एक नौजवान के कारनामे 004

Story Info
उपहार PART 3​.
1.4k words
4.75
274
00

Part 4 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER-1

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे

परिचय-उपहार

PART 3

हम आलिंगनबद्ध हुए और मेरे हाथ उसकी पीठ पर पहुँच गए और उसके ब्लाउज की डोरियों जो मैंने अभी बाँधी थी मैंने उन्हें महसूस किया। मैंने जल्दी से उन्हें ढीला कर दिया। चूंकि यह बैकलेस चोली थी और उसने कोई ब्रा नहीं पहनी थी। उसने चोली निकालने के लिए जल्दी से अपने हाथ उठाए। वह अब पूरी तरह से ऊपर से नग्न हो गयी। मैंने उसके शानदार स्तनों को अपने हाथों में महसूस किया। वे दृढ़ और बड़े थे। उसके निपल्स लंबे और मजबूती से उभरे हुए थे। वे बच्चे के दूध पिलाने की बोतल के निपल्स की तरह लग रहे थे। वे डार्क चॉकलेट कलर के थे। (मुझे चॉकलेट बहुत पसंद है!) । उसकी निप्पल ज्यादातर महिलाओं की तुलना में काफ़ी बड़े थे। अरेला पर छोटे-छोटे दाने थे। यह स्पष्ट था कि वह भी उत्तेजित थी।

मैंने काफ़ी देर तक उसके स्तनों की दबाया सहलाया और मालिश की। उसके स्तनों का अनुभव करना एक अलग ही सुखद अनुभव था । वे ढीले नहीं हुए थे और सुदृढ़ थे साथ हो साथ नरम और लचीले थे। जब मैं उसके स्तन चूमने लगा वह अपने मन का नियंत्रण खोने लगी। मैंने जब उसके स्तन को चूमा तो उसकी हलकी-सी कराह निकली इसस। उसने मेरा सर पकड़ कर मुझे हटाना चाहा लेकिन मैं टस से मस नहीं हुआ और दोनों चुची को एक साथ चूसने और काटने लगा आशा कराहने लगी बआआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना ज़ोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। जब मैंने उसके एक निप्पल को अपने दांतों से दबाया, तो उसने बड़ी मुश्किल से कहा, "साब, प्लीज़ ..." कहते हुए वह काम्पी और झड़ गयी और मैंने उसे अपने एक हाथ से उसके पेटीकोट के ऊपर से उसे अपनी चूत पर मालिश करते हुए देखा और उसकी चूत से चुतरस बहने लगा था।

मेरा लंड उधर बेकाबू हो रहा था और मेरा तौलिया ढीला हो गया और उसने लंड की कठोरता को महसूस किया और उसका हाथ तौलिये के अंदर मेरे लिंग पर चला गया। उसने तौलिया के नीचे मेरा लंड की कठोरता को महसूस किया । उसने एक हाथ से मेरे लंड पर कुछ सेकंड के लिए फेरा और मेरा तौलिया खोला लंड को बाहर निकाल लिया। उस समय तक, मेरा लंड रोड की तरह से सख्त हो गया था। उसने इसे अपनी हथेली में लिया और कुछ समय के लिए इसे महसूस किया। उसने कहा, "हे भगवान। आपका लंड वास्तव में बड़ा हैं। आपका लंड मेरे पति से कम से कम दुगना तो है।"

वो मेरे लंड को हिलाने लगी। मैंने उसकी साड़ी को उतार दिया और उसे अपनी बाहों में उठा लिया, उसे बेडरूम में ले गया, बिस्तर पर लिटा दिया, मैं पहले उसकी बगल में लेट गया और फिर उसके ऊपर चढ़ गया। मैंने अपने ओंठो से उसके होंठ बंद कर दिए और उसे चूमने लगा। इस बार उसने चुंबन में पूरा सहयोग किया और उसने मुझे शिद्दत के साथ वापस चूमा। उसने मेरा सर पकड़ा और ज़ोर से अपनी और खींचा। उसने मेरी नग्न त्वचा को अपने बदन पर महसूस किया। अब हम दोनों ऊपर से नंगे थे।

उसने मुझे अपनी बाँहों में लपेट लिया और मेरी पीठ पर बेरहमी से हाथ फेरा तो उसके हाथो से मेरी पीठ पर खरोंच के निशान पड़ गए। मैं दर्द में चिल्लाया। यह ख़ुशी से प्रेरित दर्द था। सीधी सादी लगने वाली आशा बिस्तर में एक शेरनी की तरह थी। वह मेरी गर्दन, मेरे निपल्स, मेरे पेट, मेरी नाभि को चूमते हुए और मेरा लिंग पर पहुँच कर उसे चूमने लगी। हम अब 69 की स्थिति में थे। मैंने उसके पेटीकोट को ऊपर उठाया और उसकी योनि को चुंबन करते हुए चाटना शुरू कर दिया। उसकी चूत से जोरदार रिसाव हो रहा था। उसकी शुरुआती झिझक और उलझन गायब हो गई। वह अपने प्रेमी को संतुष्ट करने की कला में एक विशेषज्ञ की तरह थी। जिस तरह से वह मुझसे प्यार कर रही थी, मुझे पता लग गया था कि उसे सेक्स की कला में महारत हासिल है। उसने मेरे लंड को और मेरे अंडकोष को इतने कलात्मक ढंग से चूसा कि मैं लगभग झड़ने वाला था।

