अंतरंग हमसफ़र भाग 039

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हुमा की पहली चुदाई.
2.3k words
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281
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Part 39 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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अंतरंग हमसफ़र-38 में पढ़ा

"वह दर्द को बर्दाश्त नहीं कर सकती थी और साथ ही चिल्ला भी नहीं सकती थी क्योंकि मैंने उसके होंठ दबाए थे। वह मेरे होंठों को बड़ी मुश्किल से काटता है। मेरे होठों से खून आ रहा था। जैसे ही मैंने उसके ओंठो को छोड़ा वह ज़ोर से चिल्ला पड़ी अल्लाह फाड़ डाली हाय बेदर्दी ने मेरी चूत फाड् डाली।

अब तो मैं मर ही जाऊँगी। अम्मी! हाय! मेरी अम्मी! मुझे इन्होने मिल कर मार डाला। इस लम्बे बड़े लंड के चककर में मैं फ़स गयी। इससे तो अच्छा था टॉम के छोटे पतले लंड से चुद लेती। अलका बाजी तुमने मुझे फसा दिया लम्बे मोटे लंड के लालच में। यही बोली थी दीपक के मोटे लम्बे लंड से सील तुड़वा कर और चुदाई का बहुत मज़ा आया। ये क्यों नहीं बताया की इतना दर्द भी होता है। मैं मर गयी । आह मर गयी।"

मेरी कहानिया अंतरंग हमसफ़र भाग 1-38 का सार;

मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुई और फिर उसके बाद रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।

मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी। अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दियाl दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया और फिर मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनायाl उसी रात में अलका मेरे पास आयी और मैं उसका कौमर्य भंग कर दिया lअगले दिन अलका की सहेलिया रुखसाना और हुमा एक हफ्ते के लिए रहने आयी और तालाब पर नहाने गयीl हम तीनो वहाँ पेड़ पर छुपे हुए थे और लड़किया नग्न हो कर मस्तिया करने लगी और फिर हम वहाँ कूद पड़े और उनके सेक्स ने नए-नए खेल रचायेl

उसके बाद में बॉब रुखसाना के लिए बहुत बेकरार था तो उसको रुखसाना का नंबर दिलवाया और फिर मैंने रुखसाना को बॉब के साथ संसर्ग करने के लिए जेन की मदद से मना लिया और फिर रुखसाना और हुमा को सेक्स सिखाने के लिए जेन और अलका को चूमने और सहलाने लगाl उसके बाद बॉब रुखसाना के कमरे में आ गया और उसे नग्न कर चूमने लगा तो वह उसे रोकने लगीl

बॉब जब उसकी योनि में अपना लंड डालने लगा तो लंड कसी हुई कुंवारी योनि में तो नहीं गया पर बाहर ही झड़ गया और बुखार और थकान से बेहोश हो गयाl मैं वही छुप कर सब देख रहा था फिर कुछ ऐसे हालात बने की मैंने रुखसाना ही पहली चुदाई करते हुए उसका कौमार्य भंग कर दिया। उसके बाद बॉब को दवा दिलवाई और मैंने रुख़्साना को एक बार फिर चोदा l

टॉम को भी बुखार आ गया और उसे आराम की सलाह दी गयी तो उसने प्रस्तावित किया के हुमा की पहली चुदाई मैं करून l फिर सबने हुमा की पहली चुदाई देखने की तमन्ना की तो फिर सबके सामने चुदाई करने का प्रोग्राम बड़े तहखाने वाले हॉल में बना और सब को वहाँ रोज़ी और मैं गुप्त रूप से गुप्त रास्ते से ले गए। मैंने लाल रंग की दुल्हन की पोशाक में हुमा के होंठों का चेहरा ऊपर किया और उसके ओंठो पर एक नरम चुंबन कर दियाl मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म वाली हुमा के स्तनों को नग्न कर चूमते चाटते और चूसते हुए चरमोत्कर्ष तक ले गया। फिर उसकी संकरी बाल रहित कुंवारी योनि में अपने कठोर लंड को पूरा का पूरा जड़ तक घुसा दिया।

अब आगे।

प्रीती बोली फिर आगे क्या हुआ?

