अंतरंग हमसफ़र भाग 033

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रुखसाना की पहली चुदाई
3k words
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Part 33 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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अंतरंग हमसफ़र 32 में पढ़ा;

"रुक जाऊँ! कैसे रुक जाऊँ!" वह हसते हुए बोला। "जब आपने मुझे लुभा कर मेरी ऐसे हालात कर दी है कि मैं कामाग्नि में तप रहा हूँ, तो मैं अब कैसे रुक सकता हूँ? रुखसाना? आपने मुझे जो अज़ादिया लेने की अनुमति दी है उन स्वतंत्रताओं ने मुझे पागल कर दिया है। अब प्रतिरोध बेकार है। अब रुका तो मर ही जाऊंगा।"

रुखसाना बोली रुकिए! बस करिये! इसकी कोई बात नहीं हुई थी। आपने कहा था सिर्फ़ नग्न चुम्बन करेंगे। तो बॉब बोला नग्न चुम्बन करेंगे कितनी देर करेंगे ये कोई बात नहीं हुई थी। अब नग्न चुम्बन ही तो कर रह हूँ अब बस मजे लीजिये और फिर उसे लिप किश करने लगा। "

अब तक की कहानी का सार;

मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुई और फिर उसके बाद रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।

मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी। अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दियाl दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया और फिर मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनायाl उसी रात में अलका मेरे पास आयी और मैं उसका कौमर्य भंग कर दिया lअगले दिन अलका की सहेलिया रुखसाना और हुमा एक हफ्ते के लिए रहने आयी और तालाब पर नहाने गयीl हम तीनो वहाँ पेड़ पर छुपे हुए थे और लड़किया नग्न हो कर मस्तिया करने लगी और फिर हम वहाँ कूद पड़े और उनके सेक्स ने नए-नए खेल रचायेl

उसके बाद में बॉब रुखसाना के लिए बहुत बेकरार था तो उसको रुखसाना का नंबर दिलवाया और फिर मैंने रुखसाना को बॉब के साथ संसर्ग करने के लिए जेन की मदद से मना लिया और फिर रुखसाना और हुमा को सेक्स सिखाने के लिए जेन और अलका को चूमने और सहलाने लगाl उसके बाद बॉब रुखसाना के कमरे में आ गया और उसे नग्न कर चूमने लगा तो वह उसे रोकने लगी (मेरे अंतरंग जीवन की हमसफ़र-1-32)।

अब आगे।

तो प्रीती ने उत्सुकता से पुछा तो बताइये फिर आगे क्या हुआ?

मैं बोला तो प्रीती फिर बॉब ने रुखसाना पहले गर्म किया फिर उसे नग्न करके दीवानो की तरह उसे चूमने लगा और चुत पर लंड लगा कर छोड़ने की तयारी करने लगा। तो रुखसाना उसको रोकने लगी। रुखसाना बोली रुकिए! प्लीज रुकिए!

तो बॉब बोला। आप बहुत खूबसूरत हो रुखसाना।

तेरे हुस्न को परदे की ज़रूरत नहीं ग़ालिब
कोण रहता है होश में तुझे देखने के बाद ।।

और फिर किसी शायर के शेर सुनाने लगा।

दिल की नहीं जान की ज़रूरत हो तुम
ज़मीं की नहीं आसमान की इनायत हो तुम।

और अब हम क्या आपकी तारीफ करे
हुस्न की नहीं क़यामत की मूरत हो तुम।

अब अपनी तारीफ किस हुस्न वाली को अच्छी नहीं लगती और रुख़्साना तो हुस्न की मल्लिका ठहरी। वह कुछ क्षणों तो अवाक हो अपनी तारीफ सुनती रही फिर शर्माते हुए बोली आप झूठ बोल रहे हो, हम इतने सुन्दर थोड़े ही हैं। तो बॉब समझ गया मल्लिका कुछ और तारीफ चाहती है।

बॉब सुनाने लगा;

हसी फूलो को आती है जब आप मुस्कुराते हो।
हमारी दुनिया बदल जाती है जब आप मुस्कुराते हो।

आप के मुस्कराहट के आगे भला चाँद की रौनक क्या है
क्युकी हुज़ूर चाँद ख़ुद शर्माता है!

नज़र इस हुस्न पर ठहरे तो आख़िर किस तरह ठहरे
कभी जो फूल बन जाये कभी रुखसार हो जाये।

इस हसीन चेहरे की क्या बात है हर दिल अज़ीज़,
कुछ ऐसी इसमें बात है-है कुछ ऐसी कशिश ,
इस चेहरे में के एक झलक के लिए सारी दुनिया बर्बाद है।

रुखसाना बोली आप तो दीवाने हो गए हो। तो बॉब उसे फिर चूमने लग गया और रुखसाना छूटने के लिए चुप चाप संघर्ष करती रही। और छूटने का असफल प्रयास करती रही। लेकिन उसकी ताकत बॉब से काफ़ी कम थी। तो फिर वह बोली अगर आप नहीं रुकेंगे तो मैं कभी फिर आपके पास नहीं आऊँगी और शोर मचाऊँगी जिसे सुन कर साथ वाले कमरे से हुमा और अलका आ जाएँगी। फिर आप मेरे साथ कभी कुछ नहीं कर पाओगे। ये सुन कर बॉब रुक गया और सोचा अभी इसे और गर्म करने की ज़रूरत है। इसे तब तक गर्म करने पड़ेगा जब तक ये ख़ुद न बोले मुझे चोदो पर बॉब के लंड की हालत बहुत खराब थी। अब फटा, तो अब फटा।

सच में रुखसाना बहुत सुन्दर थी। उसको पूर्ण नग्न देख मेरा भी लंड फुफकारने मारने लगा था। मेरा तो मन कर रहा था मैं भी इस खेल में शामिल हो जाऊँ। पर फिर मैंने ख़ुद को थोड़ा संयत करते हुए थोड़ा इंतज़ार करने का फ़ैसला किया।

"बॉब ने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसे चिपक कर किस करने लगा और उनके नग्न शरीर एक दुसरे के नग्न जिस्म के स्पर्श का आनंद महसूस करते हुए एक-दूसरे को चुंबन करना शुरू कर दिया और रुखसाना भी अब बॉब का साथ दे रही थी।"

फिर बॉब नीचे झुका और स्तनों की किस करते हुआ चूसा और बोला ये तो ठीक है। तो रुखसाना कुछ नहीं बोली बस आह उह करती रही। रुखसाना ने शर्म से आँखे झुका दी और फिर उठाई तो बॉब बोला।

सादगी तो देखो उन नज़रों की
हमसे बचने की कोशिश में बार-बार हमें ही देखती है।

बॉब ने चुत को चूमा और उसकी चूत को चाटने लगा। रुखसाना बोली आह ये! बहुत अच्छा लग रहा है। ।फिर उसकी चूत के दाने पर अपना मुँह रखते ही वह ज़ोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना ज़ोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी।

अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी। लंड पूरा कठोर और तन कर त्यार था।

बॉब के लंड का तो इससे भी बुरा हाल था क्योंकि बार-बार बॉब अपने हाथ से लंड को बीच-बीच में सहला कर जैसे सांत्वना दे रहा हो बस कुछ देर और। बस कुछ देर और उसका लंड फटने की कगार पर था।

बॉब ने उसकी चूत में अपनी एक उंगली की पंखुरियों को अलग करने की कोशिश की पर वह बहुत टाइट थी। बॉब ने दो उंगलियों की मदद से चूत की पंखुड़ियों को अलग किया और धीरे-धीरे चुत में ऊँगली घुसानी शुरू की और आगे पीछे की, तो वह ज़ोर से चिल्लाई आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता। प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह। रुखसाना की आँखे बंद थी।

अब बॉब के लिए रुकना नामुनकिन था। बॉब ने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और चूत खोलने की कोशिश की लेकिन वह बहुत टाइट थी। बॉब ने अपने उँगलियों से चूत को खोला और लंड का गुलाबी सूपड़ा बिच में रख दिया। और बोलै तो ये लो। फिर बॉब ने एक कस कर ज़ोर लगाया पर लंड चिकनाई के कारण फिसल गया और उसने ऐसे ही एक दो बार और कोशिश की लंड अंदर तो नहीं गया पर उसकी उत्तेजना इतनी बढ़ गयी थी की उसका लंड बॉब के हाथ पर पिचकारियाँ मारता हुआ झड़ गया और बॉब निढाल होकर एक तरफ़ गिर गया और लगभग आधा बेहोश हो गया।

उधर रुखसाना चिल्लाने लगी, अरे कहा गए? अब रुक क्यों गए? चोदो मुझे प्लीज! कुछ करो? उसके आँखे बंद ही थी मुझे कुछ समझ नहीं आया। ये क्या? मैं धीरे से सरकता हुआ बॉब के पास पहुँचा उसे हाथ लगाया तो वह बुखार से तप रहा था और आराम न करने से और थकान के कारण हुए बुखार से बेहोश हो गया था। वह अत्यधिक अधीरता और उत्तेजना अधिक होने के कारण प्रवेश से पहले ही झड़ चूका था। बॉब का लंड झड़ने के बाद सुकुड़ चूका था और अब योनि में प्रवेश के लिए अक्षम था।

उधर गर्म हो चुकी रुखसाना लंड के लिए तड़प रहे थी। । उसकी आँखे बंद ही थी उसने तड़पते हुए अपना हाथ हिलाया तो उसके हाथ में मेरा लंड आ गया। तो वह बोली प्लीज जानू मुझे माफ़ कर दो। मैंने तुम्हे रोका था अब रुको मत। मुझे यू मझधार में छोड़ कर मत जाओ और अब जो तुमने शुरू किया है उसे पूरा करो और लंड को खींच कर अपनी चूत के पास ले गयी। और लंड के साथ मैं भी खिंचा हुआ उसके ऊपर आ गया।

मैं भी उत्तेजित तो था ही उसने जब पकड़ा तो लंड ने तुनक कर एक सलाम दे मारा और लंड चूत से जा टकराया और मैंने अपना मुँह उसके ओंठो से लगाया और उसे किश करने लगा। फिर उसने ख़ुद अपनी उंगलियों से चूत को खोला और लंड को छेद के ऊपर लगाया और अपने चूतड़ ऊपर उठा दिए। उधर उसने दुसरे हाथ से मेरे कूल्हे को नीचे दबाया। नतीजा ये हुआ लंड आधा अंदर जा कर उसकी चूत की झिल्ली से टकराया। वह ज़ोर से चिल्लाई जो मेरे मुँह में दब कर रह गयी और मैंने उसकी जीभ की अपने ओंठो में दबाया अपने ओंठ से उसके ओंठो से लगाए और हाथो से उसके स्तनों को पकड़ा और एक और ज़ोर दार शॉट लगा दिया। मेरा लंड झिली को चीरता हुआ जड़ तक पूरा का पूरा अंदर चला गया।

इस प्रहार और दर्द के कारण से रुखसाना लगभग बेहोश-सी हो गयी। उसकी चीख भी उसके गले में ही दब के रह गयी क्योंकि उसके मुँह को मेरे मुँह ने बंद कर रहा था,। मैं उसके ऊपर हे लेट गया और किस करता रहा लंड के लिए चूत की मांसपेशिया एडजस्ट होने लगी। कुछ देर मैंने उसे चूमा और सहलाया तो उसने अपनी आँखे खोली तो मैंने उसकी आश्चर्य में निकली किसी असुविधाजनक चीख को रोकने के लिए, उसके मुँह पर अपना हाथ रखा,। इस बीच उसकी चूत संकुचन करने लगी और चूत के मांपेशियों ने लंड के कस कर जकड़ लिया।

जब मुझे लगा वह शांत हो गयी है तो मैं फुसफुसाया "प्लीज आवाज़ मत करना।" मैंने उसे संक्षेप में पूरी बात बताई की कैसे मैं अंदर आया और कैसे बॉब बुखार में बेहोश हो गया और कैसे मैंने उसकी योनि में प्रवेश कर उसका कौमार्य भंग कर दिया।

