एक नौजवान के कारनामे 063

Story Info
सुरक्षा
922 words
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329
00

Part 63 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER-5

रुपाली-मेरी पड़ोसन

PART-27

सुपर संडे-सुरक्षा ​

तीनो तड़प रही थी और मैंने इनकी तड़प बढ़ाने के लिए धीरे-धीरे तीनो को अपने हाथो से सहलाते हुए उत्तेजित करना जारी रखा पर बीच-बीच में रुक जाता था ताकि वह चरम पर ना पहुँचे और झड़ न जाए । और तीनो मेरी मिन्नत कर रही थी, जोर से करो, जल्दी करो, रुको मत, पर मैंने कहा पहले सच्चाई बताओ तुम कौन हो?

तो हेमा बोली ये दोनों तो मर जाएंगी पर बोलेंगी नहीं क्योंकि इन्हे न बोलने के लिए प्रशिशिक्षिक किया गया है । हम तीनो आपके प्रति पूर्णतया वफ़ादार हैं । हमे महर्षि अमर ने आपकी सुरक्षा और सहायता के लिए भेजा है । मैं उनका नाम सुन कर चौंका! तो हेमा बोली जब आप उन से मिल कर आये तो उन्होंने महाराज हरिमोहिंदर के सुरक्षा प्रमुख को बुलाया जो गुप्तचर विभाग के भी प्रमुख हैं और उन्होंने उन्हें आपकी सुरक्षा के लिए हमे नियुक्त किया था क्योंकि आप उनके छोटे भाई राजकुमार दीपक हैं।

उन्हें ने मुझे सचिव नियुक्त किया है और ईशा आपकी सूरत ही सुरक्षा प्रमुख हैं और रीती आपकी सेविका हैं l

फिर उसने बोला महर्षि ने अभी हमे गुप्त रूप से आप का साथ देने की आज्ञा दी थी इसलिए हम आपके आस पास ही रहते हैं। हमारे तीनो के पास आपके लिए महर्षि का एक पत्र है जो उन्होंने ऐसे ही किसी अवसर पर या जब हम पकड़ी जाए तो आपको देने के लिए दिया था और फिर हेमा ने एक विशेष मन्त्र बोला जो महाराज ने मुझे बताया था जो की हमारे लिए गुप्त कोड था और बताया वह पत्र कहाँ रखा है।

मैंने वह पत्र निकाल कर पढ़ा जिसमे महर्षि ने इनका परिचय और यज्ञ प्रक्रिया पूरी होने तक गोपनीयंता बनाये रखने का आदेश दिया था जो मुझे बिलकुल उचित लगा और मैंने तीनो के हाथ पैर खोल दिए l

तो तीनो ने प्रणाम किया और ईशा बोली आप हमे क्षमा कर दे और जब आप इस होटल में आये और ब्यूटी पारलर वाली के लिए बोले तो मेरे पास कोई चारा नहीं बचा इन्हे बुलाने के सिवा । और फिर हेमा बोली आप हमे क्षमा कर दे l मैंने कहा आपसे मुझे कोई शिकायत नहीं है और महृषि के आदेश अनुसार अभी थोड़ी गोपनीयता बनाये रखना ही उचित है l

उसके बाद मैंने कहा थोड़ी देर में मुझे जीतू से भी मिलने जाना होगा, तो हेमा बोली राजकुमार अब उसकी कोई आवश्यकता नहीं हैl वह भी आपका ही सेवक है शाम के 4 बज गए थे और मैं मानसिक तौर पर थका हुआ महसूस कर रहा था. तो रीती ने फिर उस दिव्य हर्बल तेल से मेरी मालिश कर दी जिससे मैं फिर तरोताजा महसूस करने लगा और स्नान करने के बाद हम होटल से निकल आयेl

वापिस आ कर कुछ चाय नाश्ता करने के बाद मैं और मानवी भाभी सैर करने को पार्क में गए और भाभी ने उस दिन आसमानी रंग की साडी पहनी हुई थी और उसमे वह बहुत ज़्यादा सेक्सी लग रही थी और फिर मैं भाभी को उसी जगह ले गया जहाँ मैंने ईशा को पकड़ा था और भाभी को उसी बेंच पर बिठा कर उसे किश करने लगा l

घर पर वापिस आ कर कुछ चाय नाश्ता करने के बाद मैं और मानवी भाभी सैर करने पार्क में गए और भाभी ने उस दिन आसमानी नीले रंग की साडी उसी रंग का पहनी हुई थी और उसमे वह बहुत ज़्यादा सेक्सी लग रही थी और फिर मैं भाभी को उसी जगह ले गया जहाँ मैंने ईशा को पकड़ा था और भाभी को उसी बेंच पर बिठा कर उसे किश करने लगा।

जब मैंने मानवी भाभी को किश किया तो भाभी बोली ये तो आप मुझे आज किसी लग जगह पर ले आये हो । क्या यहाँ करना सुरक्षित रहेगा? तो मैंने बोलै हाँ ये सुरक्षित हैं मैंने इस जगह को कुछ दें पहले देखा था और यहाँ पर मैंने ना के बराबर लोगों को ही इधर आते हुए देखा है । भाभी हम भी यहाँ पहले कहाँ आये है?

तभी ठंडी हवा चलने लगी और काले बादल आने लगा और मौसम सुहाना होने लगा और रौशनी भी कम होने लग गयी मुझे कामायनी की कुछ पंक्तिया याद आयी।

अरी आँधियों ओ बिजली की, दिवा-रात्रि तेरा नर्तन,

उसी वासना की उपासना, वह तेरा प्रत्यावर्तन।

कुसुमित कुंजों में वे पुलकित, प्रेमालिंगन हुए विलीनl

और हम बहुत देर तक आलिंगनबद्ध हुए किस करते रहे फिर मैंने कहा भाभी अब तो अँधेरा होने लगा है इसलिए अब यहाँ किसी के आने की संभावना बहुत कम है और भाभी को आयी लव यू कहते हुए उसे चूमा औरसाडी के ऊपर से उसके स्तनों को दबाने लगा।

भाभी बोली काका! मैं भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ पर ऐसे खुले में बहुत डर लगता है अगर किसी ने देख लिया तो कितनी बदनामी होगी क्या हम ये आराम से घर के बंद कमरे में नहीं कर सकते तो मैंने कहा भाभी घर में तो और लोग भी होते हैं इसलिए घर में करना बहुत मुश्किल है आप कहे तो होटल में चल सकते हैं... तो भाभी बोली नहीं वहाँ भी किसी के देख लेने का ख़तरा रहेगा ।

तो मैंने भाभी का हाथ पकड़ कर लंड पर रखते हुए कहा भाभी खुले में चुदाई करने का अपना एक अलग मज़ा हैl भाभी आप इसके बारे में कुछ कीजिये कमरे का बाद में कुछ इंतज़ाम करते हैं।

तो भाभी बोली आप मुझे पिछले पूरे महीने से ऐसे ही बहला रहे हो लेकिन काका आप मुझे बताओ कि आपने मुझसे क्या वादा किया था?"

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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