मैं अपने नए प्रेमिका पर एक छाप छोड़ना चाहता था और चाहता था मैं लम्बे समय तक टिकू। मैंने उसे रोका और उसका पेटीकोट निकाल दिया। उसने पैंटी नहीं पहनी हुई थी। वह अब मेरे सामने नंगी खड़ी थी। वह एक अजीब मुद्रा में थोड़ा झुकी हुई खड़ी हो गयी थी शायद अपने यौनांगो को छिपाने की कोशिश कर रही थी। उसके हाथ आधे उठे हुए थे। वह अनिश्चित थी कि हाथों से उसे अपनी उसकी नग्नता को कवर करना उचित होगा या नहीं। इस प्रक्रिया में, वह सुंदर लग रही थी। अगर उसके पास कुछ ब्यूटी ट्रीटमेंट कराने के लिए पैसे होते हैं, तो वह उन महिलाओं की तुलना में अधिक सुंदर लगेगी जिनकी वह सेवा कर रही थी।

मैंने उसे अपनी बाहों में लिया और उससे पूछा, क्या उसका उसके पति के अलावा उसका कोई अन्य प्रेमी था। उसने मासूमियत से कहा नहीं।

उसने प्यार से मेरे लंड को हाथों में पकड़ लिया। मैंने अपनी उंगलियाँ उसकी चूत में घुसा दी और ज़ोर जोर उंगलिया अंदर बाहर करने लगा। उसके पैरों के बीच बहुत गीलापन था। मेरी उंगली के कारण वह झड़ने की कगार पर पहुँच गयी। तो वह ज़ोर से चिल्लाई आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह। अब में उसको ऊँगली से लगातार चोद रहा था और वह ज़ोर से मौन कर रही अब वह चाहती थी कि मैं उसे जल्दी से चोद दू। वह लेट गयी और मैं उसके ऊपर चढ़ गया। उसने मेरे लंड को अपने एक हाथ में पकड़ कर अपने छेद पर रखा। उसने मेरे लंड के अग्रभाग को अपनी चूत के होंठों पर रगड़ा और अपनी उँगलियों से अंदर धकेल दिया। मैं उभी उत्सुकता में उसके प्यार के छेद को टटोल रहा था। जैसे ही मेरा लंड सही जगह पर पहुँचा, मैंने उसे एक जोरदार धक्के के साथ अन्दर कर दिया। मेरा लंड उसके रस और मेरे प्री-कम से पूरी तरह से चिकना हो गया था और उसके छेद में आसानी से फिसल गया और अब आधा अंदर था । उसने हाथ लगा कर देखा अभी आधा हीअंदर है तो वह मुझसे लिपट गयी।

आशा ने अपनी टाँगे मेरे चूतड़ों से और बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया उसने अपने आपको मुझे सौंप दिया। मैं उसके ओंठ चूसने लगा वह भी मेरा साथ देने लेगी

मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया आशा की टांगो ने भी मेरे चूतड़ों की नीचे की और कस लिया ओह अम्मी आशा के मुह से निकला। उसके स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया जैसे ही मेरा 8 इंची गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी में घुस गया। अन्दर और अन्दर वह चलता गया, चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वह पूरा 8 इंच अन्दर तक चला गया था। उसकी योनी मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी। उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दवाब दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चूका था । आशा भी दर्द के मारे कराहने लगी आहहहहह आएीी उउउउउइइइइइइ ओह्ह्ह्हह

मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। अनुपमा मुझे बेकरारी से चूमने चाटने लगी।

कुछ देर बाद मेरे लंड की लम्बाई के लिए उसकी चूत की मांपेशिया अभ्यस्त हो गयी और फिर इक मिनट रुकने के बाद मैंने धक्का लगाना शुरू किया।

उसे चोदना एक लम्बा अनुभव था। उसने मेरा साथ ऐसे दिया जैसे कि मैं उसका पुराना प्रेमी था। ऐसा लग रहा था जैसे वह अत्यधिक उत्तेजित हो गयी थी। मुझे नहीं पता था कि ये वास्तव में ऐसा था या वह मुझे खुश करने की कोशिश कर रही थी। मैंने उसे 20 मिनट से अधिक समय तक चोदा होगा, जब मैं झड़ने वाला था। मैंने जिज्ञासावश नीचे की और देखा। उसने कहा, " साहब मेरे अंदर हो छोड़ दो। मैं चाहती हूँ कि आप मुझे गर्भवती करें। आपके लंबे कड़े लंड ने मुझे प्रसन्न किया है और मुझे संतुष्ट किया है कि मुझे लगता है जैसे मैं आज पहली बार चुदी हूँ। आपके लंड ने अगर कोई रुकावटों थी तो उस सब को हटा दिया है।

मैंने भी लगभग एक महीने से सम्भोग नहीं किया था और मैंने अपना ढेर सारा लावा जो मैंने काफ़ी दिनों से इकठा कर रखा था उसकी योनि में भर दिया। मेरे साथ-साथ वह भी झड़ गयी। वह अपने गर्भाशय में पहुँचे मेरे वीर्य की गर्मी महसूस कर रही थी। थोड़ी देर बाद उसने मेरे नीचे से ख़ुद को उठाया और मेरे गले में अपनी बाहें लपेटकर मुझे चूमा।

कहानी जारी रहेगी

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