चालू लड़की मास्टर से चुदी

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चालू लड़की मास्टर से चुदी.
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रोज़ी वैसे तो सिर्फ १८ साल की नवयुवती थी जो अपने बारवीं के परीक्षा की तैयारियां कर रही थी, शहर के सबसे नामचीन व्यक्ति की सबसे छोटी बेटी होने के कारन उसके बाप मिस्टर लोबो ने अपनी बेटी का दाख़िला पैसे देकर सबसे बड़े कॉलेज में करवा दिया था. अभी अभी जवानी की देहलीज पर उसके कदम पड़ ही रहे थे, शरीर के खास अंगो पर मांस चढ़ने लगा था और दिन ब दिन उसकी जवानी के चर्चे पुरे कॉलेज में फ़ैल रहे थे. उसका बाप लोबो और माँ जुली अपने कारोबार के चलते अपने दोनों बेटियों पर कुछ खास ध्यान नहीं दे पाते, रोज़ी की बड़ी बेहेन सूझी भी अब २४ की हो चुकी थी और अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद अपने बाप का कारोबार देखने में मदत कर रहि थी. गोवा के सबसे धनवान लोगों में लोबो की गिनती होती थी, उस हिसाब से उनका रहन सहन भी उसकी प्रकार का था, घर में नौकर चाकर, बड़ी बड़ी गाड़ियां और जिंदगी जीने का खुलापन तो देखते बनता था.

सूझी तो वैसे नेक लड़की थी, पढाई के दौरान और बाद भी उसका किसी लड़के से कोई चक्कर या संबंध नहीं थे पर इसके विपरीत थी उसकी छोटी बहन रोज़ी, स्कुल से ही उसकी कमसिन चुत कुलबुलाने लगी थी. स्कुल के कुछ नटखट सहेलियों से उसने पहली बार वो गंदी वाली सिनेमा देखि थी और उन्हीं सहेलिओं के बातों में आकर हर रात वो अपने माँ बाप के कमरे में कान लगाके उनकी चुदाई सुनती थी. बड़ा शातिर दिमाख था लौंडिया का, किसी तरह लोबो और जुली की चुदाई आँखों से देखने के लिए इस लड़की ने अपनी ही माँ बाप के कमरे की खिड़की में एक सुराख़ बना दिया था. जब भी उसके कानों पर अपने मम्मी की सिसकियाँ पड़ती तो वो भाग के उनकी चुदाई देखने पहुँच जाती, माँ बाप की नंगी चुदाई देख ये बिगड़ी हुई लड़की अपने चुत को बड़े प्यार से सहलाती.

धनवान घर की लड़की होने के कारण इसको अपना खुदका एक कमरा मिला हुवा था और इस कमरे में आने की इजाजत सिर्फ एक इंसान को थी और वो है उसकी माँ जुली, बाकी लोबो और सूझी तो मुड़के भी उस कमरे को नहीं देखते. सूझी अपने बाप के कारोबार को बढ़ाने में पूरी जी-जान लगाके मेहनत कर रही थी और यहाँ उसकी छोटी बहन अपने माँ बाप को नंगा देख के मजे ले रही थी. इसका असर जो होना था वही हुवा, धीरे धीरे उसका ध्यान पढाई से हटने लगा और दिन हो या रात उसके दिमाख में बस एक ही बात चलती और वो थी चुदाई. रात को पूरी नंगी होके अपने नीबू मसल मसल के इस लौंडियाँ ने उसके अमरुद बना दिया थे, दसवीं से बारवी आने तक रोजी का सीना ३२ इंच का हो चूका था.

​​बारहवीं के आखरी परीक्षा का समयपत्रक जिस दिन सामने आया वैसे रोज़ी की गांड फ़ट गयी, साली पूरा साल मटरगश्ती करती रही और अब पढाई करने का सोच के उसके चुत का पानी सुख गया. अपने मन को समझाते हुए उसने अपना ध्यान पढाई के तरफ देना चालू किया और इन्हीं दिनों में उसको पता चला की कॉलेज के कुछ प्रोफ़ेसर बच्चो को निज़ी प्रशिक्षण दे रहे है. उनके बारे में पता चलते ही उसको एक आशा की किरण दिखाई दी की जैसे तैसे करके वो बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण हो जायेगी, दूसरे ही दिन उसने उन प्रोफ़ेसरों में से एक को चुना और उनसे मिलने उसके घर चली गयी. उसको लगा शायद पैसों का लालच इन प्रोफ़ेसर को देने से शायद वो परीक्षा उत्तीर्ण होने में उसकी कुछ ख़ास मदत कर दे तो और भी अच्छा रहेगा.

यहाँ वरुण अपने निज़ी शिक्षा केंद्र रूम में बैठा सब छात्रोंकी यादि बना रहा था जिन्होंने हाल ही में उससे स्पेशल क्लास के लिए पैसे भरे थे, रोज़ी उस कमरे के पा आयी और उसने दरवाज़े पर थपथपा के अंदर आने की इज्जाजत मांगी. वरुण ४२ साल का सुशिल स्वभाव का आदमीं है जिसने अपनी पूरी उम्र पढाई और इनसे सम्बंधित कामों में ही ख़र्च करने की शपथ ले रखी थी, उसकी बीवी रमा ने भी उसका आज तक अच्छेसे साथ दिया था. लेकिन जितना वो सुशिल था उतना ही काम पिपासु, कॉलेज की ऐसी बहोत से लड़किया थी जिनको पास करने बदले में वरुण से उनकी जवानी के मजे लिए थे, और इन कमसिन लड़कियों की नथ उतारने में वरुण माहिर था.

वरुण के कमरे के बाहर आके रोज़ी ने दरवाजा टकटकाया और अंदर आने की अनुमति ले ली, रोज़ी तो वैसे भी कॉलेज में मशहूर थी अपने जवानी के जोर पर और आज वही लड़की अपने पास आती देख़ वरुण ने झट से उसे अंदर बुला लिया. वरुण के पास आके रोज़ी ने कहा, "सर मुझे भी आपकी टूशन में आना है, मुझे आशा है की आप मुझे भी पास होने में जरूर मदत करेंगे"

वरुण रोजी की तरफ हसता हुवा बोला, "अरे मैं कोई पेपर्स नहीं दे रहा परीक्षा के, बस सब विषयों पर कैसे पढाई करनी है इस बारे में मार्गदर्शन करूँगा और रही बात तुम्हारी, तुम तो इस साल ज़रुर अनुतीर्ण होनेवाली हो, पूरा साल तो तुमने मस्ती करने में लगा दिया अब इन आख़री दिनों में क्या कर लोगी तुम?"

रोज़ी को इस बात का बड़ा बुरा लगा, पर वरुण सर जो भी बोल रहे थे वो भी तो सच ही था और इसलिए उसकी शक़ल रोने जैसी हो गयी. लड़की चाहे कैसी भी हो पर अपने माँ बाप से डरती थी, बड़ी बहन की सफ़लता सुन सुन के उसके कान अब पक चुके थे और वो भी अपने माँ बाप के नजर में चमकना चाहती थी. वरुण सर उसकी आखरी आशा थे जो उसको परीक्षा पास होने में मदत कर सकते थे, ये जानते हुए वो झट से वरुण के कदमों में बैठ गयी और उसके पैर पकड़ते हुए बोली, "ऐसा ना करो सर, बस आप ही है जो मेरी गलती को माफ़ करके मुझे मदत कर सकते हो, आप जो बोलो उतने पैसे में आपको दे दूंगी, बस आप मेरा ये एक काम करवा दो...".

रोज़ी का रहन सहन बड़ा उच्च दर्जा का था, उसके कपडे उसके शरीर को ढकते कम थे और दिखाते ज्यादा, इसी वजह से जब वो निचे बैठी तो उसका टॉप आगे से उभर आया. अभी अभी फुला हुवा उसका सीना देख के वरुण एक बार हड़बड़ाया पर खुदको काबू करते हुए उसने रोज़ी को उसके कंधो के सहारे खड़ा किया और बोला, "अरे ये क्या कर रही हो? देखो में मार्गदर्शन तो कर दूंगा तुमको पर उत्तीर्ण होने के लिए तुमको भी उतनी ही कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी." ये बोलते हुए उसके हाथ रोज़ी के कंधो से होते हुए उसके सीने के उभार पर आ गए और उन कच्चे आमों को सहलाते हुए वो बड़े निर्लजता से रोज़ी को देख़कर कुटिल मुस्कान करने लगा.

रोज़ी उस अचानक हुए स्पर्श से घबराके पीछे हटने लगी पर वरुण ने अपने दूसरे हाथ से उसको पकड़ते हुए बोला, "अरे? अब क्या हुवा, अभी अभी तो तुम बोल रही थी की तुम कड़ी मेहनत करोगी? बस इतने से दर गयी?".

रोज़ी ख़ुदको सभालते हुए बोली, "प प् पर सर आपके साथ ऐसे, प्लीज सर मुझसे नहीं होगा, घर पर पता चला तो मेरी जान ले लेंगे, आप जितने पैसे बोलो उतने दे दूंगी सर...". रोज़ी जैसे उसके साथ भाव कर रही थी, अपनी जवानी बचाकर पैसे देकर वो अपना स्वार्थ साध रही थी पर उसको वरुण के बारे में पता नहीं था, पैसा तो उसके पास भी था पर उसके लौड़े की हवस बुझाने के लिए उसकी बीवी असमर्थ थी. वरुण फिरसे हसते हुए बोला, "सुन लड़की, ये पैसा रख तेरे पास और हां अगर पास होना है तो कीमत मैं तय करूँगा, तुम नहीं."

रोज़ी अब थोड़े गुस्से में बोली, "छी, कितनी गन्दी सोच है आपकी सर, मैं तो मदत मांगने आयी थी और आप मेरे ही साथ ऐसे कर रहे हो? शरम आणि चाहिए आपको, आप को पता है मैं इस बात की शिकायत प्रिंसपल और मेरे पापा से कर दू तो आपका क्या होगा?".

वरुण ने बिना कुछ बोले अपना मोबाईल निकला और उसके सामने एक विडिओ चालु कर के मोबाइल उसके सामने कर दिया, विडिओ देख के जैसे रोज़ी के प्राण ही नक़ल गए और धड़ाम से जमीन पर बैठ के रोने लगी. रोज़ी और उसकी कुछ बिगड़ी हुई सहेलिया रोज़ श्याम को कॉलेज छूटने के बाद रिसर्च लॅब में जमा होती और एक दूसरे के साथ समलैंगिक हो जाती. पूरी नंगी करके रोज़ी और उसकी ३ सहेलियां रोज श्याम को अकेले में अपनी जवान कमसिन चुत एक दूसरे की चुत से रगड़वाती और चुदाई का मजा लेती.

ना जाने कैसे वरुण को इस बात का पता चला और उसने एक दिन चोरी छुपे उन सबका विडिओ बना लिआया, वही विडिओ दिखाके उसने रोज़ी को फिर से अपने पैरों पर गिड़गिड़ाने के लिए छोड़ दिया. रोज़ी उसके पैर पकड़ कर माफ़ी मांग रही थी, रोये जा रही थी पर वरुण के सामने रोज़ी का जवान बदन ही आ रहा था, उसके दिल में रोज़ी के प्रति कोई दया का भाव नहीं था.

रोज़ी को अपने पैरों पर गिड़गिड़ाता देख के वो बोला, "जा कर दे शिकायत मेरी बहनचोद, आज ही श्याम को तेरा ये विडिओ सबको भेज दूंगा, तेरे बाप को भी समझी? फिर देख तेरी क्या हालत होगी."

रोज़ी के पास अब उसकी बात मानने के अलावा और कोई भी चारा नहीं था, बहोत देर रोने के बाद वो खुद खड़ी हुई और वरुण के तरफ ना देखते हुए वो बोली, "ठीक है सर, आप जैसा कहोगे वैसे ही होगा, पर मेरी एक शर्त है."

वरुण पाने कामयाबी पर हसता हुवा बोलै, "हां रंडी अब तू शर्त रखेगी? देखा है मैंने कैसे नंगी होके उस मारिया की चुत चूस रही थी तू? अच्छा ठीक है बता तेरी शर्त".

वरुण के मुँह से रंडी हैसा शब्द सुनके एक बार तो रोज़ी को बुरा लगा पर फिर भी उसने निडर होकर कहा, "मैं सिर्फ एक ही बार करुँगी और मुझे परीक्षा में पुरे मार्क के साथ पास करना होगा आपको".

वरुण के लिए ये मामूली सी बात थी और उसको ये भी पता था लौंडिया एक बार फ़सी तो उसको कैसे और फ़साना है, इसलिए उसने भी खुश होके कहा, "बस इतनी सी बात? ये तो हो ही जाएगा, चल अब जा दरवाजा बंद करके आजा मेरे पास, आज ही तेरी जांच करता हूँ."

वैसे रोज़ी कम हरामी नहीं थी, साली ख़ुद अपने माँ बाप को चुदाई करवाते देख अपनी अनचुदी चुत को रगड़ रगड़ कर रस निकालती, सहेलिओं के साथ मिलके हर दूर तीसरे दिन लैब में नंगी होके अपनी चुत मरिया, सिमरन और जेनी से चुसवाती और ख़ुद भी अपनी ज़बान से उनके फुद्दी को मजे से चूसती.

रोज़ी जैसे ही दरवाज़ा बंद करने के लिए मुड़ी वैसे उसके शातिर दिमाख ने सोचा, "सोच क्या रही है रंडी, वैसे भी तेरी फुद्दी तरस रही है चुदवाने को और ये तो तुझे अच्छा मौक़ा मिल रहा है, चुद भी जायेगी और पास भी हो जायेगी".

अपने दिमाख की बात मानते हुए रोज़ी ने दरवाज़ा बंद किया और वो फिरसे वरुण सर के सामने आके खड़ी हो गयी, सर की आँखों में देख के वो अपने ओंठ चबाते हुए वरुण को इशारा करने लगी. रोज़ी का वो ओंठो को काटना और हलकेसे शरमाके मुस्कुराना तो किसी बाजारू धन्देवाली रंडी जैसा लग रहा था, रांड बाज़ार में जैसे वैश्या अपने ग्राहक को इशारा करती है वैसे ही इशारे ये १८ साल की रंडी कर रही थी.

रोज़ी के इशारे समझने में वरुण को देर नहीं लगी, उसने रोज़ी को मुस्कुराते हुए अपनी तरफ खिंचा और उसको अपने सीने से लगाते हुए उसे चूमने लगा. रोज़ी भी किसी २ कौड़ी की रंडी की तरह वरुण से लिपट गयी, अपनी बाँहों का हार उसके गले में डालते हुए वो भी वरुण को चूमने लगी. वरुण के हाथ भी उस १८ साल की कमसिन रोज़ी की गांड को दबाते हुए उसे अपने बदन पर दबाने लगा, रोज़ी के चूँचे अब वरुण के छाती पर पुरे दब चुके थे. रोज़ी को चूमते हुए उसने अपना हाथ अब उसके टॉप की तरफ बढ़ाया और धीरे धीरे उसे ऊपर सरकाने लगा, रोज़ी का बदन अब खुलने लगा था और अगले ही पल उसने उस टॉप को खींचते हुए रोज़ी के बदन से अलग कर दिया.

रोज़ी को अपने आप से अलग करते हुए उसने उसकी ब्रा निकाल दी और खुद खुर्सी पर बैठते हुए रोज़ी से बोला, "आजा मेरे पास और निकाल मेरा लौड़ा बाहर जल्दी से, आज तेरे मुँह में मेरे लौड़े का पानी गिरना है".

रोजी वैसे भी बहोत चुद्दकड लड़की थी, उसको भी कही ना कही चुदवाने का मौका मिल ही रहा था और इस बार तो कोई ख़तरा नहीं उल्टा उसका मुनाफा ही था, वरुण सर एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति थे और उसका लंड कमजोर होगा ये सोचके रोज़ी भी चुदवाने के लिए तैयार हो गयी. वरुण के इशारे पर वो उसके सामने घुटनों पर बैठी और वरुण की पैंट के बटन खोलने लगी, जल्दी ही उसके सामने वरुण का सोता हुवा लंड लहराने लगा और उस सोते हुए लौड़े का आकार देख के रोज़ी खुश हो गई. पर उसको पता नहीं था की वरुण का शेर अभी सो रहा है, जब जाग जाता है तो फुल्के ८ इंच का जानवर बन जाता है. रोजी को अच्छे से पता था की लौड़ा कैसे चूसते है, अपने माँ को देखा था कई बार उसने उसके पापा का लौड़ा चूसते हुए. वरुण का लंड हाथ में लेके उसको देखे बिना रोज़ी उसे अपने मुँह के करीब ले गयी और अगले ही पल वरुण का लंड उसके मुँह में दाखिल हुवा.

वरुण ने भी हल्का सा झुकते हुए अपने हाथ रोज़ी के चुन्चों की तरफ बढ़ाये और वो धीरे धीरे उनको मसलने लगा, पुरुष का स्पर्श होने से रोज़ी के अंदर की हवस भी कागने लगी और वो भी जोश में आके उस लंड को चूसने लगी. पहले तो उसका स्वाद उस पसंद नहीं आया पर अब धीरे धीरे उस स्वाद का जैसे उसका चसका लग गया, किसी पेशेवर रंडी की तरह वो अपने प्रोफसर का लौड़ा चूस रही थी. जवान लड़की से लंड चुसवाके वरुण भी गरमाने लगा, लौड़ा धीरे धीरे खड़ा हो रहा था और रोजी के मुँह में समाने से इंकार करने लगा. उसका एक हाथ रोज़ी के छाती पर और दूसरे रोजी के सर पर था, रोजी का सर अपने लौड़े पर दबाता हुवा तो रोजी की कमसिन चूचियां मसलने लगा, रोज़ी की जबान जैसे ही उसके सुपडे पर घूमती तो वरुण आनंद से सिसक रहा था.

"आअह्ह्ह्हह माँ की लौड़ी, चूस मेरा लौड़ा ठीक से रंडी, खाजा मेरे लौड़े को आज क्या मस्त सीना है तेरा रोज़ी अब देख कुछ ही दिनों में इनको कैसे और खूबसूरत बनता हूँ." बोलके उसके अपनी कमर हिलाना चालू किया.

लंड का सूपड़ा अब धीरे धीरे रोज़ी के गले तक जाने लगा, उसकी सांस अटकने लगी थी पर वरुण के ताकत के सामने वो कुछ नहीं कर सकी. रोज़ी की ३२ इंच की चूँचिया खुली हवा में सांस लेने लगी थी पर वरुण के हाथों की गिरफ़्त उन पर छा गयी, मर्दाना स्पर्श से रोज़ी के चुचुक भी कड़कने लगे और उसके संतरों में एक कड़ापन आ चूका था.

रोज़ी का जोश देखने लायक़ था, किसी अनुभवी औरत के जैसे वरुण का लंड चूसते चूसते वो खुद अब अपने फुद्दी की आग से गरम हो चुकी थी और वरुण का लंड तो कबसे उस अनचुदी चुत को खोलने के लिए बेक़रार था. लंड रोज़ी के थूक से गिला हो चूका था, थूक निचे की तरह सरकते हुए टट्टों को भी गिला कर रही थी और लंड का सूपड़ा फुलके लाल हो चूका था. काफि देर लंड चुसवाने के बाद वरुण ने रोज़ी को खड़ा किया और ख़ुद अपने कपडे निकाल कर नंगा हो गया, रोज़ी का स्कर्ट निचे खींचते हुए उसने उस कमसिन लड़की को बस उसकी चड्डी में खड़ा किया. रोज़ी वैसे ही चुदने के लिए तड़प रही थी तो उसने भी अपना नंगा बदन छिपाने की कोशिश नहीं की, उल्टा खुद अपनी चड्डी निकालते हुए वो नंगी हो गयी. उसकी इस अदा पर वरुण फ़िदा हो गया, रोज़ी को अपने टेबल पर लिटाते हुए वो खुद खुर्सी पर बैठ गया और अब रोजिकी नन्ही सी चुत जिसने कभी लंड को देखा भी नहीं था वही आज वरुण के सामने नंगी हो गयी थी.

रोज़ी के पैर अपने कंधे पर रखते हुए वरुण आगे बढ़ा और अपना मुँह रोज़ी के जांघों में घुसा दिया, गोरी गोरी जांघों पर चूमते हुए अब वो रोजी के चुत पर टूट पड़ा. अपनी उँगलियों से चुत के लब फ़ैलाते हुए उसने अपनी जीभ उस अनचुदी चुत में घुसा दी और जोर जोर से उसको चूसने लगा. वैसे तो रोज़ी की चुत कई बार उसकी सहेलियों ने चूसी थी पर आज एक मर्द पहली बार उसकी फुद्दी का रस चूस रहा था, वरुण की खुरदरी जीभ जैसे ही उसके चुत के अंदर नाचने लगी वैसे वैसे रोज़ी किसी रंडी की तरह सिसकने लगी. वरुण के बाल अपनी मुट्ठी में दबाते हुए उसने उसका मुँह अपनी फुद्दी की तरफ और घुसा दिया, ग़ुलाबी चुत वरुण भूके कुत्ते की तरह था और १८ साल की बालिग़ लड़की आज अपने बाप के उम्र के आदमी के सामने नंगी लेटी थी.

चुत के लब जिन उँगलियों ने फैलाके रखे थे उसी ऊँगली को अब वरुण रोज़ी के नन्ही ची चुत के दाने पर ले गया, मटर के दाने जितना छोटा वो दाना वरुण के मुँह से चूस चूस के लाल हो चूका था. उंगलिया जैसे जैसे उस दाने को सहलाने लगी वैसे वैसे रोज़ी तड़पने लगी, उसकी बुर का पानी बाहर निकला जा रहा था और टेबल के ऊपर कुछ बुँदे गिर ही गयी.

वरुण अपने क्लास के रूम में ना जाने कितनी लड़कियों को ऐसे नंगी करके चोद चूका था और आज रोज़ी नाम की रंडी उसके लौड़े से चुदवाने ख़ुद उसके पास चली आयी थी. कभी अपनी जीभ तो कभी २ उंगलिया घुसाके उसने रोज़ी की कमसिन चुत अंदर से पूरी गीली कर दी, चुत की पंखुड़ियां चुतरस से भीग चुकी थी और वरुण किसी जंगली जानवर की तरह उसके चुत पर टूट पड़ा था.

आअह्हह्ह्ह्ह सारररररर मर गईइइइइइइ उम्म्म्म हम्म्म्म और जोरररर से सरररर की करहाने की आवाजें रूम की दीवारों पर गिर रही थी, रोजी को भी पता चला की वो इस हमलावर का सामना ज्यादा देर नहीं कर पाएगी.

रोज़ी की चुत खोलने के लिए उसका एक बार झड़ना वरुण के लिए मदतगार साबित होनेवाला था और रोज़ी को झड़ने के लिए उसने अपनी पूरी जीभ अब रोजी के चुत में सरका दी. गरम खुरदरी जीभ से चूसना और ऊँगली से चुत का दाना रगड़ना रोज़ी जैसे नयी लड़की बर्दाश्त नहीं कर पायी. ममिइइइइइइ ओह्ह्ह्हह गॉडडडडडडड चिल्लाते हुए १८ साल की कुमारिका रोज़ी लोबो अपने प्रोफ़ेसर के मुँह में झड़ गयी, इतना पानी तो उसका इससे पहले कभी नहीं निकला था. रोज़ी झड़ते ही वरुण ने अपनी जीभ उसके चुत से बाहर निकाली और वो रोज़ी को बाहों में भरके उसको चूमने लगा, रोज़ी अब अपने ही फुद्दी का रस चख़ रही थी....नमकीन, खारा पानी

रोजी को चूमने के बाद उसने रोज़ी को अपने बाँहों में उठाया और कमरे में रखे सोफे पर उसको पटक दिया, रोज़ी को पता चल चूका था की आज उसके चुत की झिल्ली का आख़री दिन है. वरुण ने अपने टेबल पर रखा रोज़ी का पर्स उठाया और जल्द ही उसने एक कोल्ड क्रीम निकाली, साले को बराबर पता था की हर लड़की के बॅग में कोई ना कोई क्रीम जरूर होती है.

रोज़ी की टाँगे फैलाकर उसने आधी क्रीम उसके चुत के आसपास लगा दी और बाकी बची हुई पाने लौड़े पर मलने लगा, रोज़ी की चुत उसके चुत के पानी से और क्रीम से पूरी तरफ चिकनी हो चुकी थी.

कमसिन चुत के मुँह पर अपना लौड़ा रखते हुए उसने रोज़ी से कहा, "देख आज कैसे तेरे फुद्दी का उद्घाटन करता हु छिनाल, आज के बाद तू यही खुद आएगी मेरे लौड़े से चुदवाने".

रोज़ी को अब वरुण का गाली देना पसंद आ रहा था, हवस उसके दिल-दिमाख पर चढ़ चुकी थी और उसी आवेश में उसने कहा, "इस्सस सर चोदो मुझे, बना दो आपकी रंडी, बड़े दिन से चुदवाना था मुझे पर लगता है आपके लौड़े का नाम लिखा है मेरे चुत पर".

रोज़ी की चुदास देख के वरुण ने धीरे से पाना लौड़ा उस नन्ही सी चुत में धकेला और रोज़ी चिल्लाने लगी, उसको चिल्लाते देख झट से वरुण ने अपने हाथ से उसका मुँह दबा कर उसको शांत कर दिया. वरुण को तो इसकी आदत थी, कमसे काम ३०-३५ कुवांरी लड़किया इसी रूम में और इसी सोफे पर चुदी थी, उनकी चुत की झिल्ली फटके निकला हुवा खून इसी सोफे पर कई बार गिरा था.

रोज़ी की तंग चुत में अब वरुण दाख़िल हो रहा था, उसके सूपड़े के घुसने से ही उस बच्ची की जान निकल रही थी पर हैवान के सामने रोज़ी ख़ुद आयी थी और उस वरुण ने भी रोज़ी का मुँह दबाते हुए जोरदार धक्का देकर अपना पूरा लौड़ा अंदर धकेल दिया. मुँह तो बंद था बेचारी का, आँखों से निकलता पानी उसका दर्द की ज़बान बोल रहा था, रोज़ी उसके गिरफ़्त से छूटने के लिए हाथपैर मारने लगी थी.

वरुण तो माहिर खिलाडी था, उसको पता था कैसे इस फड़फड़ती हुई मुर्गी को शांत करना है और उसने अपना लौड़ा लगभग पूरा बाहर निकालते हुए फिर से उसी गर्मजोशी से उसे अंदर धकेल दिया. इस बार तो रोज़ी जैसे छोटी लड़की का जो हाल होना था वही हुवा, दबी दबी सी एक चींख निकाल के रोज़ी बेहोश हो गयी.

दोपहर के १२ बज रहे थे और यहाँ रोज़ी के चेहरे पर भी वही हाल था, दिन-दहाड़े एक १८ साल की कुंवारी लड़की खुद एक अधेड़ उम्र के आदमीं से चुद गयी, उसका कौमार्य उस हैवान के लंड से ताड़-ताड़ हो चूका था. रोज़ी बेहोशी में भी कराह रही रही, दर्द क्या होता है ये इस आमिर घर के लड़की को पता ही नहीं था पर आज उसके प्रोफ़ेसर ने उसको ये भी सीखा दिया. वरुण को पता था की रोज़ी बेहोश होनेवाली है, वो तो इसी पल का इंतजार कर रहा था और जैसे ही रोज़ी बेहोश हुई उसने रोज़ी के चुत में लंड दबाके रखते हुए अपने मोबाईल से उसके चुदाई की विडिओ बनानी चालु की.

विडिओ चालू करके उसने मोबाईल को उसी जगह रख दिया जहा वो हमेशा से रखता था, इस दिशा से चुदाई की विडिओ बहोत ही सटीक और साफ़ बनती और इन विडिओ के सहारे ही वो इन लड़कियों को बार बार चुदवाने के लिए बुला लेता. आधे से ज्यादा तो लड़कियां खुद उससे चुदवाने आ जाती थी पर कुछ मुर्गियां ऐसी भी थी जिनको वश में करना थोड़ा मुश्किल होता था तो वरुण अपना विडिओ नाम शस्त्र का इस्तमाल करके अपने हवस को मिटाता. जैसे ही उसने मोबाइल सेट किया वैसे ही उसने रोज़ी की दोनों टाँगे उठाके अपने कंधे पर रख दी और रोज़ी का शरीर अपने बदन के निचे दबाते हुए उसने रोज़ी की चुत का भोसड़ा बनाना चालू किया.

बेहोशी के आलम में भी रोज़ी की चींखे निकल रही थी, थप थप की आवाजें कमरे में शोर मचा रही थी और वरुण का ८ इंच का काला लंड रोज़ी के चुत को लहूलुहान कर रहा था. चुत की झिल्ली ऐसे फ़टी जैसे किसीने उसको चाकू से काट दिया हो, ख़ून की धार रुकने का नाम नहीं ले रही थी पर वरुण को पता था, जख़्मी चुत को चोद चोद कर उसको खोल देना ही समझदारी है. क्यूंकि एक बार ये होश में आ गयी तो चोदने में आनाकानी करेगी और चुदाई का मजा किरकिरा हो जाएगा, वरुण का लंड पूरा बाहर निकल के फिर से अंदर घुस रहा था.

भले ही रोज़ी बेहोश थी पर उसकी चुदनेवाली चुत जाग रही थी, वरुण का लौड़ा उसके होश उड़ा रहा था और इस खूंखार चुदाई का मजा लेते हुए रोज़ी की चुत भी खुलने लगी, अपना पानी निकाल के वो वरुण के लौड़े को धन्यवाद देने लगी. जैसे जैसे चुत फूलने लगी वैसे वैसे अब रोज़ी भी होश में आने लगी, पानी...पानी... की आवाज देते हुए उसने अपने बदन को नोचते हुए वरुण को दया की भिक मांग ली, वरुण ने भी उस पर दया दिखाते हुए रोज़ी को चोदना रोका.

रोजी के ऊपर से उठते हुए उसने टेबल पर रखी पानी की बोतल उठाई और ख़ुद अपने हाथ से रोज़ी को पानी पिलाने लगा, रोज़ी ने भी ऐसे पानी पिया जैसे की वो कई सालों की प्यासी थी. पानी पेट में जाते ही रोज़ी पूरी तरह होश में आ चुकी थी, उसने उठने की कोशिश की पर उसके बदन में इतने प्राण नहीं बचे थे की ख़ुद उठ सके. वरुण ने अपना लौड़ा उसके चुत से निकाले बिना ही उसको सहारा देके अपने ऊपर ले लिया और खुद सोफ़े पर बैठ गया, रोज़ी किसी बच्ची की तरह उससे लिपटी रही और अपने दर्द को भूलने की कोशिश कर लगी.

वरुण ने रोज़ी को अपने गोदी में बिठाके उसकी कमर पकड़ ली और उसे धोरे धीरे आगे पीछे करने लगा, कमसिन रोज़ी की चुत भी अब उस लौड़े से घिसने लगी और अगले कुछ ही पल में रोज़ी की चुत उस लौड़े को स्वीकार कर गयी. दर्द और चीखने की आवाज अब सिसकियों में बदलने लगी थी, रोज़ी की कमर अब अपने आप ही आगे पीछे होकर अपनी घायल चुत की मर्रमत करवाने लगी थी.

सूपड़ा चुत के अंदर ऐसे फ़सा था की मानों वो बस उसी चुत के लिए बना हो, आआह्ह्ह्हह रोजीइइइइइइ शाबाशशशशशश चुद ले साली रंडी बोलते हुए अब वरुण ने भी अपनी गांड निचे से उठानी चालू की. वरुण के धक्कों से रोज़ी ऊपर उठने लगी और फिर से निचे गिर जाती, ऐसे करने से लंड अब पूरी तरह से चुत का आखरी हिस्सा छूने लगा था, सूपड़े का स्पर्श जैसे ही बच्चेदानी पर होता तो रोज़ी थरथरा जाती. उसकी चुत से निकलता पानी चप चप की आवाजे निकाल रहा था, रोजी को गोदी में बिठाके वरुण उसके संतरे भी चूस रहा था, चुचुक ऐसे ऊपर उठे थे की वरुण उनको देख कर काटने लगा.

रोज़ी अब पूरी तरह से खुल चुकी थी, उसकी चुत भी लौड़े को जोर जोर से गले लगा रही थी और चुदाई के नशे में वो जाने क्या क्या बड़बड़ा रही थी, "फाड़ दे मेरी चुत साले रंडीबाज, बेटी को चोदने वाला कुत्ता साला मादरचोद, चोद मुझे, दम लगा भोसड़ीके".

वरुण तो रोज़ी के मुँह से गलियां सुनके ख़ुश हो गया, उसने भी रोजी को अपने गोदी में लेके खड़ा हो गया और जोर जोर से उसको पाने लौड़े पर पटकने लगा.

"ले रंडी की औलाद, तेरे माँ का भोसड़ा मारु साली रंडी, कैसे चुदवा रही है अब मादरचोद, रखेल बना दूंगा तुझे मेरी हरामी की औलाद" जैसे अपमानित करनेवाले शब्द सुनके रोज़ी और उत्तेजित होने लगी.

खुद उछल उछल कर वो वरुण के गोदी में चुदवाने लगी, वरुण भी उस हलके वजन की चुदाई की गुड़िया को किसी जंगली जानवर की तरह चोदने लगा, इस भयंकर चुदाई से रोज़ी की चुत हार गयी.

"आआह्ह्ह्ह मम्मीईईईई मूत दी मैं सरररररररर" बोलके वो जोर से वरुण लिपटी और उसके चुत का पानी लैंड, टट्टों को भिगोता हुवा निचे फर्श पर गिरने लगा, थरथराता बदन अपने बाहों में लेके वरुण ने भी रोज़ी को झड़ने का पूरा मज़ा लेने दिया.

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