एक नौजवान के कारनामे 029

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रुसी युवती ऐना के साथ पूल के पानी में चुदाई.
1.3k words
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346
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Part 29 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER-3

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे

रुसी युवती ऐना

PART-7

पूल के पानी में चुदाई

एना ने अपनी आँखें खोलीं और मुस्कुराते हुए कहा "दीपक आप बहुत अच्छी चुदाई करते हैं और अच्छे प्रेमी हैं, मैंने अपने जीवन में कभी इतना अच्छा महसूस नहीं किया। , जूही बहुत क़िस्मत वाली है!"

इस पर मैं चौंका और मैंने कहा एना आपको पता होना चाहिए कि मैं और जूही केवल दोस्त हैं।

एना ने मुस्कुराते हुए कहा दीपक तुम नहीं जानते कि जूही तुम्हे बहुत पसंद और प्यार करती है और मुझे पता है कि तुम उसे बहुत खुश कर दोगो।

मुझे यह जानकर सुखद आश्चर्य हुआ कि जूही मुझे प्यार करती है और साथ ही ये हैरानी भी हुई के मुझे ये पता क्यों नहीं चला की ही मुझे प्यार करती है।

मैंने सोचा जूही से बाद में निपटते हैं और से दंड पेलते हैं उस तरह से दोनों हाथ रख कर ऐना के ऊपर आ कर मैं ऐना की योनि के पास अपने कूल्हों को नीचे लाया और उसकी योनि को अपने लिंग से रगड़ दिया, एना कराह के साथ चरमोत्कर्ष पर पहुँच गई, उसके उबलते हुए तरल पदार्थ मेरे लिंग के चारों ओर तथा मेरी गेंदों के कुछ हिस्से पर भी फ़ैल गए थे और मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया।

कुछ देर तक निरंतर उसके स्तन, निपल पर मैंने चुंबन किये, मैंने उसके चमकते हुए होंठ चूसने के बाद के बाद, उसके कान और गालों पर चुम्बन करते हुए मैंने उसकी योनि के अंदर मेरे लिंग को डाला एना कररह उठी "ऊऊऊऊप्स" मेरे लिंग पर उसकी योनि का अब पूरा नियंत्रण था और उसकी तंग योनि ने मेरे लंड को जकड़ लिया, मैं उसके कान में बड़बड़ाया "मेरी प्यारी एना?" उसने कोई जवाब नहीं दिया बल्कि वह मेरे लिंग के हर धक्के का आनंद ले रही थी।

मैंने अपना लिंग उसकी योनि से बाहर निकाल लिया और बहुत तेज़ी से मैंने उसकी योनि में फिर से-से घुसा दिया और कुछ तेज स्ट्रोक लगाए, ऐना ने बार-बार मेरे लिंग के चारों ओर अपना तरल पदार्थ का विस्फोट किया।

मैं हर बार अपने लिंग को पूरा बाहर ले गया और पूरी तरह से उसके अंदर घुसा दिया मेरे लिंग पूरा प्रवेश करने के बाद भी अपनी विशाल लंबाई के कारण उसकी योनि के लगभग 2 इंच बाहर था। एना ने अपनी आँखें बंद कर लीं और उसके होंठ जहाँ मुस्कुराहट और वह धीरे-धीरे कराह रही थी, मैंने अपनी गति बढ़ा दी है, वह चरमोत्कर्ष पर पहुँच कर मजे के साथ चिल्लाना शुरू कर दिया था और मुझे यक़ीन था कि इस बार गेट में बाहर सुरक्षा गार्ड ने ये चिलाने की आवाज़ को ज़रूर सुना होगा, मुझे पता था कि इस क्षेत्र में पहुँचने में समय लगेगा इसलिए मैंने गति बढ़ा दी।

मैं अपने होठ ऐना के ओंठो पर रख कर उसे किश करने लगा और धक्के लगाने जारी रखे और मैंने देखा की गार्ड इधर ही आ रहे थे तो रास्ते में ही जूही ने उन्हें रोका और उन्हें वापस जाने को कहा क्योंकि पूल पर उसने देख लिया है वहा सब ठीक था।

मैं--ऐना पानी में जाकर चोदने का मन कर रहा है।

ऐना-ओओओओओहहहहह...तो ले चलिए न, जैसे मर्जी वैसे चोदिये, ख़ूब चोदिये, , ये चूत सिर्फ़ आपके लिए है, चोदिये मेरे दीपक, ले चलिए मुझे...लेकिन मेरे जानू मेरी बूर खाली नहीं होनी चाहिए अब, जब तक मैं तीसरी बार तृप्ति न पा लूं, कुछ इस तरह ले चलो।

मैं बनते हुए-ओह!

ऐना-मेरे सैयाँ, पूल के पानी में इस तरह ले चलो की आपका मूसल लंड मेरी चूत से न निकले और पूल में जाने से पहले एक चक्क्रर पूरे पूल का लगाओ फिर पूल की पानी में जाना।

मैं-ओह! मेरी जान, जैसा तुम कहो।

फिर मैं ऐना को गोद में लिए-लिए उठ बैठा, बैठने से लंड बूर में और धंस गया, उसके बाद मैं ऐना को लिए-लिए खड़ा हो गया, मैंने ऐना को उठाकर गोद में बैठा लिया और अपने दोनों हांथों से नितम्बों को थाम लिए, ऐना ने अपनी दोनों टांगें मेरी गोद में चढ़कर मेरी कमर पर कैंची की तरह लपेटते हुए, मुझसे कस के लिपटते हुए, कराहते हुए, ज़ोर से सिसकारते हुए, मेरे कंधों पर मीठे दर्द की अनुभूति में चूमते और चूसते हुए मेरे विशाल लन्ड पर अपनी रस टपकाती बूर रखकर बैठती चली गयी, लन्ड फिसलता हुआ बूर की गहराई के आखरी छोर पर जा टकराया, क्योंकि ऐना के मखमली बदन का पूरा भार अब केवल मेरे लंड पर था, इतनी गहराई तक लन्ड अब पहली बार घुसा था हम दोनों काफ़ी देर तक उन अंदरूनी अनछुई जगहों को आज पहली बार छूकर परम आनंद खो गये।

मैं पूल के किनारे ऐना को उसके नितम्बों से पकड़कर अपनी कमर तक उठाये उसकी रसभरी बूर में अपना लन्ड घुसेड़े, उसकी बूर की मखमली अंदरूनी नरम-नरम अत्यंत गहराई का असीम सुख लेता हुआ खड़ा था, इसी तरह ऐना मेरी कमर में अपने पैर लपेटे मेरे लंड पर बैठी, कस के लिपटी हुई परम आनंद की अनुभूति प्राप्त कर कराह रही थी।

कुछ देर ऐसे ही यौन मिलन के आनंद में खोए रहने के बाद मैं चालने लगा, चलने से लन्ड और इधर उधर हिल रहा था जिससे ऐना बार-बार चिहुँक चिहुँक कर हाय-हाय करने लग जा रही थी। पूल का पूरा चक्कर लगभग 100 मीटर का था।

मैं ऐना को अपनी गोद में बैठाये पूल के चारो तरफ़ चलने लगा, चलने से लंड बूर की गहराई में अच्छे से ठोकरें मारने लगा, ऐना सिस्कार-सिस्कार के बदहवास हो गयी, उसे अपनी बूर की गहराई में गुदगुदी-सी होने लगी, एक बार तो ऐसा लगा कि वह थरथरा कर झड़ जाएगी तो उसने मुझ से कहा-ओओओओओओओओहहहहहहहहहहहहह...प्लीज दीपक थोड़ा रूको।

मैं रुक गया ऐना मुझे कस के पकड़कर सिसकते हुए अपनी जाँघे भीचते हुए अपने को झड़ने से रोकने लगी मैं फिर चलने लगा औरजहाँ से चला था वहीँ वापिस पहुँचा और दोनों नीचे बैठे फिर योनि में ही लंड डाले हुए दोनों लेट गए।

उसकी योनि के अंदर मेरे लिंग डाले हुए ही 6 बार रोल हुए पलटे और दोनों पूल में गिर गए। इस रोलिंग के दौरान भी मेरा लिंग उसके अंदर और बाहर होता रहा और हमारे गिरने के समय ऐना ने एक बार फिर से मेरे लंडपर ज़ोर से कराहते हुए अपना चुतरस छोड़ दिया।

मैंने एना को अब पानी के अंदर ही लंड अंदर रखते हुए गोदी में उठा लिया है और मैं पानी में चलते हुए दूसरे छोर पर पहुँच गया वह भारी सांस ले रहा थी और ज़ोर जोर से कराह रही थी मुझे एक बार फिर लगा कहीं गार्ड न आ जाए।

जैसे-जैसे मैं पूल के कोने पर पहुँचा हूँ, मैंने उसे उठा लिया और उसे पूल के कोने में सीढ़ी के पास खड़ा कर दिया और अपने लिंग को फिर से उसकी योनि के अंदर और बाहर करना शुरू कर दिया।

एना आनंद में खोई हुई लग रही थी है, उसकी आँखें लाल थीं और कुछ और ज़ोर लगाने के बाद मैंने अपने वीर्य को उसकी योनि के अंदर डिस्चार्ज कर दिया जबकि उसका मुँह मैंने अपने मुँह से बंद किया हुआ था।

फिर मैंने उसे अपनी बाँहों में ले लिया और उसे गले से लगा लिया।

तभी मैंने दो गार्डों को यह कहते हुए सुना-देखो यहाँ फ़र्श पर एक पैंटी और ब्रा पड़ी है"दूसरे ने कहा" यहाँ पुरुष का लोअर स्विम वियर भी पड़ा हुआ है, लगता है कोई भूल गया है या यहाँ कोई है? "अन्य ने उत्तर दिया" ठीक है हम चेंज रूम में एक बार जांच कर लेते हैं " और दोनों वहाँ से चले गए।

मैं नग्न एना को उठा पानी से बाहर निकला और पूल के पास अँधेरे वाले क्षेत्र में लेटाया। एना की आंखें बंद थीं। मैं झुका और उसे उसके अद्भुत होठों में चूमा, उसनेअपनी आँखों को आधा खोला और एक मुस्कराहट दी और मेरे हाथ को पकड़ा और अपने स्तनों पर रखा। मैं उसके पास कुछ देर तक बैठा रहा और उसके कान में पूछा, "क्या हम चले?" उसने अपनी आँखें खोलीं और कहा कि चलो मेरे कमरे में चलते हैं।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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