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Click hereदोस्तो, मैं यहाँ पर आपको यह बताना चाहता हूँ कि मैं जल्दी किसी मिस काल पर ध्यान नहीं देता हूँ। लेकिन जब मैंने फोन किया और उधर से बहुत ही सुरीली आवाज 'हैलो' की आई तो मुझे ऐसा लगा कि मेरे कान में किसी ने शहद घोल दिया हो।
मैंने पूछा कि आपका मिस काल आया था और दो तीन बार आया था?
उसने सॉरी बोला और फोन काट दिया।
लेकिन मेरे कान में उसके कहे हुए शब्द बज रहे थे, मेरा मन नहीं माना और मैंने फिर उसको फोन मिला दिया।
फोन रिसीव हो गया और फिर उसने बड़ी मोहकता से 'हैलो' कहा।
मेरा दिल बहुत जोंरों से धड़क रहा था, जब दो-तीन बार उसने 'हैलो' कहा, मेरा गला सूख रहा था, मेरा जवाब न मिलने के कारण उधर से फोन कट गया।
फिर हिम्मत करके मैंने फोन मिलाया, उधर से फिर वही सुरीली आवाज आई, उसने जो कहा, उससे मुझे होंसला मिला, वह बोली- यदि बात करना चाहते हो तो बात करो, बार-बार यह मिस काल मत करो।
मैंने कहा- आपकी आवाज इतनी सुरीली है कि मेरे मुँह से आवाज नहीं निकल रही थी, अपना नाम बताओ।
'मैं शरद सक्सेना, उम्र 39 साल, 5 फ़ीट 6 इंच...'
उसने बीच में टोका और बोली- मैंने केवल नाम पूछा था, तुमने तो पूरी हिस्ट्री बता दी। बड़ी जल्दी में लगते हो?
मैंने उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम कंचन बताया।
फिर उसने मुझसे बार-बार फोन करने का कारण पूछा और कहने लगी- तुम मर्द लोग भी! किसी लड़की का गलती से भी अज्ञात नम्बर में काल हो जाये तो बस उसे पटाने की सोचने लगते हो।
मैंने भी बिंदास होते हुए कहा- किसी और की तो नहीं जानता पर तुम्हें जरूर पटाना चाहता हूँ क्योंकि पहली बार कोई ऐसी मिली है जो इतने बिंदास बात करती है।
वह बोली- और मुझे पटा कर मुझे चोदने का भी इरादा है जनाब का?
मैं उसकी इस बात को सुनकर हक्का बक्का रह गया, बड़ी कठिनाई से बोला- लगता है कि तुम चुदने की बड़ी इच्छा रखती हो।
'अच्छा अपने लौड़े की नाप बताओ?'
'अरे यार... लौड़ा का नाप जान कर क्या करोगी?'
'बस यह जानना है कि मेरी बुर के नाप का है या नहीं?'
'बुर में ही तो जाना है, लौड़ा चाहे जैसा हो, वो छेद को फाड़ कर चला जाता है।'
'यह बात है, तो बताओ मुलाकात कहाँ कर सकते हो?'
'तुम जहाँ कहो...'
'इसी सण्डे आ रही हूँ... तैयार रहना... ठीक है?'
सण्डे नौ बजे उसका फोन आया और बोली- मैं दस मिनट में पहुँच रही हूँ।
मैं बस स्टेशन पर पहले से ही था लेकिन मैं पूरा भरोसा कर लेना चाहता था कि कहीं मैं फंसने वाला तो नहीं हूँ। जब मुझे पूर्ण भरोसा हो गया कि वो अकेली है तो मैं उसे अपने एक दोस्त के कमरे में ले गया।
वह एक गेंहुँए रंग की महिला थी, कोई 30 या 31 की रही होगी, उस समय वो साड़ी में थी, हाफ कट का ब्लावज पहन रखा था।
उसकी चूची संतरे जैसी छोटी रही होगी, लेकिन चूतड़ों का उभार वाह-वाह क्या मस्त था, उसके कूल्हों को ऐसे दबाया जा सकता है जैसे उसकी चूची।
दरवाजा बन्द करते ही वो मेरे होंठो को कस कर दबा कर चूसने लगी और अपने मुँह के लार को मेरे मुँह में टपका रही थी।
दस मिनट तक़ वो मेरे होंठों को चूसती रही, होंठ चूसने के बाद कंचन बोली- हम लोग पहली बार मिल रहे हैं और मैं आपके लिये मिठाई नहीं लाई थी, तो मैंने सोचा कि आपका मुँह कैसे मीठा कराया जाए और मुझे यही रास्ता सूझा। आपको बुरा तो नही लगा न?
'नहीं तो, मुझे बुरा क्यों लगेगा? लेकिन मैंने आपको तो मिठाई तो नहीं खिलाई!'
