एक नौजवान के कारनामे 062

Story Info
लेस्बियन त्रिकोण​.
1.2k words
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242
00

Part 62 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER-5

रुपाली-मेरी पड़ोसन

PART-26

सुपर संडे-लेस्बियन त्रिकोण​

मैंने अपने होंठ ईशा के होंठ पर रख दिये। फिर मैं अपने होंठों से ईशा के होंठ खोलते हुए ईशा का निचला होंठ चूसने लगा। ईशा ने अपने होंठ चुसाई से गर्म हो कर मेरे कन्धों पर अपना सर रख दिया। मैंने ईशा का रिएक्शन देख कर धीरे से अपना हाथ बढ़ा कर ईशा की एक चूची पकड़ ली। मैं एक हाथ से ईशा की एक चूची सहला रहा था और दुसरा हाथ उसके चूतड़ पर फेर रहा था।

ईशा मेरी इस हरकत पर पहले तो थोड़ा कसमसाई और हेमा और रीती की तरफ़ देखते हुए उसने भी मेरे को ज़ोर से अपनी बाँहों में भींच लिया। मैंने अब ईशा की दोनों चूचियों पर अपने दोनों हाथ रख दिये और ईशा की दोनों चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा। वह बहुत गर्म हो गयी और उसकी साँसें जोर-जोर से चलने लगी। मैं ईशा के चूची को मसलते हुए ईशा को होंठों को चूमने लगा। ईशा इस बीच हेमा और रीती की तरफ़ देखती रही ।

तो मैंने भी देखा कि हेमा और रीती भी अपना-अपना बदन सहला रही हैं और दोनों बड़े ग़ौर से मेरा और ईशा के बीच चल रही चूमा चाटी को देख रही थी।

मैंने फिर से अपना ध्यान ईशा के शरीर पर डाला। मैं ईशा की निप्पल को लेकर मसल रहा था और ईशा मेरे कन्धो से लिपटी चुप चाप आँखें बंद करके अपनी चूची मलवा रही थी। मैं ईशा की एक चूची अपने मुँह में भर ली और मज़े ले-ले कर चूसने लगा।

कुछ देर के बाद हेमा, जो कि इन तीनो में सबसे बड़ी थी, अपना हाथ अपने बदन पर और चूची पर फेरने लगी और एक फूल उठा कर ईशा के छाती पर मारा और फिर जब ईशा ने उसकी और देखा तो मैंने भी उसकी और देखा तो हेमा ने बड़े ही मादक तरीके से हेमा ने ऊँगली से अपने पास आने का इशारा किया तो मैं उसकी तरफ़ लपका, उसने मुझे रोक दिया।

हेमा बोली-राजाजी आप थोड़ा रुको और नज़ारे देखो, सब आपका ही है। मुझे राजाजी बुलाने पर मैं चौंक गया और मैंने सोचा इस बारे में पता लगाना चाहिए मैं ये सोच रहा था।

इतने में मेरी ढीली हो चुकी पकड़ से निकल ईशा उठ कर उनके पास चली गयी दोनों नंगी लेटी हुई किस कर रही थी और दोनों के हाथ कभी एक दूसरे की चूतो को मसलने लगते तो कभी चुचिओ को दबाने लगते।

ईशा बेड के ऊपेर आ के रीती और हेमा के बीचे में बैठ गई और अपने दोनों हाथो से दोनों की चुचिओ को मसल्ने लगी हेमा और रीती ने भी अपने-अपने एक एक हाथ बढ़ा के ईशा की दोनों चूचियों को पकड़ लिया और दबाने लगी, चूसने लगी और उसके निपल्स को काटने लगी।

हेमा ने ईशा को लिटा दिया और ईशा की टाँगें खोल के उसकी टाँगो के बीच में पेट के बल लेट गई और उसकी चूत को किस करने लगी। हेमा का मूह उसकी चूत पर लगते ही ईशा मस्ती में पागल हो गई और हेमा का सर पकड़ के अपनी चूत में घुसा लिया रीती अपनी जगह से उठ के ईशा के सर के दोनों तरफ़ अपने घुटनेमोड़ के उसके मूह पर अपनी चूत रख के बैठ गई और ईशा रीती की चूत को चूसने लगी और रीती टेडी होकर हेमा की टाँगें खोल के उसकी टाँगो के बीच में लेट गई और उसकी चूत को चाटने करने लगी।

अब ईशा पीठ के बल लेटी हुई थी और उसकी दोनों खुली हुई टाँगो के बीच में हेमा लेट के ईशा की चिकनी चूत को अपनी जीभ से चाट रही थी और रीती ईशा के मूह पर उल्टा लेटी अपनी गांड उठा-उठा कर ईशा के मुँह को चोद रही थी और साथ-साथ हेमा की चूत को भी चाट रही थी।

