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Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II
विवाह
CHAPTER-1
PART 35
विशाल लंड के आकार को देखकर प्रतिक्रिया
रीता मेरे लम्बे मोटे, कठोर, बड़े स्पंदनशील, विशाल लंड के आकार को देखकर चौंक गई आश्चर्यचकित होकर मोहित हो गई क्योंकि लंड उनके सामने गर्व से फहराया था। मेरे बड़े लंड के आकार से नीता भी चौंक गई। यह इतना लंबा, मोटा और मांसल था। वह चकित और भयभीत थी, आश्चर्य व्यक्त करते हुए उसकी आँखें चौड़ी हो गईं और आश्चर्य और अविश्वास में लंड के विशाल आकार को देखकर उसकी भौंहें उठ गईं। उसका आश्चर्य मेरे लिए अप्रत्याशित नहीं था। मेरा मजबूत लंड लंबाई और मोटाई में बड़ा था और घुंडी और भी बड़ी और खतरनाक थी। मैं मेरे लंड को देखने के बाद महिलाओं के झटके और आश्चर्य की प्रतिक्रिया से अच्छी तरह वाकिफ था, जब वे मेरे नौ इंच लंबे और तीन इंच मोटे लंड के आकार को खतरनाक रूप से बड़े घुंडी के साथ देख कर हैरान होती थी तो निश्चित तौर पर मुझे अच्छा लगता था और गर्व भी महसूस होता था। अब तो मेरे पास उस अंगूठी की अध्भुत शक्तिया भी थी जिससे मेरे लंड का आकार मैं अपनी इच्छा से बढ़ा भी सकता था, मैंने बहुत-सी लड़कियों ओर स्त्रियों को देश ओर विदेश में चोद चूका था और जानता था कि लड़कियो ओर औरतो को मेरे बड़े लंबे मोटे लंड को महसूस करना, चूसना और पूरी तरह से चुदना पसंद है।
मेरा बड़ा लंड महिला की योनी को खींच कर और विस्तार करके और गहराई से नीचे तक भरते हुए, उसके जी-स्पॉट को रगड़वाने का अनुभव हमेशा उन महिलाओ की को योनि ओर पूरे शरीर के संभोग के चरम उत्कर्ष तक पहुँचाता रहा है और मेरे साथ चुदाई के दौरान महिलाओ ने कई अंतहीन निरंतर संभोग का परमानद ओर सुख प्राप्त किया है।
यह कोई रहस्य नहीं था कि महिलाएँ लिंग के आकार और लंबाई को अधिक महत्त्व देती हैं। मुझे डर था कि क्या ये नन्ही-नन्ही लड़कियाँ मेरा लिंग ले सकती हैं क्योंकि वे कुंवारी थीं, लेकिन मैं चुप रहा क्योंकि मेरे मन मुझे ये भी पता था कि अंगूठी की शक्तियों के कारण मेरा लिंग योनि के आकार के अनुसार संयोजित हो जाएगा। मुझे लगा कि ये तरुण लड़कियाँ गोरी त्वचा वाले एक अमीर कुलीन परिवार की बिगड़ैल लड़कीया हैं। मुझे अपने जीवन में अब से पहले कभी भी इतनी खूबसूरत उच्च श्रेणी की कुलीन तरुण गुजराती ओर मराठी लड़कियों को चोदने का मौका नहीं मिला है ओर अब भगवान ने जब ये मुझे मौका दिया था कि क्यों न उनकी टाइट योनी के साथ सम्भोग का पूरा मजा लिया जाए।
नीता ने कहा, "हे भगवान, ये लंड तो विशाल हैं। आपका लंड तो मूसल की तरह है।"
उसने विस्मय के साथ मेरे कठोर, लंबे मोटे, सीधे, सख्त और तीखे लंड को अपने हाथों में लिया और उसे अपनी दोनों मुट्ठियों में पकड़ लिया। वह इसकी लंबाई और मोटाई का केवल एक हिस्सा ही अपने हथेलियों में समेटने में सक्षम हुई थी। उसने जीवन में पहली बार चट्टान की कठोरता के साथ इतने बड़े, लंबे, मोटे और विशाल आकार केलंड को देखा और पकड़ा था। उसकी आँखें आश्चर्य से खुल गईं। उसने कॉलेज में लड़कियों को पुरुषों के बड़े लंड के बारे में गपशप करते सुना था, लेकिन उसने कभी नहीं सुना कि एक आदमी के पास इतना बड़ा लंड हो सकता है। उसने कभी नहीं सोचा था कि एक आदमी के पास इतना बड़ा लंड हो सकता है। उसे कोणार्क के सूर्य मंदिर, अजंता और एलोरा के मंदिरों की मूर्तियाँ याद थीं। उसने मेरा लंड महसूस किया और उसे निचोड़ लिया। वह अपने हाथों में इतना विशाल लंबा मोटा लंड पकड़ कर अभिभूत थी फिर उसने सिर की चमड़ी खींची, उसे छोटे से बिजली के बल्ब के आकार में बैंगनी रंग की घुंडी दिखाई दि।
नीता ने एक हाथ की हथेली में घुंडी पकड़ी और दूसरे हाथ की अंगुलियों से घुंडी को हल्का-सा दबाते हुए उसे सहलाया। उसने अपनी हथेली को सूंघा, अजीब-सी गंध उसकी हथेली से निकल रही थी। वह डरी गयी ओर बहुत आशंकित हो गयी कि क्या वह अपनी योनी में इतना विशाल लंड ले पाएगी।
रीता भी यह सब देख रही थी और वह लंड को छूने से खुद को रोक नहीं पा रही थी। जो हिंसा नीता की हथेलियों में नहीं आया था उसने उसे थाम लिया और मेरे लंड को अपने हाथों में सहलाने लगी। उसका दाहिना हाथ प्यार से शाफ्ट के साथ चल रहा था और उसने अपनी तर्जनी को मेरे बड़े काले गुलाबी घुंडी पर चलाया। उसने गेंदों को महसूस करते हुए मेरे अंडकोश को पकड़ लिया और फिर उसकी उंगलियाँ मेरे लंड की बड़ी घुंडी को घेरने के लिए पहुँच गईं जैसे कि वह मापना चाहती हो। वह भी डर रही थी कि उसकी योनी इस बड़े लंड को और इस बड़ी घुंडी के साथ योनि में नहीं ले पाएगी और उसकी योनी फट सकती है। फिर भी, वह बात से उत्साहित थी और इतने बड़े लंड से चुदना चाहती थी। उसने सोचा कि यह तो घोड़े के लंड जितना बड़ा है।
तभी दोनों ने माप लेने के लिए एक साथ अपने दोनों हाथो से पकड़ लिए । पहले नीता के हाथ थे ओर उसके बाद रीता के हाथ थे । ओर पूरा नौ इंची लंड उनके चारो हाथो में समा कर छुप गया था तभी मुझे थोड़ी शरारत सूझी ओर मैंने अंगूठी की शक्ति का प्रयोग करते हुए लंड की लम्बाई बाहने को विचार किया ओर लंड की घुंडी रीता के हाथो से थोड़ी आगे निकल आयी। तो वह दोनों फिर चौंकी और बोली हाय माँ ये तो ओर बडा हो रहा है। तो मैं मुस्कुरा कर धीरे से बोला। ये दोनों के स्पर्श से उत्साहित हो गया है ।
"नीता, क्या हम इतना बड़ा घोड़े के जैसा लंड ले पाएंगी?" रीता ने अविश्वास भरे स्वर में पूछा।
नीता ने समझाया, "मुझे भी संदेह है, हमें गंभीर दर्द हो सकता है।"
एक पल की चुप्पी के बाद रीता ने कहा, "लेकिन, हमें भविष्य में ऐसा अवसर नहीं मिलने वाला। इसके अलावा, आज या कल, हमारी योनी को किसी के द्वारा या हमारे पति द्वारा एक लिंग से चुदना ही है, जिसके आकार का हमें पता नहीं है। यह दीपक की लंड तरह बड़ा या फिर बड़ा हो सकता है। हमें जो भी दर्द होगा, हमें उसे सहन करना होगा, तो फिर हम इसे भी सहन कर लेंगी।"
"ठीक है, मैं उसके लिए त्यार हूँ," नीता ने दृढ़ और दृढ़ स्वर में कहा।
"लेकिन अपना बड़ा लंड आपकी योनि में डालने से पहले, मैं चाहता हूँ अगर थोड़ी चिकनाई मिल जाए तो मेरा लंड योनि के अंदर आसानी से प्रवेश कर पायेगा" मैंने सुझाव दिया।
"लेकिन, अब चिकनाई कहाँ से लायी जीसे इसे चिकना बनाया जाए?" रीता से पूछा?
दीपक ने कहा, "आप दोनों इसे चूसें ताकि यह लंड आपकी लार से भर चिकना हो जाए।"
"वाओ, यह एक अच्छा विचार है," नीता ने कहा।
"ओह, हाँ, हम भी तुम्हारा लंड चूसना चाहते थे, लेकिन यह हमारे दिमाग से निकल गया," रीता ने कहा।
"मेरे लिए तो ये एक प्यारी आइसक्रीम के कोण जैसा है," नीता ने मुस्कुराते हुए कहा।
मैं फर्श पर अपने पैरों करके सोफे पर बैठ गया। दोनों लड़कियों ने मेरे सामने घुटने टेक दिए।
नीता की निगाहें मेरे सख्त लंड पर टिकी रहीं और उसने अपने निचले होंठ को दांत से बड़े सेक्सी तरीके से कुतर दिया, जिससे लग रहा था वह लंड को चखने के लिए आतुर है। मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपने घुटनों पर खींच लिया। मैं उसी समय उसके पास हुआ उसके लंबे बालों में अपनी उँगलियाँ डाली और उसे अपनी सख्त लंड की ओर निर्देशित किया। नीता ने ओंठ खोल लंड को चूमा ओर मेरे लंड के ताज पर अपनी जीभ फेर दी। मेरी कराह इतनी जोर से निकली कि उसने अपने मुंह के अंदर लंड की धड़कन को महसूस किया। उसने फिर लंड को चूसना शुरू कर दिया। मैं फिर से कराह उठा और उसने लंड को अपने मुंह में ले लिया ओर तब तक मुँह के आगे सरकाती रही जब तक कि मेरे लंड का नरम सिर उसके गले के पिछले हिस्से को नहीं छू गया।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार