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CHAPTER 5-चौथा दिन-कुंवारी लड़की
Update-4
सुंदरता का आकर्षण
नंदिनी को देखकर मैं मुस्कुरायी और वह भी मुस्कुरा दी। मैं सोचने लगी की तुम क्या जानो तुम्हारा पति मेरे साथ इतनी देर से क्या कर रहा था। नंदिनी सफेद साड़ी ब्लाउज में थी। समीर और नंदिनी अग्निकुण्ड के सामने साथ बैठे हुए थे । अग्निकुण्ड के दूसरी तरफ़ गुरुजी बैठे हुए थे।
गुरुजी--नंदिनी, अभी तक कुमार ने काजल बेटी के लिए प्रार्थना की है। इस यज्ञ में माध्यम की ज़रूरत पड़ती है जो तुम्हारी प्रार्थना को अग्निदेव और लिंगा महाराज तक पहुँचाएगा। तुम्हारे लिए समीर माध्यम का काम करेगा।
नंदिनी--ठीक है गुरुजीl
गुरुजी--रश्मि, अगर तुम चाहो तो थोड़ी देर आराम कर सकती हो क्यूंकी अभी यज्ञ में तुम्हारी ज़रूरत नहीं है।
मैंने सोचा ठीक है थोड़ी देर ड्राइंग रूम में बैठ जाती हूँ। लेकिन मुझे ध्यान आया की वहाँ तो गुप्ताजी भी होगा और उसकी बीवी तो यहाँ बैठी है तो वह मुझे ज़रूर परेशान करेगा। लेकिन पूजा घर में धुएँ और गर्मी से मेरा मन वहाँ बैठने का भी नहीं हो रहा था ख़ासकर की जब यज्ञ में मेरी ज़रूरत भी नहीं थी।
नंदिनी--तुम अगर चाहो तो मेरी बेटी के साथ थोड़ा समय बिता सकती हो। वह भी बोर हो रही होगी।
ये मुझे ठीक लगा क्यूंकी बेटी के साथ रहूंगी तो गुप्ताजी भी मुझे परेशान नहीं कर पाएगा।
"ठीक है। कहाँ है वह?"
नंदिनी--तुम सीढ़ियों से नीचे उतरकर गैलरी में सीधे ड्राइंग रूम में जाने की बजाय बायीं तरफ़ वाले कमरे में जाना। काजल अपने कमरे में होगी।
"ठीक है। गुरुजी तो मैं।"
गुरुजी--ज़रूर रश्मि। तुम काजल बेटी के साथ बातें करो तब तक मैं नंदिनी की पूजा करवाता हूँ।
मैंने सर हिलाकर हामी भरी और पूजा घर से बाहर आ गयी। मुझे बहुत उत्सुकता हो रही थी की गुरुजी और समीर के सामने नंदिनी कैसे पूजा करेगी? माध्यम अब समीर होगा तो नंदिनी को क्या करना होगा? ना जाने क्यूँ पर मुझे फिर से इस तरह की फालतू उत्सुकता हो रही थी । लेकिन जो भी हो अब तो मैं पूजा घर से बाहर आ चुकी थी तो नंदिनी को देख नहीं सकती थी। लेकिन मन कर रहा था कि पूजा घर में चुपचाप कहीं से झाँककर देखूं। मैं चलते जा रही थी पर मन पूजा घर में ही अटका हुआ था फिर सीढ़ियाँ उतरकर मैं गैलरी में आ गयी। मैं बायीं तरफ़ काजल के कमरे की ओर जाने लगी तभी एक आदमी दिखा जो शायद इनका नौकर था।
"काजल का कमरा कौन-सा है?"
नौकर ने कमरे के दरवाज़े की तरफ़ इशारा किया ।
"धन्यवाद।"
फिर नौकर चला गया और मैंने कमरे का दरवाज़ा खटखटाया। लेकिन कोई जवाब नहीं आया तो मैंने दुबारा खटखटा दिया।
काजल--कौन है?
अंदर से चिड़चिड़ी आवाज़ में उसने पूछा। साफ़ जाहिर था कि दरवाज़ा खटखटाना उसे पसंद नहीं आया था। मैं सोचने लगी की क्या जवाब दूँ क्यूंकी मेरे नाम से तो वह मुझे पहचानेगी नहीं। तभी उसने थोड़ा-सा दरवाज़ा खोला और पर्दे से चेहरा बाहर निकालकर झाँका।
काजल--ओह......आंटी आप हो । मैंने सोचा!
