एक नौजवान के कारनामे 097

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समलैंगिकता का दूसरा सत्र.
1.8k words
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Part 97 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 27

समलैंगिकता का दूसरा सत्र

दोनों लड़कियों ने पूल के किनारे एक बिल्ली को किसी जानवर के पीछे भागते हुए देखा और उसके बाद सन्नाटा छा गया।

मेहमानो के लिए बनाया गया ये छोटा स्वीमिंग पूल झाड़ियों और पेड़ों से घिरा हुआ था और झाड़ियों और पेड़ों से पास चेंजिंग रूम भी बनाए गए थे और पूल के चारों ओर एक सुंदर बगीचा था। मैं भी चुपचाप चेंजिंग रूम के पास के बगीचे में घुस गया और ध्यान से छिप गया ताकि वे मुझे न देख सकें, लेकिन मैं उन्हें चेंजिंग रूम के झाड़ियो वाले खुले हुए दरवाजे से देख पा रहा था और दोनों ने शावर लिया और तौलिये से खुद को सुखा रही थी।

सेक्स के साथ सबसे मजेदार बात ये है कि अगर आपको सेक्स में मजा आये तो आप इसे बार-बार करना चाहते हैं ताकि आप और ज्यादा मजे ले सके और यही उन दोनों तरुणियो के साथ हुआ।

उन्हें अपने पहले पारस्परिक लेस्बियन सेक्स में बेशक बहुत मजा आया और वह दोनों अब इसे दुबारा करना चाहती थी, क्योंकि इस सेक्स सेशन ने उनकी जिज्ञासा को जरूर थोड़ा-सा शांत किया था कि उनकी योनि कैसी है पर साथ हो दोनों की वासना को भड़का दिया था।

उन्होंने कुछ देर रुक कर पुष्टि की कि कोई और तो पूल की ओर नहीं आ रहा है। जब कोई नहीं आया तो रीता ने कहा, "प्रिय नीता, अभी भी डिनर के लिए काफी समय है। अभी केवल 6.30 बजे है और मुझे लगता है कि रात 8.30 बजे से पहले डिनर नहीं परोसा जाएगा, इसलिए समय बीतने के लिए, जो हमने अभी कुछ देर पहले हमने स्विमिंग पूल के किनारे पर किया था, उसी का दूसरा सत्र क्यों नहीं कर लेते हैं।"

"ज़रूर," नीता ने जवाब दिया।

इस बार वे चुंबन के साथ शुरू हो गयी और उन्होंने पूरी भावना के एक दूसरे को चूमा, बिना किसी झिझक के रीता के बालों की हलके से पकड़ कर रीता की उंगलियों ने उसका सर पकड़ लिया। रीता की जीभ उसके मुँह में घुसते ही नीता ने खुशी से आह भरी और नीता ने उसे पकड़कर अपने दुबले-पतले शरीर को उसके शरीर पर दबा दिया। हालांकि, जल्द ही, नीता थोड़ा पीछे हट गई और रीता ने नीता की जीभ को अपने होंठों से पकड़ लिया और फिर वह उसकी गर्दन की ओर बढ उसकी गर्दन को चूमने लगी।

उनके इस चुंबन के कारण उनके तौलिये जो उनके बदन पर स्तनों के ऊपर और कंधो के नीचे से लिपटे हुए थे थोड़े ढीले हुए और उनके स्तनों पर चले गए।

चुंबन कि तीव्रता से नीता रीता की बाहों में पिघलने लगी और नीता ने अपना सिर एक की ओर झुका लिया और अपने छोटे हाथों को रीता के सपाट पेट के ऊपर और धीरे-धीरे और सावधानी से उसके दृढ़ स्तनों को दबाने लगी।

नीता ने अपनी उँगलियों कोरीता के कंधो पर फिराते हुए उसकइ तौलिये को खींच दिया और स्तनों के पास हाथ ले जाते हुए, रीता को अपने निपल्स के निचुड़ने की अनुभूति देने से पहले, अपने हाथों के नीचे की कोमल त्वचा की अनुभूति का आंनद, नीता ने रीता के स्तनों को हलके से दबा कर लिया जिससे रीता की एक आअह्ह्ह्ह! निकली।

"जोर से दबाओ," उसने नीता के कान मेंफुसफुसाया और उसके कान में अपनी जीभ घुसा दी फिर ओंठो से उसके कानो को हल्का-सा चुंबन किया और फिर कान को हल्के से प्यार से कुतर दिया। अब ओह्ह्ह्ह करती हुई नीता कराह उठी।

मैं उन्हें एक कोने में छिपा हुआ देख रहा था, मेरे पूरे बदन से पसीना आ रहा था और मेरे मांसल शरीर से पसीने की बूंदें धरती पर गिर रही थीं। अचानक मुझे पेशाब करने की तीव्र इच्छा हुई। पर मैं वहाँ से हटना नहीं चाहता था क्योंकि उनकी लेस्बियन हरकते देख कर मुझे मजा आ रहा था मैंने वहीँ झाड़ियों के पास पेशाब कर दिया इस बीच मैं उन्हें स्पष्ट रूप से देख सकता था क्योंकि मेरे खड़े होने की जगह से मुश्किल से 10 से 12 फुट की दूरी पर थी और उसके बाद उन्हें देखने में ऐसा तलीन था कि पेण्ट की ज़िप ंबंद करना ही भूल गया। दोनों युवा तरुणिया जवानी के खेलो का स्वाद चखना शुरू कर चुकी थी। मेरे लिए यह दो तरुण लड़कियों के पहले होंठ लॉक को देखने का एक अवसर था जो परस्पर समलैंगिकता से मिलने वाले आनंद से परिचित हो रही थी। दोनों लड़कियों की सुंदरता कमसिन बदन बातचीत और कराहो ने मुझे उत्सुक बना दिया और मैंने पूल चेंजिंग रूम के पास झाड़ियों के बीच एक उपयुक्त स्थान ढूँढा जिससे मैं उन्हें छिप कर देख और सुन सकू और उन्हें देखता हुआ उनकी बातों को सुनने लगा। (आश्चर्य जनक बात ये थी की पूल के चेंजिंग रूम में कोई दरवाजा नहीं था।)

नीता ने धीरे से उसके सिर वापस उसे सामना करते हुए रीता की गर्दन एक नरम चुंबन किया। उसकी काली आँखों में शुद्ध किशोर वासना दिख रही थी और नीता ने दुबारा अपने ओंठ रीता के ओंठो पर रख दिए और उसने अपने होंठ दृढ़ता से उसके होंठो पर दबा दिए। रीता की जीभ एक बार फिर नीता के मुंह की जांच करने लगी और इसकी जीभ को सहलाने लगी, तो नीता ने रीता को जीभ को अपने मुंह में चूसने की कोशिश की। हालाँकि, रीता को अपनी जीभ अपने मुँह में लेने की अनुमति नहीं दी तो नीता ने भी रीता को संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त दबाव के साथ अपनी उंगलियों को एक साथ उसके चुचकों पर ना लाकर, नीता ने अपनी जीभ निकाल कर उसे चिढ़ाया।

तब रीता ने जल्द ही नीता की जीभ को मुंह से जोर से चूसकर और उसके नन्हे गोल नितम्ब के गालों को पकड़ कर जोर से निचोड़कर जवाबी कार्यवाही की। रीता ने नीता को थोड़ा ऊपर खींचा और खुद पीछे झुक गयी जिससे अब नीता का पूरा भार रीता के ऊपर थ और उसके सिर को इसने पीछे झुका दिया की नीता को उसे ठीक से चुंबन करने के लिए रीता के पैर की उंगलियों पर असुविधाजनक तरीके से खड़ा होना पड़ा।

"अरे!" कहते हुए रीता सीधी हुई और फिर दूर होने लगी तो नीता बोली-बोली ये उचित नहीं है रीता तो नीता हँस पड़ी! "

रीता शरारत से मुस्कुराई और नीता को देखा और बोली प्यार के खेल में सब जायज है मेरी छोटी-सी जान! " नीता के हाथों को पकड़ कर वहाँ रखे सोफे की ओर ले जाने लगी तो बैठने से पहले।

"आई एम सॉरी," नीता ने थपथपाते हुए कहा, ज्यादा मुस्कुराने की कोशिश नहीं की, "लेकिन कभी-कभी मैं खुद को रोक नहीं पाती हूँ।"

"कोई बात नहीं और चिंता मत करो," रीता बोली और-और बदले में नीता के दोनों हाथो को चूमा, "कभी कभी जब आप शरारत करती हो तो मुझे बहुत अच्छी लगती हो!" और रीता ने उसे अपने पकड़ से आज़ाद कर दिया।

नीता मुस्कुराई और फर्श की और देखने लगी, रीता की टिप्पणी से नीता थोड़ा शर्मिंदा महसूस कर रही थी।

नीता तुम्हें पता है मैंने मेरे पिता और मेरी माँ को कल ऐसे ही चुंबन करते हुए और माँ के स्तन दबाते हुए देखा था जब मैं अचानक उनके कमरे में बिना दरवाजे खटकाये हुए चली गयी थी और वह चुंबन में इतना तल्लीन थे की उन्हें मेरे आने और जाने का कुछ पता नहीं चला।

"हाय! हाय! हाय!" नीता ने एक धूर्त मुस्कान दी और कहा, "इसका मतलब है, चाचा और चाची अभी भी अपने जीवन का पूरा आनंद ले रहे हैं।"

"आपको क्या लगता है? आपके माता-पिता इसका आनंद नहीं ले रहे हैं!" रीता ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

"केवल, हम दोनों ही उस आनंद का मजा नहीं ले रहे हैं," नीता ने कहा।

तो रीता बोली हम दोनों ही नहीं लगता है हमारी दोनों बुआ श्रीजा आंटी और-और बिना आंटी भी इस आनंद से वंचित हैं।

नीता बोली रीता तुम्हे कुछ पता है हमारी बुआओँ ने शादी क्यों नहीं की?

रीता बोली ज्यादा तो नहीं पर मैंने एक बार पापा और मामी की बात करते हुए सुना था! दोनों की शादी की बात चली थी! वह किसी कारण से बनी नहीं और फिर दोनों ने शादी न करने का फैसला किया ।

नीता ने कहा, "ठीक है, छोड़ो उनको लेकिन जब भी मौका मिले हम दोनों को अपने यौन सुखों का आनंद लेना चाहिए।"

"लेकिन पहले, मुझे आपको तैयार करना होगा," रीता ने कहा।

"ओह वह कैसे?" नीता ने मासूमियत से पूछा तो रीता उसका हाथ पकड़ कर खड़ी हो गई।

"मुझे लगता है कि अब हमे पहले वार्म-अप का आनंद लीजिये," नीता ने धीरे से कहा और रीता के चेहरे की तरफ, उसकी गर्दन और कॉलर बोनपर अपनी उंगलियाँ चलाते हुए, "आप चाहे तो हम इसको अभी रोक देते हैं।"

"बिलकुल नहीं!" रीता हसते हुए बोली क्योंकि उसके हाथो ने नीता के तौलिये को ढीला कर नीचे गिरा दिया था और रीता की उंगलियाँ नीता के छोटे स्तनों के बीच की दरार पर पहुँच गयी थी और रीता ने नीता को अपनी और खींचा, जिससे नीता ने प्रत्याशा में अपनी पीठ को पीछे की और झुका दिया था।

"अच्छा," रीता ने नीता के सख्त हो चुके निपल्स तक पहुँचते हुए कहा, "मैं इसे निगलने वाली हूँ!"

नीता ने शर्म से रीता को देखा और रीता को एक निर्बाध दृश्य देने के लिए अपनी बाहों को उसकी पीठ के पीछे रख दिया और स्तनों को आगे कर दिया।

जैसे ही रीता ने अपना मुँह नीता के निप्पल पर रखने लगी तो वह रुक गयी।

"अरे तुम रुक क्यों गयी?" नीता बोली।

रुको मुझे देखने दो, क्या ये वही निप्पल है जिसपे ट्रैन ने उस बूढ़े ने काटा था। रीता ने पुछा?

"हम्म ऐसा क्या दिखा आपको क्या वहाँ काटने के निशान पड़ गए हैं" नीता ने चिंता भरे स्वर में पुछा?

"नहीं ऐसा तो नहीं है पर ये थोड़ा लाल हो गया है" और रीता ने उसे हाथ की उंगलियों से पकड़ कर थोड़ा घुमाया तो नीता की आनंद भरी और दर्द से मिली जुली कराह निकली ।

फिर रीता ने अपना मुँह नीता के स्तन पर लगा दिया और बोली अब तुम मुझे रोकना मत।

फिर उस निप्पल को चूसने का आनंद लेने लगी तो नेत्र भी आनंद से आह निकल जाती हैं। अअ ईई! ऊऊऊऊअअ! ईई! ऊऊऊऊ!

फिर नीता ने रीता के ओंठो को-को चूमा, तरुण लड़की का दूसरी तरुण कामुक लड़की के होठों का चुंबन और इशारे माहौल को और अधिक कामुक बना रहा था। उसके हाथों ने नीता के छोटे, संतरे के आकार के सुदृढ़ स्तनों को सहलाया और धीरे से निचोड़ा। फिर वह नीता के कठोर, गुलाबी रंग के निप्पल पर अपनी जीभ फेरते हुए चूसने लगी। रीता मुस्कुराई, नीता की पीठ के पीछे हाथ रखकर उसके दुसरे गुलाबी निप्पल को अपने मुंह में लेने के लिए झुकी और उसे चूसने लगी और उसने नीता के किशोर नरम नितम्बो को मजबूती से पकड़ लिया।

नीता अपने हाथों को रीता के स्तनों पर ले गयी और तब तक रीता ने नीता के पूरे स्तन को अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया।

"ओह, रीता! हाँ!" रीता की जीभ उसके निप्पल को छेड़े इससे पहले ही नीता बोल उठी, फिर रीता ने नीता के दुसरे स्तन को भी दांतों ने हल्का-सा कुतर दिया, जिससे नीता पूरी तरह से रीता से लिपट गयी और कराहने लगी।

ओह्ह्ह! हैए! आअअ ऊऊऊऊहहहह! ऊऊऊऊ! अअईई! ऊऊऊऊ!

उनकी कराहे सुन कर पहली बार अब मेरा हाथ मेरे लंड पर चला गया था जो अब भी मेरी पेण्ट से बाहर था और कठोर होकर खड़ा हो गया था।

जारी रहेगी

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