एक नौजवान के कारनामे 088

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मैंने अपना रानिवास-हरम बनाने का फैसला किया.
2.3k words
3.5
284
00

Part 88 of the 279 part series

Updated 05/01/2024
Created 04/20/2021
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VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 19

वृद्ध हीरा का निवास स्थान

महल से हीरा के घर तक के रास्ते में मैं सोच रहा था कि अब इस नगूठी का प्रयोग मैं कैसे और किससे शुरू करून। अगर किसी को ऐसे शक्तिया मिले तो सबसे पहला विचार आता है कि मेरे पास बहुत सारी धन दौलत, सुन्दर स्त्रियों और आलिशान घर और सुखमय और आनंदमय शानदार जीवन के लिए सुविधाएँ जुटाने का विचार आता है।

दादा जी की वसीयत के हिसाब से और पिताजी के व्यापार के कारण और मेरी खुद की एक अंतर्राष्ट्रीय कपंनी में नौकरी के कारण मुझे कभी धन दौलत की कमी महसूस नहीं हुई थी, फिर भी मुझे लगा की अगर जरूरत होगी तो भाई महाराज के कोष से आवश्यकता अनुसार धन ले लूँगा।

और सुन्दर स्त्रियों की भी मेरी सेक्स लाइफ में कभी भी कोई कमी नहीं रही थी परन्तु फिर भी मुझे नयी-नयी लड़कियों से मिलने और उनके साथ सेक्स करने में अलग ही आनंद मिलता था, और अब तो मेरे पास ऐसी शक्ति भी थी जिससे मैं लड़कियों को नियंत्रित भी कर सकता था और अपने और उनके सेक्स के आनद को बढ़ा सकता था। तो मैंने शुरुआत सेक्स से ही करने की ठानी। भाई महाराज के सुझाव से बहुत पहले ही मैंने सूरत में घर खरीद लिया था जिसे मैंने अपना रानिवास (हरम) बनाने का फैसला किया।

हालाँकि जब मैंने कामिनी को पहली बार चोदा तो वह कुंवारी नहीं थी पर फिर भी उसकी एक दो बार चुदी हुई टाइट चूत तो चोदने में मुझे बहुत मजा आया था और जब उसकी चुत के मांसपेशियों ने मेरे लंड की जकड़ लिया था और संकुचन करने लगी थी तब मुझे लगा था जैसे उसकी चूत मेरे लंड को चूस रही थी और इसी कारण से मैं कामिनी को पसंद करने लगा था। इसलिए मैंने उसके साथ ही अपने दिमाग को नियंत्रित करने वाले प्रयोग को शुरू करने का फैसला किया। लेकिन मैं उसे बहुत ज्यादा बदलना नहीं चाहता था। बस कुछ मामूली सुधार और बदलाव करना चाहता था इसीलिए तदनुसार ही मैंने उसे अपना पहला मानसिक आदेश देना शुरू कर दिया।

"कामिनी! आपका मूल चरित्र, पसंद-नापसंद वैसे ही रहेगा, लेकिन अब से आप हमेशा हर समय मेरे साथ सेक्स करना पसंद करेंगी और आप मेरे साथ सेक्स के दौरान कोई भी विचार, कल्पना या खिलौना आज़माना चाहेंगी चाहे वह कितना भी जंगली क्यों न हो, जो मुझे दिलचस्प लगे उसमे पूरा सहयोग करोगी। इसके अलावा, आप मेरे द्वारा अन्य महिलाओं के साथ यौन सम्बंध रखने के लिए पूरी तरह से सहमत रहोगी और आपको खुद किसी अन्य-अन्य पुरुष या पुरुषो में कोई दिलचस्पी नहीं है। एकमात्र पुरुष जिसके साथ आप यौन सम्बंध बनाना चाहते हैं, वह मैं हूँ और अगर मैं आपको इसके बारे में कुछ भी अलग तरीके से न बतायू तब तक आप सेक्स केवल मेरे साथ ही करने को इच्छुक रहेंगी। लेकिन आपको इस बात से कोई दिक्कत नहीं होगी कि मैं दूसरी लड़कियों को आपके सामने भी चोद रहा हूँ क्योंकि आपको लगता है कि वास्तव में आप अकेली महिला हैं जिससे मैं प्यार करता हूँ।

वास्तव में, आप अन्य महिलाओं को भी आकर्षक लगने लगेंगी और महिलाये और लड़किया भी आपको आकर्षित करने लगेंगी और जब भी मैं चाहूँ, आपको अन्य लड़कियों के साथ मिलकर मेरे साथ जुड़कर व सेक्स करके आपको खुशी होगी।" उस पल के लिए मैंने सोचा और फिर एक मुस्कराहट के साथ उसके लिए कुछ अच्छा करने के लिए एक आखिरी चीज जोड़ दी।" जब भी मैं आपके साथ संभोग कर रहा हूँ और अपने चरम उत्कर्ष पर पहुँचू तो आप भी हमेशा मेरे साथ ही चरम पर पहुँच कर आपको भी उसी समय संभोग का चरम सुख प्राप्त होगा।

मेरी सचिव हेमा ने कामिनी द्वारा निर्देशित कुछ फ़ोन किये और सूरत पहुँचने पर हम हवाई अड्डे पर उतरे और फिर कामिनी के निर्देश पर हेमा द्वारा व्यवस्थित एक प्रतीक्षारत कार से समुद्र तट की ओर चल पड़े। फिर हम समुद्र तट पर एक नाव पर सवार हुए, जो हमारा इंतज़ार कर रही थी और मैंने पाया कि यह समुद्र के किनारे से लगभग 15 समुद्री मील दूर यानी भारतीय क्षेत्र की सीमा के बाहर समुद्र में एक द्वीप था। (भारत की क्षेत्रीय सीमा तट से 12 समुद्री मील तक समुद्र की ओर फैली हुई है) ।

कामिनी ने मुझे बताया यह पहाड़ों से छिपा हुआ और जंगली पेड़ों से आच्छादित एक निर्जन द्वीप जैसा दिखता है जिसे बेकार माना जाता है और यहाँ तक कि यहाँ के जंगल की लकड़ी को भी बेकार ही समझा जाता था जिसकी बाज़ार में कीमत उसे लाने के खरच से ज्यादा थी।इस कारण इस द्वीप पर कोई नहीं आता था इसी कारण ये द्वीप पूर्णतया सुरक्षित था।

द्वीप के तटों पर हमारा स्वागत कुछ पहरेदारों द्वारा किया गया जो छिपे हुए थे और हमारे पहुँचने के कुछ समय बाद प्रकट हुए और हमें एक महल नुमा निवास स्थान में ले गए जिसका रास्ता गुप्त था। महल राजसी था लेकिन छिपा हुआ था और इसे हवाई जहाज से भी देखना संभव नहीं था और इन पहरेदारों की मदद और सहयोग के बिना वहाँ पहुँचना लगभग असंभव था।

मुझे एक राजसी हॉल में ले जाया गया। फिर कामिनी ने मुझसे पूछा कि क्या पसंद करेंगे? क्या आपकी भूख लगी है?

"नहीं, मैं ठीक हूँ, कुछ ठन्डे पेय या कॉफी या चाय से काम चल जाएगा और मैं आपसे जल्दी से पैकअप करने का अनुरोध करता हूँ और अपने साथ केवल बहुत आवश्यक सामान ही ले। बाकी सामान की व्यवस्था महल में हो जायेगी। हम यहाँ में जल्द से जल्द वापसी करेंगे। " मैंने कहा। कामिनी ने अपनी छोटी बहन से कहा कि वह उसका भी बैग भी पैक करे क्योंकि उसने यहाँ मेरे साथ रुक कर उनका साथ देने का फैसला किया है क्योंकि इन्हे ऐसे अकेला छोड़ना उचित नहीं रहेगा और मैंने हेमा और मरीना को महिलाओं की पैकिंग में मदद करने के लिए कहा।

कामिनी की बहने और हीरा की बेटिया और अन्य सभी लोग तुरंत हॉल से बाहर चले गए, मैं कामिनी के साथ अकेला रह गया और उसने मुझे बताया कि यह हीरा का सिंहासन है और मुझे उस पर बैठने को कहा । कामिनी बोली हीरा ने जो भी उसकी अंगूठी पहने उसे उसका उत्तराधिकारी जानकर कुछ चीजें सौंपने के लिए कहा था । चूँकि मैंने अब हीरा की अंगूठी पहनी है, इसलिए मुझे इस महल की कमान संभालनी है।

उसने समझाया कि इस हॉल के अलावा, वहाँ हीरा का एक हरम, एक बड़ा बगीचा है और महल में हीरा के लिए एक बड़ा बेडरूम, स्नानागार और भोजनालय इत्यादि हैं। फिर एक खजाना कक्ष जहाँ सभी कीमती सामान रखे जाते हैं। इसके इलावा उसने मुझे कुछ कागज़ और कुछ अन्य वस्तुए सौंपी जिनका खुलासा कहानी में आगे समय-समय पर होगा।

मैंने कामिनी को बोला अभी तो मैं परिवार में विवाह के कारण व्यस्त रहूँगा। अतः इस बस्तुओं को फिलहाल वह यही संभाल कर सुरक्षित रखे और यहाँ के व्यवस्थापक को बुलवा ले।

कामिनी ने बताया कि यह द्वीप एक स्वतंत्र स्थान है और स्वाभाविक रूप से बाहरी दुनिया से छिपा हुआ है और हीरा ही इस भूमि का कानून था और केवल कुछ लोग ही-ही शहर में सभी जरूरतों के लिए बाहर जाते थे जो हीरा के प्रति पूरी तरह से वफादार थे। (मुझे पता था कि हीरा ने उन सबका दिमाग नियंत्रित किया है) । अब हीरा के बाद मैं ही यहाँ का स्वामी और क़ानून हूँ । फिर कामिनी ने मुझे हीरा का ताज सौंप दिया गया और मुझे उनके सिंहासन पर बिठा दिया और इस महल और हरम को अपने लिए इस्तेमाल करने के लिए कहा।

मेरे पूछने पर कामिनी ने मुझे बताया उस महल का व्यव्थापक एक षण्ड (हिजड़ा) है, जिसका नाम बिजली है, जो न केवल उस द्वीप का व्यवस्थापक था बल्कि पूरा कोष और उसके अंतर्गत ही द्वीप और महल की पूरी सुरक्षा व्यवस्था भी थी और वह हीरा का पूर्ण वफादार था।

षण्ड बिजली जब आया तो कामिनी ने हीरा के निर्देश अनुसार मुझे इस द्वीप और महल और हरम की सब स्त्रियो का स्वामी घोषित किया और मैंने षण्ड बिजली को मानसिक तौर पर निर्देश दिए की वह अब मेरा वफादार रहेगा और मेरी अनुपस्थिति में कामिनी का पूर्ण वफादार रहेगा। कामिनी ने मुझे बताया द्वीप की और पूरे महल की सुरक्षा व्यवस्था षण्डो के हाथ में है।तो मैंने सब षण्डो की सेना को नियंत्रित करने का निर्देश दिया की अब मैं ही उन सब का स्वामी हूँ, और सुरक्षा में नियुक्त जो षण्ड वृद्ध हो गए थे या सेवा निवृत हो गए थे या होना चाहते थे। मैंने षण्डो के प्रमुख बिजली को उन्हें उचित धन दे कर बिदा करने का निर्देश दिया, और साथ ही उन्हें मानसिक निर्देश देते हुए वह कभी इस द्वीप पर आये थे, रहे थे, हीरा की सेवा में थे । सब भूल जाने का निर्देश दिया, ताकि स्थान का गुप्त होने का राज बना रहे ।

मैंने साथ ही अपनी सचिव हेमा और अंगरक्षक मरीना को भी मेरे प्रति वफादार रहने का निर्देश दिया ।

इसी प्रकार महल में रानिवास में और हरम में जितने भी सेवक और सेविकाएँ जो वृद्ध हो गए या गयी थी थे या सेवा निवृत हो गए थे या होना चाहते थे मैंने षण्डप्रमुख बिजली को उन्हें उचित धन दे कर बिदा करने का निर्देश दिया, और साथ ही उन सेवक सेविकाओं को मानसिक निर्देश देते हुए वह कभी इस द्वीप पर आये थे, रहे थे, हीरा या उसके परिवार की सेवा में थे... सब भूल जाने का निर्देश दिया ।

जो सेवक सेविकाएँ अभी मेरे लिए अपनी सेवाएँ देना चाहते थे उन्हें भी हीरा के बारे में सब भूल जाने और मेरी । मेरी अनुपस्थिति में कामिनी की और उसकी बहनो की आज्ञा मानने और मेरे अगले आदेश तक सेवा करने का निर्देश दिया और हम सब की अनुपस्थिति में प्रमुख षण्ड बिजली की आज्ञा पालन का निर्देश जारी किया ।

जो लोग वहीँ रहना चाहते थे उन्हें भी मेरे प्रति वफादार रहने का निर्देश दिया और इसकी अनुमति दी और उनके रहन सहन के लिए उचित व्यवस्था करने का निर्देश षण्डप्रमुख बिजली को दिया ।

फिर सब मेरा आदेश मान रहे है ये जांचने के लिए सब को तीन बार अपने स्थान पर ही कूदने को बोला । जिसका सबने पालन किया और जिससे पता चला सब मेरी सेवा के लिए ततपर थे ।

इसी बीच सेविका कुछ शीतल पेय ले आयी और जिसको पीने के बाद मैं तारो तजा महसूस करने लगा और यहाँ परीक्षण करने के लिए मेरा कामिनी पर नियंत्रण है, मैंने 5 बार कूदने की आज्ञा दी"," अपना पसंदीदा गाना-गाना शुरू करें"," शेर की तरह दहाड़ें" और निश्चित रूप से उसने मेरे सभी आदेशों का पूरी तरह से पालन किया। जिससे आखिरकार मुझे विश्वास हो गया कि मैंने वास्तव में यह महाशक्ति प्राप्त कर ली है। इसलिए मैंने उसे इन 3 आज्ञाओं को भूल जाने की आज्ञा दी। मैं कामिनी से अब एक चुंबन चाहता था और उसने मुझे एक त्वरित चुंबन दे दिया। मेरे मन में उसके साथ सम्भोग करने की भावना जागृत हो गयी क्योंकि उसकी योनि की सम्भोग के दौरान मांसपेशियाँ मेरे लंड के चारों ओर कस गयी थी और उसकी योनि की मांसपेशियों ने मुझे लंड चूसे जाने का एहसास दिया था।

मैंने उसे चुम्बन करने का निर्देश दिया और इस बार हमने गहरा और लम्बा चुंबन किया। फिर मैंने उसे बोला "ठीक है, अगर आप चाहती हैं तो आप जल्दी से मेरे लंड पर आ जाओ?" मुझे उम्मीद थी कि इस सवाल ने उसे हतप्रभ कर दिया होगा और उसका जवाब होगा "क्या तुम पागल हो?" लेकिन अब मैंने उसकी आँखों में एक चमक देखी और "जिस तरह से आप सोचते हैं वह मुझे पसंद है" के साथ उसने मेरी पैंट नीचे खींची, अपने घुटनों पर बैठ गई और मेरे लंड को चूसने लगी। वह अद्भुत थी। जल्द ही जब मेरा लंड अपने पूरे आकार तक बढ़ गया तो उसने मुझे उस सिंघासन पर पीछे धकेल दिया, उसने अपना लेहंगा उतार दिया और मेरे इंतजार कर रहे लंड पर चढ़ गई। एक ही बार में मेरा लंड उसकी पूरी तरह से भीगी हुई चूत में पूरा समा गया और वह मेरी सवारी ऐसे करने लगी जैसे फिर कभी अबसर उसे नहीं मिलेगा।

उसकी योनि की मांसपेशियाँ मेरे लंड के चारों ओर कस गईं और उसके तरल पदार्थ मेरे लिंग के चारों ओर बहने लगे।

आज उसके साथ सम्भोग करते हुए मैंने पहले ही दो बार अपना वीर्य उत्सर्जित कर दिया था अन्यथा वह जिस गति से जा रही थी, मैंने शीघ्र ही अपना वीर्य स्खलित कर देना था... वैसे तो अंगूठी की शक्तियों के कारण मैं अपना स्खलन भी नियंत्रित कर सकता था परन्तु मैंने काम की धारा के साथ बहने का निर्णय लिया और दो बार के पूर्व स्खलन के कारण मेरा तुरंत स्खलनं नहीं हुआ, लेकिन मुझे अभी भी लगा कि मैं इसे लंबे समय तक रोक नहीं सकता अगर वह इसी तरह जारी रही और मैंने जितना संभव हो सके रोकने की कोशिश की। दूसरी ओर मुझे पता था कि एक बार जब मैं अपना लोड शूट करूंगा तो वह वीर्य की मात्रा को देख बड़े आश्चर्य में होगी।

मैंने बस उसका साथ देने का फैसला किया, उसकी गांड पकड़ ली और उसकी गति को और भी तेज कर दिया। उसे इस तरह से सवारी करने से यह फायदा हुआ कि उसके शानदार डी-कप आकार के स्तन मेरे चेहरे से टकरा रहे थे और मैंने उसके निप्पलो को बहुत मुश्किल से चूसना शुरू कर दिया, जबकि मैंने उसकी गांड को हाथ से कस कर दबाते हुए निचोड़ा। हम कुछ देर तक इसी तरह जारी रहे, हमारे दोनों की कराहे और धक्को की गति तब तक तेज होती गयी जब तक कि अंत में मैंने अपनी गेंदों में झुनझुनी महसूस नहीं की और उसके कुछ सेकंड बाद में मैंने अपना वीर्य उसकी गर्म योनी में गहरा भर दिया।

जैसे ही मैंने वीर्य की पहली पिचकारी मारी जो उसके गर्भाशय के द्वार से टकराई उसकी वासना से भरी तेज चीख निकली मुझे यकीन है कि महल के सभी गार्डों और निवासियों ने उसे सुना होगा। वह मेरे लंड पर कई बार हिली-डुली और मेरे लंड ने भी उसकी योनि के अंदर धक्के मार कर उसे तब तक थपथपाया जब तक वह थोड़ा शांत नहीं हो गई।

वाह, वह अद्भुत था" उसने फिर से कपड़े पहनते हुए कहा।

जल्द ही सभी महिलाएँ लौट आईं और कुछ चाय और हल्का भोजन करने के बाद हमने महल का एक छोटा-सा भ्रमण किया। बिजली को कुछ आवश्यक निर्देश दिए और फिर हम सब वापस सूरत के समुद्र तट की ओर चल पड़े।

जारी रहेगी

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