एक नौजवान के कारनामे 080

Story Info
मानसिक नियंत्रण​.
966 words
2
314
00

Part 80 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 11

मानसिक नियंत्रण​

ड्रेसिंग रूम में एक अलमारी थी और ये कक्ष मुख्या कक्ष के कोने में था-था और इसमें कोई दीवार नहीं थी। कामिनी ने अलमारी में से एक पोशाक चुनी जिसे उसने बिस्तर पर रख साइड में होकर उसने कपड़े उतारे और आईने में देखा वह कुछ इस तरह से खड़ी थी के उस कोण से वह तो नहीं पर उसका प्रतिबिंब आईने में देख मुझे पता चला कि उसका फिगर असाधारण है। उसका रंग गोरा उसके नयन और नक्श बहुत ही तीखें थे।

उसके स्तन नुकीले और उसके निप्पल के चारों ओर काले घेरे थे, उसकी कमर संकरी थी और उसके कूल्हे बड़े और गोल थे, उसकी जांघों के बीच के क्षेत्र में उसके बाल बड़े करीने से छंटे हुए थे । संक्षेप में, आईने में उसकी छवि देख मैं उसपे विमोहित हो गया। । उसके काले बाल उसके कंधों पर लटके हुए थे और उसके प्यारे चेहरे को उभारते हुए उसे सुंदरता की तस्वीर बना रहा था। कामिनी जल्दी से उस ड्रेसिंग रूम के साथ वाले स्नानागार में चली गयी और शॉवर लेने लगी बाथरूम अर्धदर्शी शीशे का था और उसमे भी उसकी छवि नज़र आ रही थी, अपने बालों को गीला न करने की सावधानी रखते हुए उसने अपने शरीर को धोया।

कामिनी ने ख़ुद को जल्दी से सुखा लिया, उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी और उस ब्लाउज की बांहें नहीं थीं और सीने के हिस्सा अत्यधिक खुला था। ब्लाउज थोड़ा कसा-सा था, जिसकी वज़ह से स्तन उभर कर बाहर निकलने जैसे हो रहे थे। इस ब्लाउज में से उसके स्तनों के बीच की दरार की गहराई साफ़ झलक रही थी। पीठ पर ब्लाउज की पतली डोरो थी और ऐसे ब्लाउज में ब्रा नहीं पहनी जाती है क्योंकि ये ब्लाउज था ही ऐसा कि उसकी ब्रा साफ़ दिख जाती।

पतली सुलाबी रंग की साडी उसने अपने नितम्बो पर लपेटी । साड़ी को कमर से बाँध कर उसने आगे का हिस्सा एकदम नाभि के नीचे खौंस दिया। जिस तरह से साड़ी बंधी थी उसमें आगे का हिस्सा, उसकी योनि से केवल 3 इंच ऊपर था उसने चूतड़ के ऊपर साड़ी का पल्लू लपेट कर कंधों पर इस तरह रखा कि स्तन, पेट और पीठ का भाग ज्यादातर खुला ही रहे। इसके बाद उसने कमर पर अपनी पतली-सी चैन लपेट दी।

कामिनी ने जिस तरह से कपड़े पहने थे, वह उसके गोरे सुन्दर कामुक बदन पर बहुत जंच रहे थे... फिर उसने थोड़ा-सा इत्र लगाया और मेरे पास आयी। उसकी चोली उसके स्तनों की वक्रता को बढ़ा रही थी और उसके तने हुए निपल्स उस पोशाक के रेशमीपन में रेखांकित थे, जिसका परिणाम आश्चर्यजनक था।

पूरा माहौल उसकी उपस्थिति के कारण वाकई में कामोतेजना से भरपूर था ।

वो अदा से चलती हुई मेरे पास आयी तो मैंने उसे बोला आप बहुत सेक्सी हो।

वो निडरता से मुस्कुरायी। मेरी निगाह उसके फिगर पर केंद्रित थी, उसके कूल्हे उसकी साडी के नरम कपडे में बड़े और उभरे हुए दिख रहे थे और ये स्पष्ट दिख रहा था उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी हुई है, मेरा ध्यान इस विशेष बात पर गया की कैसे उसकी साड़ी उसके नितंबों की चिकनी त्वचा को सहला रही थी। मैंने उसे अपने पास बैठने के लिए आमंत्रित किया और शराब की एक बोतल खोली।

मैंने मोहिनी का हाथ पकड़ कर अपने पास बैठने के लिए आमंत्रित किया तो वह मेरे पास आ कर बैठ गयी और ऐसा करते हुए मैंने उस पल का फायदा उठाया और अपनी बांह उसके गले के पार उसके दूर वाले कंधों पर रख दी, उसने अपना सिर मेरी छाती पर रख दिया और मैंने अपनी बांह का दबाव बढ़ाया और उसे अपने पास खींच लिया।

मैं इस बात से पूरी तरह वाकिफ था कि उस आवाज़ ने और दिव्य पुरुष ने मुझे जो कुछ भी बताया था, अगर वह सब सच था तो रिंग की ताकतें यह सुनिश्चित कर सकती थीं कि मैं उसे अपनी इच्छाओं के अधीन कर सकता हूँ। लेकिन मेरे मन में इसके प्रति के संदेह के कारण मैंने ऐसा कुछ भी करने के खिलाफ फ़ैसला किया। ये जानने के लिए की मेरा अपने मन पर कितना नियंत्रण है, उस समय मैंने अपने मन के द्वारा इस तरह की शक्तिशाली ताकतों का उपयोग करने से बचने के लिए दृढ़ संकल्प किया, इसलिए मैंने जानबूझकर उसके दिमाग़ में ऐसा कोई विचार नहीं डाला और इंतज़ार करना और यह देखना पसंद किया कि शाम बिना किसी दिव्य शक्ति का उपयोग किये कैसे विकसित होगी।

कामिनी पर तो मैंने पहले से ही अंगूठी की शक्ति आजमा कर उसकी कामुक भावनाओ को भड़का दिया था । उसका सिर झुका हुआ था और हमारे होंठो ने एक सौम्य चुंबन में मुलाकात की। फिर मैंने उसके होंठो के ऊपरी हिस्से को धीरे-धीरे महसूस किया और उसके बाद हमारा चुंबन गहरा हो गया। उसने अपने ओंठ खोलकर मेरी जीभ को अपनी और आमंत्रित किया तो मेरी जीभ उसके मुँह में प्रवेश कर गयी।

उस नगूठी की अपनी शक्ति के प्रभाव से चुम्बन ने पूरी तरह से आसानी और हमारे जनून में तेजी से वृद्धि हुई तो कामिनी मुझ से चिपक गयी और मेरी छाती पर ख़ुद को दबाया। उसकी सांसें और तेज हो गईं और मैंने अपना दूसरा हाथ सावधानी से उसके स्तन की ओर बढ़ाया, जो उसकी रेशमी चोली में स्पष्ट रूप इस तथ्य को प्रदर्शित कर रहा थे कि उसके निप्पल उत्तेजित हो गए थे और पूरी तरह से खड़े हो गए थे।

उसकी बढ़ती हुई उत्तेजना से मुझे ये आभास हो रहा था कि किसी भी समय मैं उसकी उत्तेजना को बढ़ाने के लिए अंगूठी की दिव्य शक्ति का उपयोग कर सकता हूँ और उसकी इच्छा को मैं प्रभावित कर बढ़ा या घटा सकता हूँ पर मैंने ऐसे किसी भी प्रलोभन का से फिलहाल बचने का फ़ैसला किया और इस मामले को अपनी स्वाभाविक गति से आगे बढ़ने दिया।

जारी रहेगी

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