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Click hereअंतरंग हमसफ़र भाग 36 में पढ़ा
"मुझे कुछ ज़्यादा ही नशा हो चला था कुछ शराब का असर और कुछ हुमा के लाजव्वाब हुस्न, जो मेरा हो गया था उसका नशा। उसे गले लगा कर मेरा मन किया वह मेरे गले ऐसे ही लगे रहे और उसकी चिकने पीठ पर हाथ फेरा और महसूस किया उसने जो ब्लाउज पहना हुआ था वह केवल दो डोरियों से बंधा हुआ था। फिर मेरा हाथ फिसल कर उसकी कमर से हॉट हुए उसकी चूतड़ों की दरार को महसूस किया और उसके नितम्बो को सहलाया पर फिर चंचल मन उसका चाँद-सा चेहरा दुबारा देखने और चूमने को हुआ तो मैंने उसे अलग करने के बाद एक बार फिर उसके चेहरा देख कर मुस्कुराते हुआ बोला । आप सच में बहुत सुंदर हो। आई लव यु।
वो भी मुस्कुरायी और बोली मैं भी आपको बहुत प्यार करती हूँ। और हुमा की 'हाँ' मिलते ही मैंने हुमा के माथे पर किस की और हुमा की चुनरी को उतार दिया। मेरे होंठों को मैं उसके होंठों की तरफ़ ले गया। हमारे होंठ इतने पास थे। हमने एक-दूसरे की गर्म सांसों को महसूस किया। मैंने धीरे-धीरे उसके होंठ को चूम लिया। मैं जल्दी में नहीं था। मैं हुमा के साथ हर सेकंड को संजोना चाहता था। मैं अपनी जीभ के साथ उसके होंठ चाट रहा था और उसके होठों पर बहुत धीरे से चुंबन करता रहा। लेकिन मैं स्मूच या डिप लिप लॉक के लिए नहीं गया।"
मेरी कहानिया अंतरंग हमसफ़र भाग 1-36 का सार;
मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुई और फिर उसके बाद रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।
मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी। अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दियाl दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया और फिर मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनायाl उसी रात में अलका मेरे पास आयी और मैं उसका कौमर्य भंग कर दिया lअगले दिन अलका की सहेलिया रुखसाना और हुमा एक हफ्ते के लिए रहने आयी और तालाब पर नहाने गयीl हम तीनो वहाँ पेड़ पर छुपे हुए थे और लड़किया नग्न हो कर मस्तिया करने लगी और फिर हम वहाँ कूद पड़े और उनके सेक्स ने नए-नए खेल रचायेl
उसके बाद में बॉब रुखसाना के लिए बहुत बेकरार था तो उसको रुखसाना का नंबर दिलवाया और फिर मैंने रुखसाना को बॉब के साथ संसर्ग करने के लिए जेन की मदद से मना लिया और फिर रुखसाना और हुमा को सेक्स सिखाने के लिए जेन और अलका को चूमने और सहलाने लगाl उसके बाद बॉब रुखसाना के कमरे में आ गया और उसे नग्न कर चूमने लगा तो वह उसे रोकने लगीl
बॉब जब उसकी योनि में अपना लंड डालने लगा तो लंड कसी हुई कुंवारी योनि में तो नहीं गया पर बाहर ही झड़ गया और बुखार और थकान से बेहोश हो गयाl मैं वही छुप कर सब देख रहा था फिर कुछ ऐसे हालात बने की मैंने रुखसाना ही पहली चुदाई करते हुए उसका कौमार्य भंग कर दिया। उसके बाद बॉब को दवा दिलवाई और मैंने रुख़्साना को एक बार फिर चोदा l
टॉम को भी बुखार आ गया और उसे आराम की सलाह दी गयी तो उसने प्रस्तावित किया के हुमा की पहली चुदाई मैं करून l फिर सबने हुमा की पहली चुदाई देखने की तमन्ना की तो फिर सबके सामने चुदाई करने का प्रोग्राम बड़े तहखाने वाले हॉल में बना और सब को वहाँ रोज़ी और मैं गुप्त रूप से गुप्त रास्ते से ले गए। मैंने लाल रंग की दुल्हन की पोशाक में हुमा के होंठों का चेहरा ऊपर किया और उसके ओंठो पर एक नरम चुंबन कर दिया
अब आगे।
तो प्रीती बोली फिर अपनी क्या किया बताइये फिर आगे क्या हुआ?