उसने अपनी बात पूरी नहीं की और मेरे लिए दरवाज़ा खोल दिया।
"तुम्हारी मम्मी अभी यज्ञ में बिज़ी हैं इसलिए मैंने सोचा तुम्हारे साथ थोड़ा समय बिता लूँ।"
काजल मुस्कुरायी और मेरे अंदर आने के बाद उसने दरवाज़ा बंद कर दिया। उसका कमरा काफ़ी बड़ा था और उसमें फर्नीचर भी बढ़िया लगा हुआ था, टीवी, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स वगैरह भी थे। कमरे में चारों तरफ़ देखने के बाद मैंने काजल की तरफ़ ध्यान दिया तो मुझे हैरानी हुई की उसने अपने सफेद सूट का सलवार नहीं पहना हुआ था और वह सिर्फ़ सफेद कुर्ते में थी। कुर्ता उसके घुटनों तक लंबा था इसलिए पहले मेरी नज़र नहीं पड़ी थी । मैं सोचने लगी की ये ऐसे क्यूँ खड़ी है, थोड़ी देर पहले तो सफेद सूट में थी।
काजल--आंटी, आप गुरुजी के साथ कब से हो?
"बस कुछ ही दिनों से।"
बोलते समय काजल कुछ असहज दिख रही थी और गहरी साँसें ले रही थी। गहरी साँसें लेने से उसके टाइट कुर्ते में चूचियाँ ऊपर नीचे हिल रही थीं।
"तुम्हारी पढ़ाई में क्या दिक्कत आ रही है?"
मैंने सोफे में बैठते हुए पूछा। काजल अभी भी खड़ी थी और कुछ हिचकिचा रही थी। मैंने प्रश्नवाचक निगाहों से उसे देखा।
काजल--आंटी, आप बैठो। मैं बाथरूम होकर आती हूँ। असल में मैं बाथरूम ही जा रही थी और इसीलिए सलवार भी उतार दी थी।
"ओह...... अच्छा। ठीक है। तुम जाओ. मेरे लिए टीवी ऑन कर दो।"
तभी मैंने देखा की टीवी के नीचे रखा हुआ वीडियो प्लेयर ऑन है।
"तुम कोई मूवी देख रही थी क्या?"
मेरे सवाल से काजल के चेहरे का रंग उड़ गया। वह कुछ परेशान-सी दिख रही थी।
"आपको कैसे पता चला की मैं।"
"वो वीडियो प्लेयर ऑन है ना, इसलिए मैंने पूछ लिया।"
काजल--ओह!
उसने ऐसी आवाज़ में कहा जैसे कि उससे कोई भूल हो गयी हो। मैंने देखा की टीवी तो ऑफ है । अब मैं समझ गयी थी की काजल कोई मूवी देख रही थी और मेरे दरवाज़ा खटखटाने से उसे डिस्टर्ब हुआ होगा तभी वह थोड़ा इरिटेट हो गयी थी और जब उसने मेरे लिए दरवाज़ा खोला तो टीवी ऑफ कर दिया पर वीडियो प्लेयर ऑफ करना भूल गयी थी। काजल की हालत ऐसी हो रखी थी जैसे उसकी कोई चोरी पकड़ी गयी हो । अब उसने बात टालने की कोशिश की।
काजल--हाँ आंटी, लेकिन वह बड़ी बोरिंग मूवी थी। मैं आपके लिए टीवी ऑन कर देती हूँ।
अब तो मुझे बड़ी उत्सुकता होने लगी थी की काजल कौन-सी मूवी देख रही थी जो मुझसे छुपा रही है। कह तो रही थी की मैं बाथरूम जा रही थी इसलिए सलवार उतार दी है लेकिन मुझे उसकी बात पर भरोसा नहीं हो रहा था। वह टीवी ऑन करने गयी तो मैंने उसके कुर्ते के कट में से देखा की उसने गुलाबी पैंटी पहनी हुई थी। वैसे तो मैं जो सलवार कमीज़ पहनती थी उनमें जो साइड्स में कट होता था वह कमर से थोड़ा नीचे तक होता था । लेकिन काजल के कुर्ते का कट उसकी कमर से भी ऊपर था और साइड्स से उसकी पैंटी का काफ़ी हिस्सा दिख रहा था। मैंने मन ही मन उसके आकर्षक बदन की तारीफ की।
"क्या नाम है मूवी का?"
काजल--आंटी, ये एक डब्ड मूवी है। बहुत स्लो है, आपको पसंद नहीं आएगी।
मैं सब समझ रही थी की काजल पूरी कोशिश कर रही है कि मैं वह मूवी ना देखूँ। लेकिन अब तो मुझे देखनी ही थी की आख़िर उसमें ऐसा क्या है।
"काजल, टाइमपास ही तो करना है। 10--15 मिनट में तो गुरुजी तुम्हें बुला लेंगे। तब तक जो तुम देख रही थी उसी को देख लेते हैं।"
मैंने काजल के लिए कोई चारा नहीं छोड़ा और उसने अनमने मन से टीवी ऑन कर दिया। फिर वह जल्दी से अपना सफेद सलवार लेकर अटैच्ड बाथरूम में भाग गयी। मैंने टीवी स्क्रीन पर ध्यान लगाया और कुछ झिलमिलाहट के बाद मूवी जहाँ पर रुकी थी वहीं से स्टार्ट हो गयी।
"ओह्ह ।"
पहले ही सीन में जबरदस्त चुम्मा चाटी चल रही थी। हीरो ने हीरोइन को अपने आलिंगन में पकड़ा हुआ था और उसके होठों को चूस रहा था। हीरोइन भी उसकी पीठ पर हाथ फिरा रही थी और उसके बाल खींच रही थी। वह दोनों एक कमरे में खड़े थे। वह हॉट सीन था, हीरोइन ने थोड़े से कपड़े पहने हुए थे और हीरो उसको हर जगह छू रहा था। कैमरा हीरोइन की पीठ दिखा रहा था और फिर साइड पोज़ से दिखा रहा था। कभी चुंबन का क्लोज़ अप दिखा रहा था। हीरोइन ने चोली पहन रखी थी जो उसकी बड़ी चूचियों को सम्हाल नहीं पा रही थी और छोटी-सी स्कर्ट में उसके बड़े नितंब दिख रहे थे। हीरोइन ने ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी और उन छोटे कपड़ो में बहुत सेक्सी लग रही थी। वह बहुत लंबा चुंबन दृश्य था और वह दोनों एक दूसरे के बदन में हर जगह हाथ फिरा रहे थे । कैमरा हीरोइन के बदन पर फोकस कर रहा था और हीरो वह सब कुछ कर रहा था जो थोड़ी देर पहले बाथरूम में गुप्ताजी मेरे साथ कर रहा था।
अब मैं समझ गयी थी की क्यूँ काजल की साँसें उखड़ी हुई थीं और उसने सलवार क्यूँ उतार दी थी। शायद वह चूत में उंगली कर रही थी जब मैंने दरवाज़ा खटखटा दिया। वह एक डब्ड साउथ इंडियन बी-ग्रेड मूवी थी और उसमें एक से एक हॉट सीन आ रहे थे। फिर हीरोइन ने अपनी चोली भी उतार दी और टॉपलेस हो गयी। अपनेआप मेरे हाथ मेरी चूचियों पर चले गये और ब्लाउज के बाहर से मेरे निप्पल को छुआ। मेरे कान गरम हो गये और मेरी साँसें भी काजल की तरह भारी हो गयीं। मैं काजल से 10 साल बड़ी थी लेकिन दोनों पर मूवी का असर एक जैसा था।
मैंने ऐसी फ़िल्म कम ही देखी थी। शादी के शुरुवाती दिनों में राजेश ने मुझे कुछ पॉर्न फ़िल्म्स दिखाई थीं लेकिन वह सब इंग्लिश थीं। उन सभी में सब कुछ सीधे-सीधे शुरू हो जाता था, फ़िल्म शुरू होते ही लड़की तुरंत कपड़े उतार देती थी, मर्द भी नंगा हो जाता था और सीधे चुदाई शुरू। लेकिन ऐसे देसी मसाला वीडियो मैंने कम ही देखे थे। उन अँग्रेज़ी पॉर्न फ़िल्म्स की बजाय ऐसी देसी फ़िल्म को देखकर मुझे ज़्यादा मज़ा आ रहा था जिसमें सीधे चुदाई की बजाय चूमना चाटना और एक दूसरे के बदन पर हाथ फिराना ये सब हो रहा था।
अब हीरोइन ने सिर्फ़ एक काली पैंटी पहनी हुई थी और वह बेशर्मी से अपनी बड़ी चूचियों का प्रदर्शन कर रही थी। हीरो भी अब सिर्फ़ एक चड्डी में था और उसका खड़ा लंड देखकर मुझे बेचैनी होने लगी। तभी उस कमरे का दरवाज़ा खुला और एक और लड़की आ गयी जो हीरोइन की बहन थी और दोनों लड़कियाँ हीरो को प्यार करती थीं। हीरो ने दरवाज़ा बंद कर दिया और बिना देर किए उस लड़की के कपड़े भी उतार दिए. अब हीरो को आगे से नयी लड़की ने आलिंगन किया हुआ था जो सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी और पीछे से हीरोइन ने जो सिर्फ़ पैंटी में थी। दोनों लड़कियाँ हीरो के बदन से अपनी बड़ी चूचियों को दबा रही थी।
"ओह्ह! हे भगवान! "
ऐसा हॉट सीन चल रहा था तभी बाथरूम का दरवाज़ा खुला और काजल कमरे में आ गयी। मैंने देखा उसकी नज़रें भी टीवी स्क्रीन पर जम गयीं। ऐसा गरम सीन देखकर किसी भी जवान लड़की या औरत के निप्पल खड़े हो जाएँगे। लेकिन मैं इस लड़की के साथ ऐसी नंगी फ़िल्म नहीं देख सकती थी, वैसे सच कहूँ तो मेरा उस मूवी को देखते रहने का मन हो रहा था।
"ये क्या है? ऐसी मूवी देखती हो तुम?"
काजल तुरंत माफी माँगने लगी।
काजल--आंटी मेरा विश्वास करो, मुझे नहीं मालूम था ये ऐसी फ़िल्म है। मेरे भाई ने लाकर दी और अकेले में देखना बोला। आंटी प्लीज़, मम्मी पापा को मत बताना।
"भाई?"
काजल--वह मेरे ताऊजी का लड़का है। कॉलेज में पढ़ता है।
काजल बहुत नर्वस हो गयी थी और उसने मेरे पास आकर मेरे हाथ पकड़ लिए l
"तुम्हारे मम्मी पापा तुम्हारी पढ़ाई को लेकर इतना परेशान हैं और तुम इन गंदी चीज़ों में वक़्त बर्बाद कर रही हो।"
मैं उसके साथ सख्ती से पेश आई तो वह मेरे गले लग कर रोने लगी। वह मेरे ऊपर झुकी हुई थी और उसकी टाइट चूचियाँ मेरे हाथों को छू रही थीं उनको देखकर मुझे अपने स्कूल के दिनों की याद आ गयी। मैं भी 12वीं में आकर्षक लगती थी लेकिन काजल ज़्यादा सुंदर लग रही थी।
"काजल, मासूम बनने की कोशिश मत करो। तुम कोई छोटी बच्ची नहीं हो।"
मैंने उसे अपने बदन से हटाने की कोशिश की। वह अभी भी मेरे ऊपर झुकी हुई थी और अपनी आँखें पोंछ रही थी। सुबकने से उसकी साँसें भारी हो गयीं और उसके टाइट कुर्ते से जवान चूचियाँ बाहर को उभर आयीं।
पता नहीं मेरे दिमाग़ में क्या आया की मैंने एक सख़्त टीचर की तरह व्यवहार करना शुरू कर दिया जिसने अपने किसी स्टूडेंट को ग़लती करते हुए पकड़ लिया हो। क्या मुझे उसके आकर्षक बदन से ईर्ष्या हुई या इस बात से की उसका चेहरा मुझसे ज़्यादा सुंदर है या फिर अभी वह मेरे सामने विनती करने की हालत में थी? मुझे नहीं मालूम क्यूँ पर मैंने उसके साथ सख्ती से व्यव्हार किया।
"बस बहुत हो गया। अब सीधी खड़ी रहो।"
काजल के बाथरूम से बाहर आने के बाद मैंने मूवी को पॉज़ कर दिया था। अब काजल सीधी खड़ी हो गयी और नज़रें झुका लीं।
"काजल, मुझे सच बताओ और मैं तुम्हारी मम्मी को कुछ नहीं बताऊँगी। मैंने थोड़ी-सी मूवी देखी लेकिन तुमने तो पूरी देखी होगी ना?"
काजल ने नजरें नीचे किए हुए ही सर हाँ में हिला दिया।
"तो फिर मुझे इसकी पूरी स्टोरी बताओ."
काजल--आंटी ये तो । मेरा मतलब इसमें तो ज़्यादातर ।
वो हकलाने लगी।
"जो भी स्टोरी है मुझे बताओ l"
काजल--ठीक है आंटी. लेकिन प्लीज़ गुस्सा मत होना। मैं बताती हूँ। एक लड़की अपने परिवार के साथ समुंदर किनारे घूमने आती है। उसकी दो बहनें भी साथ में होती हैं। यहाँ एक दूसरे ग्रुप से उनकी मुलाकात होती है। तीनो बहनों का तीन लड़कों से अफेयर चलता है और उनके पेरेंट्स का भी दूसरों से अफेयर चलता है। आंटी स्टोरी में कुछ नहीं है बस यही है।
काजल ने पूरी स्टोरी सर झुकाकर ही सुना दी और इस प्यारी लड़की को मेरे आगे दबते देखकर मुझे मज़ा आ रहा था। अभी वह पूरी तरह से मेरे काबू में थी।
"कौन-सा पार्ट तुम्हें सबसे अच्छा लगा, काजल?"
काजल--आंटी, मैंने आपको बताया ना की ये बहुत बोरिंग मूवी है। सारे उस टाइप के सीन भरे पड़े हैं इसमें। मुझे बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी।
"तो फिर तुमने अपनी सलवार क्यूँ उतार दी थी?"
काजल--आंटी वह । मैंने बताया तो था कि मैं बाथरूम जा रही थी।
"तो क्या मैं ये समझूँ की तुम जब भी बाथरूम जाती हो, कमरे में सलवार उतार कर जाती हो?"
वो सर झुकाए चुपचाप खड़ी रही।
"मुझे सच बताओ."
काजल--आंटी असल में वह हॉट सीन्स देखकर मुझे बेचैनी होने लगी थी इसलिए ।
"कितनी बार देखी है ये मूवी?"
काजल--सिर्फ़ दूसरी बार देख रही थी आंटी, क़सम से।
"पहली बार कब देखी थी?"
वो अपने होंठ काटने लगी और चुपचाप खड़ी रही। इस सेक्सी लड़की से सवाल जवाब करने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।
काजल--आंटी प्लीज़ मम्मी को मत बताना। वह तो मुझे मार ही डालेंगी।
"मैं नहीं बताऊँगी पर तुम जवाब तो दो।"
काजल--कल शाम मम्मी शॉपिंग के लिए गयी थी और पापा अपने कमरे में थे तब देखी थी।
"कल भी तुम्हें वैसी ही फीलिंग्स आयी, जैसी आज आयी थी?"
काजल--हाँ आंटी l
"कल भी सलवार खोली थी?"
मैं जानती थी की ये कुछ ज़्यादा ही हो रहा है और बहुत से प्राइवेट सवाल पूछ रही हूँ लेकिन उसके साथ मज़ा आ रहा था। मेरे इस सवाल से उसका चेहरा लाल हो गया और उसके हाथ अपनेआप नीचे जाकर चूत के आगे क्रॉस पोज़िशन में आ गये जैसे कि उसे ढक रही हो। काजल ने ना में सर हिला दिया।
"काजल सच बताओ l "
काजल--आंटी मैं सच बता रही हूँ। कल मैंने स्कर्ट पहनी हुई थी तो l
"अच्छा। ऐसा कहो ना ।"
मैं समझ रही थी की ज़रूर इसने अपनी स्कर्ट उठा कर अंगुली की होगी।
"काजल, एक काम करो। ये रिमोट लो और जो सीन तुम्हें सबसे ज़्यादा पसंद आया, उसको लगाओl"
मैंने उसको रिमोट दे दिया लेकिन वह हिचकिचा रही थी और कुछ सोच रही थी।
"क्या हुआ?"
