Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.
You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.
Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
CHAPTER-3
एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे
रुसी युवती ऐना
PART-6
स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई
मैंने उसे पूल के पास अंधेरे में लेटा दिया, मैंने देखा उसके पूरे बदन पर हर जगह पानी की बूंदें चमक रही थीं और उसकी आँखें बंद थीं जहाँ उसकी स्तन भारी साँस के कारण ऊपर और नीचे हो रही थी। वह मेरे मेरी बड़े लड़ को पकड़ अपनी योनि के पास ले आयी और बोली ...
ऐना: दीपक प्लीज करिये न। अब रहा नहीं जाता l
मैंने कहा क्या करून l
तो वह बोली दीपक प्लीज फ़क मी नाउ l
मैंने देखा उसके माथे पर-पर कुछ पानी की बूंदें हैं मैंने धीरे चीरे उसके शरीर से पानी की वह सारी बूंदे चाट ली l
और मैंने उसके पैरों के बीच में घुटने टेक दिए, यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था कि एना की योनि लगातार तरल पदार्थ छोड़ रही थी l
हम अब तैयार थे। उसने सिर हिलाया कि अब कौमर्य खोने का समयहो गया है। मैंने उनसे वादा किया था कि मैं यथासंभव आराम से करूंगा मैंने उसके पैरों को अलग किया और बीच में आ गया।
थोड़ी देर तक लंड उसकी चुत पर रगड़ने के बाद धीरे-धीरे उसकी चूत के अंदर जाने लगा। लगभग एक चौथाई आसानी से चला गया लेकिन अब उसका हाइमन एक बाधा था। मैंने उसका मुँह अपने मुँह से बंद कर दिया और अपना लंड उसकी योनि के अंदर पूरी ताकत से धकेल दिया। मैंने महसूस किया कि उसका हाइमन मेरे लंड के साथ गुब्बारे की तरह खिंच गया और उसे दर्द होने लगा था।
मैंने एक करारा धक्का मारा और ऐना चीख पड़ी। "आााााााह" लेकिन मैं तैयार था, मैंने अपने होंठों से ऐना के होंठ बंद कर दिया था। फच्चाक की आवाज़ के साथ उसकी गीली चिकनी योनी के संकीर्ण छिद्र को फैलाता हुआ या यों कहिए चीरता हुआ मेरे लिंग का विशाल गोल अग्रभाग प्रविष्ट हो गया। "आााााह" असहनीय दर्द से ऐना की आंखों में आंसु आ गए। चंद सेकेंड रुकने के बाद मैंने फिर एक धक्का मारा, "ओहहहह मााां मर गईईईई रेेेेेेेेे" मैंने अपना मुंह उसके मुंह से हटा कर झट से एक हाथ से उसका मुहबंद किया और बोला, " प्लीज शांत रहो ऐना कहीं कोई गार्ड तुम्हारी चीख सुन कर ना आ जाए l
वो गू गु करते बोली बहुत दर्द हो रहा है मर जाऊँगी, हम दोनों किश करते रहेl
उसने मेरे होंठ काटने शुरू कर दिए, मैंने उसे धैर्य रखने का संकेत दिया। वह डर और दर्द के कारण मुझे कसके गले लगा रही थी। कुछ आंसु उसके गुलाबी गालो पर लुढ़क गए। लेकिन वह मज़बूत और उत्सुक थी।
मैं बोला ऐना तुम्हे कुछ नहीं होगा तुम सिर्फ़ मेरे लौड़े का कमाल महसूस करो और देखो, अभी ये तुम्हारी बूर में आधा घुसा है। बस थोड़ा बर्दाश्त कर लो बस एक धक्का और, अब ये देखना तुम्हे कितना मज़ा आयेगा, हुम, "" आाााहहहहह, " उसकी चीख घुट कर रह गई और मैंने एक और करारा धक्का मार दिया।
और अंत में, मैंने एक बार अपना लंड पीछे खींच कर पूरे ज़ोर से धक्क्का दिया और मेरा लंड उसके हाइमन का उल्लंघन करके उसकी योनि की में समा गया पर अभी भी लंड लगभग 2 इंच बाहर था। अब वह लड़की से महिला बन गयी थी।
उसकी आंखें फटी की फटी रह गई। , सांस जैसे रुक गयी, मेरा पूरा लिंग किसी खंज़र की तरह ऐना की योनी को ककड़ी की तरह चीरता हुआ जड़ तक समा गया था या यों कहिए कि घुस गया था। कुछ पल मैं उसी अवस्था में रुका, ऐना का कौमार्य तार-तार हो चुका था। मैंने क़िला फ़तह कर लिया था, विजयी भाव से हौले से अपना लंड मैंने बाहर निकाला, उसकी योनि में से थोड़ा-सा खून निकला। ऐना को पल भर के लिए थोड़ा सुकून की सांस लेने का मौका मिला मगर मेरे मुंह में तो जैसे खून का स्वाद लग गया था, मैंने खून से सना लिंग पूरी ताकत से दुबारा एक ही बार में भच्च से ऐना की योनी के अंदर जड़ तक ठोंक दिया। मैं उस सुख का वर्णन नहीं कर सकता जो मुझे मिला जब मेरा लंड उसकी नरम नम और मुलायम चूत के अंदर घुस रहा था।
फिर मैंने उसे थोड़ा आराम दिया और उसकी चूत में मेरे लंड की लंबाई और चौड़ाई के साथ समायोजित किया। उसके आंसू सूख गए। इस बीच हम दोनों किश करते रहे और साथ ही साथ मैं उसके स्तन और चुचकों से खेलता रहा उसके बाद, मैंने उसकी कसी हुई चूत में बहुत कोमल लेकिन गहरे झटके देने शुरू कर दिए। मैं कुछ देर ऐसे ही करता रहा l
फिर लव यू ऐना बोलते-बोलते मैंने फिर लंड को निकाल कर ठोका, मैं अब ठोकने की रफ़्तार धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था और उसके सीने को दबा रहा था, , निचोड़ रहा था, चूस रहा था और उसे भी अब चुदाई में मज़ा आ रहा था और वह रोमांचित हो रही थी। उसे कुछ देर बाद दर्द की जगह जन्नत का अनंद मिल रहा था, हर धक्के के साथ वह मस्ती से भरती जा रही थी।
वो कराह रही थी "आह जानू, ओह राजा, आााााााा, हाँ हाहं, हाय राज्ज्जााााा, आााााहअम्म्मााााा," पता नहीं और क्या-क्या उसके मुंह से निकल रहा था। वह भी नीचे से चूतड़ उछाल-उछाल कर बेसाख्ता धक्के का जवाब धक्के से देने लगी। नीचे से उसकी कमर चल रही थी, वह अपनी योनी उछाल रही थी। अब हम दोनों चुदाई का आनंद ले रहे थे। "चोोोोोोोोोोोद राजाााााााा चोोोोोोोोद," फ़क मी ज़ोर से चोदो कह वह मुझे तेज-तेज करने को उकसा रही थी l
मेरे मुंह से भी मस्ती भरी बातों निकल रही थी, वह पगली की तरह अपने बुर में घपाघप लंड पेलवा रही थी और यह दौर करीब 15 मिनट तक चला कि अचानक ऐना का पूरा बदर थरथराने लगा, उधर मैं भी पूरी रफ़्तार और ताकत से ऐना की चूत की धमाधम किए जा रहा थाकि अचानक हम दोनों नें एक दूसरे को कस कर इस तरह जकड़ लिया मानो एक दूसरे में समा हीके दम लेंगे और फिर वह अद्भुत आनंददायक पल, मुझे महसूस होने लगा कि उसकी चूत में मेरा गरमा गरमलावा गिर रहा है, वह भी मेरे साथ ही झड़ती हुई चरम अनंद में मुझ से चिपक गई, हम दोनों मानो पूरी ताकत से एकदूसरे में आत्मसात हो जाने की ज़ोर आजमाईश में गुत्थमगुत्था थे, यह स्थिति करीब 1 मिनट तक रहा फिर मैं उसके ऊपर निढाल हो गया और ऐना भी चरम सुख में आंखें मूंदे निढाल पड़ गई।
तभी जूही वहाँ आयी और हम दोनों को मुबारकवाद दी और फिर वहाँ से चली गयी l
कुछ देर बाद मैंने एक छोटे से तौलिया का उपयोग करके लंड को और उसकी योनि को साफ़ किया और फिर से उसे चोदने के लिए ख़ुद को तैनात किया। इस बार यह थोड़ा आसान था। उसे भी मज़ा आया मेरा लंड इस बार उसकी चूत जो अब कुंवारी नहीं रही थी के अंदर एक झटके में ही गहरे उतर गया। उसकी चूत की दीवारें अब मेरे लंड को चूसने लगी थी।
मैं लंड को अंदर बाहर करने लगा पर जब मैं चरम पर पहुँचा तो और मैंने अपना वीर्य का कुछ किस्सा उसकी योनि में छोड़ा और कुछ हिंसा उसके मुँह पर पेट पर और थोड़ा उसके स्तन पर भी छिड़क दिया। मैं उसे अपने वीर्य में भीगता हुआ देखता रहा और वह इसमें बहुत प्यारी लग रही थी। वह खुश थी कि मैंने उसका खाता खोल दिया था। उसने मेरे वीर्य की वह सारी बूंदे चाट ली l
मैंने फिर से अपना लिंग उसकी योनि में डाला और नीचे झुक कर उसके स्तनों को अपने मुँह में ले लिया, मेरी जीभ ने ऐना के निपल्स पर फिर से घूमना शुरू कर दिया l
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार