अंतरंग हमसफ़र भाग 034

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रुखसाना की चुदाई की कहानी जारी है
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Part 34 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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अंतरंग हमसफ़र 33 में पढ़ा;

"मैंने रुखसाना को आँख मारते हुए उसके मुँह पर हाथ रखा तो रुखसाना ने भी थोड़ा चौंकने का नाटक किया। रुखसाना को कौमार्य की बाधा हट जाने की उसको बधाई देते हुए कहा अब आप भी खुल कर जब चाहे जिसके साथ जितनी बार खुलकर प्यार और चुदाई का आनंद ले सकती है। अब इसमें कोई बाधा नहीं रही है। प्यार और मजो की दुनिया में आपका स्वागत है और मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसके हाथ पर एक मीठी-सी किश कर दी।

बॉब रुखसाना को किस करने लगा फिर बोला

तेरे हुस्न का दीवाना तो हर कोई होगा लेकिन

मेरे जैसी दीवानगी हर किसी में नहीं होगी।

बॉब अब आप कहें और अब यदि रुखसाना को आपत्ति ना हो तो मैं भी रुखसाना के साथ अपने हिस्से का आनंद ले लू। मैंने कहा तो बॉब बोला शुक्रगुजार तो मैं आप का हूँ जो आपने मेरा रुखसाना से मिलना सुगम कर दिया।। मैंने कहा तब तक आप थोड़ी देर आराम कर लीजिये।"

अब तक की कहानी का सार;

मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुई और फिर उसके बाद रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।

मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी। अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दियाl दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया और फिर मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनायाl उसी रात में अलका मेरे पास आयी और मैं उसका कौमर्य भंग कर दिया lअगले दिन अलका की सहेलिया रुखसाना और हुमा एक हफ्ते के लिए रहने आयी और तालाब पर नहाने गयीl हम तीनो वहाँ पेड़ पर छुपे हुए थे और लड़किया नग्न हो कर मस्तिया करने लगी और फिर हम वहाँ कूद पड़े और उनके सेक्स ने नए-नए खेल रचायेl

उसके बाद में बॉब रुखसाना के लिए बहुत बेकरार था तो उसको रुखसाना का नंबर दिलवाया और फिर मैंने रुखसाना को बॉब के साथ संसर्ग करने के लिए जेन की मदद से मना लिया और फिर रुखसाना और हुमा को सेक्स सिखाने के लिए जेन और अलका को चूमने और सहलाने लगाl उसके बाद बॉब रुखसाना के कमरे में आ गया और उसे नग्न कर चूमने लगा तो वह उसे रोकने लगीl

बॉब जब उसकी योनि में अपना लंड डालने लगा तो लंड कसी हुई कुंवारी योनि में तो नहीं गया पर बाहर ही झड़ गया और बुखार और थकान से बेहोश हो गयाl मैं वही छुप कर सब देख रहा था फिर कुछ ऐसे हालात बने की मैंने रुखसाना ही पहली चुदाई करते हुए उसका कुमार्य भंग कर दिया (अंतरंग हमसफ़र-1-33)।

अब आगे।

तो प्रीती बोली फिर अपनी क्या किया बताइये फिर आगे क्या हुआ?

मैं बोला तो प्रीती इस तरह से रुखसाना का कुंवारापण मैंने भंग किया पर बॉब का बुखार देख मुझे चिंता होने लगी। मैंने रोज़ी को बुलाया और कहा बॉब को डॉक्टर के पास ले जाओ तो बॉब ने कहा वह ठीक हो जाएगा। डॉक्टर के पास जाने की कोई ज़रूरत नहीं है और उसने ज़िद पकड़ ली वह यही रहेगा डॉक्टर के पास नहीं जाएगा। और कोई रास्ता न देख कर रोज़ी से कहा रूबी को बुला लेते हैं, दीदी ने पिताजी से काफ़ी वैद्यक सीखा हुआ है। वह कोई देसी दवा दे देगी। गाँव में हम बुखार के लिए डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं। मैंने रूबी को फ़ोन कर बॉब का सब हाल बता दिया। वह आकर बॉब को देखने के बाद बोली थोड़ी थकान के कारण बुखार आ गया है और देसी दवा दे गयी और बोली कुछ देर में आराम मिल जाएगा, थोड़ी देर आराम कर ले। ।

बॉब ने दवा ले ली। बॉब को हमने आराम करने को कहा। रुखसाना भी बोली उसे थोड़ा दर्द हो रहा है तो रोज़ी ने एक क्रीम हमे पकड़ा दी मैंने रूमाल लेकर उसकी योनि और अपने लंड को साफ़ किया उसकी योनि पर थोड़ी क्रीम लगाई और सहलाया। क्रीम लगाते हुए रुखसाना बोली आह आराम मिल रहा है। ऐसे ही सहलाते रहो। मुझे तो अभी उसके साथ और मजे लेने थे और एक बार मैं और रुखसाना फिर शुरू हो गए।

मैंने पहले तो रुखसाना को दवा मिली शराब के कुछ गिलास पिलाये और बॉब को पीने के लिए पानी दिया तो, उसने कहा उसे भी थोड़ी-सी शराब चाहिए, तो बॉब को भी मैंने थोड़ी शराब पीला दी। वह बोलै आह थोड़ी और दो। तो मैंने उसे गिलास भर कर दे दिया और दवा मिली शराब के एक गिलास मैंने भी पिया।

रुखसाना में मेरे लंड पर हाथ रखा और वह देखते ही देखते अपनी कठोरता को प्राप्त कर के कड़ा होकर खड़ा हो गया।! उसको वह बहुत आकर्षक लग रहा था! वह लंड की घूरती रही। मैं उसके करीब गया और अपनी ओर खींच लिया। मैंने उसे कस कर आलिंगन किया और उसके चेहरे को चूमा। मेरा अर्ध कठोर लंड उसकी जांघ को छू रहा था। कितना अच्छा लगा। उसने समर्पण करते हुए अपनी बाँहें मेरे चारों ओर डाल दीं। मैंने उसके होठों को अच्छी तरह से चूमा और चूमता रहा और वह भी मेरा पूरा साथ देने लगी। मेरा हाथ उसके नंगे नितंबों पर पहुँच गया और जब तक हम चूमते रहे, मेरा हाथ उसके नितम्बो को दबाता रहा। अहह! आए! ममम! मममम।

दवा ने अपना असर दिखाया और थोड़ी देर में हो वह गर्म हो गयी और उसने मेरी हरकतों को आनंद लेना शुरू कर दिया। , मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर जा कर उन्हें दबाने लगा और दूसरा हाथ उसकी योनि को सहलाने के बाद मेरी एक ऊँगली उसकी योनि के द्वार पर गयी तो उसकी योनि ने अपने ओंठ खोल कर स्वागत किया। उसने आह की और मेरी ऊँगली मेरे प्रेम रस के पहले चिकनाई के इंजेक्शन के बाद आराम से अंदर चली गयी और उसके नितंब ज़ोर से मिलने के लिए तड़प उठे और उसकी बाहें अकड़ कर मेरे शरीर को चारो और लिपट गयी। वह अब उस आनंद की पुनरावृत्ति के लिए उत्सुक थी जो उसने अभी-अभी चखना शुरू किया था। फिर जैसे ही उसने पहले से कुछ कठोर हो चुके लंड पर हाथ रखा, मैंने देखा उसकी आँखें काम उत्तेजना और इच्छा से भरी हुई थीं।

उसे मेरा उसके अंगो की छेड़ना बहुत अच्छा लगा! उसने मेरा गाल, मेरे कान, मेरी गर्दन और फिर मेरे होठों को चूमा। ये सब करते हुए वह अपने हाथों को मेरे नितम्बो पर ले गयी और मुझे अपने ऊपर खींचा। अब मेरा अर्ध कठोर लंड उसकी योनि का चुम्बन ले रहा था। ओह क्या आनंद! क्या एहसास था। ब्यान करना बहुत मुश्किल है आनंद! बस मैं तो इसे आनंद में डूब जाना चाहता था। उसे भी लंड की छुअन से आनद का एहसास हुआ और बोली आह! फिर उसने धीरे से अपने हाथ मेरी पीठ पर ले जाकर मेरी पीठ को सहलाना शुरू कर दिया। वाह। आनद का एक और सुखद झोका

मेरी उत्तेजना और बढ़ने लगी और नतीजा ये हुआ के लंड उस छुअन के कारण कठोर हो कर मुझे लगा अब अपने आप ही प्रवेश कर जाएगा। इस कठोरता से उसकी भी उत्तेजना बढ़ने लगी। मैं उसकी चूत गीली होने का एहसास कर सकता था। उसका गीलापन मेरी सख्त रॉड से रगड़ खा रहा था।

मैं अपना दूसरा हाथ भी ऊपर ले गया और उसके पूरे स्तनों को सहलाने लगा। वाह! मैंने उसके निपल्स को पिंच किया। वह हाफ़ने लगी। मैंने निप्पल्स को खींचा और वह कराह उठी, आह! यह उसे बहुत अच्छा लगा। मैंने उसके स्तन को देखा। वे केंद्र में हल्के भूरे रंग के रॉक हार्ड निपल्स के साथ एकदम गोल और सुडोल थे। मैंने रुखसाना को बिस्तर पर धक्का दिया और उसके ऊपर आ गया। मैंने उसके बाएँ निप्पल को अपने गर्म मुंह में रख कर चूस लिया। मैंने अपने हाथ से उसके दाहिने निप्पल से खेला। फिर दाए निप्पल को चूसा और बाए निप्पल को हाथ से छेड़ा। वाह! मेर मुँह में उसके गर्म निपल्स बहुत अच्छे लग रहे थे! आननद और उत्तेजना का एक और झोंका आया और उसके निपल और अधिक कड़े हो गए और मेरे लिंग भी और अधिक कठोर होकर तुनक गया।

मैं अपनी जीभ से एक रेखा बनाते हु, मुँह नीचे की ओर ले गया। मैं उसके पेट तक पहुँच गया और उसे पूरी तरह से चाटा। मैंने उसके पेट और नाभि को चाटा और इससे वास्तव में रुखसाना बेकाबू हो गयी। उसने मेरा सर अपनी चूत की तरफ़ धकेलने की कोशिश की। लेकिन मैं अपना समय ले रहा था। मैंने उसको देखा और मैं उसको स्तनों और पेट को अपनी लार से चमकता देख सकता था। वह अद्भुत लग रही थी। अंत में मैं उसकी योनि पर पहुँच गया और उसकी योनि पर एक चुम्बन किया।

उसे कंपकंपी हो आई। उसने मेरी सुविधा के लिए अपने पैरों को अलग किया। मैं उसकी चूत को चाटने और खाने लगा। मैंने लगातार उसकी क्लिट को ना छूते हुए योनि के ओंठो को ही चूमता रहा। वह मुझसे अपनी क्लिट चाटने के लिए भीख माँगने लगी और मेरा सर पकड़ कर ऊपर की खींचती हुई मेरा मुँह अपने भगनासा तक ले गयी। अंत में मैंने अपनी जीभ ने उसे वहाँ छुआ और उसने बढ़ी हुई उत्तेजना के कारण मेरे चेहरे पर विस्फोट किया और मेरा चेहरा उसके रस से भीग गया।

उसका रस थोड़ा नमकीन था। मैं थोड़ा उठा और फिर ऊपर हो कर उसके होठों पर चूमा। उसने मेरे चेहरे पर लगा अपना सारा रस चाट लिया तो मैं फिर उसके ओंठ चूसने लगा तो उसने कुछ चुतरस जो उसकी झीभ पर लग गया था। मेरे मुँह में धकेल दिया, जिसे मैंने थोड़ा चाटा और फिर वापिस उसके खुले मुँह में धकेल दिया। ऐसे तो बार-बार घुमाते हुए हम सारा रस चाट गए और में फिर नीचे जा कर उसकी चूत को फिर से चाटने लगा। पहले ओंठ चूमने और फिर चूत चाटने से इस बार वह बहुत जल्दी गर्म हो गयी थी।

अब वह मुझे अपने अंदर चाहती थी और बोली अब मेरे अंदर आ जाओ चोदो मुझे वह भीख मांगने लगी लेकिन मैं उसे चाटता रहा और उसकी भगनासा को चूसत्ता रहा, हर बार जब वह झड़ने लगती तो वह मुझे रोक देती। कुछ देर बाद मैं उठा और अचानक से अपना विशाल बड़ा और कठोर लंड उसकी तड़पती हुई चूत के द्वार पर लगा दिया और उसने अपने कूल्हे उठा कर न केवल मेरे लंड को प्रवेश करने की अनुमति दी बल्कि टाँगे खोल कर स्वागत किया। तो मैंने भी एक जोरदार धक्का लगा कर पूरा लंड जड़ में टिका दिया और वह बस इतना बोली। अरे इतना ज़ोर से क्यों। अभी नयी-नयी हूँ इस खेल में मेरी चूत अभी कोमल है, दर्द होता है । थोड़ा आराम से करो। मैं उसके ऊपर लेट गया। मेरे हाथ उसके स्तनों पर थे और मेरे होंठ उसको किश कर रहे थे। वह भी मुझे बेतहाशा किश कर रही थी।

हालाँकि रुखसाना की पहली चुदाई मेरे योजना में नहीं थी पर ऐसे हालात बने के उसका कौमतया भंग मुझसे हो गया। अब मैंने मेरी पहले से बनी हुई योजना के अनुसार, उसे फिर चोदने का निश्चय किया। , मेरा लंड अभी-अभी ही उसकी कोमल योनी में घुसा था। मैंने बहुत सावधानी से, धीरे-धीरे अपनी पीठ को हिला कर लंड आगे पीछे करने शुरू किया। लेकिन वह उत्साह से अपनी कमर हिला रही थी। उसका उत्साह मेरे लिए बहुत अच्छा था। उसने धीरे-धीरे मेरी कूल्हों के धक्को की लय से लय मिला कर कमर हो हिलाना शुरू किया। इससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी स्पीड बढ़ती गयी।

जल्द ही हम दोनों उत्कर्ष पर पहुँच गए। उत्तेजना में वह कांपती हुई झड़ गयी और उसके साथ ही प्रसन्नता के उदगारो के साथ मैंने अपने शुक्राणु की बहुत सारी पिचकारियाँ उसके छिद्रों में मारी। उसकी योनी ने मेरा लंड जकड़ा और वह शानदार ढंग से धड़कने लगी और मेरे लंड को उसकी योनि की मांसपेशियों ने पूरा निचोड़ लिया। मैं लंड अंदर डाले हुए ही रुखसाना के नरम कमसिन बदन के ऊपर ही लेट गया कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही लेटे हुए चुम्बन करते रहे और एक दुसरे के बदन को सहलाते रहे।

बॉब शराब पीते हुए हमे देख रहा था। उसका बुखार थोड़ा उतर गया था। कुछ देर में शराब में मिली दवा ने भी असर दिखाना शुरू कर दिया। अब बॉब के लिए यह बहुत अधिक था। वह उत्तेजित हो गया और उसका लंड फिर से लोहे की तरह सख्त था। तो मैंने कहा अभी थोड़ी देर आराम कर लो। लेकिन अब वह रुकने वाला नहीं थाl

तभी रोज़ी फिर वहाँ आ गयी और बोली आपसे कुछ बहुत ज़रूरी बात करनी है।

मैं एक तरफ़ गया तो बोली रूबी का फ़ोन आया है टॉम आपसे कुछ बात करना चाहता है।

आगे क्या हुआ, ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कहानी जारी रहेगी l

आपका दीपक l

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