एक नौजवान के कारनामे 013

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सेक्सी गदरायी हुई महिला के साथ सम्भोग.
1.3k words
4.71
251
00

Part 13 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER- 2

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे

मानवी- मेरी पड़ोसन

PART-8

राज

उसकी बात सुन कर मुझे हसी आ गयी और मैंने सोचा कि ये सेक्सी गदरायी हुई महिला ख़ुद को निर्दोष दिखाने का कितना अच्छा नाटक कर लेती है।

"मानवी भाभी, कृपया आप अब ये नाटक और पाखंड करना बंद कर दीजिये। ऐसा मत सोचिए कि मुझे हर सुबह होने वाली चीजों के बारे में जानकारी नहीं है। हर सुबह, आप मुझे छूती हैं मेरे साथ मस्ती करती हैं मेरे लंड से मस्ती करती हैं और कभी-कभी मेरा लंड को चूसती भी हैं। यहाँ तक कि आपने मेरे वीर्य को निगला भी है। अब आप मुझे स्पष्ट रूप से बताइए। क्या आप मेरे साथ सम्भोग नहीं करना चाहती हैं? और यदि आप मेरे साथ सम्भोग करना चाहती हैं तो निश्चित रूप से मैं आज आपको इस इच्छा को ज़रूर पूरा करूंगा," मैंने प्रभावशाली आवाज़ में कहा।

मेरी ये बात सुन कर मानवी भाभी स्तब्ध थी और अपनी हक़ीक़त के उजागर होने के इस अप्रत्याशित प्रहार से वह-वह पूरी तरह से गूंगी हो गयी थी और उसके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकल पा रहा था।

मुझे पता था कि मैंने बिकुल सही जगह पर चोट की थी और अब वह पूरी तरह से मेरे नियंत्रण में थी, इसलिए उसकी किसी भी प्रतिक्रिया का इंतज़ार किए बिना, मैंने झुककर उसके पैरों को चौड़ा कर दिया।

इस बीच मेरे खड़ा लंड कठोरता के कारण मेरी लुंगी से बाहर आ गया था और मानवी को सलामी दे रहा था। बल्बनुमा सिर के साथ मेरा विशाल 8 इंच लंबा और मोटा लंड उसके आँखों के सामने आ गया। एक पल के लिए मानवी कांप गई।

वह घबरा गई और कहा, "काका, मैं आपके विशाल लंड को अपने अंदर नहीं ले जा सकती, यह मुझे फाड़ देगा।"

"आप बिकुल चिंता न करे मैं आपके साथ प्यार से करूंगा भाभी, मैं धीमी गति से जाऊँगा," मैंने उसे शांत करने का प्रयास किया । मानवी भाभी सोच रही थी क्या वह मेरे मोटे लंड को अपनी चूत में फिट कर पाएगी या नहीं।

वो फिर बोली नहीं आपका बहुत बड़ा है तो मैंने कहा भाभी जब ये आपके मुँह में आसानी से चला गया तो चूत में भी चला जाएगा और फिर आप तो दो बच्चो की माँ भी हैं और आप जानती हैं चूत लंड के हिसाब से ख़ुद को समायोजित (एडजस्ट) कर लेती है इसलिए आप बिलकुल चिंता न करे l

मैंने फटाफट अपने कपड़े निकाले और नंगा हो गया और फिर अपने लंड को उसकी चुत के द्वार और चूत के दाने पर तब तक के लिए रगड़ा जब तक मुझे उसका प्रवेश द्वार नहीं मिला, जब लंड योनि के द्वार पर अटक गया तो मैंने धीरे-धीरे अंदर धकेलना शुरू कर दिया l

सबसे पहले, मैं अपने लंड को केवल एक इंच ही अंदर घुसा पाया था। बहुत गीली होने के बावजूद, उसकी योनि बहुत तंग थी क्योंकि उसकी चूत में एक लंबे समय से लंड ने प्रवेश नहीं किया था और मेरा लंड बहुत बड़ा और मोटा है। मैंने अपनी गति को धीमा कर दिया और उसकी चूत पर थोड़ा दबाब बढ़ाते हुए उसे चोट पहुँचाए बिना उसकी चूत में सरकाने लगा।

जब मेरा लंड उसकी चूत के प्रवेश द्वार से थोड़ा आगे अंदर पहुँचा, तो मैंने उसके कान में फुसफुसाते हुए कहा, " प्रिय मानवी, मैं महसूस कर सकता हूँ, तुम्हारी चूत में मेरे विशाल लंड फस-फस कर जा रहा है इससे तुम्हें कुछ मिनटों के लिए दर्द होगा। तुम घबराओ मत और फिर पहली बार उसके रस भरे होंठो को किश किया।

मानवी कुछ ज़्यादा बोलने की स्थिति में थी नहीं और बोली भी नहीं और इस बार, मैं थोड़ा पीछे हुआ इतना की लंड पूरा बाहर न निकले और ज़ोर से धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत की अंदरूनी मांसपेशियों को चीरता हुआ पूरी तरह अंदर समा गया और मानवी चीखी लेकिन उसकी चीख बाहर नहीं निकली क्योंकि मेरा मुँह उसके ओंठो को बंद किये हुए थाl

अब मेरे बालों वाले अंडकोष मानवी की गांड के चिपके हुए थे। उसके थोड़ा तेज दर्द हुआ लेकिन मैं उसे किश करने लगा और अपने हाथो को उसके स्तनों पर लेजाकर उन्हें सहलाने लगा और मैंने उसकी चूत के मेरे लंड के आकर के हिसाब से समायोजित करने के लिए इंतज़ार किया और फिर एक हल्का-सा धक्का लगा कर सुनिचित किया के लंड पूरी तरह से उसके अंदर घुस गया है, भाभी दर्द से हलके-हलके कराह रही थी । मैंने उसके स्तनों को किस किया और निप्पलों को बारी-बारी से चूसा । वह आनद लेने लगी और उसका दर्द लगभग एक मिनट बाद कम होना शुरू हो गया, तो उसने मुझे अपने पास खिंच लिया और मुझे किस की। मेरे लिए इतना इशारा काफ़ी था और मैंने लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।

कुछ ही मिनटों के भीतर, दर्द पूरी तरह से चला गया और मनवी को बहुत मज़ा आने लगा। मैं अच्छी और तेज गति से लंड अंदर-बाहर कर रहा था और वह भी अपने चूतड़ उठा कर साथ देने लगी । उसके हाथ मेरे पीठ पर चले गए और मेरे पीठ को सहलाने लगी वह मुझे अपने अंदर महसूस कर रही थी l

फिर जैसे ही उसने मेरे मोटे लंड को अपनी चूत में अंदर-बाहर होते हुए नीचे की और देखा वह ज़ोर से कराह उठी और उसे ये पता लगा वह वास्तव में चुदायी करवा रही थी, यह कोई सपना नहीं था, मेरा बड़ा लम्बा और मोटा लंड उसकी चुदाई कर रहा था जिसके वह पिछले कई दिनों से सपने देख रही थी l

एक सेक्सी महिला, दो बड़े बच्चों की मां, मानवी के साथ सेक्स करते हुए, मैं आश्चर्यजनक रूप से लंबे समय तक सम्भोग करता रहा। मैंने चुदाई करना जारी रखा, भाभी ने ख़ुद को सहजता से मेरे चारों ओरअपनी बाहो की लपेट लिया और उसकी टाँगे मेरे नितम्बो पर कस गयी । मैंने उसे मिशनरी पोजीशन में करीब एक घंटे तक चोदा, कुछ देर उसने देखा कि मैं जल्दी-जल्दी धक्के मार रहा था और झड़ने के लिए तैयार हो गया था।

वो भी क्लाइमेक्स के भी बहुत करीब थी। अंत में, जब मैं कड़ी मेहनत से ज़ोर जोर से पंप कर रहा था, वह ज़ोर से कराह लेते हुए काम्पी और झड़ गयी, मैं भी ज़ोर से कराह उठा और मैंने अपना सिर पीछे फेंक दिया और उसकी चूत के अंदर स्खलन कर दिया। मानवी ने महसूस किया कि मेरे गर्म वीर्य ने उसकी योनि को भर दिया था। मैंने लंड बाहर नहीं निकाला और तब तक पंप करता रहा जब तक मेरे लंड ने वीर्य की पिचकारी मारनी बंद नहीं कर दी, फिर मैं उस पर गिर गया। उस समय दोपहर के 1.00 बज चुके थे और उसके बाद हम दोनों उसके बिस्तर पर एक साथ नग्न ही सो गए।

कारण 2: 30 बजे मैंने महसूस किया की मानवी मेरे लंड पर दबाव डाल रहा थी और उसने मुझे चूमा तो मैं उसके चुंबन से जाग गया। मैंने देखा वह मेरे ऊपर आ गयी थी और लंड की अपनी चूत पर रगड़ रही थी मैं भी उसे फिर से चोदना चाहता था, वह वास्तव में नहीं जानती थी कि वह आख़िर क्या कर रही है । इस बार वह चाहटी थी कि वह मुझे ऊपर हो कर चोदे। मुझे जगा देखा मानवी संकोच करने लगी। उसने सिर्फ़ एक घंटे पहले मेरे साथ पहली बार सेक्स किया था, वह उतरने लगी तो मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया। उसने मेरे सख्त लंड को अपने हाथ में लिया और मेरे होंठो को चूसा।

मेरा लंड काफ़ी सख्त हो गया था, तो वह मेरे ऊपर बैठ गयी और धीरे-धीरे अपने आप को मेरे लंड पर अपनी योनि लगा कर ऊपर नीचे करने लगी। पहले से मेरे वीर्य ने उसकी योनि को अच्छी तरह से चिकनी कर रखा था और मेरे लंड इस बार पहली बार की तुलना में आसानी प्रवेश क्र गया और वह भी आराम से मेरे लंड की ऊपर कूदने लगी। पहले तो मानवी को यक़ीन नहीं हुआ कि वह कितनी आसानी से ऐसा कर पा रही है उसे डर था खोई वह उछल-उछल कर गिर तो नहीं जाएगी, लेकिन जब उसने देखा वह ये आसानी से कर पा रही है तो उसने-उसने झट से सब समझ लिया और मजे की सवारी करने लगी।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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