'अच्छा आप भी खिला दीजिए...' इतना कह कर उसने अपनी आँखें बन्द कर ली, मैंने भी उसके होंठों को कस कर चबा लिया और अपनी लार को उसके मुँह में डाल दिया।
इतनी बातों से मुझे एक बात तो समझ में आ गई थी कि मजा तो बहुत मिलने वाला है।
'कंचन, क्या एक अजनबी के सामने जब तुम नंगी होओगी तो तुम्हें अजीब सा लगेगा ना!'
'हम लोग और अजनबी? अरे यार अभी-अभी हम लोंगों ने मिठाई खाई है ना। फिर अजनबी कहाँ हुए? अब यह बताओ, क्या बातों में ही समय खराब करोगे या कुछ काम भी होगा?'
'बिल्कुल होगा... क्या प्लान है वैसे तुम्हारा?
'शाम को को सात बजे तक चली जाऊँगी। एक बात और हेयर रिमूवर का जुगाड़ करो।'
'क्यों? हेयर को रिमूव करने के लिए।'
मैंने अपने दोस्त को फोन से रिमूवर के लिए पूछा, उसके शेंविंग किट से वीट की ट्यूब निकाली और उसे दिया।
'मैं इसका क्या करूँगी?'
मैंने पूछा- फिर?
उसने कहा- इसका यूज तुम करोगे... तुम इससे मेरी बुर को चिकना करोगे और गाण्ड के आस-पास के भी बाल साफ करोगे। यह समझ लो कि मैं ब्यूटी पार्लर में हूँ और तुम मुझे चिकना करोगे क्योंकि मुझे बुर और गाण्ड के आस-पास बाल पसंद नहीं हैं।
'चलो मेरी सरकार... जो तुम चाहो।'
मैंने म्यूजिक सिस्टम चला दिया और वो डांस करते-करते अपने कपड़े उतारने लगी। फिर उसने अपनी बुर में उंगली डाली और उंगली मुँह में डाल ली।
मैंने रिमूवर लेकर उसकी बुर और गाण्ड के झांटों को साफ किया और मालिश की।
दोस्तो, उसकी एक खास बात और थी कि उसे गन्दा से गन्दा सेक्स पसंद था क्योंकि वह हल्का सा झुकी और अपनी गाण्ड को मेरी तरफ करके चाटने को बोली।
गाण्ड तो उसकी वास्तव मैं मस्त थी, मैंने थूक लगाकर उसकी गाण्ड जो चाटी है, इतना मजा आ रहा था कि मुँह हटाने का मन ही नहीं कर रहा था।
फ़िर वो पलटी और मेरी गाण्ड को चाटने लगी, फिर मेरे लौड़े की क्या चुसाई की कंचन ने... मेरे वीर्य की एक-एक बूंद पी गई।
69 की अवस्था में आकर फिर चुसाई हुई, मैं तो उसकी बुर में उंगली डाल कर उसके रज की एक-एक बूँद को चाट गया।
उसकी आवाज में वो मादकता थी कि वो मेरे लण्ड को अपने बुर में लेकर शी-शी उ-उह की आवाज निकाल कर पूरे कमरे में संगीत पैदा कर रही थी।
मुझे तो उसकी गाण्ड मारने की इच्छा हो रही थी, मैंने धीरे से उसको पेट के बल लेटाया और उसकी गाण्ड के छेद में अपने लण्ड को सेट करके पुश किया।
झकाझक पेलने के बाद उसके गाण्ड में ही मैंने अपना पूरा वीर्य डाल दिया।
थोड़ी देर के बाद मुझे पेशाब लगी, मैं पेशाब करने जाने लगा लेकिन उसने फिर से मेरे मुरझाए लौड़े को अपने मुँह से पकड़ लिया, मुझे पेशाब बहुत तेज लगी थी, मैंने उसका मुँह हटाने की कोशिश की लेकिन उसने छोड़ा नहीं, मेरी पेशाब छूटने लगी लेकिन जैसे-जैसे मेरी पेशाब छूटती, वो उसको पीती गई।
इसके बाद हम दोनों ने उस दिन तीन बार और चुदाई की, कभी उसकी एक टांग उठा कर, कभी घोड़ी बना कर, उस दिन काफी मस्त चुदाई हुई।
दोस्तो, मैं यहाँ पर आपको यह बताना चाहता हूँ कि मैं जल्दी किसी मिस काल पर ध्यान नहीं देता हूँ। लेकिन जब मैंने फोन किया और उधर से बहुत ही सुरीली आवाज 'हैलो' की आई तो मुझे ऐसा लगा कि मेरे कान में किसी ने शहद घोल दिया हो।
Miss call aaya ya tune phone kiya… first paragraph hi confusing hai… aage padhna hi bekaar hai