चालू लड़की मास्टर से चुदी

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उसको पता था, लौड़े से चुदवाके झड़नेवाली लड़की हो या औरत वो फिर से उसी लौड़े से चुदने के लिए बेताब होती है, और उसे तो वही चाहिए था की जब तक रोज़ी इस कॉलेज में रहे तब तक वो रोज़ी को रोज़ चोद सके. कुछ देर तक वो वैसे ही रुका रहा पर जैसे जैसे रोज़ी सामान्यरूप में आ गयी उसने खुद वरुण को चूमना चालू किया, वरुण ने भी उसको अपने लौड़े की गिरफ्त से रिहा किया और कुछ देर उसे आराम करने के लिए वही सोफ़े पर लिटा दिया.

रोजी पूरी नंगी होकर अपने मास्टर के साथ रंगरैलिया मना रही थी, अपना कौमार्य उसने आज एक ऐसे आदमी पर बहाल कर दिया जिसको वो अपना गुरु मानती थी पर आज से वरुण उसके लिए बस एक लण्डधारी मर्द बन गया था.

पिछले १ घंटे से वो दोनों चुदाई का खेल खेल रहे थे पर अब वरुण के लंड को भी अपना पानी त्यागने की इच्छा हो रही थी, वरुण ने रोज़ी को पलटाया और उसके अभी-अभी उठाते हुए चुत्तड़ अपने हाथ से सहलाने लगा.

रोज़ी को पता चल गया की अब वरुण सर उसके गांड के पीछे पड़े है, चुदाई का दर्द क्या होता है इसका आभास उसको हो चूका था इसलिए वो झट से पलटी और बोली, "नहीं सर पिछेसे नहीं प्लीज, बहोत दर्द होता है".

वरुण फिरसे हसते हुए बोला, "तेरे माँ की चुत साली रांड, चुपचाप झुक जा वरना ऐसे ही कमरे के बाहर नंगी भेज दूंगा तुझे घर भोसड़ीकी."

वरुण के धमकाने से भी रोज़ी नहीं मानी और वो वैसे ही बैठी रही तो वरुण ने लाथ मारके रोज़ी को जमीन पर गिरा दिया. गुस्से से लाल होकर वो बोला, "चल निकल मादरचोद, जा अब देखता हूँ तू कैसे पास होती है रंडी, तेरी औकात नहीं पास होने की बहनचोद, जा कपडे ले और निकल यहाँ से".

रोज़ी अपने आप को सँभालते हुए उठी और उसने वरुण के पैर पकड़ कर माफ़ी मांग ली, रोती शकल से वो वरुण को देखते हुए बोली, "नहीं सर, पप्लीज मैं आपसे भिक मांगती हूँ, जो चाहे कर लो पर पास करवा दो सर".

वरुण को पता था की अब रोज़ी बुरी तरह से फ़स चुकी है, तो उसने रोज़ी के बाल पकड़े और उसको खींचते हुए सोफ़े पर ले गया और उसके गांड पर लाथ मारते हुए बोला, "अब तो तू वही करेगी जो मैं चाहता हूँ समझी?".

इतना बोलकर उसने रोज़ी को सोफे पर पूरी तरफ ले लिटाया और अपनी गांड लेके उसके मुँह पर बैठ गया, काली गांड से पसीने की बदबू आ रही थी और रोज़ी किसी पालतू रखेल की तरह उस काली गांड के निचे दब गयी.

उसके मुँह पर गांड दबाते हुए वरुण बोला, "जबान बाहर निकाल के चाट मेरी गांड मादरचोद, आज तेरे इज्जत की धज्जियाँ उड़ा देता हु साली रंडी".

रोज़ी को पता था की आज वरुण ही उसका मालिक है, वो जो कहे वो सुनने के अलावा उसके पास और कोई रास्ता नहीं बचा था और रोज़ी ने अपनी आँखे बंद करके अपनी जबान बाहर निकाली. गांड के पसीने का स्वाद लेते हुए वो रोती शकल से उसकी गांड चाटने लगी और वरुण ने भी गांड को उसके मुँह पर दबाते हुए अपने गांड को हाथों से फैलाया. गांड फ़ैलने ने गांड का छेद भी अब रोज़ी के जीभ से रगड़ने लगा और वरुण का लौड़ा उस गांड की मालिश से और टनटना गया, अपनी गांड उसके मुँह पर रगड़ते हुए वो रोज़ी को और गंदी गलियां देने लगा. रोज़ी की चुदी-चुदाई चुत देख कर वो आगे की तरफ झुका और फिर से उसकी चुत चूसने लगा, रोज़ी की जख्मी चुत पर प्यार से सहलाते हुए उसने फिर से चुत का दाना अपने मुँह में लेकर चुसना चालू किया. रोज़ी उस चाटने से फिर से गरमाने लगी और कुछ ही देर में उसकी गांड ऊपर उठने लगी, वरुण का लंड अब रोज़ी के सीने पर था और उन दो पहाड़ो के बिच में सुस्ता रहा है.

रोज़ी का मुँह भले ही गांड के निचे दबा था पर फिर भी चुत चाटने से मिलनेवाला मजा उसकी सिसकी बनके बाहर निकल रहा था, वरुण को भी अब फिरसे रोज़ी की फुद्दी लेने का मन होने लगा तो उसने रोज़ी के ऊपर से अपने आप को हटाया और रोज़ी को कुत्तिया बनने का इशारा किया.

रोज़ी ने भी बिना कुछ कहे सोफ़े पर झुक के बैठ गयी और वरुण ने उसको आगे की तरफ धक्का देते हुए उसकी गांड ऊपर उठवा दी, रोज़ी की अनचुदी गांड को छोड़ के अब वो अपना लौड़ा चुत की तरफ ले गया. रोज़ी को जैसे ही वरुण का लंड अपने चुत से जाता महसूस हुवा तो उसको बड़ी ख़ुशी हुई की कमसे काम आज के दिन उसकी गांड फ़टने से बच गयी. एक ही धक्के में वरुण का लंड रोज़ी की गीली फुद्दी में घुस गया और रोज़ी की चींख फिर से कमरे में गूंज उठी.

रोज़ी को कुत्तिया बनाके वरुण जोर जोर से अपना लौड़ा उस फ़टी हुई फुद्दी में अंदर बाहर करने लगा, ताकतवर वरुण के धक्कों से रोज़ी आगे की ढरफ झुकने लगी तो वरुण ने उसके बाल अपने मुट्ठी में भर लिए. एक हाथ से रोज़ी के बाल और दूसरे हाथ से रोज़ी के चूँचे पकड़ते हुए वरुण ने रोज़ी को फिरसे जखड़ लिया और सांड़ की तरह वो रोज़ी की नयी नयी चुदी चुत का भोसड़ा बनाने लगा. रोज़ी की चुत अभी अभी पहली बार चुदी थी, चुत की पंखुंडियों पर ख़ून के निशान अब भी थे और ऐसे घायल दुःखति चुत को वरुण पुरे ताकत से चोद रहा था. बेचारी रोज़ी आज पहले ही चुदाई में लावारिस रंडी की तरह चुद रही थी, चुत के अंदर की दीवारें बुरी तरह से छील रही थी और फुद्दी का कोना कोना दर्द से भरा था.

रोती बिलख़ती रोज़ी को वरुण चोद चोद के पिट भी रहा था, उसके बाल खींचते हुए उसने रोज़ी का सर उलटा घुमा दिया और उसके मुँह पर थूकते हुए बोला, "अब बता मादरचोद, क्या बोल रही थी तू छिनाल? आज के बाद किसी भी चीज के लिए मुझे मना किया तो तेरे घर पर आके तुझे तेरे घरवालों के सामने नंगी करके चोदुँगा, रंडी की औलाद."

रोज़ी के ख़ूबसूरत चेहरा बदसूरत हो चूका था, बिखरे हुए बाल, चेहरे पर फ़ैली हुई लिपस्टिक और वरुण के थूक से सना हुवा उसका चेहरा किसी बाजारू धन्देवाली रंडी की तरह दिख रहा था. रोज़ी बिना कुछ बोले बस चुदवा रही थी, लौड़े की रगडन से रोज़ी की चुत फिरसे खिलने लगी और फुद्दी का रस बून्द बून्द से वारं के लंड को गिला कर रहा था. रोज़ी की गांड वरुण ने अपने मुट्ठी में दबा दी तो रोज़ी जोर से चिल्ला पड़ी, गोर बदन की मालकिन रोज़ी के चुत्तड़ लाल होने तक उसने अपनी मुट्ठी दबाये राखी और अपना पूरा लंड रोज़ी के चुत में घुसा कर उसे चोदने लगा.

रोज़ी की फुद्दी ऐसे चुद रही थी जैसे कोई उसके चुत को चाकू से काट रहा हो, कमसिन लड़की का बदन निचोड़ निचोड़ कर वरुण उसके मज़बूरी का फ़ायदा ले रहा था पर सच बात तो ये थी की रोज़ी ख़ुद चुदवा रही थी. बड़े दिनों से उसकी तमन्ना थी की कोई मर्द उसके जिस्म को नोंचे, उसकी फुद्दी को खोल कर अपना लंड घुसाके उसके चुत को घायल कर दे और आज वरुण वही कर रहा था. जोर जोर की चुदाई से अब रोज़ी को भी मजा आने लगा था और वो खुद अपनी गांड पीछे करते हुए वरुण के लंड पर पटक रही थी.

रोज़ी की हरकत देख़ वरुण भी खुश होते हुए बोला, "हां साली रंडी, ले मेरा लौड़ा मादरचोद, देख अब कैसे खुद कैसे गांड पीछे ले के चुदवा रही है छिनाल."

रोज़ी ने भी इस बार वरुण को जवाब देते हुए कहा, "चोद मुझे साले, आआह्ह्ह्हह माँआआआआआआ फाड़ दी मेरी चुत साले कुत्तेईईई उम्मम्मम ह्म्म्मम्म आअह्हह्ह्ह्ह चोदो और जोर से चोदो मैं आनेवाली हूँ सरररररर".

वरुण ने भी अपना लौड़ा जोर जोर से उसकी फुद्दी से अंदर बाहर करना चालू किया, रोज़ी की कमसिन चुत में आज उसको अपने लंड का सारा पानी ख़ाली करवाना था. अपने दोनों हाथ उसने रोज़ी के बदन पर जखड़ लिए और उसके गर्दन पर काटते हुए रोज़ी को हचक-हचक कर चोदने लगा, रोज़ी भी अपना सर पीछे घुमाते हुए वरुण को चूमने लगी. रोज़ी का एक हाथ अब उसकी चुत के दाने को मसल रहा था, कभी वही हाथ निचे जाकर वरुण के टट्टों को सेहला देता और इधर वरुण रोज़ी के सीने को बुरी तरह से मसल रहा था.

रोज़ी के निप्पल्स थोड़े सूज गए थे, चूँचियाँ बुरी तरह से मसलने से पूरी लाल नीली हो चुकी थी पर रोज़ी को अपनी चूँचियाँ मसलवाने में ज्यादा मजा आ रहा था, उस दर्द में भी उसको एक अलग क़िसम का मजा मिल रहा था. जैसे जैसे वरुण उसके निप्पल्स अपनी उँगलियों से मरोड़ देता वैसे ही एक बिजली की तार उसके निप्पल्स से होती हुई चुत तक जाती और उसके चुत का पानी वरुण के लंड पर गिरता. बड़ी देर तक वरुण ने रोज़ी को कुत्तिया बनाके पीछे से चोदा पर अब उसने अपना गिला लैंड बाहर निकाल कर रोज़ी को टेबल पर ले गया, रोज़ी के दोनों पैर अपने कमर के आजुबाजु फ़ैलाते हुए उसने रोज़ी की फुद्दी पर थूक दिया और अपना लंड एक ही झटके में फिरसे अंदर कर दिया.

इस बार रोज़ी को इतनी तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ा, पिछले आधे घंटे से ज़्यादा वरुण उसको चोद रहा था और उसके लम्बे मोटे लंड ने रोज़ी की चुत खोल के रख दी थी. रोज़ी टेबल पर नंगी लेटी थी, वरुण के धक्के के साथ उसके दूध मोहक दिख रहे थे और वरुण उनको देख रोज़ी के ऊपर झूल गया, रोजी के निप्पल्स अपने मुँह में भरते हुए वो उसको किसी बच्चे की तरह चूसने लगा. लंड के स्पर्श से रोज़ी फिर से एक बार झड़ने लो तैयार हो रही थी, शरीर का हर एक हिस्सा दर्द दे रहा था पर चुत की हवस रुकने का नाम नहीं ले रही थी.

आअह्हह्ह्ह्ह उम्मम्मम्म ह्म्मम्म्म्म चोदो सर और जोर जोर से चोदो, रंडी बना दो मुझे, फाड़ दे मेरी चुत साले आअह्हह्ह्ह्ह कहते हुए रोज़ी आँखे बंद करके चुदवा रही थी और वरुण भी अपने कॉलेज की एक नयी कमसिन लड़की को चोद चोद के मजे ले रहा था.

वरुण का एक हाथ अब रोज़ी ने अपने हाथ में लिया और उस पाने चुत के दाने की तरफ ले गई, वरुण झट से समझ गया की रोज़ी उससे क्या करवाना चाहती है. फुद्दी चोद चोद के वरुण ने उस फुद्दी का दाना भी लाल कर दिया था और अब उसकी उंगलिया उस सूजे हुए दाने को जोर जोर से मरोड़ने लगी. नंगे लंड से चुत चुदाई, उँगलियों से मसलने वाला दाना और वरुण का निप्पल्स चूसना रोज़ी बर्दाश्त ना कर पायी और उसने अपने ऊपर झुके वरुण को जोर से अपने गले लगाया.

आईईईईई सरररररर मेंनननननन गयी माँआआआआआआ की चींख लगाते हुए रोजी फिर से झड़ने लगी, इस बार भी उसके चुत का ढेर सारा पानी वरुण का पेट, लंड और निचे का टेबल गिला करने लगा. वरुण ने रोज़ी को भी उतने ही ताकत से अपने बाँहों में भर लिया और उसके चुत पर टूट पड़ा, जोर जोर से वो अब रोज़ी को पेल रहा था और उसके चूँचे पुरे के पुरे अपने मुँह में भरके उनको काट रहा था. रोज़ी झड़ने के बाद आँखे बंद करके अपनी टाँगे फ़ैलाके चुदवा रही थी, परीक्षा में पास होने की लालच ने आज उसकी चुत उसके प्रोफ़ेसर के लौड़े के निचे चुद रही थी.

वरुण भी अब उसके आख़री पाड़ाव की तरफ़ दौड़ने लगा, तटों से ऊपर आता हुवा उसका वीर्य अब उसके सुपडे तक आ पहुंचा था और आआह्ह्ह्ह रोज़ीईईईईई साली राण्डड्ढड्ड चिल्लाते हुए उसने अपना सारा वीर्य रोज़ी के चुत में निकालना चालू किया. एक एक करके ७-८ वीर्य की पिचकारियां रोज़ी के चुत में समाने लगी, बच्चेदानी भी ख़ुल्के उस वीर्य को अपने अंदर भरने लगी और रोजी उस परमानंद को अनुभव करते हुए वरुण के निचे लेटी रही. पूरा वीर्य रोज़ी के अंदर भरने के बाद वरुण थोड़ा ऊपर उठ गया पर उसका लंड अभी भी रोज़ी के चुत में फसा था, रोजी की तरफ देख के वो मुस्कुराया और फिर से रोज़ी को चूमने लगा.

वरुण के वैश्यी हवस भरी चुदाई के बाद भी रोज़ी खुश थी, उसने भी वरुण को उसी भाव के साथ चूमना चालू किया और जोर से अपने बाँहों में भर के उसकी पीठ सहलाने लगी. वरुण को पता था की उसके लौड़े ने बहोत बढ़िया काम किया है, रोज़ी तो अब ख़ुद उसके लौड़े के निचे लेटने के लिए आ जाएगी और रहा काम उसको पास करने का तो वो कोई मुश्किल काम नहीं था. कुछ देर बाद वरुण उठा और अपना लौड़ा उसने रोजी के चुत से बाहर निकाला, लंड के बाहर आते ही रोज़ी के चुत में भरा वरुण का वीर्य भी टेबल पर गिरने लगा. रोज़ी तो अब पूरी बेशरम बन चुकी थी, टेबल पर पड़ा वीर्य उसने अपनी उँगलियों पर लिया और अपने मुँह में भरके ऊँगली चूसने लगी, और इसे देख कर वरुण ख़ुश हुवा और उसने इशारे से रोज़ी को अपना लंड दिखाया.

रोजी को पता था की वरुण अब भी उससे अपना लौड़ा चुसवाना चाहता है, टेबल पर गिरा सारा माल चाटने के बाद रोज़ी लंगड़ाते हुए निचे उतरी और वरुण के सामने घुटनो पर बैठके उसने वरुण की तरफ देखा. वरुण का लैंड जो अभी अभी उसके चुत से बाहर निकला था उसे रोज़ी ने अपने सीधा मुँह में ले लिया और चूस चुड्स के उसे साफ़ करने लगी, लंड पर वीर्य और रोज़ी के फुद्दी का पानी ऐसा दोहरा स्वाद था. रोज़ी ने पूरा लंड साफ़ करते हुए वरुण को देखा और अपने कपडे उठाके बाथरूम में जाने लगी, वरुण ने भी अपने कपडे पहन लिए और आँखे बंद करके आराम करने लगा.

इसके बाद तो रोज़ी कितनी बार वरुण से चुदी, कई बार तो वो ख़ुद रोज़ी के घर जाता उसको पढ़ाने के बहाने और रोज़ी को पूरा दिन चोद देता, अपने वादे के मुताबिक उसने रोज़ी को बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण होने में मदत भी की.

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AnonymousAnonymous3 months ago

Kahani likhna tere jese chutiya logo ka kam nahi Dheeraj Thakkar

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