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Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II
विवाह और शुद्धिकरन
CHAPTER-1
दावत
PART 01
मैं अपने कक्ष में आ गया और मुझे एक संदूक दिखा मैंने संदूक को हाथ लगाया तो संदूक ख़ुद ही खुल गया और उसमे एक दूसरी डायरी और एक चाबी रखी हुई थी उसमे ऐसी ही दो मूर्तिया की पेंटिंग बनी हुई थी और एक तीसरे पेज पर चाबी बनी हुई थी चौथे पेज पर नागदेवता का चित्र था जिसमे उनके आगे दूध का कटोरा रखा था और अन्य पूजा सामग्री रखी हुई थी।
दस बज गए थे और मैंने सोचा अब आराम किया जाए मुझे आये हुए 10 मिनट से ज़्यादा नहीं हुए थे, तभी भाई महाराज ने तीन सुंदर लड़कियों के साथ मेरे कमरे में प्रवेश किया लड़कियों के हाथी में शराब, कुछ अन्य पेय, चॉकलेट फल और मिठाईया थी। उन्हें एक गोल मेज पर व्यवस्थित करने के बाद, महाराजा ने सुंदरियो का मुझसे परिचय कराया। महाराज बोले मेरा भाई मेरे पास पहली बार आया है ख़ास दावत तो होनी चाहिए।
फिर तीनो सुंदरियों ने बड़ी ही सुन्दर और कामुक तरीके से साडी बाँधी हुई थी और ऊपर बहुत ही छोटी और झीनी चोली पहनी हुई थी और गहने और फूलो से उन्होंने शृंगार किया हुआ था। तीनो ने कुछ देर कामुक नृत्य प्रस्तुत किया।
उसके बाद तीनो मुझे घेर कर बैठ गयी और पीने खाने और इन सुंदरियों के साथ बातचीत करने में आधा घंटे बीत गया फिर मैंने उन सुंदरियों के चुंबन किये और उनके स्तनों को महसूस करने लगा। मैं इस मौहौल में कामुक और उत्तेजित हो गया पर मैं इन से संतुष्ट नहीं हुआ और जब मैंने इन सुंदरियों के साथ इससे आगे बढ़ने की कोशिश की और अपने बल का थोड़ा-सा कोमल उपयोग कर अधिक स्वतंत्रता लेने का प्रयास करने पर तीनो सुन्दरिया उठकर कमरे से बाहर चली गईं।
जैसे ही वे चली गयी तो महराज भी उठ खड़े हुए और महाराजा ने जाने से पहले मुझसे कहा कि कुमार चिंता मत करो वे जल्दी ही लौट आएँगी आप इनमे से रात के लिए अपना साथी चुन ले।
मैंने उनसे पूछा कि मैं कितने चुन सकता हूँ फिर महराज मुस्कुराते हुए बोले आप चाहे तो तीनो को भी अपने पास रख सकते हैं और फिर कमरे से निकल अपने कक्ष में चले गए।
भाई महराज के जाने के बाद मैं अपने सारे वस्त्र निकाल नग्न हो गया फिर जल्द ही दरवाज़ा खुला और लड़कियो ने एक के बाद एक प्रवेश किया और उन्होंने हरे, गुलाबी और नीले रंग को झीनी गाउन पहनी हुई थी जो केवल एक डोरी से उनके बदन ले लिपटी हुई थी झीनी गाउन से उनका सुन्दर नग्न अवस्था का आभास हो रहा था। मेरे विचार से ये ड्रेस उनके शरीर के किसी भी हिस्से को छिपाने के बजाय, उनके आकर्षण को बढ़ा कर दिखा रही थी। उनके लंबे बाल जो उनके कंधों के नीचे गिर रहे थे ने उस गाउन के साथ संयोजन में उनकी सुंदरता को बढ़ाया, इतना कि मैं पूरी तरह से उत्तेजित हो गया, जब तक मैं एक को चुनने के बारे में सोचता तीनो मेरा पास आ गयी। लेकिन चेरी जिसने हरे रंग ही गाउन पहनी हुई थी वह अठारह बर्ष आयु की बेहतरीन सुंदरी थी जिसकी बड़े-बड़े गोल सुडोल स्तन थे, पतली कमर विस्तृत कूल्हे, बड़ी सुदृढ़ नितंब थे और सुंदर चेहरा और होंठ थे ने मेरे को अपनी चमकती हुई सबसे गहरी कालेी-नीली आँख मार कर इशारा किया और आकर मेरी गोदी में बैठ गयी और मुझे चुम्बन करने लगी।
जैसे ही वह मेरी गोदी में बैठी बाक़ी दोनों भी मेरे पास दौड़ी, चली आयी और उसके गाउन को खोलते हुए निकाल कर उसे मेरे साथ लिपट गयी।
मैंने अन्य सुंदरियों को भी न जाने का संकेत किया।
मैंने चेरी से कहा कि वह अपने सिर को थोड़ा-सा दाईं ओर झुकाए और बस थोड़ा-सा मुंह खोले। जैसे ही हम अपने होंठों के मिलन के करीब आए, उसका पूरा शरीर हिल गया। उसी के साथ उसके संपर्क में मेरे होंठ आये, मेरे होंठ उसके होंठ की मालिश करने लगेl वह धीमी गति से और बहुत नरम चुंबन, महसूस कर रही इस सुंदरी के साथ होंठो का मिलन बहुत रोमांचक था। मुझे उसके होंठ करके बहुत अच्छा लगा। मैं अपनी जीभ बाहर लाया और उसके साथ उसके नरम गुलाब की पंखुरियों जैसे होंठों को छुआ और जब मैंने उन्हें बाहर को सहलाया, तो उसने अपने होंठ खुले रखे। जल्द ही उसने अपनी जीभ को वापस वही काम किया। हम एक दूसरे के मुंह, बाहर चुंबन, जीभ को चूमते रहे।
मैं सोफे पर बैठा हुआ था और मेरी बाजू चेरी के स्तनों को दबा रही थी और फिर दूसरी सुंदरी जिसने गुलाबी रंग का गाउन पहना था उसका नाम डेज़ी था उसने अपना गाउन निकाल दिया था और वह भी अपने शरीर को मेरे साथ लता की तरह लिपट गई। तो दूसरी तरफ़ चेरी भी मुझ से लिपट गयी मैं दो नग्न शरीर के बीच नग्न और सैंडविच की तरह था।
इस बीच लिली तीसरी सुंदरी जिसने हलके नीले रंग की पोशाक पहनी थी उसने भी अपना गाउन निकाल दिया था और मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी।
मैंने कहा आप तीनो ने आज मुझे एक बहुत बड़ा सरप्राइज दिया है मेरा लंड तब तक पूरा उग्र हो चूका था और पूरे 90 डिग्री पर तन गया था।
कहानी जारी रहेगी