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Click hereइसी लिए ज़ाहिद ने अपनी बहन की बात को नज़र अंदाज़ करते हुए अपना मुँह आगे बढ़ाया और अपनी बहन शाज़िया के एक निपल को अपने मुँह में ले कर चूसना शुरू किया।
ज़ाहिद ने अपनी बहन के कहने पर अमल करते हुए ज्यों ही शाज़िया की चूत में जाते हुए अपने लंड को थोड़ी देर के लिए रोका। तो शाज़िया की फुद्दि को कुछ सकून मिला और उस ने अपना जिस्म और चूत ढीली छोड़ दी।
उधर ज्यों ही ज़ाहिद ने समझा कि उस की बहन थोड़ी पुर सकून हो चुकी है। तो उस ने मोका देखते ही अपने लंड को शाज़िया की फुद्दि से पूरा बाहर खींचा और फिर अपनी कमर को सख़्त करते हुए पूरी ताक़त से एक और धक्का लगाया।
जिस से ज़ाहिद का लंड तेज़ी के साथ उस की बहन की चूत के बंद दरवाज़ों को खोलता हुआ जड़ तक पूरे का पूरा शाज़िया की फुद्दि के अंदर तक घुसता चला गया।
"हाईईईईईईईईई! भाईईईईईईईईईईई! आप ने तो मेरी शादी शुदा चूत को फिर से फाड़ र्र्र्र्ररर दिया है आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज!" अपने भाई के भरपूर धक्के के साथ भाई के सख़्त लंड को अपनी फुद्दि में जाते हुए महसूस कर के शाज़िया ज़ोर से चिल्ला उठी।
उसे अपने भाई के बहुत ही मोटे और तगडे लंड को अपनी फुद्दि में पा कर वाकई ही ऐसे लगा। जैसे आज उस के भाई ने जिंदगी में दूसरी बार उस की चूत की सील को तोड़ कर अपनी ही बहन की नथ उतार दी हो।
"जान मुझे पता है कि काफ़ी टाइम से कोई लंड ना लेने की वजह से तुम्हारी फुद्दि काफ़ी तंग हो चुकी है, मगर अब वालिमा जायज़ करने के लिए थोड़ी बहुत तकलीफ़ तो उठानी ही पड़े गी, इसीलिए थोड़ा बर्दाश्त करो, अभी कुछ देर में सब ठीक हो जाएगा" ये कहते हुए ज़ाहिद ने अपने लंड को थोड़ी देर के लिए फिर रोक लिया। ताकि शाज़िया की चूत उस के मोटे और बड़े लंड को अपने अंदर लेने के बाद, ज़ाहिद के बड़े लंड को अपने अंदर आसानी से अड्जस्ट कर ले।
अपने लंड को अपनी बहन की चूत में पेलते ही ज़ाहिद ने जल्दी से अपने मुँह को आगे बढ़ा कर शाज़िया के मुँह पर रखा।
अब उपर से अपनी बहन की छाती से छाती मिलाते हुए ज़ाहिद अपनी बहन की गरम ज़ुबान से अपनी नुकीली ज़ुबान लड़ा रहा था।
जब कि नीचे से ज़ाहिद के ज़ोर दार झटके की वजह से शाज़िया की चूत अपने आप खुलती चली गई.और उस के भाई का लंड अपने आप ही अपना रास्ता बनाता हुआ शाज़िया की तरसती हुई फुद्दि में अपनी जगह बना रहा था।
शाज़िया तो अपने भाई के इस ज़ोर दार झटके की वजह से पूरी आवाज़ में चीखना भी चाहती थी। मगर अपना मुँह अपने भाई के मुँह में दबे होने की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाई.
ज़ाहिद थोड़ी देर ऐसे ही अपनी बहन शाज़िया की छाती पर पड़ा-पड़ा अपनी बहन के होंठो का रस पीता रहा।और फिर कुछ देर बाद अपने जिस्म को शाज़िया के जिस्म से थोड़ा ऊपर उठा कर ज़ाहिद ने शाज़िया के मोटे निपल को अपने मुँह में भरते हुए अपनी बहन से कहा "हाईईईईईईई! आज तो मेरे-मेरे लंड की तो किस्मत ही खुल गई है मेरी जान।"
"क्यों वह कैसे भाईईईईईईई!" अपने भाई के जवान जिस्म के बोझ तले दबी-दबी हुई शाज़िया ने अपने भाई से पुछा?
"क्योंकि ज़िंदगी में आज पहली बार मेरा लंड किसी औरत की चूत में पूरा घुसा है, और खुशी की बात ये है कि वह औरत कोई और नहीं बल्कि मेरी अपनी सग़ी बहन है" ज़ाहिद ने मस्ती में आते हुए अपनी बहन के निपल पर अपने दाँत गढ़ा दिए।
"उफफफफ!, हाईईईईईईईईईईईई! क्या आप सच कह रहे हैं भाई?" अपने भाई के दाँतों के काटने और उस के लंड की गरमआइश और सख्ती को अपनी फुद्दि में महसूस करते हुए शाज़िया चिल्लाई."क्या? वाकई ही आप का पूरा लंड मेरी फुद्दि के अंदर चला गया है भाईईईईईई!."
"हाँ मेरी बहन तुम्हारी चूत मेरा बड़ा और मोटा लंड पूरा का पूरा अपने अंदर निगल चुकी है, ' क़सम से शाज़िया, क्या गरम तंदूर की तरह दहकती हुई फुद्दि है तुम्हारी! तुम्हारी फुद्दि ने मेरे लंड को ऐसे अपने लिप्स में जकड़ा हुआ है जैसे पहली दफ़ा लंड इस में गया हो, हाईईईईईईईईई!" ज़ाहिद ने अपनी बहन की तपती फुद्दि में अपने लंड को प्यार से घुमाते हुए कहा।
उधर दूसरी तरफ अपने भाई का लंबा और मोटा लंड अपने अंदर लेते ही शाज़िया की फुद्दि में अजीब-सी खारिश शुरू हो गई थी और शाज़िया को यूँ महसूस हो रहा था कि उस की फुद्दि उस के भाई के लंड के आगे जैसे पिघल ही गई हो।
अब अपने भाई के मुँह से ये गरम कल्मत सुन कर शाज़िया मज़ीद जल उठी।और अब वह भी अपने भाई ज़ाहिद की गर्दन पकड़ अपनी भारी गान्ड को उठा-उठा कर अपनी गरम प्यासी चूत को ज़ाहिद के मोटे लंबे लंड पर ज़ोर-ज़ोर से ऊपर नीचे करते हुए कहने लगी। "हाआआआआ! आआआआआअहह!, कितना गरम लंड है आप का भाई, उफफफफफफ! मारो मेरी चूत अपने मोटी लंड से, बहुत प्यासी है तुम्हरी बहन की चूत मेरे भाईईईईईई!" ।
"मेरी जान मेने अपना पूरा लंड तो डाल दिया है तुम्हारी प्यासी चूत में, अब तुम को चोद-चोद कर खूब मज़ा दूँगा में" अपने नीचे लेटी हुई अपनी बहना को इस तरह अपनी गान्ड हिलाते देख कर ज़ाहिद भी मस्ती में आया।
और वह भी शाज़िया के ऊपर उछल-उछल कर ज़ोर दार झटके मारते हुए अपनी बहन की गरम फुद्दि को जोश से चोदने लगा।
कमरे में इस वक्त दोनों बहन भाई के जिस्मो के आपस में टकराने की वजह से"थप थप" और तेज साँसों की आवाज़ें गूँज रही थी।
साथ ही साथ शाज़िया की गरम फुद्दि से लगा तार निकलते हुए पानी और दोनों जवान और गरम बहन भाई के मोटे और बड़े लंड और प्यासी और गरम चूत के आपस में मिलने की वजह से "पच पुच पक्फह" की आवाज़ आ रही थी।
इस चुदाई के दौरान शाज़िया ने कितनी बार अपनी चूत का पानी छोड़ा और कितना बार वह झडी ये बात वह खुद ही भूल गई थी।
शाज़िया की चूत के पानी ने उस की फुद्दि से निकल-निकल कर उस के नीचे बिछी हुई बिस्तर की चादर को पूरी तरह से गीला कर दिया था।
जब कि ज़ाहिद का जिस्म उस की भड़क रफ़्तार चुदाई की वजह से पसीने से लत पथ हो रहा था।
अपनी बहन की चूत मारते हुए ज़ाहिद साथ ही साथ आगे झुक कर अपनी बहन के मोटे और भारी मम्मो को अपने हाथों से दबा और चूस भी रहा था।
"व्वाहह, क्या जबर्जस्त मम्मे हैं मेरी बहन तुम्हारे, अब कुछ ही दिनो के बाद इन में दूध भी भर जाएगा, तो में ज़रूर अपनी बहन के मम्मो से ये दूध पीऊंगा मेरी जान"
"उफफफफफफ्फ़!, अच्छा तो इन में ये दूध कैसे भरेगा भाईईईईईई!" अपने भाई की बात सुन कर शाज़िया ने सिसकारते हुए पूछा।
"मेरी जान आज की चुदाई की वजह से में तुम्हें प्रेगेनेंट कर के तुम्हारी कोख में हमाल ठहरा दूँगा, और फिर 3-4 महीने बाद तुम्हारे इन मम्मो में दूध भर जाएगा, जिस से तुम्हारे ये मम्मे पहले से भी बड़े हो जाएँगे मेरी बहन" ज़ाहिद ने अपनी थूक भरी ज़ुबान को अपनी बहन की ज़ुबान से मिलाते हुए जवाब दिया।
"ओह तो फिर मेरे पेट में अपना बच्चा डाल कर मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो मेरे भाईईईईईईईईईईई!" ज़ाहिद की बात सुन कर शाज़िया ने भी उसी मस्ती में आते हुए अपने भाई से फरमाइश की।
अपनी कोख में अपने ही भाई से अपना हमाल ठहराने वाली बात सुन कर शाज़िया की फुद्दि तो बे इंतिहा गरम हो चुकी थी।
अपनी बहन की बात सुन कर ज़ाहिद ने शाज़िया के जिस्म के गिर्द अपनी बाहें डाल कर उसे कस कर पकड़ा। तो नीचे से शाज़िया ने भी अपने पैर उठा कर अपने भाई की कमर के गिर्द जकड लिए.
फिर ज़ाहिद ने अपने पूरा लंड अपनी बहन की चूत से बाहर खैंच कर 8 10 ज़ोरदार धक्के मारने लगा।
आज अपनी सग़ी बहन से अपनी सुहाग रात मनाते वक्त ज़ाहिद ने अपनी बहन की चूत को सही महीनो में खोल कर रख दिया था।
ज़ाहिद का लंड उस वक्त अपनी बहन की चूत की उन तहों में जा कर ठोकर मार रहा था। जिस जगह शाज़िया के सबका शोहर ने कभी पहुँचाने का तवस्सुर भी नहीं किया था।
दोनो बहन भाई को अपनी चुदाई के दौरान मज़े से बे हाल होते हुए उस वक्त ऐसा महसूस हो रहा था। जैसे वह दोनों उस वक्त सातवें आसमान पर उड़ रहे हों।
अपनी बहन की चूत में झटके मारते हुए अचानक ज़ाहिद को यूँ लगा जैसे वह अपने लंड का पानी निकलने लगा है। तो उस ने अपनी बहन को चूमते हुए कहा "जानू मेरााआ पानी निकाालल्ल्ल रहा है"।
"हान्ंनणणन्! निकाल दो अपना पनीईईईईइ!, उफफफफफफफ्फ़! अपना सारा पानी मेरी चूत के अंदर ही डालना, एक कतरा भी बाहर ना गिरे, क्यों के मेरी चूत कब से तरस रही कि आप के लंड के पानी को अपनी क़ैद में करने के लिए भाईईईईई!" शाज़िया भी ज़ाहिद के जवाब में सिसकी।
फिर थोड़ी देर तक चोदने के बाद ज़ाहिद के लंड ने लैस दार वीर्य ने अपनी ही सग़ी बहन की कोख को भर दिया।
ज़ाहिद के लंड ने आज इतना पानी छोड़ा कि जिस का ज़ाहिद ने आज तक तसव्वुर भी नहीं किया था।
कहानी जारी रहेगी