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Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
CHAPTER-5
रुपाली-मेरी पड़ोसन
PART-25
सुपर संडे-क्लब सैंडविच मालिश
कुछ पल के लिए रीती के हाथ ईशा की पीठ में रुक गये।
मैडम, पीठ की मालिश पूरी हो गयी है। अगर आप अनुमति दें तो मैं आपकी, वो, मेरा मतलब चूचियों की मालिश शुरू करूँ।
वो थोड़ा हकलायी । रीती ने बोतल से तेल निकालकर अपनी हथेलियों में लगा लिया। वह ईशा के सामने घुटनों के बल खड़ी हो गयी।
"रीती तुम ये पीछे से कर सकती हो? मेरा मतलब पीछे बैठ कर" ।
उसने ऐसा मुँह बनाया जैसे उसे कुछ समझ नहीं आया।
मेरा मतलब अगर तुम मेरी! वो, मेरी चूचियों की मालिश मेरे पीछे से करोगी तो मुझे कंफर्टेबल रहेगा।"
रीती ईशा के पीछे बैठ गयी और ईशा की नंगी चूचियों को अपनी हथेलियों में भर लिया, ये देख मेरे बदन में कंपकपी दौड़ गयी।
उत्तेजना से मेरा लंड भी ऐंठ गया जिसे देख हेमा ने मेरा लंड पकड़ लिया और इसे सहलाने लगी।
रीती ने ईशा के स्तन दबाये तो ईशा भी कराह उठी "ऊऊहह! उम्म्म्मममम।" रीती ईशा की गोल चूचियों को धीरे से पकड़ और उनमें तेल लगा रही थी और तेल लगाने के बाद वह उन्हें ज़ोर से दबाने लगी फिर वह ईशा के तने हुए निपल्स को गोल-गोल घुमाने लगी मरोड़ने लगी और मनमर्ज़ी से दबा रही थी।
आईने हेमा के होंठो से होंठ मिलाकर चूमना शुरू किया। हेमा बभी मेरा साथ देने लगी।
उधर जब रीती ईशा के स्तनों के साथ कहने लगी तो ईशा उत्तेजना से पागल हो गयी। ईशा अपनी दोनों हथेलियों से ईशा की चूचियों की कभी हल्के से कभी ज़ोर से मालिश कर रही थी ।
"उम्म्म्मममह! आआहह!"
मैं हेमा के उरोज़ों पर हाथ फेरता हुआ बोला, " वाह! भगवान् ने क्या फुर्सत के समय तुम्हारा शानदार बदन तराशा है और उसके उरोज़ों को मुंह में कर चूसने लगा।
फिर मैं बेड पर लेट गया और हेमा से बोला, " हेमा अब तुम ऊपर आओ और उसे प्यार से खुश करो।
हेमा तुरंत उठी और मेरी गो के बीच में आकर बैठ गयी और मेरे तेल से सने लण्ड को मुठी में भींच कर उसकी चमड़ी ऊपर नीचे करने लगी।
मैंने बोलै हेमा इसे थोडा होंठो से भी प्यार करो। जितना इसे खुश करोगी। उस से दोगुनी ख़ुशी तुम्हे ये देगा।
हेमा फिर लण्ड की चमड़ी निचे करके उसके गुलाबी सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी। उसकी जीभ का स्पर्श से मैं इस सुनहरी पल का आनंद ले रहा था। इ अब 5-7 मिनट लण्ड चूसते रहने की वज़ह से हेमा का मुंह दुखने लगा, ऊपर से उसके लण्ड की नसे फूलने की वज़ह से सुपाड़ा भी फूल चूका था और उसके मुंह में घुसने में दिक्कत हो रही थी। औ उसके गोरे चिट्टे दूध से भरे उरोज़ हिल रहे थे। काफ़ी समय हिलने जुलने ने अब सुनीता थक कर चूर हो गयी। मैं साथ-साथ उसके स्तनों को भी दबा रहा था जिससे उसकी हालत खराब हो गयी कांपती हुई झड़ गयी।
उधर रीती ईशा की चूचियों को मसल रही थी । रीती ने अपने तेल लगे हाथों से ईशा के निपल्स को उछालना शुरू कर दिया और दो अंगुलियों के बीच में दबाकर ईशा के तने हुए निपल्स को मरोड़ने लगी । "अरे, ये तुम क्या कर रही हो?"
रीती--मैडम, टोको मत। ये ख़ास क़िस्म की मालिश है। रीती ईशा की चूचियों से मनमर्ज़ी से खेल रही थी, कभी उन्हें उछालती, कभी पकड़ लेती, कभी मसल देती । इससे ईशा मस्त हो रही थी और उसको देख मुझे उत्तेजना आ रही थी।
ईशा हेमा और रीती तीनों का चेहरा लाल हो गया और उनकी साँस भी जोर-जोर से चल रही थी। उनकी साँसों के साथ-साथ उनकी चूचियाँ भी उठ-बैठ रही थी। एक साथ तीन जोड़ी चूचियाँ एक साथ उठ-बैठ रही थीं और साँसें गर्म हो रही थीं। क्या हसीन नज़ारा था।
कुछ देर के बाद ईशा अपना हाथ हेमा के बदन पर और चूची पर फेरने लगी।
तीखे नोकदार पतले-पतले होंठ देखकर लिंग महाराज भी उसके चुम्बन को लालायित हो उठे, नाज़ुक मुलायम हाथ, लंबी-लंबी उंगलियाँ मेरे बदन पर चलने लगी मैं लिंग पकड़ धीरे-धीरे सहलाने लगा।
मुझे लिंग सहलाता देख ईशा ने मुस्कुराते हुए आँखों को छोटा किया, अपने होंठों को कामुक अंदाज़ में दांतों से काटा और मुझे आँख मार दी।
अब मेरा रुक पाना मुश्किल हो गया, मैं ईशा के पास गया और उसके स्तनों को काटना चाटना शुरू कर दिया। वह अचानक हुए हमले से थोड़ा कसमसाई पर बहुत जल्दी मेरा प्रतिउत्तर देने लगी, जिससे मुझे लगा कि शायद वह भी यही चाहती थी।
उसने मेरे बाल नोचने शुरू कर दिये। मेरी थकान गायब हो गयी थी और इस बीच ईशा के चेहरेसे पता लग रहा था वह भी अब तरोताजा हो गयी थी तो मैं सरक कर ईशा के पास चला गया मैंने उसके मुंह में अपनी जीभ घुसा दी, उसने भी ऐसा ही किया और हम बदहवास होकर चुम्बन करने लगे ।
हेमा थोड़ा डांटते हुए बोली आप दोनों थोड़ा इंतज़ार करो हमे मालिश पुरी कर लेने दो l
वो भी हड़बडा कर आई और मेरे पीछे से लिपट गई।
हम तीनों ही मुस्कुरा उठे।
मैं दोनों तरफ़ से नाज़ुक बदन के बीच आनंद ले रहा था। मेरे आगे छाती पर ईशा के स्तन थे और में ईशा को किस कर रहा था और मेरी पीठ पर हेमा के स्तन मेरी पीठ को रगड़ रहे थे पी और हेमा का एक हाथ मेरे लंड पर था और दूसरा हाथ मेरे कंधो को सहला रहा था और मेरे हाथ रीती की पीठ को सहला रहे थे और रीती के स्तन ईशा की पीठ को सहला रहे थे इसी को सैंडविच मसाज कहते हैं।
चुकी ये सैंडविच थोड़ा मेगा साइज का है तो मैंने इसे क्लब सैंडविच मसाज नाम दिया है।
मैं तीन अप्सराओं के बीच कामदेव बनकर स्वर्ग का सुख भोग रहा था। एक तरफ़ गद्देदार भरे हुए स्तन थे तो दूसरी तरफ़ नोकदार छोटी चूचियों का आनन्द...
मैंने पीछे पलटने जैसा होकर गर्दन मोड़ कर हेमा को चुम्बन दिया और हेमा ने पीछे से ही रीती के लेगी को खींच दिया, मेरा तना हुआ लौ इंच लंबा और तीन इंच का मोटा लिंग ईशा के पेट के पास टकराया।
मैंने हाथ पकड़ कर रीती को सामने की ओर किया और कमर को पकड़ कर उसे किश किया, कुछ देर हम चारो एक दुसरे को ऐसे ही प्यार करते रहे और मई एक हाथ से कभी रीती कभी ईशा और कभी हेमा के स्तनों से खेलता रहा और तीसरी को कस करता रहा तीनो ने मेरा पूरा साथ दिया।
मैं रीती और हेमा की-की मखमली मुलायम टांगों को देखता ही रह गया, हेमा ने गुलाबी पारदर्शी पेंटी पहन रखी थी, पेंटी के ऊपर से ही हेमा की गीली योनि के आकार का आभास हो रहा था, वह ज़्यादा फूली तो नहीं थी पर अपना खूबसूरत आकार लिये हुए थी। रीती ने लाल रंग की पैंटी पहन रखी थी और उसकी पैंटी के अंदर उसकी योनि गुलाब के फूल की पंखुड़ियों जैसी लग रही थी ।
मैंने रीती की नंगी टांगों पर अपना हाथ आहिस्ते से फिराया और योनि पर ले जाकर हल्के से दबाव डाला, रीती के मुंह से सिसकारी निकल गई-इस्स्स! और मेरे हाथों के ऊपर हाथ रखकर और दबाने लगी... पर मैंने हाथ हटा लिया और उसकी पेंटी की इलास्टिक पर हाथ फंसाया।
इधर हेमा नीचे बैठ गई और मेरे लिंग को निहारने लगी, उसने अपनी दोनों हाथों से मेरी जांघों को पकड़ा और सबसे पहले मेरी गोटियों को चूम लिया, फिर एक हाथ से लिंग को ऊपर की ओर करके पकड़ा और लिंग के जड़ से जीभ चलाना शुरू किया, फिर टोपे पर आकर एक चुम्बन किया और टोपे को मुंह के अंदर कर लिया।
कसम से उसकी इस अदा ने तो मेरी जान ही निकाल ली।
मेरा एक हाथ रीती की जांघो को सहला रहा था और ईशा को किस करता हुआ दुसरे हाथ से ईशा के स्तन दबा रहा था।
ये सारे उपक्रम लगभग एक साथ चल रहे थे।
फिर ईशा लेट गयी तो हेमा बोली आप दोनों सोफे पर कर लो तब तक हम आती है और हेमा और रीती उठ कर वहाँ से दुसरे कमरे में जाने के लिए खड़ी हो गयी ।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार