अंतरंग हमसफ़र भाग 031

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प्यार का असली सबक
2.2k words
4.2
608
00

Part 31 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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अंतरंग हमसफ़र-30 में पढ़ा

"ओह ओह ओह!" अलका ने गहरी साँसे ली और जेन को एक जबरदस्त चुंबन किया उह मैं तो गयी। प्रिय दीपक मुझे कुछ हो रहा है मुझ से कुछ जा रहा है मेरी जान तो नहीं निकल रही है कहीं? फिर बोली ओह, यह बहुत अच्छा है। ओह! अब मैं क्या करूं? " ये कहकर उसका बदन ज़ोर से थर्राया फिर अलका कांपने लगी और उसकी टाँगे और बदन अकड़ाl वह अपने काम सुख के उत्कर्ष पर पहुँच चुकी थी। मैंने भी नीचे से चूतड़ उठाते हुए उसके साथ उसी लय से लय मिलाते हुए धक्के लगाए और इसी तरह मेरी ऊँगली और जीभ जो जेन की योनि को छेड़ रही थी l इसी तरह के दोहरे मिले जुले आक्रमण से जेन उसी तरह से कांपती हुई झड़ गयी। मेरे मुँह के ऊपर तड़पते और फटफटाते हुए उसने मेरा मुँह पर एक मोटी मलाईदार उत्सर्जन किया जिसे मैं मजे से चाट गया।

अलका जेन और मैं तीनो एक साथ इस पल में एक संयुक्त रूप से झड़े जिसने हम तीनो को प्यार की एक अस्थिर सुस्ती में छोड़ दिया और दोनों बहनें मेरे शरीर के ऊपर आननद के अतिरेक में लगभग बेहोश हो गईं।

जब हम थोड़ा ठीक हो गए, तो मैं दोनों बहनों के बीच बैठ गया। "

अब तक की कहानी का सार;

मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुई और फिर उसके बाद रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।

मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी। । अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दिया और दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया और फिर मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनाया उसी रात में अलका मेरे पास आयी l मैंने उसका कौमर्य भंग कर दियाl अगले दिन अलका की सहेलिया रुखसाना और हुमा एक हफ्ते के लिए रहने आयी l तालाब पर नहाने गयी l हम तीनो वहाँ पेड़ पर छुपे हुए थे और लड़किया नग्न हो कर मस्तिया करने लगीl फिर हम वहाँ कूद पड़े और उनके सेक्स ने नए-नए खेल रचाये।

उसके बाद में बॉब रुखसाना के लिए बहुत बेकरार था तो उसको रुखसाना का नंबर दिलवाया और फिर मैंने रुखसाना को बॉब के साथ संसर्ग करने के लिए जेन की मदद से मना लिया और फिर रुखसाना और हुमा को सेक्स सिखाने के लिए जेन और अलका को एक साथ चोदा (अंतरंग हमसफ़र-1-30) ।

अब आगे:-

तो प्रीती ने उत्सुकता से पुछा तो बताइये फिर आपने क्या किया? और उस गर्म-गर्म थ्रीसम देखने का रुखसाना और हुमा पर क्या असर हुआ।

तो मैंने कहा इसके बाद मैं जब हम थोड़ा ठीक हो गए, तो मैं उन दोनों हसीन मौसेरी बहनों के बीच बैठ गया एक मेरी दायी और थी और एक मेरी बायीं और थी। मैंने उनकी बाजुओं को थोड़ा सहलाया।

फिर रुखसाना उठ कर मेरे पास आयी, अपनी एक बाजू मेरे गले में डालती हुई उसने मुझे चूमा और मेरे कान में फुसफुसाई "प्यारे दीपक, ये सब बहुत सुन्दर और उत्तेजक था। क्या यही वह प्यार का आनंद है जो आपके जेन और अलका के साथ कर रहे थे? क्या मैंने सही अंदाजा लगाया है कि बॉब इसी के लिए मुझ से अनुरोध कर रहा था। आपके इस प्रेमालाप को देख कर मैं भी उत्साहित हूँ और आपके साथ सम्भोग के लिए तैयार हूँl"

"क्या आप अनुमान नहीं लगा सकते, प्रिय?" मैंने जवाब दिया, उसका हाथ ले कर अपने अभी भी मस्त लंड पर रख दिया। "यह वही है जिसके साथ जेन खेल रही थी।"

"पर कैसे?" रुखसाना एक मासूम बच्ची की तरह फुसफुसायी। "मैं इस दौरान ज़्यादा कुछ नहीं देख पायी क्योंकि ये सब देख कर हुमा बहुत उत्तेजित हो गयी थी और इस पूरे दौरान वह मुझे चूमती और मेरी जीभ को चूसती रही जिसके कारण आनंद के मारे मेरी आँखे बंद हो जाती थी।"

"आपने देखा कैसे मेरी प्यारी फूफेरी बहन, आपकी मित्र जेन, मेरी सवारी कर रही थी, उसने मेरा हथियार अपनी योनि में ले लिया था और बड़े मजे से तब तक ऊपर नीचे होती रही, जब तक की हम दोनों अपने उत्कर्ष पर पहुँच कर आनंद के मारे लगभग एक साथ बेहोश नहीं हो गए।" मैंने उसे जवाब दिया।

अब आपको प्यार का असली सबक बॉब देगा और हुमा को टॉम से मिलेगा। उसके बाद आप मुझसे अगला सबक ले सकती हैं और इसमें किसी को कोई ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए, क्यों जेन आपको इसमें कोई ऐतराज तो नहीं, आप मेरी सबसे प्यारी प्रेमिका रहोगी? "

जेन। -"नहीं, नहीं, हम सभी को ईर्ष्या के बिना प्यार के सभी खेलों का आनंद लेने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए और मजे खुल कर लेने चाहिए बिना किसी पूर्वाग्रह और सब बंधन तोड़ कर अपने प्रेमी की ख़ुशी को अपनी ख़ुशी मानना चाहिए।" हमें अब जल्दी आपके वाले कक्ष में जाकर रुखसाना को त्यार करना होगा क्योंकि पहली चुदाई हमेशा ख़ास और यादगार होनी चाहिए, ताकि इसे बार-बार आनंद लेने को मन करे। "

मुझे जेन की यह बात बहुत अच्छी लगी की प्यार को बिना किसी पूर्वाग्रह के और सब बंधनो को तोड़ कर अपने प्रेमी के प्रति पूर्ण समर्पण करना चाहिए। अपने प्रेमी की ख़ुशी को ही सर्वोपरि मानना चाहिए, क्योंकि प्रेम है देने के लिए, लेने के लिए नहीं। तो इस बात के लिए मैंने उसका मुख चूमा और बोला वाह जेन तुमने क्या खूबसूरत बात की है। तुमने तो प्रेम की पूर्ण ज्ञान को खोल कर रख दिया है। इसीलिए तुम सदा मेरी सबसे प्रिय प्रेयसी रहोगी।

तो रुखसाना बोली लेकिन मैं तो आपसे प्रेमालाप करने को सज्ज हूँ। आप मेरे साथ कब करेंगे? तो मैंने कहा यदि आप मेरे साथ करने के लिए बेहद उत्सुक हैं, तो आज ही कर लेते हैं। आप अपना पहला सम्भोग बॉब के साथ करिये क्योंकि वह आपके साथ के लिए मरा जा रहा है। मैंने रोज़ी को मैसेज कर दिया है वह आपको त्यार कर देगी और हुमा को भी ज़रूरी चीज़े दे देगी और अलका भी हुमा को त्यार कर देगी।

