दोस्त हों तो ऐसे

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Wives of close mature friends take care of a widower friend.
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विजय और हमारी बीवियां

विजय विधुर है। हमारे दो परिवार उसके सबसे करीबी दोस्त हैं। हम दोनों पति यानी कमल और सुरिंदर ६०, ६१ के हैं। विजय भी इसी उम्र का है। मेरी बीवी रीना ५६ की और हेमंत की पत्नी मधु ५८ की हैं। दोनों अब भी चुस्त और मस्त हैं। कई सालों से साथ खाते पीते, मस्ती करते, दारू पीते हम इतने करीब आ गए कि एक दूसरे के साथ चूमा चाटी से शुरु करके पूरी चुदाई तक पहुंच गए थे। इस नायाब सुख को खूब भोगते हुए मजे से जी रहे थे। विजय की पत्नी १०-१२ साल पहले कैंसर में चली गई थी। तब से वह एक बेटे के साथ अकेले जी रहा था।

हम दोनों एक दिन आपस में बात करके तय करते हैं कि बिना औरत के विजय की जिन्दगी नीरस हो रही है, वह जीने का उत्साह खो रहा है। हमें उसकी मदद करनी चाहिए। हम अपनी बीवियों से बात करते हैं कि दोनों उसके साथ समय बिताएं, उसे भी सुख दें। दोनों थोड़ी नानुकुर के बाद तैयार हो जाती हैं।

चारों उसके घर जाते हैं। सब पीते हैं। माहौल खुशनुमा है तो मैं और सुरिंदर विजय को बताते हैं कि हमने सबने तय किया है कि मधु और रीना दोनों उसे भी वही मजा देंगी जो हमें देती हैं। मैं कहता हूं- विजय तुम्हारी दूसरी, डबल सुहागरात है आज, पूरा मजा उठाओ। हम अब जा रहे हैं।

बाद में रीना और मधु मिल कर अशोक को चूमती हैं। लिपटती हैं। वह भी चूमता है, उन्हें बाहों में भर कर सहलाता है। दोनों पहले उसके कपड़े उतारती हैं मिल कर। फिर एक दूसरे के। रीना मधु का ब्लाउज़ खोलती है, ब्रा उतारती है और विजय से कहती है लो विजय, मधु के नींबू चूसो। वह अपने हाथ से मधु की छोटी छोटी चूचियां विजय के मुंह में डालती है। विजय लपक कर चूसता है, दोनों को बारी बारी से। मधु हाथ नीचे करके विजय के लटकते लंड से खेल रही है जो खड़ा हो रहा है।

थोड़ी देर चुसाने के बाद मधु कहती है, विजय मेरे नींबू चूस लिए अब इस रीना के पपीते चखो, सब भूल जाओगे। वह लपक कर रीना की टी शर्ट उतार कर फेंक देती है, ब्रा निकाल देती है और रीना के बड़े बड़े लटकते पपीते विजय की फैली आंखों के सामने लटकने लगते हैं। रीना अपने हाथ से दोनों थनों को उठा कर विजय के मुंह पर रगड़ती है, लो विजय मेरे थन पियो। विजय पागलों की तरह उनमें मुंह मारने लगता है, बड़े बड़े निपल मुंह में भर कर चूसने लगता है। इधर दोनों सहेलियां मिल कर उसके खड़े लंड को सहला रही हैं।

मधु झट से नीचे बैठ कर उसका लंड मुंह में भर कर चूसने लगती है। बेचारा सालों बाद दो-दो मस्तानी औरतों का मज़ा पाकर जन्नत में है। वह तुरंत पहले रीना को पूरी नंगी करता है, फिर मधु को। अब तीनों नंगे हैं। वह पहले जी भर कर दोनों की मेच्योर जवानियों को सब तरह से घूम कर, छू कर सहला कर देखता है फिर बारी बारी से दोनों के मुंह, गले, चूचियों, पेट, नाभी, जांघों, चूतड़ों को चूमते चाटते उनकी टांगों के बीच झांटों पर चूमने लगता है। दोनों एक दूसरे की चूचियों से खेल रही हैं, एक दूसरे को चूम रही हैं, नीचे विजय उनकी चूतों को खोल-खोल कर चूम रहा है।

फिर दोनों उसको सोफे पर बिठा कर अगल बगल बैठ जाती हैं। बारी बारी से झुक कर उसके कड़े लंड को चूसने लगती हैं। फिर साथ साथ। फिर दोनों नीचे फर्श पर बैठ कर एक साथ उसका लंड चूसती हैं। थोड़ी ही देर में उत्तेजित विजय का लंड भलभला कर झड़ने लगता है। दोनों चुदासी बीवियां उसका फेदा चाव से चाट जाती हैं। विजय कहता है, आह मधु इतना मज़ा तो मुझे जिन्दगी में कभी नहीं आया, अपनी बीवी के साथ भी नहीं। वह भी होती तो सब मिल कर मजे करते।

हां विजय, हमने भी ऐसे कभी किसी एक अकेले आदमी के साथ मज़े नहीं किए, चारों मिल कर ही करते हैं हम। पर आखिर तुम हम लोगों के दोस्त हो। दोस्त दोस्त के काम नहीं आएंगे तो कौन आएगा...हमें तुम्हारा यूं अकेले रहना अच्छा नहीं लगता था। अब जब तुम्हारा मन करे हममें से किसी से कह देना और आ जाना या बुला लेना।

फिर मधु कहती है, आज हमें भी मज़ा आ गया। चलो अब थोड़ी देर आराम करो, ताकि यह फिर खड़ा हो सके। फिर हम चुदाई करेंगे। हमारी चूतें भी प्यासी हो गई हैं।

इसके बाद तीनों ने आराम किया। विजय बीयर निकाल लाया। तीनों आराम से पीते रहे, एक दूसरे को छूते-सहलाते रहे, बातें करते रहे। विजय ने पूछा तो रीना मधु ने बताया कि कैसे कई साल पहले एक दिन अचानक साथ दारू पीते पीते चारों मस्ती में आ गए और अपनी-अपने बीवियों को चूमना-सहलाना शुरू कर दिया। फिर उनके ब्लाउज़ में हाथ डाल कर चूचियाँ मसलीं, फिर कमल को जोश आ गया तो उसने रीना का ब्लाउज़ उतार ही दिया, ब्रा निकाल दी और उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को हाथों में लेकर चूमने लगा। यह देख कर सुरिंदर ने मधु को भी ऊपर से नंगा कर दिया और उसकी छोटी चूचियों को चूमने-चूसने लगा।

दोनों बीवियाँ पहले तो संकोच करती रहीं फिर वो भी खुल कर मज़ा लेने लगीं। अपनी चूचियाँ पकड़ कर पतियों को पिलाने लगीं। चूसते हुए दोनों आदमियों ने बीवियों की जांघें भी सहलानी शुरू कर दीं। साड़ियां कमर तक ऊँची कर के नंगी कर दीं और सहलाने लगे। फिर चड्डियों के ऊपर से ही चूत सहलानी शुरू कर दी। इसपर तो दोनों औरतें मस्त हो गईं। समझ गईं कि जब चारों मूड में आ ही गए हैं तो हमें भी शर्माना छोड़ देना चाहिए।

सुरिदंर ने मधु से कहा डार्लिँग जरा कमर उठाओ तो ये कमबख्त चड्ढी उतार दूं। अब क्या छिपाना इस दोनों से? मधु ने बीयर पीते हुए चूतड़ उठाए और सुरिंदर ने चड्ढी निकाल दी। कमल ने यह देखा तो बोला यार ये चड्ढी मुझे दे दे। यह कर कर उसने ले ली और मुंह से लगा कर उसे सूँघने लगा, उसके बीच में जीभ लगा कर चाटने लगा। बोला- वाह मधु, क्या मस्त खुशबू आ रही है तुम्हारी चूत की इसमें। इसे अब मैं ही रखूंगा। यह देख कर सुरिंदर फौरन बोला- मुझे भी रीना की चड्ढी चाहिए। कितने दिनों से उसकी चूत देखने-सूंघने का मन है मेरा। कमल ने रीना से कहा, डार्लिंग अब तुम भी इस बेचारे को अपनी मस्त चूत के दर्शन कर ही दो और अपनी चड्ढी प्रेजेंट कर दो।

रीना भी मस्त थी। उसने खुद ही चड्ढी उतार कर सुरिंदर के मुंह पर फेंक दी और बोली लो सुरिंदर, सूँघ लो। दोस्ती में इतना तो करना ही पड़ता है।

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Anonymous
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3 Comments
miyanbiwimiyanbiwiabout 2 years agoAuthor

Waise kya kharab laga apko?

AnonymousAnonymousabout 2 years ago

Kafi bakwas likhte hain aap.

Radha

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