गोवा में हवस का खेल

PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

रीना की ठंडी पड़ी चुत को देख मैंने उसकी टाँगे खोल दी, चुतरस से भीगी चुत में दो उँगलियाँ घुसाके मैं उसे फिर से गरम करने लगा. उँगलियों से चोदते हुए मैंने चुत का दाना अपने मुँह में भर लिया और हलके हलके उस दाने को काटने लगा. मेरे चाटने से और उँगलियों के रगड़ने से रीना की चुत गरमाने लगी, मेरा सर अपने भोसड़े पर दबाते हुए वो फिर से रंडी की तरह करहाने लगी. आअह्ह्ह्ह चुस्ससूओ जोर सीईई मानस्सस्सस्स कहते हुए रीना ने अपनी गांड ऊपर उठानी चालू की ताकि उसकी पूरी चुत मेरे मुँह में आ सके.

मैंने भी अपने दोनों हाथ ऊपर करते हुए रीना की चूँचियाँ अपने मुट्ठी में भर ली और कहा, "तेरे माँ का भोसड़ा साली कितनी चुदेग़ी तू ममता की रांड औलाद, ले मादरचोद चुद मेरे उँगलियों से नामर्द की रंडी बीवी"

कुछ देर अपना भोसड़ा चुसवाने के बाद रीना मुझे ऊपर खींचने लगी तो मैं समझ गया की अब रीना फिर से लौड़े से चुदने के लिए तैयार हो चुकी है. पर इस बार मुझे रीना की चुत नहीं बल्कि उसकी गांड का मज़ा लेना था तो मैंने मिंकी को बिस्तर पर लेटने का इशारा करते हुए रीना को उसकी ओर धकेला. जैसे ही मिंकी बिस्तर पर लेट गयी तो उसने भी रीना को पकड़ कर अपने लौड़े पर बिठाया और एक हाथसे अपना लंड फिर से उसकी फुद्दी में घुसा दिया. पॉल तो हमारे अजीबों गरीब तरीक़े देख कर आश्चर्य से देख रहा था और तब तक रीना की चुत फिर से मिंकी के ६ इंच के लौड़े पर बैठ गयी.

रीना को अपनी बाँहों में दबाते हुए मिंकी ने रीना को चूमना चालू किया, इस वजह से रीना की ४२ इंच की फूली हुई गांड उभर के मेरे सामने आ गयी. पॉल भी समझ गया था की आज उसके बीवी की चुत और गांड दो लौडों से एक साथ चुदेगी. पॉल को इशारा मैंने उसे अपने पास बुलाया और लंड उसके मुँह में देकर उसे थूक से गीला करने लगा ताकि रीना की तंग गांड मारने में आसानी रहे. चूस चूस कर उस कुत्ते ने मेरा लौड़ा अपनी थूक से गिला कर दिया तो मैंने उसका मुँह रीना की गांड में दबा दिया और उसने भी रीना की गांड को अपने थूक से गिला कर दिया.

थूक थूक कर अपने बीवी की गांड चाटने लगा और मैं एक साथ से मेरा लौड़ा सहलाते हुए उसे रीना की गांड चोदने के लिए गरम करता रहा. उधर रीना मिंकी के चूंचे चुम रही थी और मिंकी उसका सर अपने चूँचियों पर दबाते हुए निचे से अपना लौड़ा रीना के चुत में घुसा रही थी. पॉल ने रीना की गांड चुदने के लिए अच्छेसे गीली कर दी, गांड का छेद भी पक-पक कर रहा था मतलब रीना भी गांड चुदवाने किये तैयार हो चुकी थी.

पॉल को हटाकर मैंने रीना के गले का पट्टा खींचते हुए कहा, "वाह्ह्ह ममता रंडी, देख कैसे आज तेरी बाजारू रांड बेटी अपने बाप के लौड़े से गांड मरवायेगी, क्यों रीना बता जरा तेरी माँ को बहनचोद कैसे चुद रही है तू तेरे बाप से मादरचोद?"

रीना ने मिंकी के मम्मे चूसना रोकते हुए कहा, "इतनी देर क्यों कर दी डैडी, चोदो मेरी गांड, आअह्ह्ह्ह मेरी रांड माँ ममता आज तेरा यार तेरे बेटी की गांड मारेगा, घुसा दो मानस फाड़ दो मेरी गांड"

पॉल के तरफ देख के मैंने अपना लौड़ा रीना की गांड पर रखा, हलकासा धक्का देते हुए मेरा सूपड़ा पौक की आवाज के साथ अंदर घुस गया. रीना ने लंड की रगडन से हुंकार भरके आअह्हह्ह्ह्हह की आवाज निकाली और अपने गांड को ढिल्ला करते हुए मेरे लौड़े को पकड़ लिया. धीरे धीरे मेरे धक्कों की गति बढ़ाते हुए मैंने लगभग आधे से ज्यादा लंड अंदर घुसा दिया और सुपडे तक बाहर खींचते हुए एक तेज़ झटका दे दिया. एक ही झटके में पूरा लौड़ा गांड को चीरता हुवा अंदर घुसा और रीना दर्द से बिलखते हुए ऊपर उठने लगी.

मैंने तुरंत ही उसकी कमर को पकड़ते हुए कहा, "कहाँ भाग रही है रंडी की औलाद? तेरी भोसड़ा साली बाजारू रांड, ले अब चुद अपने बाप के लौड़े से छिनाल"

रीना को पकड़ कर मैंने उसको मिंकी के लौड़े पर दबा दिया तो मिंकी का लंड चुत के आख़री भाग तक घुसता चला गया. दोनों छेद एक साथ चुदने के कारन रीना चींखे मार मार कर रोने लगी, पर ना तो मिंकी ने ना ही मैंने उस पर दया दिखाई. रीना के गले का पट्टा खिंच के मैंने उसे ऊपर उठाया और उसके गांड की जमके धुलाई करने लगा, मिंकी भी रीना के चूँचे मसलने लगी. धक्कों से अब रीना की कमर भी आगे पीछे होने लगी और अपने आप ही उसकी चुत मिंकी के लौड़े पर रगड़ने लगी.

पॉल मरे पीछे खड़े होकर अपनी बीवी की लुटती हुई इज्ज़त का तमाशा देख रहा था, उसकी आँखों के सामने चुदाई का घमासान चल रहा था. दो-दो लौड़े उसकी बीवी को दो टक्के की रंडी बनके चोद रहे है ये देख कर बहनचोद लौड़ा हिला रहा था. रीना को दोनों तरफ़ से मिलते कामसुख से उसकी चुदास भरी आवाजें पुरे कमरे में गूंजने लगी, और चोद जोर से चोदो जैसी गुहार लगते हुए वो भी मजे से चुदवा रही थी. मिंकी ने रीना के नंगे चूंचे हाथों में दबोच लिए और खुद अपनी कमर ऊपर करके रीना का भोसड़ा चोदने लगी.

रीना के चूँचों पर थप्पड़ मारते हुए मिंकी ने कहा, "देख ममता कैसे तेरी बेटी मेरे लौड़े पर नाच रही है कुत्तिया, कभी तू भी आजा रंडी मेरे लौड़े से चुदवाने मादरचोद"

रीना ने भी पॉल को गालियाँ देनी चालू की और कहा, "हां इस मादरचोद ने अपनी गांड के चक्कर में मुझे रंडी बना दिया अब तुम सब इसकी माँ बेहेन को भी ऐसे ही सडकपर नंगा करके चोदो"

पॉल बेशर्मों की तरह मेरे पीछे बैठ गया और एक हाथ से मेरे टट्टे सहलाने लगा तो मैंने धक्के रोकते हुए एक हाथ से उसका सर मेरे गांड में दबा दिया. पॉल भी मजे से अपनी जीभ बाहर निकाल कर मेरे टट्टे और मेरी गांड को चाटते हुए अपना लौड़ा हिलाने लगा. कुछ देर तक रीना की गांड के मज़े लेने के बाद मैंने मेरा लौड़ा उसकी गांड से बाहर निकला और मेरे टट्टे चूसनेवाले कुत्ते के मुँह में ठूंस दिया. लंड चूसने का शौक़ीन पॉल किसी रंडी की तरह मेरे लौड़े पर टूट पड़ा, उसके बाल पकड़ कर मैंने भी सके मुँह पर थूकते हुए उसका मुँह चोदना चालू किया.

रीना की गांड खली होने से वो मुझ पर गुस्सा करते हुए बोली, "आअह्ह्ह ईशशशशशशश साले ऐसे क्यों निकाला मादरचोड़द्द कितना मजा आ रहा था, प्लीजजजजजज घुसा दे मेरी गांड में मानसस चोद मुझे"

रीना के अनुरोध पर मैंने फिर से मेरा गिला लौड़ा गांड में घुसा दिया और कसके रीना की गांड पेलने लगा. थूक से कुछ ज़्यादा ही गिला होने से मेरा लौड़ा रीना की गांड से बाहर निकला और जैसे ही मैं धक्का मारने के आगे बढ़ा तो मेरा लौड़ा उसकी गांड को नजरअंदाज करता हुवा उसके भोसड़े में जा घुसा. एक साथ दो-दो लौड़े चुत में घुसने के कारन रीना हाथ पैर मारते हुए हमारे कैद से छूटने की कोशिश करने लगी. हाथ आये मौक़े को मैं भला कैसे जाने देता? रीना के दोनों हाथ उसकी पीठ की तरफ लाते हुए मैंने उसको दबोच लिया और जोर जोर मेरा लौड़ा अंदर बाहर करने लगा.

मिंकी और मेरा लौड़ा ताल से ताल मिलाते हुए रीना का भोसड़ा पेलने लगा, दो दो लौड़े से रीना की चुत और ज्यादा फ़ट चुकी थी. रीना कुछ देर तो दर्द से तड़प रही थी पर धीरे धीरे दोनों छेद खुलने लगे और रीना की चींखे सिसलियों में बदन गयी. रीना अपनी कमर अब ख़ुद आगे पीछे करने लगी तो मिंकी ने भी निचे से अपनी गांड उठाते हुए रीना के चुत में धक्के लगाने चालू किये. मिंकी का जब अंदर घुसता तो मेरा लौड़ा बाहर आ जाता और जब मेरा लौड़ा अंदर घुसता तो मिंकी का लंड चुत की दीवारें रगड़ता हुवा बाहर आ रहा था.

पॉल को देख कर मैंने उसे कहा, "कैसे लगा रंडी के बच्चे? देख कैसे तेरे बीवी को सड़कछाप लावारिस कुत्तिया के जैसे चोद रहा हु भोसड़ीके"

रीना अपने पति की बेइज्जती सुनके खुश होते हुए बोली, "आह्ह्ह्हह मनस्सस्स ऐसे ही चोद मुझे रांड बाज़ार में बेच डालो मुझे बेहेंछोड़ड़ड़ड़ड़ इस्ससष्ठ्हहहह धीरीईईई चोददददददद, मजाआए आ राहाआआ है मिंकीइइइइइइ"

मैं और मिंकी बड़े समय से चुदाई कर रहे थे, हमारे लंड अपनी पूरी औकात में आकर रीना की गांड और चुत का भोसड़ा बनाने में लगे हुए थे. रीना की चुत एक बार मिंकी के लौड़े से चुदते हुए पानी छोड़ चुकी थी पर हमारे लौडों का रस अभी निकलना बाकी था. रीना की ख़ाली पड़ी गांड के छेद में मैंने मेरा अंगूठा घुसा कर कुछ तगड़े धक्के मारते हुए अचानक से मेरा लौड़ा बाहर खिंच लिया और अगले ही पल उसे रीना की गांड में घुसा दिया. रीना ने आआह्ह्ह्हह्ह की हुंकार भरके मेरे लंड को अपनी गांड में ले लिया और आँखे बंद करके चुदवाती रही.

मिंकी अब झड़ने के क़रीब आ चुकी थी, उसने रीना को अपने आप पर खींचते हुए निचे से कमर उठाकर जोर जोर से पेलने लगी. मिंकी का हाल समझकर मैंने अपने रीना की गांड चोदना रोक दिया, ताकि मिंकी को चुत मारने में आसानी हो सके. मिंकी ने मौके का फायदा उठाते हुए अपना लौड़ा रीना के घुसाके चोदना जारी रखा, रीना भी ख़ुद उछल-उछल के मिंकी के लंड पर कूदने लगी. रीना के बच्चेदानी में सूपड़ा घुसाकर रखते हुए मिंकी गुर्राने लगी और अपने माल को उसने रीना की चुत में खाली कर दिया. आश्चर्य की बात ये थी की मिंकी के वीर्य की गरमी से रीना भी पिघलने लगी और उसके चुत का बांध फ़ुट पड़ा, मिंकी का लैंड फिर से एक बार चुतरस से भीग रहा था.

रीना के चुत को अपना वीर्य पिलाते हुए मिंकी ने जमके गालियां देते हुए कहाँ, "आअह्ह्ह्हह रिनायआ ले रंडी बन जा मेरे बच्चे की माँ मादरचोड़ड़ड़ड़ड़ ममताआआआ की माँ का भोसाआआअदद्दाआ"

मिंकी के धक्के जैस ही कम होते गए तो मैंने रीना की गांड किसी खुले सांड की तरह चोदना चालू किया. रीना की माँ बेहेन को गाली देते हुए उसका गला दबा दिया और दूसरे हाथ से उसके चुत्तड़ मार मार के लाल कर दिए. हवसभरी जगली चुदाई के माहौल में मेरे लंड का उबलता हुवा कामरस मेरे सुपडे की तरफ़ बढ़ने लगा था, मेरे टट्टे भी कड़क हो कर वीर्य त्यागने के लिए तैयार थे. रीना के बाल खिंच कर मैंने उसे जोर से चोदते हुए मेरा लौड़ा पूरा अंदर घुसा दिया और वही मेरा लौड़े का सारा माल रीना की गांड में ख़ाली कर दिया.

रीना की गांड में झड़ते हुए मैंने पॉल से कहा, "देख मादरचोद कैसे तेरी रांड बीवी की गांड भर दी कुत्ते, अब आजा तेरे बीवी की गंदी गांड चाटने भोसड़ीके"

पॉल फुर्ती से रीना के गांड के निचे आकर बैठ गया और इन्तजार करने लगा की कब मैं अपना लौड़ा उसके बीवी के गांड से बाहर निकालता हूँ. जैसे ही मैंने लंड बाहर खिंचा तो रीना की गांड में मेरा वीर्य छलक कर बाहर आ गया और सीधा जाके पॉल के मुँह में गिर पड़ा. रीना की गांड चाटने के दौरान मिंकी का लंड भी मुरझाके बाहर आने लगा और उसके साथ मिंकी का वीर्य भी निचे टपकने लगा. मिंकी का लौड़ा रीना के चुतरस और वीर्य से भीग का चमक रहा था, रीना की चुत तो अब भी रस टपका रह थी.

पॉल का सर मिंकी के लौड़े की तरफ धकेलते हुए मैंने कहा, "ले कुत्ते चाट, यही तेरे जैसे रंडी का खाना है हरामी, देख कैसे तेरे बीवी के पेट से हिजड़े का बच्चा पैदा होगा अब रंडी की औलाद"

मिंकी का वीर्य से भीगा लंड और रीना की चुत पॉल चाटने लगा, रीना की चुत में जीभ घुसा घुसा कर उसने वीर्य की एक एक बूंद चाट कर साफ़ कर दी. मैं थक कर आराम से सोफे पर बैठे बैठे पॉल को देख रहा था, पालतू कुत्ते की तरह झुक कर वो अपने बीवी की चुत और एक हिजड़े का लौड़ा चुस-चाट रहा था. झुकने के कारन पॉल की गांड का छेद मुझे साफ़ दिखाई दे रहा था तो मैंने मिंकी को इशारे से मेरे पास बुलाया, जैसे ही मिंकी मेरे पास आयी तो मैंने उसे भी पॉल की गांड का नजारा दिखाया.

इतनी चुदाई के थकान के बाद भी पॉल की गांड का छेद देखते ही मिंकी की आँखे चमक उठी, क्यूंकि मिंकी को यही पसंद था, मर्दों को कुत्ता बनाके उसकी गांड चोदना. मैं रीना की लगातार दो दिन की चुदाई से थक चूका था तो वैसे ही सोफे पर बैठे बैठे आराम करने लगा पर मिंकी ने मौके का पूरा फ़ायदा लेते हुए उस रात पॉल की जमके गांड चोदी. रीना ने भी अब चुदाई से तौबा कर दी और वो भी मेरे पास बैठकर अपने पति को गांड चुदवाते हुए देखने लगी. कुछ देर बाद मैं और रीना वैसे ही सोफे पर बैठे बैठे सो गए, सुबह जब मेरी नींद खुली तो बिस्तर पर रीना, पॉल और मिंकी नंगे ही सो रहे थे.

एक एक करके हम सभी लोग तर्रोताजा हुए और फिर अगले दो दिन तक हम चारों ने मिलके हवस का एक भयानक अध्याय लिख दिया. पर अब एक दूसरे को अलविदा करने का समय आ गया था, एक दूसरे से बिछड़ते हुए भी हम खुश थे. पॉल और रीना ने भी फिर से मिलने का वादा करके अलविदा किया और मैं भी मिंकी को धन्यवाद देते हुए वापिस अपने घर लौट आ गया.

आशा है दोस्तों आप सबको मेरी ये कहानी जरूर पसंद आएगी और मुझे आगे और कहानियां लिखने के लिए प्रेरित करेगी, जल्दी ही आऊंगा आपसे मिलने पर तब तक अपना ध्यान रखे.

12
Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story