एक नौजवान के कारनामे 065

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रूपाली के साथ सुहागरात
1.3k words
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Part 65 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER-5

रुपाली-मेरी पड़ोसन

PART-29

सुपर संडे-रूपाली के साथ सुहागरात

पार्क में चुदाई का सत्र ख़त्म करने के बाद मैंने और मानवी भाभी ने अपने कपड़े ठीक किए और घर वापस आ गए। रास्ते में मानवी ने मुझ से कहा कि आज उसे बहुत अच्छा लगा क्योंकि मैंने आज उसकी खुल कर अच्छी तरह से चुदाई की है और वह चाहती है ये सिलसिला चलता रहे।

दूसरी तरफ़ घर में रूपाली भी मेरे बारे में सोच में ही रही थी कि कल मेरे साथ थिएटर में और आज सुबह क्या हुआ। उसने मेरे साथ चुदाई के हर पल का आनंद लिया। अब उसे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता था कि उसका पति भी था। रात के खाने से पहले वह मेरे कमरे में आई उस समय घर में अकेला था और उसने मेरी आँखों में आँखे दाल कर बड़े प्यार से देखा और कहा, "जब तक तुम हमारे साथ हमारी मंज़िल में हो, मैं शादी शुदा औरत होने के बावजूद तुम्हारी प्रेमीका और पत्नी बनना चाहूंगी क्या तुम मुझे अपनी प्रेमिका और पत्नी के तौर पर स्वीकार करोगे?"

"हाँ, मेरी प्यारी रुपाली, इसi पल से, तुम मेरी प्यारी पत्नी हो।" मैंने कहा और उसे गले लगा कर उसके होठों पर एक गर्म चुम्बन किया और मैंने उससे कहा चुकी अब हम दोनों पति पत्नी बन गए हैं तो मैं आज रात तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ। कल सोमवार है और मैं छुट्टी ले रहा हूँ और ऑफिस नहीं जाऊँगा इसलिए मैं आज रात तुम्हारे साथ सुहागरात मनाना चाहता हूँ।

मैंने रूपाली से कहा कि मैं आपको अपने पसंदीदा सुहाग-जोड़े में सुहागरात के कमरे में सबसे अच्छा मेकअप किये हुए और-और गहने पहने हुए दुल्हन के रूप में देखना चाहता हूँ, इसलिए कृपया आप दुल्हन की तरह से त्यार हो जाए और सुहागरात के कमरे में वैसे ही बैठें जैसे कि फ़िल्मों और धारावाहिकों में दिखाया जाता है।

10 बजे तक उसने सुनिश्चित किया की सब सो जाए । जब सब सो गए तो मेरे पास आ गयी और उसने सुहागरात की तैयारी शुरू की और पूरा शृंगार करने के बाद और सभी दुल्हन के गहने पहन कर दूध का गिलास पकड़ कर उसने विशेष रूप से सजे सुहागरात के कमरे में प्रवेश किया। कमरे की सजावट देख कर उसका मन प्रसन्न हो गया।

बिस्तर पर गुलाब के फूलों की पंखुड़ियाँ बिछी हुई थी। पूरे कमरे में फूलों की ही महक थी! बिस्तर सुंगधित फूलों के साथ सजा हुआ था कमरे में फूलों के बूके और बिस्तर पर फूलों की झालरे लगी हुयी थी, साटन की नयी बेडशीट और कुशन बिछे हुए थे । कमरे में ड्रिंक, स्नैक्स फल और कुछ स्पैशल खाने-पीने की चीजें रखी हुई थी कमरे में लाइटिंग के लिए अरोमा कैंडल्स लगा कर गुलाबी रंग की रौशनी की हुई थी कमरे में सुंगधित परफ्यूम की मनमोहक खूशबू आ रही थी (ये सब सजावट मैंने होटल में जिसने आज मेरा कमरा सजाया था उसे गुप्त तौर पर बुला कर करवा ली थी) कमरे में बहुत धीमा रोमांटिक संगीत बज रहा था l

रूपाली ने साइड टेबल पर दूध का गिलास रखा और लेहेंगा और सेक्सी ब्लाउज चमकदार लाल चमक वाले सिल्की जरी कपड़े के थे और ओधनी (चुनरी) सभी पारदर्शी कपड़े पहने हुए थे। रुपाली ने अपनी ओढ़नी को एक घूँघट के तौर पर प्रयोग किया और बीस्ट की एक साइड में बैठ गयी कुछ समय बाद मैंने कमरे में प्रवेश किया मुझे देख रुपाली खड़ी हो गयी तो मैंने वहाँ रखा एक फूलो का बड़ा हार उठा कर उसके गले में दाल दिया और उसने भी दूसरा हार मेरे गले में दाल दिया और मेरे पैर छूने के लिए रुपाली नीचे झुक गयी तो मैंने उसे उठाया और अपने गले लगा कर कहा तुम्हे जगह मेरे दिल में है और दोनों कुछ देर ऐसे ही लिपटे रहे।

रुपाली लाल लेहेंगा चोली और गहने पहने हुए बिलकुल स्वर्ग से उत्तरी अप्सरा लग रही थी, उसके बालों में फूले का गजरा था मेरा लंड बिलकुल कड़ा हो गया था। उसने कहा काका मैं इस समय एक कुंवारी की तरह महसूस कर रही हूँ।

फिर मैंने उसे बिठा दिया तो डबल बेड पर बैठकर अपने चारों ओर के सबसे बड़े घेरे में अपना बहुत बड़ा लहंगा फैला दिया। फिर मैंने रूपाली से कहा "मैं आपको अपने भविष्य के जीवन के लिए कुछ विशेष और आवश्यक बताना चाहता हूँ। लेकिन मैं अपने सर को आपकी गोद में रख कर आप से बात करना चाहता हूँ। फिर मैंने अपना सिर उसकी गोद में रख दिया। तब मैंने कहा कि" सुनो रुपाली तुम्हारा रूप म देख कर मेरी सेक्स की भूख बहुत बढ़ गयी है और जब मैंने तुम्हे पहले दिन देखा था तभी से मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ और तुम्हे चाहने लग गया था ।

रुपाली ने मुझे वह गिलास दिया मैंने ख़ुद कुछ दूध पी लिया और बाक़ी दूध का गिलास रूपाली को दे दिया। जो उसने ख़ुशी से पी लिया। मैंने पहले से ही चुपके से दूध के गिलास में एक विशेष दवा की कुछ बूंदें मिला दी थी, जिससे मेरी कामुकता भड़क गई थी।

मैं फिर मैंने उसके साथ बात करना जारी रखा। दवा का असर होने लगा।

जैसा कि अब आप मेरी बहुत प्यारी प्रिय प्रेमिका हैं और मैं आपका दीवाना हो गया हूँ और मुझे कल और आज आपके साथ सेक्स करके बहुत मज़ा आया है । आपको कैसा लगा... वह शर्मा गयी तो मैंने कहाः शर्माओ मत मेरी जान अब हम गुप्त रूप से पति पत्नी हैं स्पष्ट रूप से बोलो तभी हम खुल कर मजे कर पाएंगे तो वह धीरे से बोली मुझे भी बहुत अच्छा लगा।

तो मैंने कहा आप भी चाहती हैं हम ये फिर करे बार-बार करे तो उसने शर्मा कर सर हाँ में हिलाया, तो ठीक है रूपाली फिर ये तय रहा आप कभी भी मेरे साथ सेक्स के लिए मना नहीं करेंगी। इसके अलावा मैं आपके साथ चुदाई में हर संभव बदलाव लाने की कोशिश कर इसे मजेदार बनाए की कोशिश करूंगा ताकि हम सेक्स का पूरा मज़ा ले सके और आप मुझे इस उद्देश्य के लिए हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ सहयोग देने के लिए तैयार रहेंगी। इस तरह हम दोनों एक दुसरे को हमेशा यौन क्रिया में पूरी तरह से संतुष्ट रखे आज की इस विशेष रात में मैं आपसे यही चाहता हूँ।

... "रूपाली ने कहा" मैं आपकी प्रिय जीवनसाथी बन आपको हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ सहयोग दूंगी और आपको हमेशा संतुष्ट रखूंगी और आपकी सभी सेक्स कल्पनाओ को साकार करने में सहायक बनूँगी और आपके साथ सेक्स करने के लिए सदा त्यार और ततपर रहूंगी। अब आप कृपया बताएँ कि मुझे अब क्या करना है। "

मैंने कहा "मैं आपको दुल्हन के रूप देखकर बहुत उत्तेजित हूँ कि सबसे पहले मैं आपको चोदना चाहता हूँ, उसके बाद हम आगे बात करेंगे।"

लाल लहंगे चोली पहने हुई, फूलो और गहने से सजी और स्तनों की दरार और चूत केओंठो के अंदर शहद लगाए हुए रुपाली ने कहा काका मैं आज कुंवारी की तरह महसूस कर रही हूँ।

मैंने ललचाई हुई नज़रो से उसके स्तनों को दरार के माध्यम से झाँका और मैंने अपने होंठो पर अपनी जीभ फेरी।

उसने मेरी आँखों में देखा और मुस्कुराते हुए बोली, "अब हम दोनों को किस चीज़ के लिए इंतज़ार कर रहे हैं? कही आप इसके लिए तो चिंतित नहीं हैं कि मैं कुंवारी नहीं हूँ?"

मैं बोला "मैं तुम्हे अपने नीचे लिटा कर तुम्हारे खूबसूरत नंगे बदन को सहलाते हुए तुम्हें चोदना चाहता हूँ और इस बिस्तर पर तुम्हारी चूत के अंदर जड़ तक अपना लंड घुसा कर तुम्हारी खुजली को भड़का दू ताकि तुम हर समय मुझ से चुदाने के लिए तड़पती रहो और मैं तुम्हे आज पूरी रात बार-बार चोदता रहूँ।"

"शर्माते हुए उसने सुझाया प्लीज आराम से करना।" मैंने एक गुलाब का फूल दिया बातें करते-करते मैने अपना हाथ रुपाली पर रख दिया। उसने कोई विरोध नहीं किया, फिर घूंघट उठा कर मैंने उसे तोहफा दिया और बिस्तर से एक गुलाब उठाया और उसको मसल कर उसके ओंठो पर अपने ऊँगली फेरने लगा।

मैंने उसके ऊपरी होंठ पर अपनी ऊँगली फेरी और अब मैंने अपने हाथों से उसका चेहरा उठाया और उसके गालों पर चूम लिया। उसने अपनी आँखे बन्द कर लीं। अब मैंने उसके होंठों पर चूमा। उसके होंठो को अपने होंठ रख कर चूमने लगा।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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