मैं बोला तो प्रीती उसके बाद वह मुझे एक लम्बी गहरी किस करना चाहती थी लेकिन मैंने अनुमति नहीं दी। वह अपना मुँह मेरी ओर घुमा रही थी और होंठों को बंद कर रही थी, लेकिन मैंने उसे तंग करते हुए अपना मुँह थोड़ा पीछे ले जाता था। 4 से 5 मिनट के बाद, वह थोड़ी-सी हताश हो गई और अपने हाथ से मेरा सिर अपने चेहरे की ओर खींचा और अपने होंठ मेरे ऊपर दबा दिए। हम दो भूखे भेड़ियों की तरह एक दूसरे के होंठों को अपने मुँह में ले रहे थे और उन्हें पूरी तीव्रता से चूस रहे थे। हमारी जीभें आपस में लड़ रही थीं। कभी उसके मुँह में, कभी मेरे में। मैंने उसकी जीभ को लिया और चूस रहा था। उसकी लार बहुत स्वादिष्ट थी। उसने भी मेरी जीभ को चूसा।
फिर मैंने भर कर हुमा के होंठों पर किस की और पीछे हो गया। तो हुमा ने मुझे नज़दीक खींच कर मेरे सर से पकड़ा और कहा-दीपक क्यों तड़फा रहे हो मुझे।
उन्होंने इतना कह कर मुझे ज़ोर-ज़ोर से चूमना शुरू कर दिया, मेरे होंठों पर अपने होंठ धर दिए और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं।
आप बेहद खूबसूरत हो। आपका जिस्म बहुत ही प्यारा है। आज एक अजीब-सी कशिश है आप में। जो मुझे आपका दीवाना बना रही है। आज मैं आपके जिस्म में समा जाना चाहता हूँ। हुमा आपको आज मैं जी भर के चोदूँगा और जी भर के प्यार करूँगा।
ने कहा-मुझे आज अपना बना लो दीपक।
उन्होंने इतना कह कर मुझे ज़ोर-ज़ोर से चूमना शुरू कर दिया, मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं। मैंने हुमा को अपनी बांहों में भर लिया, मैं उसे पूरे जोश से किस करने लगा। हुमा ने लिपस्टिक लगाई हुई थी जिससे किस करने में बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था।
मैंने उसके हर जगह गाल, आंख, ठोड़ी और नाक चुंबन किया। उसका चेहरा मेरी लार से दमक रहा था। मैं फिर थोड़ा निचे को गया मैंने उसकी गर्दन और सीने के ऊपरी हिस्से जो क्षेत्र उसके ब्लाउज के साथ कवर नहीं किया गया चुंबन किया। मैंने उसके ऊपरी क्लीवेज को भी चाटा। वह मेरे कोमल स्पर्श का आनंद ले रही थी। और उसके कंधे चूमा और उसके रस भरे यौवन कलशो पर हाथ लेजा कर उन्हें सहला कर महसूस किया। उसके उरोज नरम पर सुदृढ़, गोल, उन्नत और आकर्षक थे। मेरी नज़र उसके पारदर्शी ब्लाउज के पार जाकर उसके चुचकों के देखा तो हाथो से महसूस किया वह उत्तेजना से कठोर हो गए थे उसका झीना ब्लाउज उसके रसदार खरबूजों को ठीक से पकड़ नहीं सका था।
मैं उसके बूब्स को पूरी मस्ती से दबा रहा था। उसके स्तन पिंजरे में बंद कबूतरों की तरह आज़ाद होने हो तड़प रहे थे। मैंने उनकी तड़प को समझा और हाथ उसकी कमर पर ले जाकर मैंने उसके ब्लाउज की डोरियों को खींच कर खोला तो उसने अपनी बाजुए ऊपर उठा दी तो मैंने ब्लाउज खींच कर उसके शरीर से हटा दी। वह मुझे रोकने की कोशिश नहीं कर रही थी बल्कि सहयोग कर रही थी अब मेरी संगनी ऊपर से निर्वस्त्र हो गयी थी। मैंने ब्लाउज के पिंजरे से हुमा की गर्वित पहाड़ियों को बाहर निकाल लिया था। वे सीधे हवा में खड़े थे। उसके स्तन कोमल हैं। शीर्ष पर गुलाबी निपल्स ने उन्हें और अधिक सुंदर बना दिया। मैं अपने दोनों हाथों से उसके दोनों स्तन मसल रहा था।
मैं उसके स्तनों को घूरने लगा तो उसने अपने हाथों से अपने सीने को ढँक लिया। मैंने उसको सिर से पैर तक एक बार फिर अच्छी तरह से देख रहा था। वह एक वास्तव में बहुत सुंदर थी। फिर से मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर दबा दिए। वह मेरे होंठों को अपने अंदर लेने के लिए तैयार थी। हम फिर से एक दूसरे को चुंबन और एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे। हम दुनिया के बाक़ी हिस्सों के बारे में भूल गए।
अब मेरे हाथ उसके स्तनों पर पहुँच गए और उन्हें पहले तो सहलाया फिर हाथ फिरा कर अनारो की गोलाईयों को सराहा फिर स्तनो के नीचे हाथ लेजाकर स्तनों को ऊपर उठाकर कर उनकी दृढ़ता को जांचा । फिर दबा कर उनको नरम और दृढ पाकर एक बार फिर प्यार से सहलाया। । फिर निप्पल पर हाथ फेरा तो उन्हें कठोर पा कर उन्हें मसला तो वह कराह दी. तो उन्हें सहला दिया। और फिर चुम्बन तोड़ कर हुमा की आँखों में झाँका तो हुमा भी मुस्कुरा दी।
अब उसके दो शानदार बूब्स मेरी आँखों के सामने दो मस्त निप्पल थे। उसके निप्पल कम से कम 1 इंच लंबे और सख्त खड़े थे। उसके रसीले खरबूजे बहुत सुंदर और आकर्षक थे। मैं झुक और चूमा और उसके दोनों दूध के कटोरो को चूसा। लेकिन मैंने उसके निप्पलों को नहीं छुआ।
मैंने उसकी दरार के बीच के पसीने को चखा। मैंने अपनी लार को वासना की घाटियों के बीच गिरा दिया। मैं ध्यान से उसके पूरे स्तन को चाट और चूस रहा था लेकिन कभी उसके निप्पलों को नहीं छुआ। वह अपने निप्पल मेरे मुँह में देने की कोशिश कर रही थी। मैं उसे और सताना चाहता था।
लगभग 20 मिनट मैं उसके पूरे शरीर के ऊपरी हिस्से, उसके स्तन, पेट, बगल को चूस और चाट रहा था लेकिन कभी उसके निपल्स को नहीं छुआ। मेरे हाथ में उसके खरबूजे ले लिए, उन्हें सहलाया, लेकिन उसके निपल्स को नहीं छुआ। उसका शरीर मेरी लार से दमक रहा था। वह उत्तेजना के साथ दाएं-बाएँ घूम रही थी।
वो बहुत ज़ोर से कराह रही थी। उसने मेरे बालों को कस कर पकड़ रखा था और मेरे मुँह को अपने निप्पलों पर घसीट रही थी। मैंने उसकी तरफ देखा। वह मुझे देखकर मुस्कुराई और मेरे चेहरे को निपल्स की तरफ खींचती रही।
मैंने चुचकों के आस-पास के क्षेत्र को चाट लिया, उसके दाहिने निपल्स को अपने मुंह में ले लिया और पूरी तीव्रता से चूसा । मैंने बेरहमी से उसके निप्पलों को चूसा और चूसा। उसने अपने शरीर को हवा में झटका दिया और अपने पहले सम्भोग चरमोत्कर्ष पर पहुंच गई। मैंने लगातार उसके दोनों निप्पलों को एक एक करके बारी-बारी से चूसा और चाटा।
मैंने उसके बूब्स को बहुत जोर से निचोड़ा और उनको चूसा। मैं एक छोटे बच्चे की तरह चूस रहा था। उसके निप्पलों को चबाया। मैंने दोनों तरबूज पकड़े और दो तरफ से दबाया। उसके निप्पल करीब आ गए। मैंने उसी समय दोनों निप्पलों को अपने मुँह में ले लिया और बहुत मेहनत से चूसा। वह दर्द और खुशी से चिल्लाई।
आगे क्या हुआ...ये अगले भाग में पढ़िए ।
ये कहानी जारी रहेगी
आपका दीपक