पूरी बात सुन कर वह मुझे पागलो की तरह चूमने लगी और फुसफुसाई " ये तो वही हुआ जो मैं चाहती थी। मैं भी यही चाहती थी के मेरा कौमर्य तुम ही भंग करो और जब बॉब अंदर लंड घुसा रहा था तो मैं आँखे बंद करके यही कल्पना कर रही थी के तुम ही मुझे चोद रहे हो और मैं इस सपने से बाहर नहीं आना चाहती थी इसीलिए, आँखे बंद रखी हुई थी मैंने और जब आँखे खुली तोआप ही मेरे सामने थे और ऐसे हालात बन गए जिससे तुमने ही मेरी पहली चुदाई कर दी। ओह अल्लाह ने मेरी दुआ कबूल कर ली। अल्लाह का लाख-लाख शुक्रिया।

फिर वह बोली बॉब को क्या हुआ वह ठीक तो है? मैंने बॉब की और देखा तो बॉब के चेहरे पर बेहोशी में भी रुखसाना को पा लेने के संतोष और संतोष जनित आनद के भाव थे और वह हलके-हलके बेहोशी में भी मुस्कुरा रहा था। मैंने बॉब को हाथ लगाया और देख कर बोलै हाँ ठीक है बुखार और थकान से सो गया है। आराम करने दो, अभी कुछ देर में ठीक हो जाएगा। चिंता की कोई बात नहीं है। ऐसा दीवाना हो गया था। तुम्हारा की बुखार की परवाह किये बगैर तुम्हे पाने के चक्कर में लगा हुआ था। अब तुम्हे पा लिया है तो देखो कैसा आनंद अनुभव करता हुआ शांति के साथ सो रहा है।

मेरी बात सुन रुखसाना मुस्कुरायी तो ये सोच कर की इसका दर्द कुछ कम हो गया है मैंने पूरी ताकत लगा कर चूतड़ उठा कर लंड को बाहर खींचने की कोशिश की तो वह चीखने ही वाली थी पर ख़ुद ही अपने मुँह पर हाथ रख लिया और धीरे से मेरे कान में फुसफुसाई प्लीज बहुत दर्द हो रहा है। अभी मत हिलना। फिर जब मेरा दर्द कम हो जायेगा तो मैं कमर उठा कर इशारा करूंगी फिर मुझे पूरी स्पीड से नॉन स्टॉप चोदना और मेरे अंदर ही अपना सारा रस डाल देना। मैंने उसे चूमना और उसके स्तनों की सहलाना शुरू कर दिया।

फिर कुछ देर बाद जब उसका दर्द कम हो गया तो उसने अपने कमर ऊपर उठा कर इशारा किया। मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे से रुखसाना की चूत से बाहर करने की कोशिश चालू कर दी और वह भी 'ओह अह ओह अह्ह येस्स अह्ह्ह आह्ह अह्ह ...' करने लगी। । मैंने पहला गियर डाल कर धीरे-धीरे लंड की आगे पीछे करने लगा उसकी चुत में भी गीलापन आ गया था। जिसके कारण लंड का आगे पीछे होना थोड़ा सुगम हो गया था। ।मैं पूरे लंड को अन्दर डाल के बाहर निकालता था और फिर ज़ोर से वापस अन्दर धकेल देता था जिससे लंड जड़ में जा कर समा जाता था। जब लंड थोड़ा आसानी से आने जाने लगा, तो मैं चोदने की स्पीड बढ़ाने लगा। । फिर दूसरा गियर में स्पीड बढ़ा डाली और मेरे धक्के थोड़े तेज हो गए. फिर तीसरा फिर चौथा और-और मेरे झटकों से रुखसाना के बड़े चूचे उछल रहे थे।।

धक्के मारते हुए मैं उसे लिप किस और साथ-साथ उसके स्तनों को सहलाना और मसलना जारी रहा। वह मेरा पूरा साथ दे रही थी। वह पूरी मस्ती में आ गयी थी और आनंद में कराह रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मज़ा आ रहा है। उसकी आनंद में देखकर उत्साहित होकर मैंने टॉप गियर डाल दिया धक्के पूरी तेजी से लगता हुआ उसे चरमोत्कर्ष की तरफ़ ले जा रहा था। ।हाअ, चोदो और ज़ोर से चोदो।

में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया और ऐसे ही कुछ देर तक उसको चोदता गया। वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। फिर जब वह अपने उत्कर्ष पर पहुँची तो उसका बदन काम्पा फिर उसका जिस्म अकड़ा और वह झड़ गयी और मेरा लंड उसके रस से भीग गया।

मेरे धक्के जारी थे करीब दस मिनट चोदने के बाद फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए।

जब हम थोड़ा ठीक हो गए और हमारी उखड़ी हुई साँसे नियंत्रण में आ गयी तो मैंने उसके कौमार्य रक्त से सना अपना हथियार उसकी भंग हो चुकी योनि से बाहर निकाल लिया, तो वह खून देख कर घबराई और बोली "आपको भी बहुत दर्द हुआ होगा। देखिये आपका हथियार भी लहूलुहान हो गया है।" तो मैंने उसे चुम कर कहा मेरी भोली प्रेमिका, ये रक्त तुम्हारे कौमार्य भंग होने का सबूत है। प्रिय!

इतने में मैंने देखा बॉब अपनी कच्ची नींद में हिल रहा था और जग कर कभी भी उठ सकता था तो मैंने मुझ से चिपटे हुए रुखसाना से बोला बॉब अब जग रहा है मैं उसकी तुम्हे चोदने की ख़ुशी को अभी उससे छीनना नहीं चाहता, बाद में सही मौके पर बता दूंगा। तुम उसके साथ चिपक कर लेट जाओ। , हमे उसे आराम करने देना चाहिए। इसके लिए थोड़ा नाटक करना पड़ेगा। तुम मेरा साथ देना और मैं छुप गया। जब रुख़्साना उसके साथ चिपकी तो बॉब के लंड पर थोड़ा खून लग गया। बॉब उठा, तो उसने अपना लंड पर खून लगा देखा तो उसे लगा उसने ही रुखसाना का कौमार्य भंग किया है। जिसके कारण उसके लंड पर खून लगा है। तो उसने रुखसाना को चूमा वह बहुत खुश लग रहा था तो रुखसाना बोली देखो मेरा क्या हाल हो गया है। बहुत दर्द हुआ मुझको मैं तो लगभग बेहोश ही हो गयी थीl आप भी थक कर सो गए थे। बॉब इस बात से बे ख़बर था कि उसकी अर्ध बेहोशी में मैंने और रुखसाना ने क्या किया।

फिर इस हालात में भी गुनगुनाया।

मत पूछ मेरी ख़ुशी की इंतेहा क्या है इस वक़्त l
क्यूंकी इस दिन ख़त्म मेरे बरसो का इन्तेजार हुआ।
आज हासिल मुझे मेरे हुस्न का प्यार हुआ।

फिर मैं भी अपने छुपने की जगह से बाहर निकल आया और बॉब को बधाई दी तो मुझे वह अभी भी काफ़ी गर्म लगा। फिर उसके सर पर हाथ लगा का बोला आपको तो लगता है बुखार आ गया है। । इस तेज बुखार में भी भाई ग़ज़ब क़िला फ़तह किया है। तुमने एक ही झटके में क़िला जीत लिया तुमने तो कमाल कर दिया।

मैंने रुखसाना को आँख मारते हुए उसके मुँह पर हाथ रखा तो रुखसाना ने भी थोड़ा चौंकने का नाटक किया। रुखसाना को कौमार्य की बाधा हट जाने की उसको बधाई देते हुए कहा अब आप भी खुल कर जब चाहे जिसके साथ जितनी बार खुलकर प्यार और चुदाई का आनंद ले सकती है। अब इसमें कोई बाधा नहीं रही है। प्यार और मजो की दुनिया में आपका स्वागत है और मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसके हाथ पर एक मीठी-सी किश कर दी ।।

बॉब रुखसाना को किस करने लगा फिर बोला

तेरे हुस्न का दीवाना तो हर कोई होगा लेकिन
मेरे जैसी दीवानगी हर किसी में नहीं होगी।

बॉब अब आप कहें और अब यदि रुखसाना को आपत्ति ना हो तो मैं भी रुखसाना के साथ अपने हिस्से का आनंद ले लू। मैंने कहा तो बॉब बोला शुक्रगुजार तो मैं आप का हूँ जो आपने मेरा रुखसाना से मिलना सुगम कर दिया।। मैंने कहा तब तक आप थोड़ी देर आराम कर लीजिये।

आगे क्या हुआ, ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कहानी जारी रहेगी l

आपका दीपक l

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