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Click hereअंतरंग हमसफ़र भाग 35 में पढ़ा;
"फिर भोजन के बाद सबने थोड़ी देर सैर करि और सबके सब मरे साथ आ गए और रोज़ी सबके लिए गिलास में दवा मिली शराब ले आयी और सबने हुमा और मेरे मिलान की ख़ुशी में जाम उठाये। फिर रूबी हुमा को त्यार करने ले गयी और मैं भी वाशरूम में जा नहाने चला गया और जब त्यार हो कर लौटा तो रोज़ी ने सब की आँख अपर एक पट्टी बाँध दी थी और फिर बड़े तहखाने का रास्ता खोल कर सबको बंद आँखों के साथ मैं और रोज़ी सबको बड़े तहखाने में ले गए।"
मेरी कहानिया अंतरंग हमसफ़र भाग 1-35 का सार;
मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुई और फिर उसके बाद रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।
मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी। अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दियाl दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया और फिर मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनायाl उसी रात में अलका मेरे पास आयी और मैं उसका कौमर्य भंग कर दिया lअगले दिन अलका की सहेलिया रुखसाना और हुमा एक हफ्ते के लिए रहने आयी और तालाब पर नहाने गयीl हम तीनो वहाँ पेड़ पर छुपे हुए थे और लड़किया नग्न हो कर मस्तिया करने लगी और फिर हम वहाँ कूद पड़े और उनके सेक्स ने नए-नए खेल रचायेl
उसके बाद में बॉब रुखसाना के लिए बहुत बेकरार था तो उसको रुखसाना का नंबर दिलवाया और फिर मैंने रुखसाना को बॉब के साथ संसर्ग करने के लिए जेन की मदद से मना लिया और फिर रुखसाना और हुमा को सेक्स सिखाने के लिए जेन और अलका को चूमने और सहलाने लगाl उसके बाद बॉब रुखसाना के कमरे में आ गया और उसे नग्न कर चूमने लगा तो वह उसे रोकने लगीl
बॉब जब उसकी योनि में अपना लंड डालने लगा तो लंड कसी हुई कुंवारी योनि में तो नहीं गया पर बाहर ही झड़ गया और बुखार और थकान से बेहोश हो गयाl मैं वही छुप कर सब देख रहा था फिर कुछ ऐसे हालात बने की मैंने रुखसाना ही पहली चुदाई करते हुए उसका कौमार्य भंग कर दिया। उसके बाद बॉब को दवा दिलवाई और मैंने रुख़्साना को एक बार फिर चोदा l
टॉम को भी बुखार आ गया और उसे आराम की सलाह दी गयी तो उसने प्रस्तावित किया के हुमा की पहली चुदाई मैं करून l फिर सबने हुमा की पहली चुदाई देखने की तमन्ना की तो फिर सबके सामने चुदाई करने का प्रोग्राम बड़े तहखाने वाले हॉल में बना और सब को वहाँ रोज़ी और मैं गुप्त रूप से गुप्त रास्ते से ले गए।
अब आगे।
तो प्रीती बोली फिर अपनी क्या किया बताइये फिर आगे क्या हुआ?
मैं बोला तो प्रीती उसके बाद सब को तहखाने में छोड़ कर रोज़ी हुमा को लेने चली गयी और सब को बोला गया सब अपनी आँखे तब तक बंद रखेंगे जब तक रोज़ी उन्हें आँखे खोलने को न कहे। फिर सब की आँखों की पट्टी खोलने को कहा सब की आँखों की पट्टी जब खुली तो सब हाल देख कर हैरान रह गए।
वहाँ एक शानदार हाल था। जिसमे बहुत सुन्दर-सुन्दर लड़कियों की बहुत कामुक मुर्तिया और कामुक सम्भोग की अंतरंग चित्र और कलाकृतिया लगी हुई थी। कमरे के बीचो बिच एक शानदार बिस्तर जिसपर आठ से दस लोग आराम से सो सकते थे। जो की पर्दो से ढका हुआ था।
किनारो पर शानदार आरामदायक सोफे लगे हुए थे जिनको बिस्तर बड़े आराम से बनाया जा सकता था। हाल में एक बड़ा शानदार खुला हुआ बाथरूम भी था जसमे एक बहुत बड़ा टब भी था।
सबने उस हाल और कमरे के तारीफ की तो रोज़ी बोली इसके बारे में बाक़ी आपको बाद में बताएँगे अभी अपना-अपना जोड़ी दार चुन ले और साइड के सोफों पर अपनी सीट ले ले। टीना और मोना टॉम के साथ बैठ गयी l रूबी, रुखसाना के साथ बॉब । अलका और जेन तथा लूसी और सिंडी जोड़ी बना कर बैठ गए।
बहुत सुन्दर नज़ारा था। मैंने रोज़ी को बुला कर कहा उसने इतने कम समय में बहुत अच्छा इंतज़ाम कर दिया है। उसके बाद रुखसाना और रोज़ी बॉब के पास जा कर बैठ गयी।
उसके बाद रोज़ी ने कमरे की लाइट बुझा दी और केवल हॉल के मध्य वाले भाग पर रौशनी हो गयी और मुझे पकड़ कर अलका और रुखसाना बिस्तर के पास ले गयी और तभी रोज़ी मेरे पास सजी धजी हुई हुमा को ले आयी और फिर उसने बिस्तर के पास एक बटन दबाया और परदे ऊपर उठ गए।
सारा कमरा नरम गुलाबी रंग से दमक रहा था। अपने साथी के साथ प्यार करने के लिए कमरे का माहौल एकदम सही था और फूलो से सजे बिस्तर के पास में सुराही दार गर्दन, सुदृढ़ अनार जैसे उन्नत बड़े-बड़े गोल स्तन, पतली कमर और नाशपाती के जैसी सुन्दर काया। सपाट पेट, सुंदर लंबी टाँगे और लम्बे काले बालो वाली सुंदर हुमा लाल रंग की दुल्हन की पोशाक में घूंघट किये हुए मेरे साथ खड़ी थी। वह एक सेक्स देवी की तरह लग रही थी। मैं उसको सिर से पैर तक अच्छी तरह से देख रहा था। वह सुंदरता की चलती फिरती मूर्त थी। वह एक स्वर्ग में मिलने वाली हूर की तरह लग रही थी, इतनी सुंदर, इतनी भव्य था।
मैंने हुमा को अपनी बाहों में उठा लिया और बिस्तर की तरफ़ चला गया। मैंने उसे बिस्तर पर बिठा दिया। मैंने उसके पास बैठते हुए उसे एक तोहफा दिया और धीरे से उसका घूंघट उठा दिया और फिर उसका चंद्रमा की तरह आकर्षक मासूम और गौरा रंग, चमकती चिकनी त्वचा, सुन्दर चेहरे वाली, हिरणी जैसी चंचल सुन्दर आँखे, काली भौहें और पलकें, जिसके रसभरे, नरम गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ, सफेद मोतियों जैसे दांत, गुलाबी गाल और आगे क्या होने वाला है ये सोच कर थोड़ा घबराई हुई और उत्सकता से भरा उसका शर्म से झुका हुआ सुन्दर चेहरा मेरे सामने उजागर हो गया।
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने कहा तुम तो आफ़ताब का टुकड़ा हो मेरी जान। मेरा लंड उत्तेजना से कठोर हो गया, मैंने कहा मैं कितना भाग्य शाली हूँ के तुम मुझे मिली और मैंने उसका चेहरा ऊपर किया और उसके ओंठो पर एक नरम चुंबन कर दिया। उसकी आँखे बंद थी तो मैंने कहा अपनी आँखे खोलो तो उसने धीरे सेआँखे खोली। मुझे देख कर मुस्कुरायी तो उसकी मनमोहक मुस्कान ने मेरा जो कुछ बाक़ी था वह भी लूट लिया और मैंने उसे अपने गले से लगा लिया।
मुझे कुछ ज़्यादा ही नशा हो चला था कुछ शराब का असर और कुछ हुमा के लाजव्वाब हुस्न, जो मेरा हो गया था उसका नशा। उसे गले लगा कर मेरा मन किया वह मेरे गले ऐसे ही लगे रहे और उसकी चिकने पीठ पर हाथ फेरा और महसूस किया उसने जो ब्लाउज पहना हुआ था वह केवल दो डोरियों से बंधा हुआ था। फिर मेरा हाथ फिसल कर उसकी कमर से हॉट हुए उसकी चूतड़ों की दरार को महसूस किया और उसके नितम्बो को सहलाया पर फिर चंचल मन उसका चाँद-सा चेहरा दुबारा देखने और चूमने को हुआ तो मैंने उसे अलग करने के बाद एक बार फिर उसके चेहरा देख कर मुस्कुराते हुआ बोला । आप सच में बहुत सुंदर हो। आई लव यु।
वो भी मुस्कुरायी और बोली मैं भी आपको बहुत प्यार करती हूँ। और हुमा की 'हाँ' मिलते ही मैंने हुमा के माथे पर किस की और हुमा की चुनरी को उतार दिया। मेरे होंठों को मैं उसके होंठों की तरफ़ ले गया। हमारे होंठ इतने पास थे। हमने एक-दूसरे की गर्म सांसों को महसूस किया। मैंने धीरे-धीरे उसके होंठ को चूम लिया। मैं जल्दी में नहीं था। मैं हुमा के साथ हर सेकंड को संजोना चाहता था। मैं अपनी जीभ के साथ उसके होंठ चाट रहा था और उसके होठों पर बहुत धीरे से चुंबन करता रहा। लेकिन मैं स्मूच या डिप लिप लॉक के लिए नहीं गया।
आगे क्या हुआ...... ये अगले भाग में पढ़िए।
ये कहानी जारी रहेगी
आपका दीपक