तो मैंने कहा उसके बाद आप दरवाज़ा लॉक मत करियेगा। मैं वही आ जाऊँगा और फिर प्यार का अगला सबक पढ़ लेंगे। तो हुमा बोली वह भी मुझ से आज ही करना चाहती है तो मैंने कहा दोनों के साथ एक बार में तो नहीं कर सकता इसलिए थोड़ा-सा समय का अंतर रख कर किया जा सकता है। फिर मेरे भवन में भी किया जा सकता है वहाँ अलग-अलग कमरे में आप चली जाए इससे रोज़ी को भी आपको त्यार करने में सुविधा रहेगी। मैंने दोनों का मुख चूमा और उनको कहा अपने प्रेमी को मैसेज करके समय और जगह बता दो और फिर मैंने रूबी को फ़ोन करके बताया की आज शाम की चाय पर लड़के और लड़कियों में से कोई नहीं आएगा। उसने बताया दोनों बुआ और फूफा जी ने भी शाम की चाय पर आने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है।

इस तरह दोनों बहने मेरे कक्ष की और जेन और अलका के साथ चली गयी।

इस के बाद प्रीती बोली आप ने इन दोनों को कौमार्य और पहले मिलान पर होने वाले दर्द के बारे में नहीं बताया ऐसा क्यों। तो मैंने कहा ये दोनों बहने रुखसाना और हुमा मुझे कुछ ज़्यादा ही घबराई हुई लग रही थी। दर्द और खून की बात बताता तो शायद डर के मारे मना कर देती इसलिए मैंने जान भूझ कर इन्हे इस बारे में नहीं बताया और जैसी हालत बॉब की हो गयी थी तो मुझे लग रहा था आज बॉब का रुखसाना के साथ पहला मिलन बहुत ज़रूरी था और मुझे अपने फूफेरे भाई की बहुत चिंता हो रही थी। बाक़ी मुझे पूरा विश्वास था कि बॉब और टॉम दोनों अनुभवी थे और आगे अपने आप संभाल लेंगे।

रुखसाना और हुमा प्यार की कला के बारे में अधिक स्पष्टीकरण के लिए उत्सुक थी, लेकिन मैंने समय का आभाव देखते हुए इसे दूबरा फिर किसी अन्य समय तक के लिए स्थगित कर दिया था और सभी अब शांत स्थिति में था। इस बीच जब तक रुखसाना त्यार हो रही थी तब तक घर के कुछ ज़रूरी काम जो बाक़ी थे मैं उन्हें निपटाने में लग गया।

सब काम निपटाने के बाद जब मैंने देखा की बॉब और रुखसाना के पहले मिलन का नियत समय होने वाला है तो मैं अपने कमरे की तरफ़ चल दिया। बॉब मुझे बाहर ही मिल गया। उसने मेरा हाथ पकड़ा और थैंक यु थैंक यू वैरी मच कहते हुए मेर गले लग गया। बोला भाई तुमने मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है रुखसाना को मेरे साथ सम्भोग करने के लिए राजी करके। फिर बोला मुझे मेरी बहन जेन ने बताया है तुम्हारे समझने पर ही वह मेरे पास आने को राजी हुई है।

मैंने कहा भाई एक तो वह बड़ी मुश्किल से सिर्फ़ अकेले में मिलने को राजी हुई है।अब तुम्हारे ऊपर है तुम इस मुलाकात को कहाँ तक ले जा पाते हो। दूसरा शुक्रगुजार तो मैं हूँ तुम्हारा। तुम्हारे ही कारण मेरा प्यार की मजो से परिचय हुआ। फिर तुम्हारे की कारण मैं रोज़ी से मिला और मुझे कुंवारी रोज़ी को चोदने का मौका मिला। जिन मजो से मैं महरूम था वह मजे मुझे तुम्हारे ही कारण मिले हैं। मैं इसके लिए तुम्हारा ता-जिंदगी एहसानमंद रहूंगा। मैंने फिर कहा मुझे भी ख़ुशी है मैं तुम्हारे भी कुछ काम आ सका। कभी भी कुछ भी काम हो तो बेझिझक बोल देना। करने की पूरी कोशिश करूंगा। -मैं आगे बोला भाई हम भाई दोस्त राजदार सब हैं तुम्हारे लिए कुछ भी।

मैंने देखा उसका हाथ और बदन अभी भी तप रहे थे। मैंने कहा भाई तुम्हे तो लगता है बुखार आ गया है। इसलिए आज आराम कर लोl रुखसाना कही भागी नहीं जा रही है। दवा ले लो ठीक हो जाये फिर कर लेना।

मेरी बिमारी की दवा मेरा इंतज़ार कर रही है मुझ से तो अब रुका नहीं जा रहा है। बॉब लंड पर हाथ फेरते हुए बोला "भाई रुखसाना के बारे में सोच-सोच कर दो-तीन बार हाथ मैथुन कर चूका हूँ पर ये टिक ही नहीं रहा है"।

अब जब तक मैं रुखसाना को चोद नहीं लेता मुझे चैन और आराम नहीं मिलेगा और अंदर जाने लगा तो मैंने कहा भाई अपना ध्यान रखना और आराम से मस्त होकर मजे करो। अब डिनर तक तुम्हे कोई नहीं तंग करने आएगा और हाँ तुमने मुझ से जो वादा किया था वह याद है न। तो बॉब बोला बिलकुल याद है दरवाज़ा खुला रहेगा तुम चुपके से आ जाना।

उसके बाद मैं वही रुक कर दरवाजे जो हमारी पहले की योजना के अनुसार हल्का खुला हुआ था उसमे से अंदर जा कर छुप गया और वहीँ निर्वस्त्र हो सारा नज़ारा देखने लगा।

अंदर बिस्तर पर रुखसाना लाल रंग के शादी के कपड़ो गहनों और फूलो में सजी हुई बैठी थी। अंदर जा कर बॉब ने उसका हाथ चूमा और फिर उसे पकड़ कर खड़ा कर दिया और उसके चारो और घूम कर उसको देखा और ख़ुद को चुटकी काट कर बोला। आउच, अब ये सच है कोई सपना नहीं फिर रुख़्साना का हाथ पकड़ कर बोला जानेमन रुखसाना, आप सच में बहुत खूबसूरत हो आपने मेरा चैन अमन सब लूट लिया है। । आज सुबह जब से आपको पहले बार देखा है तब से मुझे चारो तरफ़ बस आप ही दिख रही हैंl मैं अब आप के बिना नहीं रह पाया। मेरी इल्तेजा मानने के लिए आपका बहुत शुक्रिया।

रुकसाना बला की खूबसूरत थी, हाईट 5 फुट 9 इंच, गोरी, भूरे बाल, भरा हुआ नरम मांसल बदन और फिगर मस्त 36 24 36 है। उसकी कमर बेहद पतली और नाज़ुक है उसके गुलाब की पंखुड़ी जैसी होंठ नाज़ुक होंठ हैं। कुल मिला कर सुन्दर शानदार मस्त माल। जो किसी को भी दीवाना बना दे जैसा की बॉब हो गया था।

बॉब ने रुखसाना की तारीफ करि आप बहुत सुन्दर हो! मैं आपका दीवाना हो गया हूँ। आप के बिना अब नहीं रह सकता हूँ और उसे अपने गले से लगा लिया और उसके साथ ऐसे गले लगा जैसे कोई जन्मो के बिछड़े प्रेमी मिले हो।

फिर उसके बदन पर हाथ फिरा कर बोला मुझे आपको बिना कपड़ो के देखना है। पहले तो रुखसाना ने आपत्ति की। फिर जब बॉब ने बार-बार बिनती की और अपने शरीर पर उसके हाथ रख कर बोला देखि मेरा क्या हाल है, अगर आप नहीं मानोगी तो मैं ऐसे ही तड़प-तड़प कर मर जाऊँगा। मुझ पर कुछ रहम करो और फिर बोली अच्छा आप दरवाज़ा लॉक नहीं करेंगे और कपड़ो के बिना चुम्बन से आगे नहीं बढ़ेंगे। ये वादा जब बॉब ने कर दिया तो रुखसाना ने अंत में अपनी सहमति दे दी।

आगे क्या हुआ ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कहानी जारी रहेगी।

आपका दीपक।

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