इस समय एक त्रिकोण बना कर तीनो लड़कियों मुखमैथुन कर रही थी और साथ में ईशा दाए हाथ से हेमा के एक स्तन के दबा रही थी और दुसरे हाथ से रीती के स्तन और निप्पल से खेल रही थी वही रीती भी एक हाथ से हेमा और दुसरे हाथ से ईशा की चूचिया दबा रही थी और यही काम हेमा भी कर रही थी । सच बड़ा ही मादक दृश्य था, तीन अति सुन्दर कामुक लड़किया आपस में मुख मैथिन करती हुई देख मेरा लंड बार-बार तुनक रहा था।

आपस के इस तींन तरफा हमले से तीनो लड़कियों का जोश और उत्तेजना और बढ़ गयी ।और उनके मुँह से के मूह से मस्ती की सिसकारिया निकलने लगी और तीनो बोल रही थी आहह! डीईईई! आआहह! हाय्यय! अह्ह्ह्ह!

और फिर जल्द ही तीनो अपनी कमर हिला-हिला कर और चूतड़ उठा के ज़ोर-ज़ोर से जो भी मुँह उनकी चूत पर चल रहा था उसपे अपनी चूत को रगड़ने लगी ये नज़ारे मैं अपने लंड को धीरे-धीरे सहला कर सांत्वना दे रहा था और इससे मेरे लंड को फौलादी हो गया था और मेरा मन कर रहा था बस तीनो को जल्दी से चोद डालूं ।

मैं उठ कर ईशा के पास पलंग पर बैठ गया। मैंने पहले ईशा के सर पर हाथ रखा और एक हाथ से उसके कन्धों को पकड़ लिया। इससे ईशा का चेहरा मेरे सामने हो गया। मुझे देखते ही पहले ईशा ने हेमा और रीती की तरफ़ देखा और फिर अपना सर रीती की चूत से हटा कर मेरे हाथों में ढीला छोड़ दिया। मैंने फटाफट उसके ओंठो पर एक चुम्मा दे दिया ।

मैंने अपने होंठ ईशा के ओंठो पर रख दिये। फिर अपने होंठों से ईशा के होंठ खोलते हुए उसका का निचला होंठ चूसने लगा। ईशा का मुँह रीती की चूत से हट्ते ही रीती तड़पो उठी और उसने ईशा की तरफ़ देखा और उसके कारण उसका मुँह भी हेमा की चूत से हट गया और हेमा भी तड़प उठी और बोली रीती रुक क्यों गयी और इसके कारण उसका मुँह भी ईशा की चूत से हट गया ।

मैंने एक रस्सी ली और हेमा और रीती के हाथो को बाँध दिया।

तीनो झड़ने की कगार पर थी और इस समय मेरे आ जाने के कारण से उनका ओर्गास्म भी रुक गया था और... तीनो बिलकुल जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी और बोली प्लीज राजा जी हमे छोड़ो या चोद दो पर ऐसे मत तड़पाओ पर मेरा इरादा अभी कुछ और था।

फिर ईशा ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और बोली मुझे चोदो और हेमा और रीती भी बोली मुझे चोदो, मुझे चोदो और ईशा मेरा लंड पकड़ कर अपनी योनि पर दबाने लगी और अपनी कमर ऊपर-नीचे करने लगी जिससे लंड अंदर चला जाए। अब मैं समझ गया कि अब ईशा मेरा लंड अपनी चूत के अंदर लेना चाहती है।

उसने उसका मुँह चूम कर धीरे से उसके कान पर मुँह रख कर पूछा, "ईशा कहो, क्या हो रहा है चूत क्यों उठा रही हो?" ईशा बोली, "हाँ मेरे राजा अब तड़पाओ मत, मेरे राजा तुम सही कह रहे हो, मुझे कुछ हो रहा है... मुझ से सहन नहीं हो रहा है मेरी चूत में चीटियाँ रेंग रही हैं। मेरा सारा बदन टूट रहा है, अब तुम लंड को जल्दी से अंदर डाल मुझे चोदो।" मैंने फिर पूछा, "क्या तुम अपनी चूत मेरे लंड से चुदवाना चाहती हो?" ईशा बोली, "मैं क्या? इस समय तो हम तीनो चुदाई के लिए तड़प रही है। क्यों तड़पा रहे हो राज...?"

मैं बोला क्या हुआ? रुक क्यों गयी? पूरा बोलो तभी अब मैं तुमको तभी चोदुँगा, जब तुम मुझे अपनी असलियत बता दोगी बताओ! तुम तीनो कौन हो और कहाँ से आयी हो तुम्हे किसने भेजा है?

तुम तीनो जो दिख रही हो वह बिलकुल नहीं हो सच बताओ कौन हो तुम और उसके बाद उन तीनो को साडी ले कर उनके हाथ पैरो को बाँध दिया।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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