अंतरंग हमसफ़र भाग 054

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लिली की बहन मिली से पहली मुलाकात और आलिंगन.
2.2k words
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Part 54 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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अंतरंग हमसफ़र भाग 53 में पढ़ा:

लिली बोली अब तुम्हे हम तीनो बहने मिलेंगी। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है और दोनों मुझसे ज़्यादा खूबसूरत हैं। दीपक! तुम बहुत भाग्यशाली हो! '

अब मेरा बायाँ हाथ उसकी गोद में सरक गया और मैंने उसके प्रेम क्षेत्र को प्यार से दबा दिया तो उसने मुझे कोमलता से देखा। 'हाँ, मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ। तुम देखो मेरे पास पहले से ये खुशियों का खजाना है!' और फिर से मेरा हाथ सरक कर उसके योनि पर टिक गया। और जैसे कि यह किसी भी पुरुष के लिए पर्याप्त न हो आप मुझे दुनिया को सबसे बेहतरीन और सुंदर महिला में से एक और एक सबसे सुंदर और कमसिन लड़की से सम्भोग करने का मौका दे रही है! लिली डार्लिंग, मुझे समझ नहीं आ रहा की मैं आपको कैसे धन्यवाद दूं? '

मेरे लंड पर हाथ रखकर उसने कहा दीपक मुझे धन्यवाद देने के लिए तुम्हें पता होना चाहिए कि तुम्हें बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।

आपने मेरी कहानी " अंतरंग हमसफ़र-- 1 से 53" में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'

अब आगे:-

मैंने उसे चूमा और कार फिर चलने लगी और ऐसे ही बाते करते हुए हम एयरपोर्ट पर पहुँच गए थे और फ्लाइट भी आ चुकी थी और मिली से मेरी पहली मुलाकात एयरपोर्ट पर हुई। उसके साथ ही उसकी बालसखी और सहायिका सपना भी थी । लिली मिली के गले लगी और दोनों ने एक दुसरे के गालो और ओंठो पर किश की और उसने मिली और सपना से मेरा परिचय करवाया और हमने हाथ मिलाया । मिली का हाथ बाहर नरम और मुलायम था । मिली ने घुटनो तक काले रंग की जैकेट पहनी हुई थी।

जैसा की लिली ने मिली के बारे में कहा था की वह बेहतरीन महिला है बल्कि मिली उससे भी थोड़ा बढ़ कर ही थी, सुंदर लड़किया की सरताज थी। जितनी सुंदर उससे बढ़कर तेजस्वी, बिल्लौरी आँखों में काजल की धार और बातों में प्रबुद्ध तर्क की धार, गोरापन लिये हुए थोड़ा-सा भरा हुआ शरीर, ऊँची पतली नासिका में चमकती हीरे की लौंग, चेहरे पर आत्मविश्वारस की चमक, बुध्दिमान और बेशर्म, न चेहरे, न चाल में संकोच या लाज की छाया, छातियाँ जैसे मांसलता की अपेक्षा गर्व से ही उठी रहतीं, उच्चवर्गीय खुले माहौल से आई तितली जो मॉडलिंग करती थी। मिली लिली से लगभग 3-4 साल बड़ी लग रही थी ।

मिली भी लिली की तरह पूर्ण अंडाकार सुंदर चेहरे के साथ स्त्री सौंदर्य की एक आदर्श आकृति थी! गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे होंठ, छोटे-छोटे कान, उत्तम गोल चमकदार कंधे, पूर्ण और सुंदर भुजाएँ, लहराती हुई उत्तम छाती, गोल सुदृढ़ और मोठे स्तन जिन्हे मैं सहलाना और धीरे से दबाने का सौभाग्य प्राप्त करना चाहता था। चुकी मिली मॉडलिंग करती थी और उसने शृंगार भी किया हुआ था तो वह लिली के मुक़ाबले बहुत सुंदर लग रही थी। ऐसी सुंदर लड़की जिसे पाने का ख़्वाब हर लड़के के मन में पलता है ।

मिली को उसे देख मैं सोचने लगा इसका आपने पति से तलाक क्यों हुआ होगा या तो वह भी मिली को लिली के पति की तरह इसे भोग नहीं पाया था या मिली के खुले विचारो से उसका मेल नहीं बैठा होगा । खैर अब तक मैंने रोज़ी रूबी, टीना, मोना, अलका, जेन, रुखसाना और हुमा को ही भोगा था जो मेरी हम उम्र थी मेरे लिए ये पहला मौका था जब मैं अपने से बड़ी किसी लड़की या महिला को भोगने वाला था ।

फिर मैंने अपनी नज़र मिली की सहायिका सपना पर गढा दी। उसका भी रंग गोरा था लेकिन मिली जितना नहीं। वह मिली की हम उम्र थी पर अपनी-अपनी उमर से करीब चार पांच साल छोटी दिखती थी। उसकी आँखे बडी-बडी थी। जिन में वासना भरी हुयी थी। उसके होठ बडे-बडे थे। उसपर उसने गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी। जो उसकी सुन्दरता को और बढ़ा रही थी। उसके चहरे पर एक आमत्रंण का भाव था जैसे कह रही हो आओ और चुम लो मेरे होठों को।

फिर मेरी नज़र उसके बदन पर गयी बडा ही भरपूर बदन था उसका। उसका गदराया बदन देख कर मेरा लंड पैन्ट के अन्दर ही उछलने लगा था। उसने हल्के आसमानी रंग की ड्रेस पहन रखी थी। उसका टॉप स्लीव लेस था और उसमे कफ़ी गहरा कट था, जिसकी वजह-सी उसके बडे-बडे मम्मे आधे से ज़्यादा ब्लाउस से बाहर झाँक रहे थे। सपना ने बहुत ही टाईट टॉप पहन रखा था क्योकी उसके मम्मो की दोनों बडी-बडी गोलाईयाँ आपस मैं चिपक गयी थी और एक गहरा कट बना रही थी। जो कि बडा ही सेक्सी लग रहा था।

उन दोनों का सामान हमने जल्द ही कार में डाल दिया। लिली ड्राइवर की सीट पर आ गयी और उसने मुझे पिछली सीट पर जाने का इशारा किया और मैंने अपनी जगह पीछे की तरफ़ ले ली और मिलि मेरे बगल में बैठ गई और सपना लिली के साथ आगे बैठ गयी और हम लिली के घर के लिए निकल पड़ेl

कार में उसके बगल में बैठा मैं उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी उसका यौवन उसके बदन और उसके घुटनो तक के जैकेट से छलक रहा था। उसका साथ मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग से भर रहा था।

मिली और उसकी बहने मुलता ब्रिटिश माँ और हिन्दुस्तानी बाप की संतान थी। मिली के बाल सुनहरे और लम्बे थे और वह एक घुटनो तक काली पोशाक में थी जो उसके अच्छी तरह से गठित टांगो को दर्शाती थी। मिली की गोरी चुकनी लम्बी टाँगे पर कोई बाल कोई दाग नहीं था। गोरी चिकनी बेदाग़ और सुन्दर टाँगे देख मेरे बदन में आग लग गई थी।

उसकी आँखें गहरे बिल्लोरी थीं, लंबी रेशमी पलकों के साथ और उसकी एक प्यारी-सी नन्ही नाक और एक मनमोहक मुँह था।

कार में बैठते ही उसने अपनी जैकेट को उतार दिया। अब उसकी पतली, लगभग पारदर्शी पोशाक उसके दो नाज़ुक छेनी वाले स्तनों की सही आकृति को छुपाने का असफल प्रयास कर रही थी । एक पतली चोली द्वारा कसकर पकड़े हुए उसके स्तन जो लिली के स्तनों से बड़े लग रहे थे। मैं मिली के सुदृढ़ स्तनों को देख रहा था। उसके स्तनों के इन दो मोहक टीले को देखते ही मेरा मन उसने पकड़ कर दबाने के लिए ललचाया और उस लालच ने निचोड़ने के लिए मुझे लगभग आगे बढ़ा दिया, लेकिन यह जानते हुए की अभी एक दम से बहुत आगे बढ़ना उचित नहीं होगा, मैंने ख़ुद को संयमित किया और उसके आकर्षक आकर्षण का एक गुप्त सर्वेक्षण कर ख़ुद को संतुष्ट किया।

उसकी पोशाक, जैसा कि मैंने पहले कहा था, बहुत छोटी थी और जैसा कि सभी खुले विचाओ की आधुनिक लड़कियों के साथ आम था और जैसे ही वह कार में बैठी उसका थोड़ा-सा पैर स्टॉकिंग टॉप के ऊपर दिखा। उसके नंगे और चमकीले मांस की इस झलक पर, मुझे लगा कि मेरा सदस्य धड़क रहा है जैसे उसे किसी बिजली की नंगी तार से छुआ हो।

मैंने मिली से बात करनी शुरु की और जल्द ही हम ऐसे बाते करने लगी जैसे बहुत पुराने दोस्त बहुत दिनों बाद मिले हो और मैंने अपना दाया हाथ मिली के दाए हाथ पर रख दिया।

मैंने अपना बायाँ हाथ मिली के सिर के पीछे से गुज़ारा और उसकी कमर के चारों ओर गिरने दिया और उसने इसका कोई प्रतिरोध भी नहीं किया इसलिए साहसपूर्वक उसे अपने पास खींच कर मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसे होठों के पास अपने ओंठ ले जाने का प्रयास किया।

उसने लिली और सपना की ओर ध्यान से देखा, जिनकी पीठ हमारी ओर थी (हालाँकि लिली हमें अपने सामने आईने में देख सकती थी पर उसकी नजरे सामने सड़क पर थी।), उसने मुझ पर अपनी उंगली ना का इशारा करते हुए हिलाई और मुझे हसते हुए मना किया।

मैंने उसे कहा हम ठीक से नहीं मिले हैं और अब चाहता हूँ जैसे आप पानी बहन से एयरपोर्ट पहुँच कर मिली थी वैसे ही आप मुझसे भी मिले ।

मैंने फिर से उसकी पतली कमर अपनी बाहों को पार करते हुए उसे कसकर गले से लगा लिया, अब उसकी ओर से इस आलिंगन का कोई प्रतिरोध नहीं था और उसने मुझे उसके होंठो पर अपने होंठ प्रेस करने की अनुमति दी और फिर ये मीठी किश गर्म चुंबन में बदली और वह मेरे साथ एक टाइट आलिंगन में आ गयी और उसकी बाहों मेरी गर्दन के चारों ओर चली गयी।

मैंने किश करते हुए फिर अपने दाए हाथ को उसकी कमर के सामने की ओर घुमाते हुए, मैंने साहसपूर्वक उसके स्तनों को सहलाया, फिर दबाया और एक उंगली को उसके निप्पल को छेड़ा और फिर, अपना हाथ उसकी टांगो पर ले जाकर उसकी छोटी स्कर्ट और ऑफर उसकी नंगी और चिकनी जांघों को सहलाया। अब, मेरा लंड लोहे की छड़ की तरह हो गया था, एक बार वह थोड़ा पीछे हट गई और मानो मुझे रोकने के लिए प्रयासरत हुई लेकिन मैंने उसे वापस अपनी ओर खींच लिया और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस हुए।

इस पर वह मेरी छाती पर चिपक गई, मेरी गर्दन में उसने उसकी बाहें डाल दी और यह देखकर कि उसका प्रतिरोध समाप्त हो गया था, मैंने उसके फांक के गर्म नम होंठों को विभाजित किया और उसके भगशेफ की तलाश की और कोमल और लगातार रगड़ से जल्द ही उसका भगशेफ मिल गया जो आक्रमणकारी से लड़ने के लिए खड़ा और कठोर था।

जारी रहेगी

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