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Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
CHAPTER- 2
एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे
मानवी- मेरी पड़ोसन
PART 3
सोनू के लिए बड़े दिनों में ख़ुशी का दिन आया
जब मैंने सोनू और आशा को नौकरी पर रखा था तो उन्हें मैंने मोबाइल और सिम कार्ड खरीद कर दिए ताकि जब भी मुझे उनकी आवश्यकता हो मैं उनसे संपर्क कर सकूं।
गुरूवार की शाम सोनू बहुत प्रसन्नचित मूड में मेरे पास आया और मुझसे 2 दिनों के लिए छुट्टी मांगी। वह अपनी पत्नी आशा को देखने बड़ौदा जाना चाहता था। मैंने उससे पूछा कि आशा और उसकी माँ कैसी हैं? सोनू ने सूचित किया कि अब आशा की देखभाल के कारण उनकी सास बेहतर हैं। और फिर शरमाते हुए सोनू ने मेरे पैर को छुआ, मिठाई का डिब्बा निकाला और बताया कि आशा की मां ने उसे फोन किया है और उसे बताया है कि आशा एक महीने की गर्भवती है और वह जल्द ही पिता बन जाएगा।
मैं भी इस खबर को सुनकर बहुत खुश हुआ लेकिन उस पल में मैंने अपनी खुशी छिपा ली। मैंने सोनू को बधाई दी और सोनू को कुछ पैसे दिए और उसे मिठाई लाने को कहा जो मैं मानवी और रूपाली के परिवार को देना चाहता था क्योंकि मुझसे आशा को बच्चा होने वाला था। मैं इतना खुश था कि मैं गाना और नृत्य करना चाहता था . मैं अपनी ख़ुशी सबसे बांटना चाहता था पर मैंने किसी तरह खुद को नियंत्रित किया।
जब सोनू मिठाई लेकर आया, तो मैंने सोनू को पूजा करने के लिए एक स्थानीय मंदिर में जाने के लिए कहा और भगवान को उसे पिता बनाने के लिए धन्यवाद देने को कहा और फिर मंदिर से वापिस आने पर सोनू को रूपाली और मानवी को मिठाई देकर उनका आशीर्वाद लेने को कहा ।
फिर मैंने सोमू को कुछ पैसे दिए और उससे कहा कि आशा के लिए कपड़े और उपहार लाए और उसे उसकी वांछित छुट्टी दे दी।
मैंने सोनू को आशा को जल्द से जल्द वापस सूरत लाने के लिए भी कहा ताकि उसकी गर्भावस्था में नियमित मेडिकल जाँच हो सके। सोनू ने कहा कि वह अपनी गर्भावस्था के दौरान आशा की देखभाल के लिए अपनी सास से सूरत आने का अनुरोध करेगा । मैं भी आशा से मिलने और बधाई देने के लिए काफी उत्सुक था।
जब हम बात कर रहे थे तो आशा ने सोनू को उसके मोबाइल पर फोन किया और सोनू ने मुझे मोबाइल दिया ताकि मैं उसे बधाई दे सकूं। मैंने उसे बधाई दी तो आशा बोली ये आपका ही आशीर्वाद है जिससे वो माँ बनने वाली है . मैंने उसे कहा कि वह खुद की देखभाल करे और नियमित रूप से चिकित्सा जांच करवाए। मैं उस पल बहुत खुश थी और आशा और सोनू भी बहुत खुस थेl
मंदिर से आने के बाद जब सोनू मानवी और रुपाली भाभी को मिठाई देने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए उनके पास गया और उन्हें खुशखबरी सुनाई तो वे भी उसके लिए बहुत खुश हुई और फिर सोनू ने उन्हें बताया कि वह आशा से मिलने बड़ौदा जा रहा है और मैंने 2-3. उसे छुट्टी दे दी है । रूपाली उसकी बेटियों, मानवी और उसके बच्चे राजन और चंदा भी अपने एक पुराने दोस्त और उनके परिवार जो कभी इन अपार्टमेंट में रहते थे से मिलने बरोदा जाना चाहते थे l
दोनों मेरे पास आयी और बोली वो भी सोनू के साथ बरोदा अपने मिटो से मिलने जान चाहती हैं लेकिन इसमें मुद्दा यह था कि उनकी अनुपस्थिति में मेरे खाने का ख्याल कौन रखेगा चूँकि उस दौरान मानबी भाभी की बारी थी मेरी और मेरे घर की देखरेख करने की तो उसने रुकने का फैसला किया । मैंने कहा आप मेरी कार ले कर चले जाओ और सोनू को कार ले जाने की इजाजत दे दी ।
मैंने सोनू को जाने से अफ्ले एक बार फिर सख्त हिदायत दी के वो ख़ुशी मेंशराब न पिए और न ही शराब पीकर गाडी चलाये तो सोनू बोला उसने जिस दिन से मुझ से मिला है तब से शराब को हाथ नहीं लगाया है और अब कभी नहीं पियेगा और अपने होने वाले बच्चे की कसम खाने लगा l
तो मैंने कहा कार ठीक से चलाना अब तुम परिवार वाले हो गए हो तुम्हारी जिम्मेदारी बढ़ने वाली है।
उसके बाद सोनू रूपाली और बच्चों के साथ उसी शाम कार से बड़ौदा के लिए रवाना हो गया ।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार