औलाद की चाह 044

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मूवी में अब लड़कियाँ एक दूसरे से चिपटने लगी थीं। मैंने काजल को आलिंगन में ले लिया और उसकी कसी हुई नुकीली चूचियाँ मेरी बड़ी चूचियों से टकरा गयीं। वह मुझे पकड़ने में बहुत हिचकिचा रही थी। मैंने उसको अपनी पीठ पकड़ने को मजबूर किया और हम दोनों ने एक दूसरे के बदन पर हाथ फिराना शुरू कर दिया।

काजल--आंटी, मुझे बहुत अनकंफर्टेबल फील हो रहा है।

वो मेरे कान में फुसफुसाई. मैंने उसको और भी कस के आलिंगन में लिया और आश्वासित किया।

"अगर तुम्हें देखते समय अनकंफर्टेबल नहीं लगा तो अब क्यूँ शरमा रही हो? सिर्फ़ मूवी देखो और कुछ मत सोचो।"

मैंने अपने गालों से उसके गालों को छुआ। उसकी त्वचा बहुत मुलायम थी। मूवी में लड़कियों ने चुंबन शुरू कर दिया था पर मुझे इस सेक्सी लड़की को चूमने की हिम्मत नहीं हो रही थी। मैंने उसकी कसी हुई चूचियाँ को पकड़ लिया और उसे गरम करने की कोशिश की। उसकी चूचियाँ बड़ी नहीं थीं पर कसी हुई और नुकीली थीं। मैंने उसके कुर्ते के ऊपर से निप्पल को अंगुली से छुआ तो काजल बहुत शरमा गयी।

"काजल, तुम्हारी त्वचा बहुत मुलायम है।"

काजल शरमाते हुए मुस्कुरायी। मैंने उसकी नुकीली चूचियों से एक हाथ हटा लिया और उसका हाथ पकड़कर अपनी चूचियों पर रख दिया। उसने मेरे ब्लाउज के बाहर से मेरी बड़ी चूचियों को महसूस किया और धीमे-धीमे दबाने लगी। मूवी में लड़कियों की कामुक हरकतें देखकर मेरी कामोत्तेजना और भी बढ़ गयी। मैंने अपना पल्लू बेड में गिरा दिया और साड़ी और पेटीकोट को अपने घुटनों तक ऊपर खींच लिया। फिर काजल का कुर्ता भी उसकी छाती तक ऊपर कर दिया जिससे उसकी ब्रा दिखने लगी।

"काजल, अब मेरे हुक खोलो।"

मैं उसके कान में फुसफुसाई और उसका कुर्ता सर के ऊपर उठा दिया। काजल के ऊपरी बदन में अब सिर्फ़ ब्रा थी, मेरे ऐसा करने से उसके बदन में कंपकपी दौड़ गयी।

काजल--आंटी प्लीज़, ऐसा मत करो।

मैंने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया। मैं चाहती थी जैसी आग मेरे बदन में लगी है वैसी ही काजल के बदन में भी लगे। मैंने उसको अपने और नज़दीक़ खींचा और अपना बायाँ हाथ उसकी ब्रा के अंदर डालकर उसकी चूची को अपनी हथेली में पकड़ लिया। उसकी नंगी चूची में मेरे हाथ के स्पर्श से वह बहुत उत्तेजित हो गयी। मैंने उसके निप्पल को ज़ोर से मरोड़ दिया और वह कामोत्तेजना से सिसकने लगी। अब तक उसने भी मेरे ब्लाउज के हुक खोल दिए थे। अब हम दोनों ब्रा में थीं और एक दूसरे को आलिंगन किया हुआ था। अब मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसको नीचे लिटाकर मैं उसके ऊपर आ गयी।

काजल--आउच।

हमारी ब्रा से ढकी हुई चूचियाँ आपस में टकरा रही थीं और फिर मैंने उसकी ब्रा उतारकर कसी हुई चूचियों को नंगा कर दिया। मैंने उन्हें छुआ और सहलाया। वह बहुत मुलायम महसूस हो रही थीं। काजल ने भी मुझे दोनों हाथों से अपने आलिंगन में कस लिया और मेरी ब्रा उतार दी, अब हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में टॉपलेस थीं।

अब टीवी की तरफ़ देखने की भी ज़रूरत नहीं थी क्यूंकी हम दोनों पूरी गरम हो चुकी थीं। काजल के छूने और कस कर आलिंगन करने से मुझे भी मज़ा आ रहा था और उत्तेजना आ रही थी। वैसे उतनी नहीं जितनी की अगर काजल मर्द होती तो तब आती, लेकिन फिर भी मेरे लिए ये नया अनुभव था। मैं अभी भी काजल के ऊपर थी और वह मेरी चूचियों को सहला और दबा रही थी और मैं कामोत्तेजना से पागल हुई जा रही थी। मेरी पैंटी गीली हो गयी थी और अब मुझे नीचे भी कुछ चाहिए था।

"काजल डियर, अब कुछ और करो।"

काजल--क्या करूँ आंटी?

" मेरी पैंटी खोलो और ।

मुझे अपनी बात पूरी करने की ज़रूरत नहीं पड़ी क्यूंकी काजल शरमाते हुए मुस्कुरायी और उसने सर हिलाकर हामी भर दी। मैं उसके ऊपर से उठी और बेड में लेट गयी। काजल तुरंत उठी और मेरे पैरों की तरफ़ जाने लगी। उसकी नंगी चूचियाँ हिलती हुई बहुत मनोहारी लग रही थीं। उसने मेरी साड़ी और पेटीकोट को कमर तक ऊपर उठाया और पैंटी के बाहर से मेरी चूत के ऊपर अपना हाथ रख दिया, मेरे बदन में सिहरन दौड़ गयी। मैंने अपनी बड़ी गांड उठाई और काजल को पैंटी उतारने में मदद की।

उसने मेरे घुटनों तक पैंटी नीचे कर दी और अपना दायाँ हाथ मेरी चूत पर रख दिया। वह मेरे प्यूबिक हेयर्स पर अंगुली फिरा रही थी और कुछ बाल उसने खींच भी दिएl

"आआअहह...।"

काजल--आंटी आपने तो यहाँ जंगल उगा रखा है।

हम दोनों ही उसकी बात पर हंस पड़े और फिर उसने मेरी चूत को सहलाना शुरू किया।

"आआहह, बहुत मज़ा आ रहा है।"

मेरे पति को भी ऐसा करना बहुत पसंद था। अपने हाथ से मेरी चूत को सहलाना, मेरे प्यूबिक हेयर्स को सहलाना, चूत की पूरी लंबाई में अंगुली फेरना और फिर चूत में अंगुली करना। लेकिन वह मुझे नीचे से नंगी करके ये सब करते थे जबकि काजल ने मेरे कपड़े नहीं उतारे थे, कोई भी औरत नंगी होने में अनकंफर्टेबल फील करती है। वैसे तो मैं अपने पति के साथ बेड पर नाइटी पहने रहती थी l

लेकिन शादी के शुरुवाती दिनों में कभी-कभी वह मुझे स्कर्ट पहनने पर मजबूर करते थे और स्कर्ट उठाकर बेशर्मी से मेरी जवानी का मज़ा लेते थे। पर मैं चाहे कुछ भी पहनूं, स्कर्ट या नाइटी, वह मुझे पूरी नंगी करके ही मेरी चूत को सहलाते थे, जो मुझे सही नहीं लगता था क्यूंकी ज़्यादातर वह बनियान और पैजामा या शॉर्ट्स पहने रहते थे और मुझे अनकंफर्टेबल फील होता था कि मैं ऐसे नंगी लेटी हुई हूँ और मेरे पैरों के पास मेरे पति अभी भी कपड़ों में हैं।

थोड़ी देर तक काजल मेरी चूत को सहलाती रही और अंगुली करती रही और मैं दोनों हाथों से अपनी चूचियों को मसलती रही और मज़ा लेती रही। मैंने टीवी की तरफ़ देखा तो मूवी में लेस्बियन सीन ख़त्म हो चुका था और एक दूसरा सीन चल रहा था जिसमें एक औरत जो करीब 35 बरस की होगी, फ़र्श पर पोछा लगा रही थी और सामने बैठे आदमी को अपनी बड़ी-सी क्लीवेज दिखा रही थी। मैंने वापस काजल पर ध्यान दिया। कुछ ही देर बाद मुझे ओर्गास्म आ गया! आआआआआआ! आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।

"अब बस करो और मेरे पास आओl"

काजल ने साड़ी के अंदर से हाथ निकाल लिए और घुटनों पर चलती हुई मेरे पास आ गयी। उसके ऐसे चलने से दो संतरों की तरह लटकी हुई उसकी चूचियाँ ज़ोर से हिल रही थीं। कोई भी मर्द उन्हें देखकर मदहोश हो जाता। मैं सोचने लगी की मदहोश तो मुझे ऐसी टॉपलेस लेटी देखकर भी हो जाता। अपने ख्यालों पर मैं ख़ुद ही मुस्कुराने लगी।

"तुम्हें भी ऐसा ही मज़ा चाहिए?"

काजल--नहीं आंटी. मैं ठीक हूँ।

मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसके गालों को अपने होठों से छुआ और फिर उसके नरम होठों का चुंबन ले ही लिया। चुंबन ज़्यादा देर तक नहीं चला क्यूंकी हम दोनों ही अनकंफर्टेबल थीं क्यूंकी पहली बार किसी लड़की का चुंबन ले रही थीं। चुंबन लेने के बाद काजल हाँफने लगी और फिर से नर्वस दिखने लगी। मैंने उसे सहलाया और उसके मन से गिल्टी फीलिंग को हटाने की कोशिश की। मेरे पहले लेस्बियन अनुभव से मैं काफ़ी हद तक संतुष्ट थी। वैसे तो दोनों बार मैं चुदी नहीं थी, पहले गुप्ताजी के साथ बाथरूम में और अब काजल के साथ, लेकिन फिर भी मैं फ़्रस्ट्रेटेड नहीं फील कर रही थी।

"कौन पहले बाथरूम जाएगा?"

काजल--आंटी अगर बुरा ना मानो तो मैं पहले जाना चाहती हूँ।

मैं मुस्कुरायी और सर हिलाकर हामी भर दी। काजल बेड से उतरी और टॉपलेस ही बाथरूम जाने लगी, वह बहुत सुंदर लग रही थी। उसने बेड से अपनी ब्रा और कुर्ता उठाया और एक नयी पैंटी निकालकर बाथरूम चली गयी। मुझे यहाँ दो ओर्गास्म आ चुके थे इसलिए कुछ थकान-सी महसूस कर रही थी। मेरी पैंटी चूतरस से पूरी गीली हो चुकी थी। मैंने आँखें बंद कर लीं और थोड़ी देर तक काजल के बेड में आराम किया।

काजल--आंटी अब आप जाओl

काजल फ्रेश होकर बाहर आ गयी और पहले से भी ज़्यादा सुंदर लग रही थी। मैं अभी भी बेड पर लेटी हुई थी और मेरी नंगी चूचियों पर तने हुए निप्पल छत को देख रहे थे। मैंने साड़ी से अपनी छाती ढकी और बेड से उतर गयी। मैंने बेड से अपनी ब्लाउज और ब्रा उठाई और बाथरूम को जाने लगी तभी काजल ने मुझे टोक दिया।

काजल--आंटी, मैंने पानी गिरा दिया था इसलिए बाथरूम का फ़र्श गीला हो गया है। आप साड़ी यही उतार दो तो सही रहेगा।

"हाँ ठीक है।"

मैंने साड़ी उतार दी और अब सिर्फ़ पेटीकोट में खड़ी थी। मेरी चूचियाँ मेरे हिलने डुलने से इधर उधर डोल रही थीं। मैंने ख़्याल किया की काजल मेरी चूचियों को प्रशंसा के अंदाज़ में देख रही है, मुझे अपने फिगर पर गर्व महसूस हुआ और मेरा मन हुआ की उसको अपना पूरा बदन दिखाऊँ।

"पेटीकोट भी यहीं उतारना ठीक रहेगा।"

काजल--जैसा आपको ठीक लगे आंटीl

मैंने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और वह फ़र्श पर गिर गया। अब मैं काजल के सामने सिर्फ़ पैंटी में थी। काजल ने कुछ कहा नहीं, लेकिन मेरे नंगे बदन पर जमी उसकी नज़रों में प्रशंसा के भाव थे।

काजल--आंटी आपकी पैंटी खराब हो गयी है। ये पूरी गीली हो चुकी है।

ये सुनकर मैं थोड़ा शरमा गयी और नीचे झुककर देखा की पैंटी के सामने एक गोल धब्बा लगा हुआ है।

"इसको उतारना ही पड़ेगा और कोई चारा नहीं है।"

मैं बाथरूम चली गयी और दरवाज़ा बंद कर दिया। वैसे दरवाज़ा बंद करने की कोई ज़रूरत नहीं थी क्यूंकी मैं बेशर्मी से काजल को अपना नंगा बदन दिखा चुकी थी। पैंटी उतारकर मैंने अपने को पानी से साफ़ किया और फिर टॉवेल से बदन पोंछ लिया। उसके बाद कमर में टॉवेल लपेटकर ऐसे ही बाथरूम से बाहर आ गयी।

"ऊइईइईइईइई!"

मैं तो इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकती थी की कमरे में काजल के सिवा कोई और भी हो सकता है। इसलिए मैंने अपनी चूचियाँ भी नहीं ढकी थीं और कमर में लापरवाही से टॉवेल लपेट के बाथरूम से बाहर आ गयी। टॉवेल भी मैंने ठीक से नहीं लपेटा था क्यूंकी अभी तो काजल के सामने मैं सिर्फ़ पैंटी में ही थी तो उससे क्या शरमाना। मेरा पूरा ऊपरी बदन और जांघों से नीचे का हिस्सा पूरा नंगा था। ऐसी हालत में एक हाथ में पैंटी पकड़े मैं लापरवाही से बाथरूम से बाहर आ गयी तो कमरे में क्या देखती हूँ?

कहानी जारी रहेगी

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