मैं बोला प्रीती मैंने हुमा की संकरी बाल रहित कुंवारी योनि में अपने कठोर लंड को पूरा का पूरा जड़ तक घुसा दिया। वह दर्द के मारे रोनी लगी तो फिर मैंने कहा कि अच्छा में 2 मिनट में बाहर खींच लूँगा। अब और नहीं फाड़ूँगा और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा। जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ और उसकी योनि मेरे लंड के हिसाब से एडजस्ट हो गयी। कुछ देर के बाद वह शांत हुई अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था। अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था। फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया तो कुछ देर के बाद वह फिर से गर्म हो गई। मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया।

मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे से हुमा की चूत से बाहर करने की कोशिश चालू कर दी और वह भी अह्ह्ह-अह्ह्ह और आझ्ह् अह्। करने लगी। हुमा की चूत संकुचन करने लगी और हुमा की चूत मेरे लणड को कसने लगी और लण्ड को जकड लिया सच में बता नहीं सकता कितना मज़ा आ रहा था।

वो ज़ोर से चिल्लाने लगी कि नहीं मुझे छोड़ दो, नहीं में मर जाउंगी, अपना लंड बाहर निकाल लो, लेकिन मैंने उसे अनसुना करते हुए एक ज़ोर का धक्का और लगाया तो वह और ज़ोर से चिल्लाई। लंड उसकी कसी हुई संकरी चूत की दीवारों रगड़ते हुए जस तक चूत में समा गया। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। लंड चूत के कसी और संकरी होने के कारण फस-फस कर जा रहा था। उसकी कसी संकरी चूत में लंड आगे पीछे करने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। उसकी चूत में स्राव होने लगा जिससे चिकनी हो गयी और लंड को अंदर बाहर करना थोड़ा आसान हो गया। अब वह झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी, लेकिन में नहीं माना। एक ज़ोर का झटका लगाया, पूरा लंड बाहर खींचा और फिर एक ही जोरदार झटके में पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया। उसकी आह निकल गयी, अब में धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था और अब उसकी आँखों से आसूँ निकल रहे थे।

मैंने पूरी ताकत से धक्के लगाना जारी रखा। हर बार मैंने अपने डिक को पूरी तरह से बाहर निकाल लिया और पूरी तरह से उसकी योनी में ज़ोर से धक्का दिया। हर बार मेरा लंड उसकी चूत में पूरा समां रहा था। धीरे-धीरे उसका दर्द गायब हो गया और उसे भी मज़ा आने लगा। कमरा हमारी घुरघुराहट और कराहने की आवाज़ से भर गया।

जैसे ही मैंने अपने लंड को उसके अंदर धकेलना शुरू किया उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठाते हुए बिस्तर पर सिर रख दिया और कराहने लगी क्योंकि उसे लगने लगा था कि मेरा सख्त मांस उसके अंदर गहराई तक जा रहा है। मैंने हुमा की गोल गांड को पकड़ लिया।

मैंने अपने कूल्हे से एक जोरदार धक्का दिया और मेरा पूरा लंड हुमा के अंदर चला गया। वह रोइ और उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपने हाथ से बेडशीट पकड़ ली। मैंने फिर से अपने लंड को सर तक खींचा और वापस हुमा की चूत में धकेल दिया।

फिर 10 मिनट की और बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगा। फिर अचानक से हुमा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी और मुझे चूमने लगी। फिर मैंने कहा कि अब कैसे हो? तो हुमा बोली मज़ा आ रहा है। बहुत मज़ा आ रहा है। आप का लंड बड़ा ज़ालिम लेकिन प्यारा और मस्त है। अलका सच कह रही थी आप बहुत अच्छा चोदते हो। चोदो मुझे और चोदो और फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और अपना रस उसकी चूत में ही डाल दिया।

मैंने उसको चूमा और कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही लेटा रहा और उसको किश करता रहा और वह भी मेरा साथ देती रही। फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कंधो और गर्दन पर चूमा तो उसने मुझे कस का पकड़ लिया। वह फिर से गर्म हो गई थी। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो इस बार वह बिलकुल नहीं चिल्लाई। कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है,। हाईईईईई, म्म्म्मम करने लगी।

थोड़ी देर के बाद वह अपनी कसी हुई चूत के अंदर मेरे धक्को से अपने अंदर हो रहे घर्षण का आनंद लेना शुरू कर रही थी। खासकर मेरे प्रेम रस के पहले चिकनाई भरे इंजेक्शन के बाद। उसके नितंब मेरे से मिलने के लिए तड़प उठे थे और उसकी बाहें मेरे शरीर के चारो और घिर गयी और अब दोनों चाहते थे ये घर्षण का सिलसिला कभी न रुके।

मैं उसको चूमता रहा और उनके बूब्स को सहलाता रहा। मैंने विशेष कोशिश की के मेरा लण्ड चूत से बहार न निकले। मैं अपना लण्ड हल्का से पीछे करता था फिर कस कर धक्का लगा कर अंदर करता रहा। उसकी कसी हुई संकरी चूत में जैसे घिस-घिस कर रगड़ते हुए मेरा लंड अंदर बाहर जा रहा था। आपको बता नहीं सकता कि हम दोनों को उस समय कितना मज़ा आ रहा था। जब भी मैंने लंड को आगे धक्का लगाता था तो वह भी अपने चूतड़ उठा कर मेरा साथ देती थी। मेरा लंड उसकी कसी हुई संकरी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी। फिर मेरे हाथ उसके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उसकी चूचियों को खींचने लगता था तो हुमा सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी। उसके बाद हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए। मैं हुमा को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे। जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर मैंने हुमा की जम कर चुदाई की और दोनों ने इस बार काफ़ी देर तक बिना रुके चुदाई की।

और जब तक कि इस तरह दोनों एक साथ चुदाई करते हुए साथ में है झड़ गए। उसके बाद भी हम दोनों ही अलग होने के लिए अनिच्छुक लग रहे थे और झड़ने के बाद भी चिपके हुए चुम्बन लेते रहे।

मेरा लंड अभी भी उसकी योनि के अंदर ही था और चुमबन और उत्तेजना से बहुत जल्द ही पुनः कठोर हो गया था। मैंने धीरे से पुछा अब कैसा लग रहा है वह बोली

मेरी ज़िन्दगी मेरी जान हो तुम और क्या कहूँ.

मेरे लिए सकून का दूसरा नाम हो तुम।

तुम्हारी चुदाई से ही मुझे आराम मिलेगा। मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया तो मैंने देखा वह सूज गयी थी। मैंने उसको सहलाया तो वह कराह उठी। तो मैंने सोचा अभी इसे थोड़ा आराम करने देना चाहिए।

मैंने धीरे ले उसकी टूटी हुई कौमार्य के खून से सने हथियार को बाहर निकाला तो मेरा लंड अभी भी कठोर था। सब ने हमे घेर लिया और मुबारकबाद दी। रुखसाना ने भी अपने बहन को उसकी कौमार्य की रुकावट की परेशानी से छुटकारा मिलने पर उसके बधाई दी। बॉब के स्थान पर मेरे लंड की प्रचंड स्थिति देखते हुए. मेरे लंड पर अपना हाथ रख मेरे ऊपर अपना दावा किया। मैं देख सकता था की जैसे ही उसने मेरे कठोर लंड पर हाथ रखा, उसकी आँखें मेरे साथ सम्भोग की इच्छा से भरी थीं। वह अब मेरे साथ उस आनंद की पुनरावृत्ति के लिए उत्सुक थी जो उसने अभी-अभी चखना शुरू किया था।

रुखसाना उस समय वस्त्रहीन हो चुकी थी और वह बिस्तर पर पेट के बल लेट गयी और अपने सर को और कंधो को नीचे टिकाते हुए उसने अपने नितम्ब और कूल्हे इस तरह से ऊपर उठा दिए के मेरे आगे उसकी कोमल योनि उजागर हो गयी। मेरे लिए रुकना कठिन हो गया। मैंने उसकी योनि को चूमा और फिर उसके अपर लेट गया। और इसके नितम्ब मेरे नीचे थे और क्या सुखद एहसास था। उसके नरम और गोल नितम्बो की दरार के बीच उसकी योनि से स्पर्श कर रहा था। मैंने पीछे से उसके स्तनों को पकड़ कर दबा दिया। फिर उसकी पीठ को चूमा और उसकी सारी पीठ की गीली चटाई कर दी और उसके नितम्बो को चूमा। फिर उसको पलटा और धीरे-धीरे मैंने अपना लंड उसकी कोमल योनी में डाला।

फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी चुदाई शुरू की। उसकी योनी ने मेरा लंड उसमे तेजी से अंदर बाहर होते हुए धड़कने लगा और उसे तब तक चोदता रहा जब तक वह झड़ नहीं गयी तो उसके बाद उसके साथ ही लेटी हुई हुमा ने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे अपनी चूत पर खींच कर रगड़ने लगी और फिर उसने चूतड़ उठा कर लंड को अंदर फसाया और मेरे नितम्बो को दबा कर मुझे इशारा किया। मैंने भी एक जोरदार धक्का लगा कर लंड और लंड उसकी संकरी चूत जो की मेरी और उसकी चिकनाई से तर थी, उसमे पूरा अंदर कर दिया। मैंने उसके बूब्स को दबाये और उसके निपल्स को अपनी जीभ से हिलाने लगा।

यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदमय चुदाई थी। हमने बार-बार ऐसा किया और जब हम थक गए, तो रुखसाना ने मेरे लंड को नए सिरे से चूसा। सारी रात कमरा हमारे मजे भरी कराहो और आवाजों से गूंजता रहा। यह सब इसी तरह अगले दिन की सुबह तक चला और सब थक कर वही सो गए।

दोस्तों कहानी जारी रहेगी।

आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।

आपका दीपक

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