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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं
भाग-09
स्नान और आलिंगन
मेरी कहानी "मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं " मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे, खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ: जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला और मजो की दुनिया में मेरे अनुभव" के अगले भाग हैं l
इससे पहले जन्नत की 72 हूरे Ch. 5 में आपने पढ़ा मेरे कॉलेज के दोस्त राजकुमार ब्रेडी के बारे में पढ़ा था इसने मुझे बताया था उसकी सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl ब्रैडी ने मुझे निकाह के लिए बधाई दी और कहा चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज़्यादा बीविया रखता है उसे तुम्हारे साथ और बीवियों से कोई ऐतराज नहीं है ब्रेडी उसे मेरे बारे में काफ़ी कुछ बता चूका था l
तो ब्रैडी में मेरी समस्या का निदान सुझाया की मेरी बहन से निकाह के बाद तुम भी कैमरून के मैं परिवार का हिस्सा हो जाओगे और मैं तुम अपने अधिकार से मैं तुम्हे नागरिकता देता हूँ और मेरे देश के नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैंl
मैं तुम्हे अपने देश का हिंदुस्तान में राजनयिक नियुक्त करता हूँl अब तुम पर हिन्दुस्तान की कोई कानूनी बंदिश नहीं रहेगीl ब्रेडी दिल्ली आया था। मैं उससे मिलने उसके होटल चला गया। वहाँ मुझे उसकी यूरोपियन गोरी कजिन सिस्टर एनी जो उसके साथ आई थी मिली। एनी के सुनहरे बाल थे। उसकी मोटी-मोटी आंखें। सुर्ख गुलाबी होंठ और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल। सुडौल छातियाँ। पतली कमर। चेहरे पर क़ातिल मुस्कान। बेहद खूबसूरत जन्नत की हूर। उसे मैं ताज महल दिखाने आगरा ले गया और फिर ऐनी रात में एक शर्ट में मेरे कमरे में आ गयी और आकर सीधे मेरे गले लग गयी l
फिर ऐनी ने अपना कौमार्य मुझे समर्पित कर दिया। उसके बाद हम रात के अँधेरे बरसात में खुली बालकोने में हमने बारिश के साथ ताल मिला कर चुदाई की और उसके बाद में सुबह होने से पहले ताज के पास नदी के किनारे पर उसने मुझसे नग्न फोटोशूट करवाया और फिर वहां हमने सूरज निकलने तक चुदाई की l
होटल ने मेरे दोस्त फ्रेड्डी की बहन पर्ल मिली जो बोली तुम्हारे कपडे मैं ही उतारूँगी और पहनाऊँगी। फिर ऐनी मेरे एक निप्पल को चूसते हुए दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेदने लगी और अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। मैंने ऐनी को उस्ताद मान लियाl पर्ल ने कहा वह मेरी बाकी बीबियो और महबूबाओं से मिलना चाहती है। तो मेरी तीनो बीबिया सारा, ज़रीना, दिलिया और चारो सालिया अबीर, ज़ारा, नरगिस और आयशा आ गयी और उनके साथ में मेरी तीनो पहली महबूबाएँ लूसी, जेन, और डायना भी आ गयी ।
तो उसके बाद निकाह और नागरिकता के पूरे मसले पर चर्चा की गयी और उसके बाद जेन की सलाह पर मेरी तीनो बीबिया उसनी बहनो के साथ मेरे निकाह के बदले अपने निकाह को "निकाह मिस्यार" में बदली करने के लिए सहमत हो गयी और इसके इलावा भी मुझे जितने मर्जी निकाह करने की इजाजत दी और पर्ल और मेरे को निकाह तय होने को बधाई दी।
अब बस बड़ो की इजाजत लेनी बाकी थी और साथ ही ब्रेडी की मेरी किसी बहन से निकाह की भी सहमति लेनी थी और सबने मिल कर तय किया ये काम नूरी खाला को सौंपा जाए ।
उसके बाद ऐनी ने मुझसे जानना चाहा की मैं सेक्स में क्या जानता हूँ? तो मैंने उसे जो कुछ भी थोड़ा बहुत सीखा था संक्षेप में बता दिया तो उसने पुछा तुमने ये सब किससे सीखा है और मैंने उसे बोला मैंने बहुत कुछ अपने हर साथी से सीखा है। मैंने ऐनी को जेन और लूसी के बारे में और लूसी के साथ मेरी पहली चुदाई के बारे में बताया । लूसी के साथ मेरे पहले सम्भोग के बाद जेन ने मुझ से कहा की वो अब मुझे सेक्स के बारे में जरूरी ज्ञान देना शुरू करेगी।
जेन ने मुझे एक बड़ा तौलिया दिया, मुझे धीरे से छाती पर आधिकार जताते हुए बाथरूम के अंदर धक्का दिया "आमिर! जाओ स्नान करो?उसने कपड़े उतार दिए और नग्न हो गयी और मेरे साथ स्नान घर में आ कर मेरी पीठ से चिपक गयी। उसने मेरे साथ इस समय बाथरूम में होने के कई कारण मुझे गिनवाए,और मुझे नहलाना शुरू कर दिया।
मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 08 से उद्धृत:
उसने मेरे पूरे शरीर को अपने हाथों से धोया, मेरे हर हिस्से को साफ करने, दुलारने और छेड़ने के लिए उनका इस्तेमाल किया, सभी बाहरी, या वास्तव में लगभग आंतरिक, जहां वह पहुंच सकती थी। मेरे लिए पानी में स्थिर खड़े रहना असंभव था इसलिए मैं उस के ऊपर झुक गया था लेकिन इससे उसे मेरे किसी भी हिस्से में पहुंचने के लिए आसानी हो रही थी और मैं उसके हाथों के खिलाफ दबाने के लिए उसे और अधिक महसूस करने के लिए उसकी तरफ झुकता जा रहा था, और वो उसने मेरी त्वचा को उसकी बहुत नरम अवस्था में कच्चा रगड़ना जारी रखा । उसने मुझे कभी-कभी अपनी तरफ घुमाया, दूसरी बार मेरे पेट पर, फिर मेरी पीठ पर, मेरे कानों के पीछे से मेरे पैर की उंगलियों के बीच और बीच में सभी जगहों तक पहुंचने के लिए अपने हाथो का इस्तेमाल किया ।
उसका दाहिना हाथ मेरे लंड के पास पहुंचा और उसने मेरी जांघ को महसूस किया, जिससे मेरी मुस्कान चौड़ी हो गई। थोड़े समय के लिए मैं हिला नहीं, जाहिरा तौर पर पूरे स्नान के दौरान मैं बस उसके खूबसूरत, स्त्री रूप को देखने का आनंद ले रहा था और सचमुच आनंद में भीग रहा था ।
उसने धीरे से मेरे हाथों को पकड़ लिया और धीरे-धीरे मुझे अपने पैरों पर सीधा खड़ा गया, वो मुझे स्थिर रखना सुनिश्चित कर रही थी क्योंकि टब पानी, साबुन और शरीर के तेल से चिकना था। उसने दीवार पर लगे शॉवर हेड को उसके आधार से हटा दिया, और पानी चालू कर दिया, जब वह सही तापमान की प्रतीक्षा कर रही थी तो उसने उसे शावर पल्स सेटिंग में समायोजित कर लिया जो वह चाहती थी। जल्द ही उसने धीरे से मुझे धो दिया, जेट पर ध्यान केंद्रित किया, उदाहरण के लिए, मेरे काफी खड़े निपल्स और कठोर लिंग पर केवल थोड़ा सा कम वेग से पानी डाला । वो अब मेरी त्वचा को स्पर्श करने पर अविश्वसनीय रूप से नरम और अधिक संवेदनशील महसूस कर रही थी, और यह निश्चित रूप से मुहे भी बहुत अच्छा लगा!
फिर उसने शावर चला दिया और एक बार फिर पूरा बदन धुल गया.
अब आगे:- जेन की निगाहें मेरे पूरे बदन पर फिरती रही तो मुझे उन में अपने लिए तारीफ़ और वह साथ में उसको होंठो पर प्रशंसात्मक मुस्कराहट थी।
स्नान के बाद भी मेरे चेहरे और सीने पर लूसी और मेरे के पहले प्रेम की कुछ निशानियाँ रह गई हैं जिन्हें जेन ने देख लिया और जोर-जोर से हँसने लगी और शावर से गर्म पानी मेरे बदन पर गिर रहा था जेन मुझे देखती जा रही थी। मैंने एक चुल्लू में पानी लिया और जेन के चहरे पर फेंक दिया।
"मिस जेन आओ ना... इस फुहार के नीचे!" मैंने जेन का हाथ पकड़कर फव्वारे के नीचे खींच लिया।
अब मैंने उसका हाथ पकड़कर शावर के नीचे कर लिया थोड़ी देर बाद जेन ने शावर को बंद किया और-और फिर जेन ने शैम्पू लेकर पहले तो मेरे सिर पर लाहगया और साबुन लेकर मेरे बदन पर लगाया और फिर मेरे लंड पर साबुन लगाकर शावर चालु करके मुझे फिर से धो लिया तो लंड उसके कोमल हाथ का स्पर्श पाकर खड़ा हो गया। मैं यह सब देख और महसूस कर रहा था। उत्तेजना के मारे मेरी साँसें तेज होने लगी थी और उधर जेन के खुद को काबू किया हुआ था लेकिन उसके उरोज साँसों के साथ ऊपर नीचे होने लगे थे।
मेरा लंड तो ठुमके पर ठुमके लगाने लगा था। जेन टकटकी लगाए मेरे लंड को ही देखती जा रही थी। उसने मुझे घुमाया तो उसकी तरसफ मेरी पीठ हो गयी थी और फिर मेरी पीठ पर हाथ फिराया और मेरी पीठ पर किश किया और मेरे से चिपक गयी... मैंने महसूस किया की स्तन कुछ बड़े थे तो मैंने गर्दन को थोड़ा पीछे घुमाया तो देखा की लूसी मेरे साथ चिपकी हुई थी और जब उसने देखा मैंने उसे देख लिया है तो लूसी बोली गुड मॉर्निंग! मेरे आमिर! आप मेरे बिना ही नहाने लग गये । मैं उठी तो आप वहाँ नहीं थे तो मैं आपको ढूँढती हुई इधर आयी थी ।
तो जेन बोली मैं लूसी को तुम्हे ढूँढते हुए देख लिया था इसीलिए जब, मैं अंदर आयी तो लूसी के लिए ही दरवाजा खुला छोड़ दिया था ताकि वह हमे देख ले ।
फिर मैं घूमा और लूसी को किश करने लगा। लूसी के चेहरे, ओंठो, गर्दन, सीने और स्तनों पर हमारे पहले प्रेम की बहुत सारी निशानियाँ थी मैंने उन सब जगह किश किया और थोड़ी देर बाद मैं लूसी के चहरे और गले पर साबुन लगाने लगा। जब मैंने उसकी कांख (बगलों) पर साबुन लगाया तो वह कसमसाने-सी लगी।
लूसी ने फिर मेरे सारे बदन पर साबुन लगाना शुरू कर दिया मैंने जल्दी से लूसी के स्तनों को पकड़ लिया, कठोर नहीं लेकिन बहुत गर्म तरीके से, लूसी ने एक विलाप के साथ इसका जवाब दिया और मुझे पूरा यकीन था कि उसके मुंह से और भी कई आहे निकलने वाली हैं। मैं उसके स्तनों पर साबुन मलने लगा । उसके उरोजों और पेट पर साबुन लगाते हुए उसकी चूत पर भी साबुन लगा दिया और फिर उसकी पहली चुदाई के बाद सूजी हुई योनि के टाइट गैप में अंगुली फिरा दी।
"ईईईईईईई! आमिर आप बहुत शरारती हो! " लूसी की कराह निकल गई। मैंने उसकी पीठ और नितम्बों पर साबुन लगाते हुए उसके नितम्बों की खाई में भी साबुन लगा दिया। लूसी कसमसा कर बस आह! ऊंह! ओह्ह्ह! करती रह गई। जेन बाथरूम में कड़ी हमारे प्रेम स्नान को देख रही थी ।
अब मैंने उसे अपनी बांहों में भरते हुए शॉवर के नीचे कर शावर चालू कर दिया। गर्म पानी हमारे बदन पर गिरने लगा और साबुन उतरती गई। मैं धीरे-धीरे लूसी के पूरे शरीर हाथ से मलने लगा। जेन भी लूसी और मेरे बदन पर हाथ फेरने लगी लूसी की साँसे बहुत तेज़ होने लग गई थी।
इस तरह एक-दो मिनट के भीतर हमारा स्नान समाप्त हो गया और जेन में मुझे और लूसी को तौलिया सौंप दिया। तौलिया में से भी अच्छी सुगंध आ रही थी और मैं लूसी को सुखाने लगा और लूसी और जेन ने मुंझे सुखाते हुए गहरी सांसे ली। फिर मैंने और लूसी ने मिल कर जेन को सुखाया । पूरे शौचालय उस साबुन की मनमोहक खुशबू से भर गया था और हमने खुद को तरोताजा महसूस किया।
जेन बोली आमिर थोड़ा रुको मैं आपके शरीर को तेल लगा देती हूँ।
जेन ने तेल की बोतल खोली और मैंने देखा कि तेल गुलाबी रंग का था। जेन बोली इसमें कुछ जड़ी बुटिया मिली हुई है जिससे आमिर तुम्हे अच्छा लगेगा ।
जेन ने मेरे बड़े और चौड़े कंधों और लंबे बाजुओं और हलके हाथों पर तेल रगड़ना शुरू कर दिया। स्नान के बाद यह सुखद अनुभव था और इससे निश्चित रूप से मेरे शरीर को और अधिक अच्छा लगा और आराम मिला। लूसी ने भी बोतल से थोड़ा तेल लिया, थोड़ा-सा मुस्कुराई और-और उसे अपनी दोनों हथेलियों में फैला लिया और मेरे पास आ गई और फिर मेरी लंबी बाँहों पर तेल लगाने के बाद आगे छाती की तरफ बढ़ गई। स्नान के बाद उसके गर्म हाथो का गर्म स्पर्श मेरे लिए राहत भरा था।
जब वह दोनों तैलीय हाथों ने मेरी छाती पर तेल रगड़ कर सहलाने लगी तो मेरा पूरा शरीर कांप गया लूसी हाथों को मेरे लंड को दबाते हुए महसूस कर रही थी ।
फिर जेन ने मेरे पेट पर तेल लगाया और मेरी टांगो पर तेल लगाने लगी। वह मेरी जाँघों और टांगों पर हाथ फेर रही थी? लेकिन उसने मेरी लंड पर वह तेल नहीं लगाया और बोली लंड के लिए ये तेल बहुत तेज है लंड पर नारियल के तेल जैसा हल्का तेल लगाना चाहिए और फिर लूसी ने दूसरी शीशी से नारियल का तेल निकाल कर लंड पर लगाया और फिर मेरी पीठ, कमर, नितम्बो और मेरी जांघों की पीठ पर तेल रगड़ना जारी रखा और दो से तीन मिनट में तेल रगड़ने की प्रक्रिया पूरी कर ली।
उसके कुछ देर बाद मैने महसूस किया की शरीर से तेल की चिकनाई बिलकुल गायब हो गयी थी और मैं बहुत तरोताजा महसूस कर रहा था ।
लव बाईट के निशान लूसी के शरीर और चेहरे पर नज़र आ रहे थे। उसके ओंठ सूज गए थे और क्योंकि वह सारी रात चुदी थी इसलिए ठीक से चल भी नहीं पा रही थी, लूसी ने टॉवल लपेट लिया था तो मैंने उसका टॉवल खींच कर अलग कर दिया । लूसी मेरे सामने बिलकुल नंगी खड़ी थी मैंने उसे अपने पास खींचा उसे किश किया।
और उसकी दाहिनी टांग उठा कर ऊँची की और जेन से बोला मिस जेन प्लीज इसे पकड़ो ।
" हम्म बोल कर जेन ने लूसी की टांग को पकड़ लिया
मिस जेन प्लीज इसका पैर इस प्लास्टिक वाली स्टूल पर रख दो जेन ने उसका पैर उस प्लास्टिक की स्टूल पर रख लिया तो उसकी योनि के ओंठो के बीच का गुलाबी छेद नज़र आने लगा।
फिर लूसी ने कहा देखो आमिर मेरी चूत की तुमने क्या हालत कर दी है! मैंने प्यार से चुत को सहलाया तो उसकी चूत सूजी हुई थी और फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी।
फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा और वह झड़ने लगी और मेरे हाथो को उसकी चूत गीली-गीली लगने लगी।
फिर मैं नीचे बैठ गया और उसके नितम्बों को हाथ से पकड़ कर अपने मुंह की ओर धकलते हुए उसकी योनि पर पहले तो 2-3 चुम्बन लिए और फिर उस पर अपनी जीभ फिराने लगा।
"ईईईईईईई! ओह! ओह! आआईईइ!"
मैंने उसके की योनि को पूरा मुंह में भर लिया और चूसने लगा। उत्तेजना के मारे लूसी का पूरा शरीर कांपने और झटके से खाने लगा था और जल्द ही उसके हिलते नितम्बों से लग रहा था उसका विरोध फजूल है उसे भी अब मज़ा आने लगा था।
उसने कसकर मेरा सिर अपने हाथों में पकड़ लिया और जोर-जोर से सीत्कार करने लगी-आमिर! आईईईईईईइ! आह!
उसके योनि तो फूल कर किसमिश से अंगूर के दाने जितनी हो गयी थी। मैंने उसे अपने मुंह में लिया और चूसने और जीभ से सहलाने लगा। एक दो बार हल्के दांत से उसे कुतर भी दिया।
"ईईईईईईइ! आह! ओह! प्लीज मत काटो, आह!"
अ और उसने मेरे सिर को अपनी योनि की ओर जोर से दबा दिया। फिर उसकी चूत पर मेरे मुँह रखते ही वह जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओह! मम्म्मममम, चाटो ना। जोर से चाटो, सस्स्सस्स! हहा! और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह! कर रही थी। इस बीच जेन मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगी।
अब मैंने एक हाथ की अंगुली उसके नितम्बों की खाई में लगाते हुए उसकी गांड के छेद में फिराई और हल्के से अपनी अंगुली का एक पोर उस छेद पर थोड़ा-सा अन्दर करते हुए फिराया और फिर उसकी योनि को पूरा मुंह में लेकर जोर से चूसा।
कहानी जारी रहेगी
आपका आमिर खान हैदराबाद l