काजल--आंटी, मूवी में सिर्फ़ उस टाइप के सीन्स हैं।
"लेकिन उन्हें देखकर तुम्हें मज़ा आया, है कि नहीं? मैं देखना चाहती हूँ कौन-सा पार्ट तुम्हें सबसे ज़्यादा पसंद आया। घबराओ मत। मैं कुछ नहीं कहूँगी। बस वह सीन लगा दो।"
काजल हिचकिचा रही थी लेकिन मेरी बात टालने का साहस उसमें नहीं था। उसने रिमोट से फास्ट फॉरवर्ड करना शुरू कर दिया और एक जगह पर रोक कर प्ले कर दिया। हम दोनों का ध्यान टीवी स्क्रीन पर था। अब वह सीन शुरू हुआ। एक लड़की एक लड़के के साथ समुंदर किनारे टहल रही थी। दोनों टीनएजर्स थे। ये लड़की वह वाली नहीं थी जो मैंने देखी थीl
मैंने अंदाज़ा लगाया ये तीसरी बहन होगी। चलते-चलते उसकी मिनीस्कर्ट बार-बार हवा से ऊपर उठ जा रही थी तो उसे अनकंफर्टेबल फील हो रहा था। वह बार-बार अपनी स्कर्ट नीचे कर रही थी तभी लड़के ने रेत में बैठने के लिए कहा। लड़की मान गयी पर जैसे ही बैठने लगी तेज हवा से उसकी स्कर्ट ऊपर उठ गयी और पैंटी से ढकी हुई उसकी गांड स्क्रीन में दिख गयी।
मैंने आँखों के कोनों से काजल को देखा, उसकी साँसें भारी हो चली थीं। लड़की अभी ठीक से बैठी भी नहीं थी की लड़का उसके ऊपर चढ़ गया और उसके कपड़े ऊपर करने लगा। वह सीन बड़ा अजीब लग रहा था लेकिन मैं समझ रही थी की दर्शकों को उत्तेजित करने के लिए रखा होगा क्यूंकी बार-बार वह लड़का लड़की की स्कर्ट को कमर तक उठा दे रहा था और लड़की की सफेद पैंटी दिख जा रही थी और वह लड़की अपनी स्कर्ट को नीचे करने की कोशिश कर रही थी। थोड़ी देर बाद लड़के ने उसका टॉप ऊपर कर दिया और अब वह सिर्फ़ सफेद ब्रा में थी । वैसे तो वह टीनएजर थी लेकिन उसकी चूचियाँ बड़ी थीं और लड़के ने उनको ख़ूब दबाया और सहलाया। लड़का अब लड़की का चुंबन ले रहा था और ब्रा के बाहर से उसकी बड़ी चूचियों को दबा रहा था।
मैंने देखा काजल भी सीन में मगन थी। हमारी उमर में बहुत अंतर था और मैं तो शादीशुदा थी लेकिन काजल कुँवारी थी पर दोनों को नशा चढ़ रहा था। मेरे अंदर तो गुप्ताजी की हरकतों से गर्मी चढ़ी हुई ही थी और अब इस मूवी को देखकर मेरी चूचियाँ टाइट हो गयी थीं।
सीन चलते रहा और काजल बड़ी-बड़ी आँखों से टीवी स्क्रीन को ही देख रही थी और क्यूँ ना देखे? अगर मुझे भी अपने बचपन के दिनों में ऐसी हॉट मूवी देखने का मौका मिला होता तो मुझे भी ऐसा ही रोमांच होता। अब लड़के ने अपनी जीन्स और टीशर्ट उतार दी थी और चड्डी में था और लड़की भी सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी। लड़का दोनों हाथों से उसकी चूचियाँ दबाते हुए चोदने के अंदाज़ में धक्के लगा रहा था। लड़की हर तरह की कामुक आवाज़ें निकाल रही थी और कैमरा उसके चेहरे, चूचियों और उन दोनों की चिपकी हुई कमर पर फोकस कर रहा था।
"थोड़ी साउंड कम करो।"
काजल ने तुरंत साउंड कम कर दी और वह इस हॉट सीन को देखने में इतनी मगन थी की उसने मेरी तरफ़ देखा भी नहीं। कुछ ही देर में लड़की सब कपड़े उतारकर नंगी हो गयी और लड़के ने भी अपनी चड्डी उतार फेंकी और नंगा हो गया। लड़के का लंड देखकर मैं फिर से कामोत्तेजित हो गयी और वह लड़का खुले बीच में लड़की को चोदने के लिए उसके ऊपर चढ़ गया। मैं सोचने लगी की ये शूटिंग कहाँ हुई होगी। बीच खाली था l
लेकिन मुझे हैरानी हो रही थी की हमारे देसी अभिनेता और अभिनेत्रियाँ भी इतने बोल्ड हो गये हैं कि पूरे नंगे होकर खुले बीच में चुदाई कर रहे हैं। कैमरा लड़की की चूत को क्लोज़ अप में दिखा रहा था पर मेरा मन लड़के का लंड देखने का हो रहा था और उसे बहुत कम दिखाया गया था। अजीब बात ये हुई की वह चुदाई का सीन ज़्यादा लंबा नहीं दिखाया और अचानक से अगला सीन आ गया जिसमें दो लड़कियाँ बेड में बैठकर बातें कर रही थी।
काजल--आंटी सीन ख़त्म हो गया।
"वो तो मुझे भी दिख रहा है।"
मुझे थोड़ी निराशा हुई की चुदाई सीन जल्दी ही ख़त्म कर दिया लेकिन अभी और भी हॉट सीन्स आने वाले थे। दोनों लड़कियों का जल्दी ही लेस्बियन सीन शुरू हो गया और पहली बार मैंने कोई लेस्बियन सीन देखा वह भी देसी लड़कियों का। दोनों लड़कियों ने सेक्सी बदन दिखाऊ नाइटी पहन रखी थी। बातें करते-करते वह नज़दीक़ आयीं और एक दूसरे को चूमने लगीं । दोनों एक दूसरे की चूचियाँ भी दबा रही थीं। वह चुंबन दृश्य लंबा चला और लड़कियाँ एक दूसरे के होठों को चाट और चूस रही थीं, अब मेरी पैंटी गीली होने लगी थी।एक लड़की किसी दूसरी लड़की को चूम रही है, ऐसा सीन मैंने पहले कभी नहीं देखा था। अब मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा था और पहले चुदाई सीन फिर ये लेस्बियन देखकर मेरे हाथ अपनेआप ही मेरी चूचियों पर चले गये।
मैंने काजल को देखा और उसकी हालत भी ऐसी ही थी। वह गहरी साँसें ले रही थी और उसके टाइट कुर्ते में गिरती उठती चूचियाँ और भी आकर्षक लग रही थीं। मैंने फिर से मूवी को देखा। अब तो दोनों लड़कियों ने सारी हदें पार कर दी थी। दोनों ने अपनी नाइटी उतार दी थी और सिर्फ़ पैंटी में थीं। दोनों की बड़ी-बड़ी चूचियाँ थीं और दोनों टॉपलेस होकर आकर्षक लग रही थीं। दोनों लड़कियों की नंगी चूचियाँ हिल डुल रही थीं और वह दोनों एक दूसरे के निप्पल को मरोड़ रही थीं। अब उन दोनों ने एक दूसरे की चूचियों को चाटना शुरू कर दिया और पैंटी के बाहर से नितंबों को मसलने लगीं।
तभी मुझे एक अजीब-सा ख़्याल आया। एक बार तो मैंने सोचा की सही नहीं रहेगा लेकिन काजल मेरे काबू में थी तो मैंने सोचा कर के देखती हूँ। मैं ये जो नये क़िस्म का आनंद टीवी पर देख रही थी इसको अनुभव करना चाह रही थी। दोनों लड़कियों ने अब पैंटी भी उतार दी थी और बड़ी बेशर्मी से एक दूसरे की चूत चाटने में लगी हुई थीं। इस देसी लेस्बियन सीन को देखकर मुझे बहुत कामोत्तेजना आ रही थी। अब मैंने अपना मन बना लिया।
"काजल! "
मैंने सख़्त लहजे में बोलने की कोशिश की लेकिन उत्तेजना से मेरी आवाज़ कांप गयी। काजल उस हॉट सीन को देखने में मस्त थी और मेरे आवाज़ देने से चौंक गयी। उसने मेरी तरफ़ उलझन भरी निगाहों से देखा।
"यहाँ आओ!"
काजल मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी।
"मैंने फ़ैसला किया है कि मैं तुम्हारे पेरेंट्स को सब कुछ सच बता दूँगी की तुम किन गंदी चीज़ों में वक़्त बर्बाद करती हो। ये तुम्हारी पढ़ाई का सवाल है और मैं कोई ।"
काजल--आंटी प्लीज़। क्या हुआ? क्या अब मैंने कुछ ग़लत कर दिया? प्लीज़ ऐसा मत करो। मम्मी मुझे मार डालेगी। आंटी प्लीज़।
"नहीं नहीं। मुझे सच बताना ही होगा।"
काजल अब मुझसे विनती करने लगी। उसने मेरे हाथ पकड़ लिएl
काजल--आंटी प्लीज़। अगर मम्मी को पता चल गया तो वह मेरा जीना दूभर कर देंगी। आंटी मैं आपके लिए कुछ भी करूँगी। प्लीज़ आंटी मम्मी को मत बताना, प्लीज़!
