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Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
CHAPTER-2
एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे
मानवी-मेरी पड़ोसन
PART 2
दीवानी
उस दिन मानवी भाभी ने लंबे समय के बाद, हस्तमैथुन किया था और वह 3 बार झड़ गयी। उसे बहुत आराम मिला और उस दिन दोपहर में वह 2 घंटे तक गहरी नींद में सोती रही। शाम की सैर के दौरान, जब वह मेरे साथ पार्क की बेंच में बैठी और उसका शरीर मेरे साथ लगा तो उसे अपने शरीर के अंदर गर्मी महसूस हुई।
अगले दिन भी मानवी ने मेरा लंड देखा और एक दो दिन में ही ये अब मानवी भाभी के लिए हर सुबह की आदत बन गयी कि वह हर रोज़ सुबह-सुबह मेरा पूरा सीधा और सख्त लंड देख ले, यहाँ तक के वह मेरे लंड की दीवानी हो गई थी। लेकिन मेरी लुंगी की स्थिति और नींद में मेरे लेटने की स्थिति और मेरे लंड की स्थिति हमेशा समान नहीं होती थी, कभी-कभी लंड लुंगी के अंदर ही होता था और वह लुंगी के अंदर विशाल लंड की रूपरेखा देखती और किसी दिन, मेरा लंड उसे आंशिक रूप से दीखता था और किसी दिन वह पूरा बाहर खाद हुआ होता था दिन पर दिन लंड को ऐसे देखने से वह मेरे लंड की दीवानी हो गई।
एक सुबह लंड खड़ा हुआ लुंगी के बाहर था और फिर मानवी ख़ुद को रोक नहीं सकी।
और वह हिम्मत कर के देखने से कुछ आगे करने के लिए तैयार हो गई। वह जानती था कि सुबह के इस घंटे में, मैं गहरी नींद में था क्योंकि मैं हल्की आवाज़ में खर्राटे ले रहा था।
वह धीरे से मेरे बिस्तर के पास पहुँची और धीरे से लुंगी को इस तरह हटाया के पूरा लंड दिखने लगा अपने हाथ से उसने मेरी बालों वाली जांघ की छुआ। मुझे बेडरूम में नग्न देखकर उसके बदन में उत्तेजना बढ़ गयी। उसने तब धीरे-धीरे अपना हाथ मेरे जांघो पर तब तक घुमाया, जब तक कि उसका हाथ मेरे लंड और अंडकोषों को छूने नहीं लगा। बहुत धीरे-धीरे, उसने अपना हाथ तब तक ऊपर किया, जब तक कि मेरे सीधे खड़े लंड को उसने अपने हाथ में लेकर पकड़ न लिया।
उसने हाथ ऊपर नीचे करना शुरू किया, कभी इतना धीरे-धीरे, तो कभी उसे स्ट्रोक करने के लिए और ऐसा करते हुए वह मेरे लंड को ही देखती रही। मैंने बिल्कुल कोई भी हलचल नहीं की क्योंकि उस समय मैं गहरी नींद में आशा की चुदाई का सपना ले रहा था और मेरा नींद में नियमित सांस लेना जारी था। मानवी ने अपनी हाथों को मेरे लौड़े पर चलाना शुरू कर दीया। उसे डर भी लग रहा था कि वह मुझे जगा देगी क्योंकि उसका हाथ उत्तेजना और घबराहट से बहुत हिल रहा था। थोड़ी देर तक मेरे लंड को रगड़ने के बाद, उसे और हिम्मत मिली और उसने सोचा कि वह मेरे लंड के और करीब आ कर उसे महसूस करेगी और थोड़ा करीब आ गयी।
मुझे धीरे से सहलाते हुए, उसने मेरे लंड के सिर पर तब तक हाथ फेरा जब तक मेरा लंड मेरे पेट पर पूरी तरह से टिक नहीं गया, वो अपना मुँह मेरे लंड के चार इंच करीब तक ले आयी और फिर मैंने नींद में अपने कूल्हों को ऊपर उछाला तो मेरा लंड उसकी आँख के ठीक नीचे, उसके गाल को छू रहा थाl
वो घबरा गयी पर उसने देखा मैं अ्भी भी नींद में ही था तो उसने लंड को फिर से पकड़ा और उसका हाथ मेरी बड़ी-बड़ी गेंदों को सहला रहा था।
उसका मुँह खिड़की की और था और उसकी खुली आँखे मेरे लंड पर केंद्रित थी, इसलिए उसकी आँखें खुली थीं और खिड़कियों से परदे हेट हुए थे और कमरे में सुबह की हल्की रोशनी थी, जिसमे वह मेरे उभरे हुए विशाल खड़े हुए कठोर लंड और विशाल गेंदों को देख रही थी।
मैं स्पष्ट रूप से गहरी नींद में था, इसलिए वह मेरे लंड के साथ वहाँ खेल रही थी। वह अपने गाल के से टच हो रहे लंड की गरमी और चिकनाहट को महसूस कर रही थी, वह क़ैद थी।
तभी मानवी ने मेरे लंड को हाथ में लिया फिर वह नीचे पहुँची और अपना मुँह खोल दिया और अपने होंठों से दबा लिया। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि वह मेरे लंड को अपनी जीभ से चख रही है। मैं नींद में सपने में अपने लंड को आशा की गहरी चूत में आगे-पीछे करते हुए अपने लंड को दबा रहा था। जबकि असलियत में लंड मानवी के मुँह में था।
मेरे लंड को मुँह में भरते समय इस तरह की हरकत करने के डर से और पकड़े जाने के डर से उसे जो उत्तेजना महसूस हुई, उससे वह बेकाबू होकर कांप रही थी।
उसने मेरे लंड के आधे हिस्से को मुँह में भर लिया और उसने लंड मुंह से अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया, थोड़ी देर के बाद, मेरे लंड ने लावा उसके मुँह पर उगल दिया और वह उसके मुँह चेरे पर फ़ैल गया, मानवी को मेरे वीर्य का स्वाद थोड़ा लगा और वह सब चाट कर वहाँ से चुपचाप खिसक गयी और मेरे वीर्य का स्वाद उसको अप्रिय नहीं लगा।
अगले 2-3 दिनों तक उसने वही प्रक्रिया दोहराई और सोते हुए मेरा लंड चूसा l
2-3 दिनों के बाद, मैंने महसूस किया कि मुझे पिछली कुछ सुबह के घंटे में लगातार कई दिन आईएस सपना आया जिसमे मई स्खलित हो गया था। मुझे शक हुआ कि कुछ गड़बड़ चल रही है।
कहानी जारी रहेगी ..
दीपक कुमार