एक नौजवान के कारनामे 059

Story Info
सुपर संडे-कपल मालिश.
1.1k words
0
217
00

Part 59 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER-5

रुपाली-मेरी पड़ोसन

PART-24

सुपर संडे-कपल मालिश

हेमा और रीती दोनों किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। हेमा की हाईट 5' 5″ के लगभग होगी, दिखने में वह स्टाइलिश थी, चलती भी अदा के साथ थी, उसकी कमर की लचक मादक लगती थी। चंचलता, शोखी भरी अदा, छरहरा बदन, आँखें सुनहरी, बाल लालिमा लिये हुए बिखर कर खूबसूरती को और भी बढ़ा रहे थे। गर्दन सुराहीदार थी, गले में सोने की पतली-सी चैन थी। मुझे सोने और हेमा के शरीर का सुनहरा रंग एक जैसा नज़र आ रहा था।

मैंने अनुरोध के स्वर में कहा-हेमा, आंखे खोलकर करो न!

हेमा ने अपनी आंखें खोली और मेरी तरफ़ देख कर बोली-कुमार आपका तो ये बहुत बड़ा है, आप तो असली मर्द हो। उसके बाद हेमा का सब्र अब जवाब देने लगा। वह लण्ड को अब टिकटिकी लगाकर देख रही थी। अब काम वेग उसकी आँखों से झलक रहा था। मैंने हेमा के कंधे को पीछे से छूना सहलाना शुरू कर दिया। मैंने अपना एक हाथ उसके कंधे पर रहने दिया और दूसरे हाथ से उसके कमर को सहलाते हुए उसकी मांसल जांघों तक ले जाने लगा। मैंने उसकी जांघों को और भी मादक अंदाज़ में सहलाया, सच में उसकी त्वचा का स्पर्श अनोखा था, या हो सकता है मेरी वासना की वज़ह से मुझे ऐसा लगा हो।

मैं बैठ गया और हेमा को अपनी ओर खींच कर उसकी शर्ट के बटन खोलने लगा। हेमा ने कोई विरोध नहीं किया।

मैंने हेमा की शर्ट के सारे बटन खोलकर उसे बाजुओं में से निकाल दिया। शर्ट निकलते ही हेमा की बड़ी-बड़ी गोरी चूचियाँ उसकी ब्रा को फाड़कर बाहर उछलने को हो रही थीं। मैंने हेमा का हाथ पकड़ा और अपनी ओर खींच लिया। हेमा मेरी बांहों में आ गई मैंने उसकी ब्रा के हुक खोलकर ब्रा को अलग कर दिया मैं हेमा के शरीर पर हाथ फिराने लगा। मैंने अपने एक हाथ को उसकी चूचियों पर ले जा कर उन्हें मसल दिया। हेमा कीआह निकली वह ईशा से थोड़ी ही कम गोरी रही होगी, पर होंठ उभरे हुए थे, ऐसा लग रहा था मानो भरपूर रस भरा है जो मेरी प्यास बढ़ा रही थी आँखें काली और नशीली थी, पेट सपाट था और बाल ऊपर से स्टाइलिश तरीके से बंधे हुए थे।

तो मैंने अपने होंठ हेमा के होठों पर रख दिये और एक लम्बा किस किया।

हेमा के तपते होटों को मैंने चूसते हुए उसकी चूचियों को मसल दिया और दूसरा हाथ उसकी पीठ पर फिराने लगा।

मैंने ईशा और रीती की तरफ़ देखा । ईशा की मालिश करते वक़्त रीती के बाल बार-बार चेहरे पर आ रहे थे, उसके बिना लिपस्टिक के गुलाबी ओंठो को किसी शृंगार की ज़रूरत नहीं थी, आँखों पर काजल लगा हुआ था।

मोती जैसे दांत, गालों पर हंसते हुए डिंपल बनना और होठों के थोड़े ऊपर एक छोटा-सा काला तिल, गर्दन हिरणी जैसी, कंधों में कोई ढीलापन नहीं था, मैं उसकी शर्ट के ऊपर से भी ब्रा की पट्टी के उभार देख पा रहा था, उन्नत उभारों की सुडौलता और कसावट, बड़े उभार को उसकी चौंतीस की ब्रा मुश्किल से संभल पा रही थी।

इन कपड़ों में वह क़यामत लग रही थी, उसके बहुत बड़े, तने हुए उभार मुझे अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे।

उसके पेट का अंदर की ओर होना उसके फिट होने और सेक्स के लिए परफेक्ट होने का संकेत दे रहे थे। उसकी लेगी जांघों से चिपकी हुई थी और मुझे कुछ-कुछ पेंटी का भी आभास हो रहा था। उसके शरीर का हर एक अंग का कटाव अलग से दिख रहा था।

ईशा हेमा और रीती तीनो ही कामुकता और सुंदरता से परिपूर्ण थी।

उधर रीती में ईशा के बालो की मालिश ख़त्म कर दी थी और इधर हेमा ने मालिश का सुगंधित तेल अपनी दोनों हथेलियों में लगाया और मेरे माथे पर मलने लगी । मेरे चेहरे की मालिश के बाद हेमा मुझे बोली आप अब उल्टा लेट जाओ और मैं उल्टा लेट कर ईशा की मालिश देखने लगा।

रीती ईशा से बोली मैं मालिश शरीर के ऊपरी हिस्से से शुरू करके धीरे-धीरे नीचे को करुँगी इससे आपकी अच्छा लगेगा वैसे तो हर हिस्से के लिए अलग-अलग तेल होते हैं। लेकिन ये शाही हर्बल तेल सब जगह लगा सकते हैं । ये बहुत ही ख़ास हैं।

ईशा बोली सच में इससे बहुत अच्छा लग रहा है।

ईशा ने सहमति में सर हिलाया और मालिश का आनंद लेने लगी। उसको देख कर लग रहा था वह वास्तव में अच्छा महसूस कर रही थी।

हेमा की अंगुलियों ने मेरे माथे की मालिश की और उधर रीती ईशा के फिर मेरे गालों की मालिश कर रही थी । जब वह अपनी अंगुलियों से ईशा गालों को किसी दबा रही था उसके बाद उसने ईशा के गालों में देर तक गोल-गोल करके मालिश की, इससे ईशा के गोरे गाल लाल हो गये थे।

चेहरे की मालिश के बाद रीती ने ईशा के कानों में तेल लगाया और उसके कानो की हलकी मालिश करने लगी। ईशा मजे ले रही थी।

"आआअहह!" उसने संतुष्टि से आह भरी।उसे बहुत मज़ा आ रहा था। उसने एक दूसरी बोतल निकाली और अपने हाथों में तेल लगा लिया। अब वह ईशा की गर्दन गले और पीठ में तेल लगाने लगी।

फिर उसने ईशा की हर एक नाज़ुक अंगुली में एक-एक करके मालिश की और फिर ऐसा ही बायीं हथेली में भी किया। उसके बाद उसने ईशा के गोरे हाथों की मालिश शुरू की और कभी-कभी हाथों को दबा भी रही थी। फिर वह उसकी बाजुओं पर तेल लगा कर मालिश करने लगी। जब रीती मालिश करती हुई झुकती थी, तब उसके टाप के गले से उसकी चूचियों के दर्शन हो जाते थे, उसके कटाव और घाटियों को देखकर मैं वहीं आह भर के रह जाता था।

इधर हेमा तेल की शीशी लेकर मेरे पैरों की तरफ़ बैठ गयी और हथेली पर ढेर सारा तेल उड़ेलकर मेरे पीठ पर मलने लगी। मैं लेट कर ईशा की मालिश देखते हुए हेमा के नरम-नरम हाथो की मालिश का मज़ा लेने लगा और उसके कोमल स्पर्श मात्र से मेरा लण्ड फड़फड़ाने लगा।

थोड़ी देर बाद मैं बोला, "हेमा तुम बहुत बढ़िया मालिश करती हो।" तो उसके बाद हेमा मेरी टाँगो की मालिश करने लगी। करीब 10 मिनट बाद उसने मेरे नितम्बो की भी मालिश की फिर मैं पीठ के बल सीधा हो गया।

और हेमा मेरे कंधों में मालिश करने लगी औरकंधो की मालिश करते-करते मेरी छाती पर मालिश करने लगी।

तभी रीती की आवाज़ सुनाई दी--मैडम, कैसा लग रहा है? रिलैक्स फील हो रहा है?

"हाँ, बहुत आराम मिल रहा है।" रीती ने ईशा को बिठा दिया था उसका मुँह मेरी और था ईशा के सामने रीती बैठी थी।

ईशा ने तभी अपनी बाजुए उठायी और रीती की शर्ट उतार दी और फिर उसकी ब्रा भी उतार दी औरउसे बोली अब पीछे आकर थोड़ी-सी पीठ की मालिश कर दो फिर रीती उठी पीछे गयी और उसकी नंगी पीठ पर मालिश करने लगी । उसने ईशा के मेरुदण्ड (स्पाइनल कॉर्ड) और उसके आस पास से मालिश शुरू की। ईशा की चिकनी पीठ पर उसकी अँगुलियाँ ऊपर नीचे फिसलने लगीं।

मालिश करते-करते उसकी अँगुलियाँ ईशा की हिलती डुलती चूचियों को भी सहला देती थी और इधर हेमा मेरे कंधो और मेरी छाती की मालिश कर रही थी।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

story TAGS

Similar Stories

Couple Massage My first couple massage turned into erotic threesome.in Erotic Couplings
Massage a Couple in Hyderabad Couple erotic massage.in Erotic Couplings