जन्नत की 72 हूरे Ch. 11

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एक नयी हसीना ऐनी से मुलाकात
1.2k words
3.33
552
00

Part 11 of the 15 part series

Updated 06/10/2023
Created 12/10/2020
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मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे" : जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला, मजो की दुनिया में मेरे अनुभव और खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ" के अगले भाग हैं में आपने पढ़ा;

मुझे देखते ही ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयी और शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या? मैंने अपनी तीनो बीवियों की जोरदार चुदाई करि और ग्रुप सेक्स का मज़ा लिया l नर्से लिया और मधु की पहली चुदाई हुईl

इससे पहले जन्नत की 72 हूरे Ch. 5 में आपने पढ़ा मेरे कॉलेज के दोस्त राजकुमार ब्रेडी के बारे में पढ़ा था इसने मुझे बताया था उसकी सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl मैंने उसे इसमें अपनी दिक्कते बताई की मेरे तीन निकाह हो चुके हैंl और क्या उन्हें मेरी चौथी बीवी बनना मंजूर होगा? और हमारे मज़हब में सिर्फ़ 4 बीवियों ही कर सकते हैl मेरी कुछ और कजिन बहने हैं जिनसे मेरा निकाह होना लगभग तय हैl हमारे देश में मैं 4 से ज़्यादा निकाह नहीं कर सकताल और मुझे निकाह मिस्यार करने होंगे जिसमे लड़की की कुछ अख्तियार कम हो जाते हैं

ब्रैडी ने मुझे निकाह के लिए बधाई दी और कहा चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज़्यादा बीविया रखता है उसे तुम्हारे साथ और बीवियों से कोई ऐतराज नहीं है उसे ब्रेडी मेरे बारे में काफ़ी कुछ बता चूका था l

तो ब्रैडी में मेरी समस्या का निदान सुझाया की मेरी बहन से निकाह के बाद तुम भी कैमरून के मैं परिवार का हिस्सा हो जाओगे और मैं तुम अपने अधिकार से मैं तुम्हे नागरिकता देता हूँ और मेरे देश के नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैंl

मैं तुम्हे अपने देश का हिंदुस्तान में राजनयिक नियुक्त करता हूँl अब तुम पर हिन्दुस्तान की कोई कानूनी बंदिश नहीं रहेगीl

अब आगे:-

जब मैं सुबह सबके साथ सो रहा था तो ब्रेडी ने मुझे दुबारा फ़ोन किया और कहा वह किसी काम से सिंगापुर दिल्ली होता हुआ जा रहा है और कुछ देर में दिल्ली पहुँच रहा है और जल्दी से मिलने आने के लिए कहा। मैंने उससे उसकी फ्लाइट के बारे में पुछा और उससे मिलने उसके होटल चला गया ।

वहाँ जाकर जब मैंने दरवाजे की बेल बजायी तो एक बेहद खूबसूरत महिला ने दरवाज़ा खोला।

मैं उस महिला को देखता ही रह गया। वह कोई महिला नहीं बल्कि 20-21 साल की लड़की थी। यूरोपियन गोरी सुनहरे बाल उसके चेहरे पर कोई निशान नहीं। यहाँ तक कि तिल भी नज़र नहीं आ रहा था। मोटी-मोटी आंखें, सुर्ख गुलाबी होंठ और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल, सुडौल छातियाँ, पतली कमर, चेहरे पर क़ातिल मुस्कान और नज़रें जैसे जंग में चलती तलवारें। बेहद खूबसूरत जन्नत की हूर।

मैं एक टक उस लड़की को देखे जा रहा था। तभी ब्रेडी ने अपने कंधे से मेरे के कंधे पर मारा और धीरे से कान में बोला।

ब्रेडी: बस भी करो आमिर यहाँ मैं भी हूँ और शायद तुम मुझसे ही मिलने आये हो।

ब्रेडी की इस बात पर जहाँ मैं झेंप गया था वहीं दरवाजे पर खड़ी खूबसूरत हसीना हँसने लगी। तभी ब्रेडी ने उस लड़की का नाम लिया आमिर इनसे मिलो मेरी कजिन ऐनी और मैं ब्रेडी के गले लग गया और जब ब्रेडी से अलग हुआ तो ऐनी मेरे गले लग गयी।

जिसका नाम था ऐनी। कमाल की लड़की थी ऐनी। एक झीना-सा शर्ट और उसके नीचे एक छोटा सा निकर। निकर से जहाँ ऐनी की केले के पेड़ जैसे चिकनी टांगे नज़र आ रही थी वही उस झीने शर्ट से ऐनी की चुंचिया नज़र आ रही थी। नज़र क्या आ रही थी ये समझ लो बन्दूक ने निशाना साध रखा था एक दम सामने की और।

ब्रेडी बोलै आईये मेरे देश के नए नियुक्त राजनयिक जी और मेरे होने वाले जीजा जी l

फिर बोलै चलो आज तुम्हारे सारे कागज़ त्यार करवा देता हूँ। उसके साथ आये हुए अफसर ने मेरे नए राजनयिक पासपोर्ट और नियुक्ति पत्र मुझे सौंप दिएl फिर ब्रेडी ने मेरा परिचय अपनी एम्बेसे के सारे स्टाफ से करवायाl कुछ देर बाद मंत्रालय जा कर उन्हें भी मेरा परिचय करवा दिया और मेरे सारे नियुक्ति पत्र और अधिकार पत्र उन्हें दे दिए।

उसके बाद ब्रेडी बोलै वह आगे किसी बहुत ज़रूरी काम से अभी सिंगापुर जा रहा है और दो दिन बाद वापिस लौटेगा और तब तक तुम ऐनी (पर्ल की बड़ी बहन जो अब तक कुंवारी थी) को आगरा लेजा कर ताज महल दिखा दो।

मैंने कहा इसमें कोई दिक्कत नहीं है तो मैंने भी रिश्ता पक्का करने के लिए प्रस्ताव दिया वह भी रुक कर मेरी बहनो से मिल ले और निकाह के लिए अपनी सहमति दे-दे l तो उसने कहा वह जब अगली बार आएगा तो ज़रूर करेगा और उसने भी वादा किया वह दो तीन दिन में लौट ही आएगा और मेरी बहनो से मिल लेगा और निकाह पक्का कर लेगाl मैंने उसे एक अंगूठी दी तोहफे के तौर पर जो उसने स्वीकार कर ली। फिर ब्रेडी ने कहा उनकी कजिन मोहतरमा ऐनी ख़ास तौर पर हिन्दुतान में ताज महल देखने और आप से मिलने आयी है और मुझे ही उन्हें ताज महल दिखने ले जाना है। फिर ऐनी का हाथ मेरे हाथ में दे कर बोलै अब ऐनी को तुम अपने पास कितने दिन और कैसे रोक पाते हो ये तुम पर है।

उसके बाद ब्रेडी फ्लाइट पकड़ कर चला गया और मैं ऐनी के साथ आगरा चला गया। मैंने सारा को सारा मामला बता दिया तो सारा, ज़रीना, डिलिया और सालिया भी बोली वह भी ताज महल देखने जाएंगी तो उनका भी इंतज़ाम करवा दिया। आगरा शाम को पहुँच कर मैंने कहा रात में ताज का दीदार किया जाएगा क्योंकि रात में ताज और भी खूबसूरत लगता है तो सब ने रात में ताज का दीदार किया । ताज महल देख कर ऐनी बहुत खुश हुई और मुझे गले लग कर थैंक यू बोली और डिनर के बाद सब अपने कमरों में चले गएl

मैं फ्रेश हो कर निकला ही था कि तभी दरवाज़ा खटखटया। जिसे सुनकर मैंने फुर्ती दरवाज़ा खोला। दरवाजे पर कोई और नहीं बल्कि ऐनी थी। जिसे देख कर मेरा मुह खुला का खुला रह गया।

मैं ऐनी को एक टक देखता ही रह गया। ऐनी एक शर्ट में थी। उसके नीचे कुछ भी नहीं पहना था। एक दम एक्सपोज़ थी। ऐनी अपने मासूम चेहरे के साथ-साथ बहुत ही सेक्सी लग रही थी।

दरवाजा खुलने के साथ ही ऐनी आकर सीधे मेरे गले लग गयी और बोली आपका धन्यवाद ठीक से नहीं किया l

ऐनी के गले लगते ही मैं को बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। इस वक़्त ये फीलिंग जो मेरे मन में थी कोई हवस से भरी नहीं बल्कि महोब्बत से भरी थी। लेकिन उसमें हवस भी शामिल थी। ऐनी के पीछे मैं, जहाँ मैं ऐनी की चुंचियो को छूने के प्रयास में था वही ऐनी के हाथ मेरे पेंट में सेंध लगा चुके थे।

लंड महाराजा बादस्तूर खड़े थेl ऐनी मेरी बाहों में सिमटे हुए मेरी उस भावना को भली भांति समझ चुकी थी। आज ऐनी अपना सब कुछ मैं पर कुर्बान करने को तैयार थी। या फिर ऐसा कहूँ की ऐनी सारा और मेरी बाक़ी दोनों बीवियों के नक़्शे क़दम पर चलने को तैयार थी।

कहानी जारी रहेगीl

आमिर खान हैदराबाद

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