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अपडेट 04
सैंडी से सनी का सफर
सैंडी हांफने लगी, उसे अपने सौभाग्य पर विश्वास नहीं हो रहा था और तब घबराई हुई, सैंडी बोली "मैं आपके लिए बहुत आभारी हूँ सर, आपने मेरे परिवार को भुखमरी से बचाया, मैं आपके लिए प्रार्थना करती हूँ कि भगवान आप पर अपनी कृपा बनाये रखेगा और अपना आशीर्वाद देगा सर।"
एजेंट हँसा, गर्मजोशी से, "धन्यवाद की कोई ज़रूरत नहीं है, मैंने अपने मुवक्किल को आपकी जानकारी पेश करने के अलावा कुछ नहीं किया है, उसने ही आपको इस नौकरी के लिए चुना है और याद रखें, अगर आप उसे नाराज करेंगी, तो वह आपको भारत वापस भेज सकता है।"
"अरे नहीं, अरे नहीं, जैसा कि मैंने पहले कहा था कि मैं उसे खुश करने के लिए सब कुछ और कुछ भी करूंगी, मेरे सम्मान में उसकी अच्छी सेविका बनूँगी," उसने ईमानदारी से कहा लेकिन वह उस दुष्ट मुस्कान के कारण से बिलकुल अनजान थी जो उसके सामने बैठे आदमी के चेहरे पर थी।
फिर चेक देखकर उसने कुछ मानसिक गणना की और कहा सर मेरी एक छोटी-सी गुजारिश है। भारत छोड़ने से पहले मुझे अपने सभी ऋण चुकाने के लिए कुछ 50000 रुपये और चाहिए और मैं अपने परिवार के लिए 50000 रुपये और छोड़ना चाहती हूँ। क्या आप इस अग्रिम के लिए मेरे स्वामी को मेरा अनुरोध भेज सकते हैं इस अग्रिम को वे मेरे भविष्य के वेतन से काट सकते है।
एजेंट ने कहा, आपके मास्टर ने मुझे पूछने के लिए कहा है कि आपको और क्या चाहिए.। मैं उससे इस विषय पर बात करूंगा और मुझे पूरी उम्मीद है कि वह आपकी मदद करेगा। आपके सभी यात्रा व्यय और भविष्य के खर्चों का प्रबंधन वह करेंगे और आपको उनके लिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
3 दिन बाद, अपने सास-ससुर को अलविदा कहने के बाद, सैंडी लंदन के लिए निर्धारित उड़ान में सवार हुई, उसके पास कपड़ो का एक छोटा बैग था, उसमें उसने अपना पासपोर्ट कुछ अन्य कागजात और अपनी एकमात्र अतिरिक्त साड़ी पैक की थी और आज उसने हरे रंग की साड़ी और क्रीम सफेद रंग का ब्लाउज पहना था, उसकी सास ने उसके बालों को अच्छी तरह से तेल लगाया था और उसके बालो को उसके सिर के पीछे एक मोटी चमकदार रेशमी चिकनी पोनीटेल में व्यवस्थित किया था।
उसने माथे पर लाल बिंदी और ख़ुद को विवाहित दर्शाने वाला मंगलसूत्र अपने स्वर्गीय पति के प्रति समर्पण और उसकी शुद्धता को दिखाने के लिए गर्व से प्रदर्शित किया हुआ था। यह पहली बार था जब सैंडी भारत के उस छोटे से नगर के क्षेत्र से बाहर जा रही है जिसमें वह रहती थी।
वह घबराई हुई थी, डरी हुई थी और सोच रही थी कि जब वह आपने नियोक्ता ये मालिक से मिलेगी जहाँ उसे नौकरी करनी है तो वह आगे कैसी ज़िंदगी जिएगी और उसने सोचा कि क्या उसे ये चीजें पहनने की अनुमति दी जाएगी जो उसकी एकमात्र संपत्ति थी और उसे अपने घर में सबसे प्रिय थी।
उड़ान लंबी थी और सोने और खाने के अलावा, सैंडी ने फ़िल्में देखीं, भले ही वह अधिकांश संवादों को समझ नहीं पाई, उसके लिये टेलीविजन एक विलासिता थी क्योंकि उसके गाँव में केवल एक टीवी था और वह सार्वजनिक कार्यालय में समाचार प्रसारण के उद्देश्य से था और उसकी गुणवत्ता बहुत खराब थी।
13 घंटे बाद, विमान लंदन में उतरा और लोग सीमा शुल्क से गुजरने के लिए लाइन में लग गए। उसके हाथ कांपने लगे क्योंकि उसने सीमा शुल्क एजेंट को अपना पासपोर्ट ब्रिटिश वर्किंग वीजा के साथ सौंप दिया था तो उसने उसकी ओर देखा और फिर बिना ज़्यादा पूछताछ के उसे इंग्लॅण्ड में प्रवेश करने दिया।
सैंडी उस विशाल गतिशील इमारत से चकित होकर इधर-उधर घूमती रही, आखिरकार डरी हुई, सैंडी एक शांत कोने में एक कुर्सी पर बैठ गयी और अपने छोटे कपड़े के थैले को कसकर पकड़ लिया और सोचने लगी कि वह उसके नियोक्ता से कब मिलेगी।
भारत में एजेंट ने उसे जो बताया, की उसका नियोक्ता युवा और अमीर हैं और केवल मैं केवल 18 साल का उसके छोटे भाई की उम्र का युवा है और वह सोच रही थी उसके नियोक्ता को उसके जैसी भारतीय विधवा गृहिणी को उन युवा सुंदरियों के बजाय क्यों चुना।
वो यहॉ सोच रही थी की एयरहोस्टेस उसके लिए कुछ नाश्ता ले आयी... तो उसकी विचार तन्द्रा टूटी और फिर वह आज पर आ गयी और सोचने लगी फिर कैसे वह अपने नियोक्ता से मिली और कुछ दिन बाद एक विज्ञापन जिसमे एक भारतीय मॉडल चाहिए थी उसे देख उसके नियोक्ता ने उसे प्रोत्साहित किया और आवश्यक ट्राइंग भी दिलवाई और वह कैसे मॉडलिंग करने लगी और उसके नियोक्ता ने उसे कपडे इत्यादि सब दिलवाया और फिर कैसे मॉडलिंग करते-करते उसे वह फ़िल्म में छोटा-सा काम मिला।
जब उसे से मॉडलिंग का काम मिला तब भी वह बहार खड़ी लड़कियों को देख वह यही सोच रही थी की इस जवान तितलियों के आगे फ़िल्म निर्माता और निर्देशक उसे क्यों चुनेगेl तब उस सवाल जो कोलकाता में उस एजेंट ने पुछा था वैसे ही सवाल के जवाब में सैंडी ने वही जवाब दिया था कि वह अपने डायरेक्टर के निर्देश अनुसार सब कुछ करेगी और उसे सब तितलियों पर तरजीह देते हुए चुन लिया गया थाl
सैंडी को पता चला था कि उस मॉडलिंग के काम में उसे पाने कपडे त्यागने पद सकते हैं तो उसके नियोक्ता और डायरेक्टर ने-ने इसके लिए भी उसे त्यार होने में मदद की थी और फिर उसके बाद उसी डायरेक्टर की अनुशंसा पर उसे एक फ़िल्म में काम काने का मुका मिला था और उस फ़िल्म में एक नग्न कामुक दृश्य था जिसे करने से मुख्य अभिनेत्री ने अचानक मना कर दिया तो सैंडी ने वह रोल किया तो निर्देशक और नियोक्ता की सलाह पर उसका पूरी तरह से रूपांतरण कर दिया गया और जल्द ही वह एक सह अभिनेत्री से उस फ़िल्म की मुख्य अभियनेत्री बन गयी और उसने एक ही फ़िल्म से एक सेक्स सिंबल का नाम कमा लिया और उसका फ़िल्मी नाम सैंडी से सनी हो गया l
फिर फ़िल्म ख़ूब चली और जब वह लंदन में कुछ मॉडलिंग कर रही थी तो उसके नियोक्ता ने उसे ये ख़बर दी की ये नामंकन उसे मिल गया है और वह मेक्सिको के लिए उड़ान पकड़ कर रवाना हो गयीl
ये सब कुछ इतनी जल्दी से हुआ था कि सैंडी उर्फ़ सनी को कभी भी ज़्यादा सोचने विचरने का समय नहीं मिला और वह घटनाओं के तेज बहाव के साथ तेजी से बहती हुई इस मुकाम पर बहुत कम समय में पहुँच गयी थीl
जारी रहेगी