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Click hereअब तक अंतरंग हमसफ़र-39 में पढ़ा
"फिर मैंने धीरे-धीरे रुखसाना की चुदाई शुरू की। उसकी योनी ने मेरा लंड उसमे तेजी से अंदर बाहर होते हुए धड़कने लगा और उसे तब तक चोदता रहा जब तक वह झड़ नहीं गयी तो उसके बाद उसके साथ ही लेटी हुई हुमा ने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे अपनी चूत पर खींच कर रगड़ने लगी और फिर उसने चूतड़ उठा कर लंड को अंदर फसाया और मेरे नितम्बो को दबा कर मुझे इशारा किया। मैंने भी एक जोरदार धक्का लगा कर लंड और लंड उसकी संकरी चूत जो की मेरी और उसकी चिकनाई से तर थी, उसमे पूरा अंदर कर दिया। मैंने उसके बूब्स को दबाये और उसके निपल्स को अपनी जीभ से हिलाने लगा। यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदमय चुदाई थी। हमने बार-बार ऐसा किया और जब हम थक गए, तो रुखसाना ने मेरे लंड को नए सिरे से चूसा। सारी रात कमरा हमारे मजे भरी कराहो और आवाजों से गूंजता रहा। यह सब इसी तरह अगले दिन की सुबह तक चला और सब थक कर वही सो गए।"
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार । दोस्तों मैं दीपक आपने मेरी कहानी "मेरे अंतरंग जीवन की हमसफ़र-33" में पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी।
अब आगे।
मैं बोला प्रीती। मैंने हुमा की संकरी बाल रहित कुंवारी योनि वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया। उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और फिर सुबह थक कर उसके साथ चिपक कर सो गया। प्रीती बोली फिर इस बीच बाक़ी सब लोगों ने क्या किया वह भी बताओ?
तो मैं बोला मैं तो सारी रात हुमा के हुस्न और ख़ूबसूरती में इतना खोया हुआ था के मुझे कुछ होश नहीं की बाक़ी लोग क्या कर रहे थे। बाद में मेरे यही पूछने पर रोज़ी जो की मेरे बिस्तर के पास ही सब देख रही थी ने बताया की सब के सब हमारी चूमने चाटने और कराहे ओह आह सुन कर गर्म हो गए और पहले तो उनके हाथ उनके सीनो पर चल रहे थे फिर उनके हाथ अपने-अपने गुतंगो पर पहुँचे और अपने-अपने गुप्तांगो को सहला रहे थे। किसी ने अपने कपडे ख़ुद उतारे और किसी ने दुसरे के कपडे चूमते हुए उतारे। कुछ देर बाद सब से सब नंगे हो कर एक दुसरे के अंगो पर पहुँच कर उन्हें छेड़ रहे थे और उसके बाद एक दुसरे को चूमने लग गए।
बॉब ने इस बीच रुखसाना और रूबी को चोदा और टॉम ने मोना और टीना दोनों को चोदा। जहाँ एक तरफ़ जेन और अलका वही दुसरे तरफ़ लूसी और सिंडी एक दुसरे के अंगो को पहले सहलाती रही। फिर एक दूसरी की चूत को चूसती रही फिर सब ने अपनी जगह बदली और एक दुसरे तो चूमने और सहलाने के बाद सब थक कर सिर्फ़ आपकी और हुमा की चुदाई सांस रोके, रात भर देखते रहे।
आपको तो पता नहीं हुमा के साथ क्या हो गया था? । आप हुमा को बिना रुके बार-बार चोदते रहे और जब रुखसाना आपके पास गयी तो जब आप झड़कर रुकते थे तो रुखसाना लंड बाहर निकालती थी तो वह अर्ध कठोर ही होता था। रुखसाना उसे चूस कर दुबारा कड़ा कर देती थी और हुमा की चूत से लगा के आपकी पीठ दबा कर इशारा कर देती थी और आप फिर शुरू हो जाते थे। हुमा भी बड़े मजे ले-ले कर सारी रात चुदती रही।
तो मैंने पुछा और तुमने क्या रात भर किया तो रोज़ी बोली आपकी नॉन स्टॉप चुदाई देखती रही और अपनी चूत में ऊँगली करती रही और पता नहीं कितनी बार झड़ी। और फिर आप दोनों को वही छोड़ कर वही सो गए और सुबह मैंने सब को रूबी की मदद से उनके कमरों में पहुँचा दिया
देर तक सोने के कारण अगली सुबह मैं लगभग नाश्ते के समय उठा और देर से नाश्ते पर पहुँचा, तो जेन और उनकी बहनों ने ब्रेकफास्ट टेबल पर हमारी देर से उपस्थिति पर मुझे टोकते हुए कहा, " आपने हमारे लिए बिस्तर का इंतज़ाम करके और पिक्चर चलाने के बाद आपने हमे अपने हाल पर छोड़ दिया था और अपने साथियो को भूल कर आप पता नहीं कहाँ खो गए थे। हुमा की हालत भी मेरे जितनी ही बुरी थी, क्योंकि वह वास्तव में अभी भी जो रात में हुआ था उसी की यादो में खोई हुई थी। उसने अपना नाश्ता भी अपने कमरे में ही किया। मेरा मन ही नहीं था हुमा को छोड़ कर कही जाने का।
नाश्ते पर फूफा जी ने मुझ से पुछा की यहाँ आस पास कौन जी जगह है जहाँ घूमने जा सकते हैं। तो मैंने प्रस्ताव किया के वह ताज महल आगरा ज़रूर देखने जाए और चुकी जेन और उसकी बहने ने ताजमहल देखा भी नहीं था तो सब बहने उत्साहित हो गयी। तो अलका ने प्रस्तावित किया की सब लोग मथुरा भी जा सकते हैं। उसके बाद भारतपुर जा कर वहाँ झील पर पक्षियों को देख सकते हैं। वहाँ काफ़ी दुर्लभ पक्षी दूर देशो से आते हैं और आजकल मार्च में काफ़ी मज़ा आएगा। उसके बाद वहाँ से जयपुर भी जा सकते हैं।
जिस पर फूफा जी और सब ने कहा ठीक है देखो क्या इंतज़ाम हो सकता है। तो मैंने मेरा एक दोस्त के पिताजी जिनका टूर और ट्रेवल का काम था उनसे बोल कर एक मिनी एयर कंडिशन्ड बस और रहने घूमने और खाने पीने का सब बंदोबस्त करवा दिया और पूरा एक हफ्ते का कार्यक्रम बन गया। और फिर फूफा जी ने कहा सब लोग एक घंटे में त्यार हो जाओ। अभी निकलते हैं। तो फिर फूफा जी बुआ जी छोटी बुआ जी बुआ के सब बच्चे, रुखसाना और रूबी, मोना और टीना तीनो सहायता के लिए।
मेरा मन था कि इस समय का फायदा उठाया जाए और हुमा के पास ही रहा जाए तो मैंने कहा मुझे यहाँ कुछ काम हैं उन्हें मैं आप लोगों की अनुपस्थिति में निपटा लूँगा। चुकी हुमा की भी तबीयत ठीक नहीं है और वह भी जाना नहीं चाहती। तो ये सुन कर सब बहने और रुखसाना मुस्कुरा दी और रुखसाना बोली हाँ उसे तो बस में उलटी भी आती है वह नहीं जायेगी। मैंने रुखसाना का हाथ पकड़ कर उसे दबा कर मेरी मनोस्तिथि समझने के लिए थैंक यू कहा। तो तय हो गया चुकी मैं नहीं जा रहा तो रोज़ी भी नहीं जायेगी।
फिर जब सब त्यार हो कर सामन बाँधने चले गए तो मैं हुमा को सबके घूमने की और हमारे रुकने की बात बताई तो वह खुश हो कर मुझ से लिपट गयी। मुझे चूमते हुए बोली ये आपने-आपने बहुत अच्छा किया अब मैं बिना किसी हिचक के आप के साथ रह कर प्यार कर सकुंगी। मैं उसके साथ रुखसाना के पास धन्यवाद करने गया तो वह बोली जैसे कल रात को आप हुमा के साथ दीवाने हो कर नॉन स्टॉप सम्भोग कर रहे थे तो मैंने वही देख कर सोचा आप दोनों को एक साथ रहने का मौका दिया जाए।
दीपक मेरी बहन के साथ एक हफ्ते का चुदाई करके हनीमून मना लीजिये। फिर बता दीजिये मेरा नंबर कब आएगा तो मैंने कहा "आप भी रुक जाओ।" तो वह हसते हुए बोली मैं तो बस देखती ही रह जाऊँगी। आप दोनों एक दुसरे को छोड़ने वाले नहीं हो और इसका नमूना मैं कल रात देख ही चुकी हूँ। तो मैं क्यों बनु कबाब में हड्डी। इसलिए अभी आप दोनों मजे कीजिये और फिर बाद में मैं अपना हिस्सा आप से ज़रूर वसूल लूंगी।
फिर रुखसाना हुमा से गले लगते हुई बोली हुमा! इतने मजे मत लूटना की हमारे लिए कुछ भी न बचे।
एक घंटे बाद सब त्यार हो कर बस में बैठ कर मथुरा के लिए निकल गए और घर में केवल मैं हुमा और रोज़ी रह गए। उनके जाते ही उसने मुझे मुस्कुरा कर देखा और मैं खींचता हुआ उसके पास पहुँचा और हमारे होंठ जुड़ गए। मैंने एक ही झटके में हुमा को बिस्तर पर पटक कर उसके कपडे लगभग फाड़ते हुए उतार दिए और एक ही झटके में जोरदार धक्के के साथ अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चुत में जड़ तक घुसा दिया और तब तक तेज-तेज धक्के मारता रहा जब तक दोनों झड़ नहीं गए। फिर उस दिन दोपहर के भोजन तक हमने घर के हर कोने में एक दुसरे को चूमते रहे।
तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे मैंने हुमा के साथ एक हफ्ते तक हनीमून कैसे मनाया और हमने क्या-क्या किया आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।
आपका दीपक