मिलेगा?

चाहता तो मैं भी यही हूँ की आपका साथ मुझे फिर मिले। तो मैंने कहा ये तो अच्छा है आप अलका के साथ देने के बहाने मेरे भवन में आ जाइये। फिर तो सारी रात हमारी है आज सारी रात आपको प्यार करूँगा। आप अलका से दोस्ती बढ़ा लीजिये ताकि वही ये प्रस्ताव कर दे। (मुझे लगा अभी अलका के साथ संसर्ग करने का समय नहीं आया है।वैसे भी अलका तो यही हैं कभी भी दुबारा मौका मिल सकता है।)

मैंने कहा अब आप खुद देख लीजिये आप कैसे करेंगी। चलिए थोड़ा बाहर घूम आते हैं और अगर आप थकी हुई हैं तो मेरा कक्ष देखने चलिए, वहां आपकी सारी नाराजगी दूर कर दूंगा और उसे अपने पास खींच कर उसे एक लिप किश कर दिया। तो वह बोली यहाँ ठीक नहीं रहेगा। मैं आपके साथ चलती हूँ और मैं उसका हाथ पकड़ कर अपने कमरे में ले गया।

कमरे में घुसते ही हमारे ओंठ जुड़ गए । मैंने उसकी ड्रेस ढीली करि और उसके बूब्स पकड़ लिए . तो उसने भी मेरा सदा कठोर रहने वाला लंड पकड़ लिया । फिर मैने उसे घुमा कर घोड़ी बना दिया और बोलै उस बैल के अचानक आ जाने से जो अधूरा रह गया था उसे अभी पूरा कर देता हूँ । फिर अपनी पेण्ट से लिंग को बाहर निकाला उसकी ड्रेस उठा कर ऊपर करि और पैंटी को साइड में कर के चूत को सहलाया । मैंने देखा आगे क्या होने वाला है इसकी अपेक्षा में उसकी योनि थोड़ी सी गीली और तैयार हो गयी थी।.

मैंने एक झटके से उस म्यान में अपनी तलवार डाल दी । जेन के मुँह से हलकी सी चीख निकली जिसे सुन रोजी भागी हुई आयी पर हमे इस अवस्था में देख कर वापिस चली गयी। फिर मैंने तलवार की धार को तेज करने के इरादे से तलवार को म्यान में आगे पीछे करना शुरू कर दिया, मानो उस घिस रहा हूँ । मैं उसके ऊपर झुक गया और उसके स्तन पकड़ कर उन्हें दबाने लगा मैंने उसके मोमे उसकी ड्रेस ढीली कर बाहर निकाल लिए । .

फिर वो मेरे लंड पर अपनी नितम्बो को ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और ज़ोर से मौन करने लगी। किया मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया. । जेन भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी और हम दोनों रिदम में चुदाई करने लगे और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा।

मैं पीछे से उनके मोमो पकड़ कर दबाता रहा और चूचिया मसलता रहा मैं जेन अपना मुँह पीछे घुमा लेती थी और में उसे लिप किस करता रहा । इस बीच मेरा लण्ड फस फस कर अंदर बाहर जाता रहा। उसकी चूत का छेद बहुत टाइट था । करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा। हमारी हालत बुरी हो गयी थी । हम दोनों तेज तेज सांस ले रहे थे फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए । मैंने जेन की चूत अपने वीर्य से भर दी मैं जेन के ऊपर ही लेट कर उसकी जीभ चूसने लगा ।..

कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे मैंने उसके कपडे उतारने चाहे तो उसने मना कर दिया बोली रात को सब देख लेना। अभी कही कोई आ न जाए ख़ास तौर पर तुम्हारी चहेती अलका । मैंने देखा था वह खाने की टेबल पर तुम्हे कैसे घूर रही थी। लड़कियों में नज़रो को पहचाने की एक जनम ज़ात काबलियत तो हमेशा होती है ।

मैंने कहा छोड़ो अलका को, आप वो बाताओ जो मैंने आपसे पुछा था वह बोली क्या पुछा था आपने? तो मैं बोला "क्या आपको लगता है," "आपकी बहनों या बॉब और टॉम को इस बात का कोई अंदाजा है कि प्यार की खुशियाँ क्या होती हैं?"

आगे क्या हुआ .. ये कहानी जारी रहेगीl

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