मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 02

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ऐनी बनी मेरी उस्ताद ​
1.7k words
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Part 3 of the 47 part series

Updated 10/30/2023
Created 09/04/2021
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मेरी कहानी "मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं " मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे, खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ: जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला और मजो की दुनिया में मेरे अनुभव" के अगले भाग हैं l

इससे पहले जन्नत की 72 हूरे Ch. 5 में आपने पढ़ा मेरे कॉलेज के दोस्त राजकुमार ब्रेडी के बारे में पढ़ा था इसने मुझे बताया था उसकी सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl मैंने उसे इसमें अपनी दिक्कते बताई की मेरे तीन निकाह हो चुके हैंl और क्या उन्हें मेरी चौथी बीवी बनना मंजूर होगा? और हमारे मज़हब में सिर्फ़ 4 बीवियों ही कर सकते हैl मेरी कुछ और कजिन बहने हैं जिनसे मेरा निकाह होना लगभग तय हैl हमारे देश में मैं 4 से ज़्यादा निकाह नहीं कर सकताल और मुझे निकाह मिस्यार करने होंगे जिसमे लड़की की कुछ अख्तियार कम हो जाते हैं

ब्रैडी ने मुझे निकाह के लिए बधाई दी और कहा चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज़्यादा बीविया रखता है उसे तुम्हारे साथ और बीवियों से कोई ऐतराज नहीं है उसे ब्रेडी मेरे बारे में काफ़ी कुछ बता चूका था l

तो ब्रैडी में मेरी समस्या का निदान सुझाया की मेरी बहन से निकाह के बाद तुम भी कैमरून के मैं परिवार का हिस्सा हो जाओगे और मैं तुम अपने अधिकार से मैं तुम्हे नागरिकता देता हूँ और मेरे देश के नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैंl

मैं तुम्हे अपने देश का हिंदुस्तान में राजनयिक नियुक्त करता हूँl अब तुम पर हिन्दुस्तान की कोई कानूनी बंदिश नहीं रहेगीl

राजकुमार ब्रेडी की सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl ब्रेडी दिल्ली आया था। मैं उससे मिलने उसके होटल चला गया। वहाँ मुझे उसकी कजिन सिस्टर एनी जो उसके साथ आई थी मिली। एनी एक यूरोपियन। गोरी जिसके सुनहरे बाल थे। उसकी मोटी-मोटी आंखें। सुर्ख गुलाबी होंठ और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल। सुडौल छातियाँ। पतली कमर। चेहरे पर क़ातिल मुस्कान। बेहद खूबसूरत जन्नत की हूर। उसे मैं ताज महल दिखाने आगरा ले गया और फिर ऐनी रात में एक शर्ट में मेरे कमरे में आ गयी और आकर सीधे मेरे गले लग गयी l

फिर हम दोनों ने एक दुसरे के कपडे उतार दिए और मैंने उसे चूमने लगा, फिर ऐनी ने अपना कौमार्य मुझे समर्पित कर दिया। उसके बाद हम रात के अँधेरे बरसात में खुली बालकोने में हमने बारिश के साथ ताल मिला कर चुदाई की और उसके बाद में सुबह होने से पहले ताज के पास नदी के किनारे पर उसने मुझसे नग्न फोटोशूट करवाया और फिर वहां हमने सूरज निकलने तक चुदाई की l

होटल ने मेरे दोस्त फ्रेड्डी की बहन पर्ल मिली जो बोली तुम्हारे कपडे मैं ही उतारूँगी और पहनाऊँगी।

मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 01 से उद्धृत

बनियान उतरते वक्त उसने अपने हाथ उपर किये उसने स्लीवलैस गुलाबी टॉप पहन रखा था जिसकी वजह से उसकी काँख मुझको दिखायी दी। उसकी काँख साफ़ थी थे। मुझे साफ़ काँख बहुत पसन्द हैं। उसकी काँख देखकर मेरी मस्ती और बढ गयी। बनियान उतार कर उसने कमरे के एक कोने मैं फेंक दी। अब मेरी छाती पूरी नंगी हो गयी और वह अपने गोरे-गोरे हाथ मेरी छाती पर धीरे-धीरे फिराने लगी। जिसकी वजह से मेरी उत्तेजना बढने लगी और मेरे निप्पल कडे हो गये।

फिर पर्ल ने अपनी एक उँगली को अपने थूक से गिला करके मेरे बाँये निप्पल पर फिरने लगी और उसका दुसरा हाथ मेरी छाती पर धीरे-धीरे चल रहा था। वह मुझे मस्त कर रही थी। थोडी देर इसी तरह से मेरे निप्पल पर हाथ फेरने के बाद उसने अपना मुँह मेरे निप्पल पर रख दिया और उसे अपने होंठो के बीच लेकर चुसने लगी। उसके ऐसा करने से मेरे मुँह से एक दम से एक आह निकल गयी। इसका सीधा असर मेरे लंड पर हुआ। वोह मस्ती में एक दम कडा को गया। अब उसका मेरी पैन्ट में रहना बडा ही मुश्किल था।

अब आगे:-

फिर ऐनी आगे आ कर मेरे दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेद रही थी। एक तो निप्पल चुसे जाने की मस्ती दूसरा निप्पल कुरेदे जाने की वजह से होता दर्द ने मुझे तो स्वर्ग में पहुँचा दिया था। इस बेताह मस्ती के कारण मेरे मुँह से आह ओह के आवाज निकल रही थी। मैने अपने हाथ उसकी पीठ और एक बाँह पर रख रखा था। एक हाथ से उसकी बाँह मसल रहा था और दुसरे हाथ उसकी पीठ और कमर पर फेर रहा था। वोह करीब 3-4 मिनट तक ऐसे ही करती रही फिर पर्ल बाँयी निप्पल छोड कर दाँयी निप्पल को चुसने लगी और बाँयी निप्पल को नाखुनो से कुरेदने लगी।

दुसरे निप्पल को अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। फिर ऐनी ने मेरी और देख कर आँखो में आँखे डाल कर पूछा कैसा लगा निप्पल चुसवाना। मैं बोला क्या बताँऊ बस इतना कह सकता हूँ कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। सीखाओगी उस्ताद जी। ऐनी बोली जरूर आखिर उस्ताद या गुरु होती किस लिये है। गुरु का तो ये कर्तव्य है के उसके चेले की शादी से पहले उसे सेक्स की पूरी शिक्षा दे प्रेक्टिकल के साथ जिससे की उसकी पत्नी सुहाग रात को ये ना कह सके की उसकी उस्ताद ने उसको कुछ भी नहीं सिखाया। चलो पर्ल अब आमिर की छोड़ो अभी इसे पहले बहुत कुछ सीखना है ।

उसके मुहँ से ये बात सुन कर मैं बोला उस्ताद जी तुम्हारे विचार कितने उत्तम हैं। अगर तुम जैसी सबकी उस्ताद हो तो किसी भी चेले को रंडी के पास जाने की जरूरत ही नही। सुन कर उसने मेरे होंठो पर किस कर लिया और बोली तुम बिल्कुल मेरे चेले कहलाने के लायक हो। चलो मैं अब तुम्हारा लंड पैन्ट से बाहर निकाल देती हूँ। ये भी मुझको गाली दे रहा होगा कि बात तो लंड को बाहर निकालने की कर रही थी और निप्पलस को मजा देने लगी। कह रहा होगा कितनी निर्दय है तुम्हारी उस्ताद। नंही उस्ताद मेरा लंड तो बल्की बहुत खुश है कि मेरी उस्ताद तुम हो।

मेरा लंड तो कह रहा है कि जिस तरह से तुम मेरी उस्ताद हो तुम्हारी चुत उसकी उस्ताद हुयी ओर जब तुम इतनी मस्त हो तो उसकी उस्ताद और भी मस्त होगी वोह भी अपनी उस्ताद से मिलने और उसकी बाँहो मैं जाने के लिये बेचैन है। ऐनी बोली उसके लिये तो उसको थोडा इंतजार करना पडेगा। पहले मैं अपने चेले को और उसके लंड को तो जी भर के प्यार कर लूँ और अपने चेले से अपने आप को और लंड के मालिक के उस्ताद को प्यार करा लूँ तब कही जा कर तुम्हारा लंड अपनी उस्ताद से मिल सकता हे समझे। मैंने कहा हाँ उस्ताद तुम ठीक कह रही हो।

इतना कह कर ऐनी ने मेरी पैन्ट खोलनी शुरु कर दी। जब ऐनी मेरी पैन्ट खोल रही थी तो उसकी नजर मेरी तरफ थी और पर्ल की नजर मेरे लंड की तरफ थी। दोनों मन्द-मन्द मुस्कुरा रही थी। सबसे पहले उसने मेरी बेल्ट को निकाल कर फेंक दिया। ओर मेरी पैन्ट का बटन खोलने लगी। बटन ओर चैन खोल कर उसने कमर से पकड कर एक ही झटके में मेरी पैन्ट नीचे कर दी और साथ मैं खुद भी नीचे बैठ गयी। मैंने भी अपने पैर और कूल्हे उठा कर पैन्ट निकालने में उसकी मदद की।

उसने पैन्ट निकाल कर उसको भी एक कोने में फेंक दिया। मैंने अन्डर वीयर पहन रखा था। उस समय पर्ल का मुँह बिल्कुल मेरे लंड के सामने था। मेरा लंड पूरी तरह से खडा था जो कि मेरे अन्डर वीयर के उभार से पता चल रहा था। उसने मेरी तरफ़ देखा और अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपने होठों पर फिराने लगी। जैसे कोई बहुत ही स्वादिष्ठ चीज देख ली हो और फिर एक दम से आगे बढ कर मेरे लंड को उन्डर वीयर के उपर से किस करने लगी उन्डर वीयर की इलास्टिक से लेकर नीचे जाँघो के जोड तक। फिर ऐनी ने मेरे उन्डर वीयर की को कमर से पकड कर एक ही झटके मैं खीच कर उतार दिया।

मेरा लंड उत्तेजना के कारण मस्त होकर बुरी तरह से अकड़ कर बड़ा हो खडा हो गया थ। जैसे ही ऐनी ने मेरा उन्डर वीयर उतारा मेरा लंड पर्ल के मुँह के सामने एक लम्बे साँप की तरह फुँकार मारते हुये नाचने लगा। मेरा लंड देख कर एर्नी बोली-बोली रेअर्ल देखले कितना बडा लंड है मेरे चेले का। फिर ऐनी ने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड लिया। जैसे ही उसने मेरे लंड को अपने कोमल हाथो में पकडा मुझे ऐसा लगा 440 वोल्ट का करंट लगा हो। मेरे लंड का हाल तब था जबकी उसने अभी तक एक भी कपडा अपने बदन से नहीं उतारा था। मैं सोचने लगा कि जब मैं उसको नंगा देखुँगा तो मेरा क्या हाल होगा।

ऐनी बोली पर्ल तुम ने देख लिया तुम्हे किस लंड से चुदना है और इसलिए अब बाकी काम आमिर के साथ निकाह कर लो फिर करना। आमिर तुमहे भी पर्ल के पूरे जलवे उसके साथ निकाह के बाद मिलेंगे। अब तुम दोनों को निकाह तक थोड़ा सब्र करना होगा ।

ऐनी मेरे लंड को अपनी एक हथेली में रख कर दूसरे हाथ से उसको सहला रही थी जैसे किसी बच्चे को प्यार से पुचकारते हैं। थोडी देर तक इसी तरह मेरे लंड को पुचकारने के बाद ऐनी उठ कर खडी हो गयी और बोली लो निकाल दिया मैंने तुम्हारे लंड को बाहर। अब हम चल कर बैठते हैं और थोडी प्यार भरी बातें करते हैं। फिर मैं सोफे पर बेठ गया और ऐनी से बोला आओ माँ मेरी गोदी मैं बैठ जाओ ऐनी थोडी-सी मुस्कुरायी और आ कर मेरी गोदी में बैठ गयी।

ऐनी इस तरह से मेरी गोदी में बेठी थी की मेरा लंड उसकी गाँड की दरार में फंसा था। जैसा की मुझको मेरे लंड पर महसूस हो रहा था। उसने अपनी पीठ मेरे कंधे से लगा ली थी और अपनी गोरी दाँयी बाँह मेरे गले के पीछे से निकाल कर दुसरे हाथ से पकड ली। ओर मैंने पीछे से अपने हाथ उसके कमर में डाल कर उसके नंगे पेट को पकड लिया। उसके इस तरह से बैठने के कारण उसकी बड़ी चूचियाँ मेरे मुँह के सामने आ गयी। साथ ही साथ उसके मस्ताने चुतडो का दवाब मेरे लंड पर पड रहा था।

कहानी जारी रहेगी...

आपका आमिर खान हैदराबाद l

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