"ठीक है। लेकिन एक काम करना होगा।"
काजल--मैं कुछ भी करूँगी पर प्लीज़ आंटी मम्मी को मत बताना।
"काजल, मैं चाहती हूँ की जो सीन मूवी में चल रहा है वैसा ही तुम भी करो।"
काजल ने ऐसा मुँह बनाया जैसे उसे कुछ समझ नहीं आया।
काजल--क्या?
मैंने सीधे उसकी आँखों में सख्ती से देखा।
"जो टीवी में देख रही हो तुम्हें वैसा ही करना है।"
काजल--आंटी, मैं आपकी बात ठीक से समझ नहीं पा रही हूँ। आपका मतलब?
"हाँ काजल। अगर तुम इसे देखने के लिए इतनी उत्सुक हो तो मुझे लगता है कि करने के लिए भी उतनी ही उत्सुक होगी। है ना?"
काजल ने बहुत आश्चर्य से मुझे देखा। वह मुझसे इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं कर रही होगी। लेकिन अभी मेरे लिए अपनी कामोत्तेजना को शांत करना ज़्यादा ज़रूरी था ना की इस बात की फ़िक्र करना की ये लड़की मेरे बारे में क्या सोचेगी।
काजल--आंटी, आपका मतलब मैं वैसा करूँ जैसा ये लड़कियाँ मूवी में कर रही हैं?
"हाँ और जल्दी करो वरना।"
मुझे अपना वाक्य पूरा करने की ज़रूरत नहीं पड़ी क्यूंकी अब काजल राज़ी हो गयी।
काजल--ठीक है आंटी. मैं वैसा ही करूँगी।
इन सब बातों से काजल के चेहरे में घबराहट, चिंता और एक्साइट्मेंट के मिले जुले भाव आ रहे थे।
"मूवी को सीन के शुरू में लगाकर पॉज़ कर दो।"
अब मैं सोफे से उठ गयी और बेड में बैठकर काजल को बेड में आने का इशारा किया। उसने वीडियो को रीवाइंड करके लेस्बियन सीन के शुरू में लगाकर पॉज़ कर दिया। उसके बाद वह भी बेड में आ गयी। वह बहुत बड़े साइज़ का डबल बेड था। काजल बेड में घुटने के बल चलते हुए मेरे पास आई तो उसके कुर्ते की लटकी हुई नेकलाइन से मुझे उसकी कसी हुई चूचियाँ दिख रही थीं।
"तुम्हारा बदन आकर्षक है।"
अब काजल कुछ बोल नहीं पा रही थी। उसके चेहरे से साफ़ पता लग रहा था कि वह मेरे ऐसे व्यवहार से शंकित है। मैंने उसकी ब्रा साइज़ का अंदाज़ा लगाने की कोशिश की, 32 होगा। मैं जानती थी की जल्दी ही ये कॉलेज चली जाएगी और वहाँ बॉयफ्रेंड बना लेगी और उसकी मदद से इसकी चूचियाँ साइज़ में बढ़ जाएँगी।
"वीडियो को स्लो मोशन में ऑन कर दो और जैसा दिखे ठीक वैसा ही करना। ठीक है काजल?"
काजल--ठीक है आंटीl
काजल अभी भी हिचकिचा रही थी। वीडियो स्लो मोशन में स्टार्ट हो गया और उसमें दो लड़कियाँ बेड में लेटे हुए बातें कर रही थीं। मैंने काँपते हाथों से काजल को अपने नज़दीक़ खींच लिया। मेरा पहला लेस्बियन अनुभव शुरू होने वाला था और मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। मैं भी अब नर्वस फील कर रही थी। मेरे छूने से काजल ने अपनी नज़रें झुका लीं और उसका खूबसूरत चेहरा लाल होने लगा। उसकी हथेलियाँ ठंडी थीं, शायद घबराहट की वज़ह से। मेरे बदन की गर्मी ने मेरे दिमाग़ को काबू में कर लिया था और मैंने काजल को।