अम्मी बनी सास 051

Story Info
चूत लंड के ऊपर
1.3k words
4
178
1
0

Part 51 of the 92 part series

Updated 06/10/2023
Created 05/04/2021
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

शाज़िया को अपने होंठो पर पड़ी भाई की उंगली से थोड़ी स्मेल तो आई. मगर इस के बावजूद उस ने अपना मुँह खोला और बड़े शौक से अपने भाई की उंगली पर लगा अपना और अपने भाई के लंड और चूत का पानी चाटने लगी।

जब शाज़िया ने ज़ाहिद की उंगली को चाट कर सॉफ कर दिया। तो ज़ाहिद ने अपने खड़े लंड की तरफ इशारा करते हुए शाज़िया से पूछा"अब इस के बारे में क्या ख्याल है जानू।"

शाज़िया अपने भाई की बात समझते हुए उठी और बिस्तर पर लेटे हुए ज़ाहिद के जिस्म के ऊपर आ कर अपना मुँह रुख़ अपने भाई के पैरो की तरफ कर लिया।

अपने भाई के खड़े लंड को देखते ही शाज़िया को अपनी पहली चुदाई याद आई.तो शाज़िया की चूत ने फिर से बग़ावत कर दी।

शाज़िया ने अपने भाई के जिस्म पर खड़े हो कर अपनी गर्दन झुकाई।

और अपने भाई के मोटे लंड को मुँह में लेते हुए लंड पर लगे हुए अपनी फुद्दि के जूस को अपनी ज़ुबान से चाट-चाट कर सॉफ करने लगी।

शाज़िया के इस तरह से लेटने की वजह से शाज़िया की भारी गान्ड पीछे से ऊपर की तरह उठ गई थी।

शाज़िया की गोल, फर्म, टाइट, भारी और बाहर को निकली हुई गान्ड (बबल बट) किसी भी मर्द को पागल कर देने के लिए काफ़ी थी।

असल में ये ही वह गान्ड थी।जिस की तस्वीर पहली बार नीलोफर ने जब ज़ाहिद को दिखाई थी।तो ज़ाहिद अंजाने में ही अपनी बहन की इस मस्त गान्ड का आशिक़ बन गया था और आज अपनी सग़ी बहन की इस दिल फरीब और चिकनी को इतने करीब से देखते हुए ज़ाहिद तो जैसे पागल-सा हो गया।

अपनी बहन की मोटी बड़ी गान्ड को पीछे से यूँ उठा हुआ देख-देख कर हुए ज़ाहिद को बड़ा मज़ा आ रहा था।

बिस्तर पर लेट कर अपनी बहन की गान्ड और उस की चूत के मोटे लिप्स देख कर ज़ाहिद के सबर कर पैमाना लबरेज हो गया।

ज़ाहिद ने अपने जिस्म को थोड़ा से उपर उठा कर शाज़िया की गान्ड की पहाड़ियों पर हाथ रखा और शाज़िया की गान्ड को नीचे करते हुए अपनी बहन की गरम चूत को अपने मुँह के बिल्कुल ऊपर ले आया।

इस के साथ ज़ाहिद ने अपने मुँह को खोलते हुए अपनी लंबी ज़ुबान निकाल कर नीचे से अपनी बहन की मोटी चूत की दरार को चाटना शुरू कर दिया।

"ओह" अपने भाई की नुकीली ज़ुबान अपनी पिंक चूत के अंदर घूमते हुए महसूस कर के शाज़िया चिल्लाई और उस ने अपने भाई के मोटे लंड को अपने मुँह में करते हुए गर्मजोशी से भाई की चुसाइ लगाना शुरू कर दिया।

अब दोनों बहन भाई 69 स्टाइल में एक बड़े मज़े और मस्ती से एक दूसरे के लंड और फुद्दि को चूस-चूस कर मज़े ले और दे रहे थे।

ज़ाहिद और शाज़िया की गरम सिसकियाँ उन के मुँह से निकल-निकल कर कमरे में गूँज रही थी। "ओह, अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह! हाईईईईईईईई! उफफफफफफफ्फ़!"

"अच्छा शाज़िया अब तुम मुझ पर चढ़ कर मेरा लंड अपनी फुद्दि में डालो" थोड़ी देर अपनी बहन से लंड चुसवाने और खुद शाज़िया की फुद्दि को चाटने के बाद ज़ाहिद ने शाज़िया को अपने ऊपर से हटाया और फिर शाज़िया के मुँह को अपने मुँह की तरफ करते हुए अपनी बहन को दुबारा से अपने जिस्म के ऊपर चढ़ा लिया।

फिर ज़ाहिद ने नीचे से अपनी बहन की गीली और गरम चूत के साथ अपना लंड मिला कर शाज़िया को उस की कमर से पकड़ा और उसे नीचे की तरफ खैंचते हुए खुद अपनी गान्ड को ऊपर की तरफ उठा दिया।

अपने भाई के लौडे की रगद से शाज़िया की चूत दुबारा से बुरी तरह गरम हो रही थी।

अचानक ज़ाहिद बिस्तर से थोड़ा उपर उछला और गुप्प्प्प से शाज़िया की चूत के अंदर आधा लंड घुस गया।

अपनी बहन की कमर को ज़ाहिद ने अपने दोनों हाथों से कस के पकड़ रखा था।

ज़ाहिद ने अपनी बहन के बदन को नीचे की तरफ खैंचा। तो चूत पहले से गीली होने की वजह से ज़ाहिद का लंड फिसलता हुआ शाज़िया की चूत की गहराई में चला गया।

अपने भाई के लंड के पहले धक्के पर शाज़िया के मुँह सिसकारी निकली " आईईईईई! ऊओीईएईई! उफफफफ्फ़!

अपनी बहन की गरम फुद्दि में लंड डालते ही ज़ाहिद ने अपने हाथ नीचे ले जा कर अपनी बहन की चूत के फूले हुए लिप्स को अपने हाथ में ले कर दबाया। तो शाज़िया की मोटी फुद्दि ने अपने भाई के बड़े लंड को मुकम्मल तौर पर अपनी ग्रिफ्त में ले लिया।

अपनी बहन की चूत के लिप्स को अपने लंड कर इर्द गिर्द ज़ोर से दबाते ज़ाहिद नीचे से अपनी बहन की फुद्दि में हल्के-हल्के धक्के लगाने लगा।

अपनी चूत में अपने भाई के लंड को इस तरह कसा हुआ पा कर शाज़िया के मुँह से सिसकारियो का एक सैलाब उमड़ आया।"हाईईईईईईईईईई! ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह! उफफफफफफफफफ्फ़! भाईईईईईई" ।

और शाज़िया खुद लंड के उपर नीचे अपनी गान्ड खुद अपने भाई से अपनी गरम फुद्दि चुदवाने लगी।

"उफफफफफफ्फ़! शाज़िया ऐसे लगता है कि जैसे अब तुम मुझे चोद रही हो।" ज़ाहिद अपनी बहन के इस तरह गान्ड हिलाने से मस्त हो उठा।

"क्या करूँ आप को फारिग कर दूं मुझे सोना भी है, वरना आप तो मुझे पूरी रात नहीं सोने दोगे भाई.।" शाज़िया ने अपने भाई के लंड पर उछलते हुए कहा।

"वो तो मैं वैसे भी आज तुम को सोने नहीं दूँगा मेरी जान" । ये कहते हुए ज़ाहिद ने नीचे से एक ज़ोर दार झटका दिया । तो उस का पूरा लंड अपनी बहन की फुद्दि के अंदर घुस गया।

ज़ाहिद का बड़ा लंड सीधा अपनी बहन शाज़िया की बच्चादानी से टकराया ।"आअहह, मार डाला, लगता है आज के बाद आप मुझे किसी काम के काबिल नहीं छोड़ोगे भाई।"

ज़ाहिद अब अपनी बहन की कमर पकड़ के नीचे से लंबे-लंबे धक्के लगा ने लगा।

अपने भाई के इस जोश से शाज़िया की चूत ने हर मान ली और वह एक दम अपने भाई के लंड पर ही वह झड़ने लगी।"ऊओ चोदो मुझे, आज फाड़ दो अपनी बहन्णन्न् कीईईई!. चूऊऊओत!, आ! उउफफफफफफफफफफफफफ्फ़! हाइईइ!" ।

ज़ाहिद का लंड फ़च फ़चफ़ की आवाज़ के साथ शाज़िया की फुद्दि में अंदर बाहर हो रहा था।

ज़ाहिद ने महसूस किया कि अब उस की बहन शाज़िया की चूत उस के मोटे लंड को अपने अंदर ज़ोर से जकड रही थी।

शाज़िया के इस तरह ज़ाहिद के लंड को अपने अंदर जकड़ने की वजह से पीछे से शाज़िया की भारी गान्ड कभी बंद होती और कभी खुल जाती थी।

ज़ाहिद अपनी बहन की फुद्दि में धक्के मारते-मारते अपनी एक उंगली को अपने मुँह में लाया और अपनी उंगली को थूक से भर लिया।

ज़ाहिद दुबारा से अपने हाथ को नीचे ले गया और अपनी बहन की गान्ड की मोटे चुतड़ों को अपने हाथों से खोलते हुए अपनी थूक भरी उंगली को अपनी बहना की गान्ड के सुराख में डाल दिया।

अपने भाई की उंगली को अपनी कंवारी गान्ड के सुराख में आता पा कर शाज़िया तो जैसे बे होश होने लगी।उसके मुँह से "आह्ह निकला। नहीं भाई इधर नहियीईईईईईई!"

"क्यों यहाँ क्यों नहीं मेरी जान" ज़ाहिद ने अपनी बहन की गान्ड के सुराख से अपना हाथ हटा कर शाज़िया के भारी चूतड़ो पर हाथ फेरते हुए पूछा।

"क्यों कि मुझे ये सब पसंद नहीं भाई" शाज़िया ने मुक्स्तर-सा जवाब दिया।

अपनी बहन का जवाब सुन कर ज़ाहिद भी खामोश तो हो गया।

मगर इस के साथ ही ना जाने ज़ाहिद को क्या सूझी। कि शाज़िया को चोदते-चोदते ज़ाहिद अपनी बहन के भारी वजूद को अपनी बाहों में उठाए हुए बिस्तर से उतर कर फर्श पर खड़ा हो गया।

बिस्तर से उठ कर कमरे के फर्श पर खड़े होने के बावजूद ज़ाहिद का मोटा और बड़ा लंड अभी तक उस की बहन की फूली हुई तंग फुद्दि में जड़ तक ठूँसा हुआ था।

"ये आप क्या कर रहे हो भाई" शाज़िया ने जब अपनी भाई को उसे यूँ अपने हाथों में उठा कर बिस्तर से उठाते देखा तो वह घबरा गई।

क्यों कि शाज़िया को डर था कि उस के जिस्म का वज़न ज़्यादा होने की वजह से उस का भाई कहीं अपना तवज्जो खो ना दे और इस वजह से दोनों बहन भाई को कोई चोट ना लग जाय।

"शाज़िया फिकर ना करो तुम्हारा ये भाई तुम को कभी गिरने नहीं देगा जान" ये कहते हुए ज़ाहिद बड़े आहतीमाद से अपनी बहन के भारी वजूद को अपने मज़बूत बाजुओं के ऊपर उछालते हुए अपना तना हुआ लंबा लंड शाज़िया की चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।

जारी रहेगी

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

Similar Stories

Me and My Mom Pt. 01 Yeh kahani meri maa aur mere rishte ki hai.in Incest/Taboo
रिश्तों की मर्यादा ताक पर रख दी रिश्तों की मर्यादा ताक पर रख दीin Incest/Taboo
मां के मौत के बाद बेटी ने संभाल लिय After mother's death, the Indian daughter comes to father.in Incest/Taboo
ससुरजी के साथ मेरे रंगरेलियां 01 Pati ki anupatithi me sasur bahu ki masti.in Incest/Taboo
Indian Mom and Sis ka threesome Meri mom ki bahut hi sexy MILF thi, Didi bhi hot thi. aage..in Incest/Taboo
More Stories