उभयलिंगी जोड़े की घमासान चुदाई

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रीना के बाल दूसरे हाथ से खींचते हुए मैंने कहा, "अब कहा भाग रही है मादरचोद हिजड़े की बीवी? फोन पे तो बड़ी बड़ी बाते चोद रही थी रंडी, अब देख कैसे तेरी माँ चोदता हूँ तेरे इस हिजड़े पति के सामने"

एक हाथ से रीना के बाल और दूसरे हाथ से उसकी पीठ को निचे दबाते हुए मैंने रीना के बदन पर पूरा अधिकार जमा लिया, और बड़ी बेरहमी से उसकी चुत में धक्के लगाते गया. कुछ देर तक मैंने लौड़ा रीना की फुद्दी में फसाये रखा और जब रीना थोड़ी शांत हुई मैं फिर से उसी जंगली तरीके से रीना को चोदना चालू किया. रीना फिर से दर्द से बिलखने लगी, उसकी चींखे सुनके मेरे अंदर का शैतान खूँखार हो चूका था और मैं बिना रुके मेरा लौड़ा उस रंडी रीना की चुत से चाक़ू की तरह घुसा रहा था.

पॉल ने अपनी जीभ से रीना के चुत का दाना चाटना चालु रखा, चुदाई की आग से रीना का बदन बहोत ज़्यादा गरम हो रहा था और लंड की मार से खुश होकर उसकी फुद्दी धीरे धीरे रोने लगी. जैसे जैसे लंड रीना को चोदता गया वैसे वैसे उसकी चुत भी खुलने लगी, बिना किसी रूकावट के अब लंड रीना के चुत में सैर करने लगा था. चुतरस से भीगी दीवारों से लंड की रगड़न से मेरा लौड़ा अब आराम से चप-चप की आवाजें करता हुवा अंदर बाहर करने लगा और रीना के दर्द की जग़ह अब मज़े में बदल गयी.

रीना को मस्ती से चुदवाते देख मैं बोला, "अब आ गयी न रंडी औकात में? देख ले हिजड़े कैसे तेरी बीवी खुद गांड पटक रही है मेरे लौड़े पर बहनचोद, चूस तेरे बीवी की भोसड़ी हरामी कुत्ते"

मेरा साथ देते हुए रीना बोली, "हां हूँ मैं रंडी कुत्ते अब चोद मुझे इस मादरचोद गांडू के सामने, देख ले रंडी के बच्चे कैसे तेरा बाप मेरी चुत फाड़ रहा है माँ की चुत तेरे"

रीना के बाल छोड़ते हुए मैंने अपने दोनों हाथों से रीना की कमर दबोच ली और जोर जोर से रीना की चुत फाड़ने लगा, रीना आह्ह्ह्हह उम्मम्मम उफ्फफ्फ्फ़ ममीइइइइइ करते हुए चुदवाती रही. मेरे धक्कों से रीना के फुले हुए चुत्तड़ थरथरा रहे थे, थप-थप की आवाजें कमरे में गूंज रही थी और रीना इन सबसे उत्तेजित होकर और जोर से अपनी गदराई हुई गांड मेरे लौड़े पर पिट रही थी. रीना की चुत से बहोत ज़्यादा रस बहने के कारन लौड़े की रगडन कम होने लगी, पर मेरे पास इसका जालिम उपाय था तो मैंने झट से मेरा लौड़ा रीना की चुत से निकला और पॉल के मुँह में दे दिया.

पॉल ने भी ख़ुशी ख़ुशी मेरे लौड़े को चूस चूस कर अपने बीवी का चुतरस चाट लिया, रीना की पास पड़ी उसकी पैंटी उठाके मैंने उसे जोर से रीना के फ़टे हुए भोसड़े में भर दी और अंदर से पूरी चुत सोंक दी. मेरा लौड़ा चूसने के बाद अब पॉल ने रीना को फिरसे उल्टा घुमाके रीना की गांड अपने मुँह में भर ली, इस वजह से अब रीना टाँगे खोले मेरे सामने अपनी नंगी भोसड़ी का प्रदर्शन कर रही थी. जैसे ही पॉल ने अपनी जीभ रीना की गांड में घुसा दी वैसे ही रीना की आँखे लाल होने लगी, मेरी आँखों में देख जैसे वो मुझे चुदवाने की भिक मांग रही थी पर मैंने उसे और तड़पाने के लिए वैसे ही लौड़ा सहलाते हुए खड़ा रहा.

कुछ देर ऐसे ही मैं रीना को देखता रहा पर मेरे लौड़े में भी ऐसी आग लगी थी की मैं रीना की चुत की तरफ खिंचा गया और एक ही झटके में पूरा लौड़ा अंदर घुसाते हुए ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा. रीना की दोनों टाँगे फ़ैलाते हुए मैंने उसके दोनों चूंचे मुट्ठी से आटे की तरह गूँथ दिए और उसकी दोनों टाँगे फैलाके चुदाई का मजा लेने लगा. पॉल अब रीना की गांड अपनी जीभ से चोद रहा था और मेरा लौड़ा उसकी चुत की माँ चोद रहा था, रीना भी किसी धन्देवाली रांड की तरह आवाजें निकाल निकाल कर चुद रही थी.

रीना ने भी अपनी गांड को अपने पति के मुँह पर रगड़ते हुए बोली, "आअह्ह्ह्हह मनस्सससस फक मी हार्ड, आजजज हम्म्म्म उफ्फ्फफ्फ्फ़ चोदो मुझेईएएए फाड़ दे मेरी भोसडीईईई और जोर से जोर से राजाआआआ"

मैंने भी रीना के दोनों चूंचे और कसके दबाते हुए बोला, "ले मादरचोद, तेरे माँ का भोसड़ा साली लावारिस कुत्तिया, साली तेरी माँ भी तेरे जैसी २ कौड़ी की रंडी होगी बहनचोद, चुद ले मेरे लौड़े से गांडू की बीवी"

रीना की आँखों में वासना की आग साफ़ दिखाई दे रही थी, मेरे लौड़े से चुदते हुए और पॉल की जीभ से खुदकी गांड का मालिश करवाते हुए रीना सच में पक्की बाजारू रंडी की तरफ दिख रही थी. पर ये खेल ज़्यादा देर नहीं चलने वाला था, रीना को दोनों बाजु से मिलने वाले मज़े से उसकी आँखों में जैसे ख़ून चढ़ गया था, चुदाई के इस खेल में अब रीना मेरे लौड़े पर कभी भी मूतने वाली थी.

रीना के बड़े बड़े चूंचे मसल मसल कर मैं उनके निप्पल्स भी अपने उँगलियों से मरोड़ रहा था, कभी उसको चूमते हुए जोर से उसके ओंठों को काट दे रहा था और इस सबका परिणाम भी जल्द ही दिखने लगा. रीना किसी मँझी हुई रंडी की तरफ हुंकार भरने लगी, उसकी गुर्राने की आवाज से मुझे साफ़ पता चल रहा था की रीना की चुत अब जमके बरसने वाली है.

ऐसी घमासान चुदाई के चलते अब मेरा लौड़ा रीना के बच्चेदानी पर वार करने लगा और रीना इस घाव से बच नहीं सकी, आअह्हह्ह्ह्ह माँआआआआ की किलकारी भरते हुए रीना ने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया. रंडी रीना के चुत का बांध फुट पड़ा, चुतरस ने मेरे लौड़े को नहलाता हुवा बाहर की तरफ छलक पड़ा और मेरा पेट, लौड़ा और टट्टे भिगोते हुए पॉल का चेहरा भी गिला कर दिया.

रीना भले ही झड़ रही थी पर मैं उसकी चिंता किये बिना पूरी ताकत से चोदता रहा, औरत को झड़ते हुए चुदाई करने का सुख मैं खोना नहीं चाहता था. कुछ ही देर में मुझे मेरे लौड़े में भी सुरसुरी महसूस होने लगी, मेरे टट्टों में एक कठोरता भरने लगी थी तो मैं समझ गया की मेरे झड़ने का समय भी अब नजदीक आ चूका है. रीना की दोनों टाँगे मेरे कंधे पर रखते हुए मैंने रीना को पॉल के ऊपर लिटाया और बिस्तर पर चढ़ गया, मेरे लौड़े का सूपड़ा अब निश्तित रूप से रीना के चुत के आख़री छोर तक घुसके बाहर आ रहा था.

पॉल बेचारा हमारे निचे दबा पड़ा था पर ना तो मुझे उसकी कोइ चिंता थी और ना ही उसके बीवी रीना को, रीना दोनों टाँगे फ़ैलाये अपने गांडू पति पर लेटी हुई थी. आअह्ह्ह्ह उम्म्म्म माँ मर गयी बेहेंछोड़ड़ड़ड़ जैसी कामुक आवाजें और गलियां देते हुए रीना भी मस्ती से चुद रही की तभी मेरे लौड़े ने मुझे धोका दे दिया. मैंने पुरे जोर से अपना लंड रीना के बच्चेदानी के अंदर घुसाते हुए गुर्राने लगा और उस नरम नरम मख़मली स्पर्श का स्वर्गसुख लेते हुए रीना के बच्चेदानी में अपने वीर्य की बौछार करने लगा.

मैंने रीना को मेरे निचे दबाकर एक के बाद एक वीर्य की पिचकारियां रीना की फटी हुई भोसड़े में खाली करते हुए झड़ने का मज़ा ले रहा था. रीना ने भी मुझे कसके अपनी बाँहों में भर के मेरे गरम माल को अपने कोख़ में समाने लगी, और हमारे निचे लेटा उसका गांडू पति पॉल मेरे टट्टे फिरसे मुँह में भरके चूसने लगा. वीर्य की आखरी बून्द टपकने तक मैं ऐसे ही रीना के ऊपर पड़ा रहा और जैसे ही मेरे लंड का सारा माल रीना के चुत ने चूस लिया मैं धीरे धीरे अब उसके बदन से ऊपर उठने लगा.

रीना की चुत में मेरा फसा लौड़ा अब भी थोड़ा कड़क था, होते हुए अपने घुटनों पर बैठ गया और मेरी गांड निचे लेटे पॉल के मुँह पर दबती चली गयी. कुछ देर पॉल से गांड साफ़ करवाने के बाद मैं लंड को बाहर की तरफ खींचने लगा तो पॉल स्फूर्ति से अपना मुँह खोलके मेरे वीर्य का स्वाद लेने के लिए आगे खिसका. जैसे ही मैंने अपना लंड रीना की चुत से बाहर निकाला तो मेरे गाढ़े सफ़ेद वीर्य ने रीना की चुत से बाहर आना चालू किया.

पॉल भी शायद इसी इंतजार में था की कब मैं लंड बाहर निकालूँ और कब वो अपने बीवी की चुदी-चुदाई चुत से मेरे वीर्य को चाट सके. रीना को भी अच्छेसे पता था की उसका गांडू पति कैसे किसी मर्द के वीर्य के लिए प्यासा है तो रीना ने ख़ुद को आगे ले जाते हुए अपनी फुद्दी उस गांडू के मुँह में दे दी. अपने हाथों का सहारा लेकर रीना पॉल के सीने पर बैठ गयी और उसके बाल पकड़ कर उसने पॉल का मुँह जोर से अपने भोसड़ी पर दबा दिया.

दोनों हाथों की उँगलियों से अपने फुद्दी की पंखुडिया खोलते हुए वो पॉल से बोली, "देख ले मादरचोद आज फिर से चुद गयी मैं तेरे बाप से, अब साफ़ कर तेरे माँ की चुत भोसड़ीके, देख कैसे तेरे बाप का माल निकल रहा है मेरे भोसड़े से कुत्ते"

मेरा वीर्य जैसे जैसे रीना की भोसड़े से बहाने लगा वैसे वैसे पॉल बिना किसी घिन के किसी दूसरे मर्द का अपने बीवी की चुत से चाटने लगा. रीना ने भी अपनी दो उँगलियाँ अपने फुद्दी में घुसाते हुए मेरा बचाकुचा वीर्य भी बाहर निकाल दिया और पॉल अब रीना की चुत और मेरे वीर्य से भरी उसकी उँगलियाँ बड़े मज़े से चाटने लगा. कुछ ही देर में उसने अपनी बीवी की चुदी-चुदाई चुत और उसकी उँगलियाँ अच्छेसे साफ़ कर लि, रीना की फुद्दी अब फिर से चिकनी चमेली की तरह चमक रही थी.

चुदाई के समय रीना की चुत से निकलते चुतरस से मेरा लौड़ा भी सफ़ेद हो चुका था, मेरे वीर्य और रीना के चुतरस के मिश्रण से मेरा काला लंड भी सफ़ेद रंग में रंग चूका था.

रीना ने मेरे लौड़े को पकड़ कर फिर से पॉल के मुँह में दबाते हुए कहा, "इसे क्या तेरा बाप आके साफ़ करेगा बेहेन के लौड़े, चूस के साफ़ कर रंडी की औलाद, तेरे वजह से दुनिया भर की रंडी बन चुकी हूँ मैं मादरचोद, चूस अच्छेसे कुत्ते"

पॉल ने शौक से मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और किसी पालतू कुत्ते की तरह मेरा लौड़ा पर लगा सफ़ेद पानी चाटने लगा. मेरे लौड़े को मुँह में लेकर चूसते पॉल को देख रीना मेरे तरफ देख के कुटिल मुस्कान भरने लगी तो मैंने भी उसको चूमते हुए उसके चुन्चों को प्यार से सहला दिया. चुदाई का दौर ख़तम होते ही मेरी नजर घडी की तरफ गयी तो रात के साढ़े आठ बज चुके थे मतलब पिछले देड़ घंटे से रीना और पॉल के साथ मैं जमके मजे ले चूका था.

चुदाई के बाद मेरे लौड़े ने मूत निकालने का इशारा किया तो मैं वैसे ही बाथरूम की तरफ चल पड़ा पर तभी रीना ने मुझे आवाज देते हुए रुकने को कहा. मैंने पलट कर देखा तो रीना पॉल के ऊपर से हटते हुए निचे उतर गयी और वैसे ही नंगी मेरे तरफ आ गयी, उसका बदन मेरे चुदाई की साड़ी जुल्मी कहानी बयान कर रहा था. मेरे पास आते ही रीना मुझ से लिपट गयी और मुझे चूमने लगी, रीना का गदराया बदन सहलाते हुए मैं भी उसकी गांड हलके हलके दबाने लगा और पॉल बिस्तर पर लेटे हुए हमको देने लगा.

मुझे चूमना रोकते हुए रीना पॉल को देख कर बोली, "वहाँ क्या अपनी माँ चुदा रहा है, आजा मेरा मूत पिने भोसड़ीके, आज तो तेरे बाप का भी मूत पि ले तू हरामज़ादे"

मूत पिलाने की बात सुनके मैं बहोत ही ख़ुश हुवा और पॉल को देखते हुए कहा, "आजा मेरे रांड के हिजड़े गांडू बेटे, आज बाप के लौड़े का मूत भी पि ले भोसड़ीके"

हम दोनों के बुलावे से पॉल भी कूद कर हमारे पीछे पीछे बाथरूम की तरफ चलने लगा तो रीना गुस्से में बोली, "अबे मादरचोद, कुत्ते की तरह रेंगते हुए आजा, औकात भूल गया क्या रंडी के पिल्लै?"

रीना का गुस्सा देख पॉल वही निचे ज़मीन पर बैठ गया और कुत्ते की तरफ हमारे पीछे रेंगते हुए आने लगा, उसकी वफ़ादारी देख के रीना और मैं एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे. बाथरूम में आते ही रीना ने टॉयलेट के दोनों आवरण ऊपर कर दिए और पॉल को इशारा करते हुए अपने पास बुलाया, पॉल ने भी चुपचाप टॉयलेट के बर्तन के अंदर अपना मुँह घुसा दिया. रीना ने एक हाथ से मेरा लौड़ा सहलाकर मुझे पॉल के पास खड़ा करते हुए उसके मुँह पर मूतने का इशारा किया और दूसरे हाथ से पॉल का मुँह खोलके उसके मुँह में थूक दिया.

पॉल के मुँह पर थूकते हुए उसने पॉल को एक ज़ोरदार चांटा मारते हुए कहा, "मुँह खोल ना माँ की चुत तेरे कुत्ते, अब देख कैसे तेरा बाप का लौड़ा मुटेगा तेरे मुँह में"

लम्बी चुदाई के बाद मुझे भी जोर से पेशाब लगी थी और जैसे ही पॉल ने अपना मुँह खोला तो मैंने भी अपने लौड़े का नल चालू करते हुए पॉल के मुँह में निशाना लगाते हुए मूतने लगा. मूत की धार पॉल के मुँह पर जाते ही पॉल मजे से मेरा मूत पिने लगा, मूत से पॉल का पूरा चेहरा गिला होने लगा पर वो किसी ईमानदार गुलाम की तरह मेरा मूत पिने लगा. रीना ने भी अपना मुँह आगे करते हुए मूत की धार अपने मुँह में ले लिए और उसे पिने की बजाय उसे पॉल के मुँह पर थूक दिया, पॉल ने बिना किसी शिकायत अपने बीवी के मुँह से मेरा मूत भी निगल लिया.

जैसे ही रीना ने ये हरकत की तो मैंने रीना के बाल पकड़ते हुए मेरा लौड़ा उसके मुँह की तरफ कर दिया, उस रंडी ने भी अपना मुँह खोलते हुए बड़े चाव से मेरे मूत को अपने पेट में लेने लगी. अब रीना और पॉल का मुँह टॉयलेट के बर्तन पर था और मैं उन दोनों मियाँ-बीवी के मुँह पर मूत रहा था, मेरे मूत की धार कभी रीना तो कभी पॉल के मुँह में गिर रही थी. धीरे धीरे पूरा मूत निकालने के बाद मैंने रीना और पॉल का मुँह टॉयलेट के बर्तन के अंदर पूरा दबा दिया, और दोनों मेरे बर्तन में गिरे मूत को चाटने किसी कुत्ते-कुत्तिया की तरह चाटने लगे.

मेरे मन की भड़ास और वासना की सीमा को छू लेने के पश्चात मैंने उस दोनों का सर मेरे चुंगल से आज़ाद किया पर रीना ने पॉल को वही दबाते हुए उसके मुँह पर अपनी चुत को दबा दिया. मुझे पता चला की रीना भी अपनी भड़ास निकालने के लिए अपने पति पॉल के मुँह पर मूतने वाली है तो मैं चुपचाप खड़ा होकर उनके कामुकता का खेल देखने लगा. रीना खड़ी हो कर फिर से पॉल के मुँह पर थूकते हुए अपनी गीली चुत पॉल के मुँह पर तब तक रगड़ने लगी जब तक उसके चुत से मूत की धार ना निकल जाए.

जैसे ही रीना के चुत से पेशाब निकलने लगा तो वो पॉल को गालियां देते हुए बोली, "ले बहनचोद मेरे नामर्द गांडू बेटे, अपनी माँ की चुत का मूत भी पि ले तू बहनचोद, साले रंडी है तू मेरी हिजड़े"

रीना का मूत पॉल मुँह में लेकर मज़े से पिने लगा, रीना ने भी अपनी एक टांग हवा में उठाते हुए पूरा भोसड़ा अपने गांड मरवाने वाले पति के मुँह में ख़ाली करने लगी. रीना का सारा पेशाब पिने के बाद उसने रीना की चुत मुँह में लेकर उसके बचे हुए मूत को भी चाटने लगा, कुत्ते जैसे लपलप करते हुए पॉल अपनी बीवी का मूत चटकारे मार कर पि गया. हवस का ये खेल ख़तम होते ही रीना ने पॉल की गांड पर लाथ मार कर बाथरूम से बाहर भेज दिया और ख़ुद मेरे साथ शॉवर के निचे नहाने लगी, मेरे लौड़े और टट्टों की अच्छेसे सफ़ाई करके रीना ने मेरे लंड को चमका दिया.

हमारी जिस्मानी भूक तो मिट चुकी थी पर पेट की भूक को मिटाने के लिए हम तीनो तैयार होकर होटल के निचे बने भोजनालय के तरफ चल पड़े. सबके सामने रीना मेरा हाथ हाथों में पकड़ कर ऐसे चल रही थी जैसे की मैं ही उसका पति हूँ, पॉल तो बेचारा हमारे पीछे पीछे किसी गुलाम की तरह चल रहा था.

खाने के दौरान भी रीना मुझे जान बुझके बता रही थी की कैसे उसे मेरे लौड़े से चुदवाके मजा आ गया, पॉल की तरफ देख कर मैं भी उसे कोसने लगा पर पॉल को इस बात का जरा भी बुरा नहीं लगा. पॉल अपनी बीवी की चुदाई करवाके और मेरे लौड़े का वीर्य पीके इतना खुश था की उसने आज की रात उसकी बीवी मेरे नाम कर दी पर शर्त ये थी की मैं भी उसकी गांड जमके चोदुँगा।

रीना जैसी भरे हुए जिस्म की औरत को चोदने के लिए मैं पॉल जैसे १० गांडू की गांड मारने के लिए तैयार था तो मैंने भी पॉल की ये शर्त हस्ते हुए स्वीकार कर ली. खाना खाकर हम तीनो बाहर बने गार्डन में गप्पे मार ही रहे थे की मुझे मेरे मोबाईल पर मेरे एक पुराने साथी को कॉल आया जो संयोग से गोवा के आसपास ही थी.ख़ुश हो गयी. मेरे गोवा में आने के बारे में सुनते ही वो मुझसे मिलने की ज़िद करने लगी तो मैंने भी रीना की इजाजत लिए बिना ही उसे अपने होटल का पता दे दिया.

अपने वादे के मुताबिक़ मैंने उस रात को भी दारु के ज्याम का मज़ा लेते हुए रीना और उसके गांडू पति पॉल की जमके चुदाई की, पूरी रात पॉल की गांड और रीना का भोसड़ा मेरे लौड़े से चुदता गया. रीना जैसी हवस में अंधी होकर चुदवाने वाली औरत के साथ मैंने भी वासना के ऐसे ऐसे मुकाम हासिल किये की जिंदगी के सारे मजे उस एक रात में ही समां गए थे. रात भर की घमासान चुदाई के बाद रीना ने अपने पति को मेरे पट्टे से बांधकर कमरे के एक कोने में नंगा ही सुला दिया और रात भर वो नंगी होकर मेरे साथ चिपक कर सोती रही.

अगले दिन मैं मेरी पुराणी दोस्त मिंकी से मिला, रीना और पॉल भी मिंकी से मिलके और उसकी असलियत जानकर बहोत खुश हुए और उन्होंने ने एक और दिन मेरे और मिंकी के साथ बिताने का फ़ैसला किया. अगले दो दिन हमारे बिच में क्या हुवा, कैसे हम चारों ने मिलके कामवासना एक अलग अध्याय लिखा इसके बारे में जानने के लिए मेरे अगली कहानी का इन्तजार कीजिये तब तक के लिए आप सब अपना ख्याल रखे...

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shang40shang40over 1 year ago

मानस, तुमने पाॅल और रीना की चुदाई की

वाह दोस्त वाह

मैं एक बार मुंबई टॅक्सी से जा रहा था. बस की भीड की वजह से एक कपल भी टॅक्सी में थे. हम तीनो पिछली सीट पर थे. बीच में चाय हुआ और राहुल ने मनिषा को कहा तू हम दोनों के बीच बैठ. मुझे आश्चर्य हुआ लेकिन मैं खुश था क्योंकी मनिषा थी ही वैसी.

२८ साल की मनिषा गदराये बदन की. राहुल और मनिषा का मुंबई में अपना घर था और मैं काम की वजह से जा रहा था.

टॅक्सी के प्रवास में मनिषा के कंधोंपर हाथ रखा और उसके हाथ सहलाने लगा. वो कुछ नही बोली तो मैने उसके हाथ सहलाते हुए मेरी तरफ खींचा. राहुल चुपचाप देख रहा था.

मैने मौका देखकर उसके गाल का और बाद में रसिले ओठों का चुंबन लिया तो राहुल ने मुझे लाईक साईन किया.

मुंबई तक हम दोनो किसिंग केअरिंग करते रहे.

वहां पहुंचते राहुल बोला आज रात हमारे घर चलो हाॅटेल नही. मैं उनके साथ घर गया और दरवाजा खुला तो मैं मनिषा को बाहों में लिया किसिंग कर रहे.

तबतक राहुल ने चाय बनाया चाय पीकर हम तीनो बाथरुम गये. शाॅवर के नीचे मुझे और मनिषा को राहुल ने साबुन लगाया. मेरे लंड पर दूसरे पुरुष का हाथ प्यारा लगा. हम तीनो ने सामुहिक किसिंग किया.

बाद में सीधे बेडरुम में मैं लेटा. आजूबाजू राहुल मनिषा मेरा चुंबन ले रहे जैसे मैं दोनो का पती.

बाद में राहुल ने मेरा लंड मुंह में लेकर चुसा.

मैं और मनिषा पूरी रात संभोग का आनंद लुट रहे. राहुल ने मनिषा की चूत चाटकर आनंद लिया.

दस बार मैं उनके घर रहा.

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