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Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
CHAPTER- 2
एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे
मानवी- मेरी पड़ोसन
PART-9
सुन्दर बदलाव
जब मानवी भाभी मेरे लंड की सवारी कर रही थी तो इस बीच, मैं उसके बूब्स को मसल रहा था और वह मेरे ऊपर ज़ोर जोर से उछल रही थी मैंने उसकी गांड को पकड़ लिया । उछलते हुए उसने मेरे बालों को सहलाया। कई मिनट की चुदाई के बाद, हम दोनों ज़ोर-ज़ोर से कराह रहे थे, मानवी के उछलने से बिस्तर हिल रहा था और उसके नितम्ब ज़ोर से मेरी जंघाओं से टकरा रहे थे और मैं समय-समय पर उसकी गांड पर थप्पड़ मार रहा था।
एक पल बाद, मैंने उसे यह कहते हुए लंड बाहर लिया कि मैं डॉगी स्टाइल में चोदना चाहता हूँ, मानवी झट से अपने चारो पैरो पर हो गयी और उसने बेड के फ्रेम को पकड़ लिया और मैंने उसके कूल्हों को पकड़ा और एक झटके के साथ ही मेरा लंड अंदर चला गया और मैं आगे की और झुक कर उसकी गर्दन और पीठ पर किश करने लगा और मेरे हाथ उसके स्तनों पर चले गए और स्तनों और निप्पलों से खेलने लगे फिर, मेरे स्पीड बढ़ती गयी और जब मेरी झांटे उसकी नितम्बो से टकराती थी तो ज़ोर से फट-फट की आवाज़ होने लगी। मानवी एक बार फिर से झड़ गयी और मैं उसे झड़ता देख और महसूस कर अपने आप को नियंत्रित नहीं कर सका और मैंने उसकी चूत के अंदर भारी मात्रा में शुक्राणु का स्खलन कर दिया।
फिर हम दोनों ऐसे ही बिस्तर में गिर गए और एक दूसरो को किस करते रहे फिर हम बाथरूम के अंदर गए और साथ में नहाए और नहाते समय एक-दूसरे के शरीर के हर अंग से खेले और उसके बाद हमने बाथरूम में और फिर किचन में, हॉल में, माणवी के बेड रूम में, मेरे घर के लगभग हर बेड रूम में ड्राइंग रूम में सब जगह हमने सेक्स किया। अगले 2 दिनों और एक रात हमारे प्यार और बार-बार सेक्स करने का गवाह बनी। उन्होंने खाना खाते हुए सेक्स किया, आराम किया और फिर सेक्स किया और हमने खरगोशों की तरह चुदाई की।
हमने इस तरह 2 दिन और एक रात ख़ूब चुदाई की। 2 दिन के बाद रूपाली और बच्चे रविवार शाम को लौटने वाले थे इसलिए हमनेअलग होने और चीजों को पुनर्व्यवस्थित करने का फ़ैसला किया। मैंने उसे बिदाई से पहले दोपहर में उसके बैडरूम में जब आखिरी बार चोदा और उसके बाद जब मानवी उठी और बाथरूम की ओर बढ़ी, उसकी चूत से उसकी जाँघों से होते हुए उसकी टाँगों के बीच गाढ़े शुक्राणुओं की धारा बह रही थी।
मैंने उसे चेतावनी दी, "भाबी सावधान, कही आप फिर से गिर मत जाना।" और मैं अपने फ़्लैट में लौट आया।
शाम तक रूपाली और बच्चे ड्राइवर सोनू के साथ वापस आ गए। अगली सुबह सोनू ने मुझे बताया कि आशा कुछ समय बाद सूरत वापस आएगी, जब तक वह मेरी घरेलू ज़रूरतों का ध्यान रखेगा।
जब से मानवी भाभी ने मेरे साथ सेक्स किया था, तब से उनका जीवन पहले जैसा नहीं रहा। वह अधिक ऊर्जावान, सुखद और आनंदित हो गई। उसकी दुनिया में भी बदलाव आए, यहाँ तक कि बच्चों ने भी उसके बदलावों को देखा और मह्सूस किया। पूरे दिन, वह विभिन्न सौंदर्य प्रसाधनों के साथ अपने चेहरे का मेकअप करती थी ताकि शाम तक जब मैं वापस आऊँ, तो मुझे उसका चेहरा सुंदर और आकर्षक नज़र आये, उसने हमेशा अपने हाथ से चाय का गर्म कप देकर मेरा स्वागत किया। हम दोनों एक रोमांटिक प्रेमी, एक रोमांटिक जोड़े में बदल गए।
मनवी भाभी की चुदाई करने के बाद, मैंने भी अपनी दुनिया में बदलाव देखा था। कार्यालय में काम आसान लग रहा था और मैं कम समय में अधिक निपुणता से हो रहा था। मेरे आधिकारिक कर्मचारियों ने मुझ में आये परिवर्तनों पर ध्यान दिया और बहुत प्रशंसा की। मनवी भाभी ने मेरे अलावा, हर चीज में दिलचस्पी खो दी, वह मुझसे प्यार करती थी और मुझे अपना पति मानने लगी। हम दोनों बहुत खुश थे l
दूसरी तरफ़ मैं आशा से जल्द से जल्द मिलना चाहता था। मेरी कंपनी का बड़ौदा (जो सूरत से केवल 2-3 घंटे की ड्राइव पर है) में एक सप्लायर था। मैंने अपने आधिकारिक काम के लिए बड़ौदा की एक दिन की यात्रा की योजना बनाई। जब मैंने सोनू से कहा कि हमें बड़ौदा जाना है तो वह बहुत खुश हुआ। सोनू ने मुझसे पूछा कि हम बड़ौदा में कितने समय रुकेंगे। मैंने मुस्कुरा कर कहा सोनू तुम्हारे पास आशा से मिलने का पर्याप्त समय होगा। चिंता मत करो। तब सोनू ने कहा कि उसे उसके लिए उपहार खरीदने के लिए कुछ पैसे चाहिए। मैंने उसे कुछ पैसे दिए और मेरी तरफ़ से कुछ फल और मिठाई खरीदने के लिए भी कहा।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार