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Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II
विवाह
CHAPTER-1
PART 40
कुंवारी रीता की पहली चुदाई नीता ने वीर्य का स्वाद चखने के लिए अपने होठों को चाटा और कुछ अच्छी मात्रा में गाढ़ा गाढ़ा सफेद वीर्य एक बार फिर निगल लिया। फिर रीता ने तौलिया लिया और उसने नीता की लेबिया और शरीर के ऊपरी हिस्सों को बहुत सावधानी से साफ किया।
साथ ही रीता ने वीर्य का स्वाद चखने के लिए नीता के होठों को चाटा और उसके मुँह पे अच्छी मात्रा में चिपका हुआ गाढ़ा गाढ़ा सफेद वीर्य को निगल लिया। फिर रीता ने नम तौलिये से रीता के चेहरे को भी बहुत सावधानी से साफ किया। नीता बाथरूम जाने लगी तो "ओह, बस थोड़ी देर और बैठो," रीता ने अनुरोध किया।
रीता ने तौलिया संकलित किया, और धीरे से आहें भरती हुई नीता की योनि पर रख दिया तौलिये की नरम ठंडक ने उसकी हल्की सूजन को शांत कर दिया।
"काश, मेरे पास भी दीपक के लंड जैसा लंड होता तो आपके साथ कितना मजा आता." रीता हँस पड़ी और नीता को हँसाते हुए उसने अपनी सफाई पूरी की।
"वैसे," नीता शर्मीली मुस्कान के साथ बोली, "मुझे आशा है कि आप अपनी बारी के लिए तैयार हो रही हो!" और उसके कपड़ो गहनों और श्रृंगार को थोड़ा ठीक किया और उसे चूमा ।
रीता मोटे तौर पर मुस्करायी और सिर हिलाया, "बेशक," उसने कहा, उसके गालो को हाथो में भर कर और उसके बाल के बीच उंगलियों को चलाने से पहले नीता ने रीता के होठों पर एक त्वरित चुंबन कर दिया ।
रीता ने अपना सिर नीता के कंधे पर रखा और उसके पास झुकी, "लेकिन अभी, मुझे बस तुमसे एक ही चीज़ चाहिए, नीता!"
"ओह?" नीता ने पूछा, "बस तुम उसका नाम बोलो और वो तुम्हारी होगी ।"
"मुझे बस तुम्हारी ज़रूरत है मुझे अपने गले लगा लो।" रीता ने उससे कहा, जैसे ही वह मन में दबाई हुई भावना से घबर्राटे हुए रोने जैसी हो गयी, "मुझे बहुत डर लग रहा है और मैं घबरा रही हूँ।"
"शह, इट्स ओके," नीता अपने बगल वाले सोफे पर रीता के पास बैठी और उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उसे शांत किया, "तुम्हें पता है कि मैं यहाँ ही हूँ और हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी इसमें घबराने की क्या बात है, देखो मैंने भी भी अभी तुम्हारे सामने ही किया है और मैं बिलकुल ठीक हूँ ।"
"मुझे पता है," रीता ने जवाब दिया और नीता के कंधे पर अपने आंसू महसूस करते हुए नीता की मजबूत फुर्तीली उंगलियों ने उसे नग्न पीठ पर सहलाया, "लेकिन कभी-कभी मुझे बस मुझे आपसे ये सुनने की ज़रूरत होती है।"
नीता ने गहरी सांस ली और रीता की गर्दन पर एक सौम्य चुंबन दे दिया। बिना कुछ कहे, नीता ने रीता की पीठ को सोफे पर झुका दिया और अपनी स्थिति बदल ली ताकि रीता अपना सिर उसकी छाती पर टिका सके। रीता ने नीता को तब तक अपने पास रहने दिया और उसकी पीठ को सहलाती रही जब तक मैं पेशाब करके बाथरूम से नहीं लौटा ।
आगे कुछ भी करने का फैसला करने से पहले उन्होंने चुपचाप एक-दूसरेसे लिपट कर शरीर की गर्माहट का आनंद लिया।
" कुछ पियोगी?" रीता ने नीता से पूछा, और नीता की बाहों से खुद को हटाकर बैठ गई। "यह बहुत अच्छा होगा," नीता ने कहा, जैसे ही रीता उठ खड़ी हुई और चुपचाप फलों का रस लेने के लिए कमरे से निकल गई और मैं नीता के पास चला गया और उसे चूमने लगा और उससे बोला "तुम बहुत हिम्मत वाली हो "। फिर रीता दो गिलास फलों का जूस लेकर लौट आयी ।
रीता ने सिर हिलाया और नीता को जूस पिलाया। और नीता के बगल में चुपके से बैठ गई।
मैं अपने आधे खड़े लंड के साथ उसके पास बैठा था। रीता को मेरे लंड के आकार पर विश्वास नहीं हो रहा था जो एक विशाल आकार से 4 इंच तक कम हो गया था। रीता हाथों में जूस का गिलास लिए वहीं खड़ी रही। मैं उसे धीरे से बिस्तर पर ले आया और वहीं बैठा दिया। रीता ने मुझे गौर से देखा, अचानक उसके दिल के कोमल कोने से कुछ निकला, और मुझ गरीब पर जैसे उसे थोड़ी दया और प्यार आया और उसने भावनात्मक बंधन महसूस किया । और दूसरा ने जूस का गिलास मुझे सौंप दिया।
मैंने गिलास पकड़ा और कहा, "मिस, क्या आप जूस नहीं लेंगी?"
"ज़रूर," उसने कहा और रस का गिलास ले लिया, गिलास को अपने होठों से छू लिया। उसने अपना मुँह खोला औरआधा रस पिया और बाकी मुझे सौंप दिया ।मैंने अपनी उंगली से उसके होठों से पीले रस के निशान मिटाए और उसे चाटा और फिर उस गिलास से बाकी जूस पी लिया ।
मेरे ओंठो पर थोड़ा जूस लग गया तो रीता आगे हुए और मेरे ओंठो पर जीब और ओंठ लहै कर वो रस चाट गयी मैं अपनी विस्मयकारी आँखों से चकित रह गया और विश्वास नहीं कर सका कि रीता ने मेरे साथ ये साथ क्या किया, मैंने उसकी ओर देखा, जो तरुण युवा, दुबली और सुडौल, सुंदर और सेक्सी थी।
नीता मुझे छेड़ने लगी दीपक आराम से करना हमारी रीता बहुत नाजुक हैं. घबरा रही है और वह हँसते हुए रीता के मेरी तरफ धकेलते हुए पास ही बैठ गयी. रीता ने नीता का हाथ अभी भी पकड़ा हुआ था।
रीता ने काफी ट्रांसपेरेंट पिंक कलर का दुल्हन का गाउन पहना हुआ था, जो उन्हें गले से लेकर एड़ी तक कवर कर रहा था था। उस गाउन की कोई आस्तीन नहीं थी, और रीता की गोरी बाहें शानदार और चिकनी थीं। उसके बूब्स इस पारदर्शी गाउन से ढके हुए अधिक आकर्षक लग रहे थे। उसके निप्पल स्ट्रॉबेरी जैसे लाल लग रहे थे।
मैंने उसके शानदार कंधों और शानदार छाती को देखा, वो मेरी प्रतीक्षा कर रही थी।
आवेग के साथ, मैंने उसके होठों पर अपनी उंगली ट्रेस की और कहा, "मिस, आप एक बहुत खूबसूरत लड़की हैं और मैं चाहता हूं कि आप यह जान लें कि मैं आपको बहुत पसंद करता हूं।"
रीता ने मुस्कुराते हुए कहा, "धन्यवाद।"
रीता ने ने गुलाबी गाउन चुनरी और ढेर सारे आभूषण पहने हुए थे. और साथ में गजरा और फूलों से श्रृंगार किये हुए स्वर्ग से आयी हुई अप्सरा लग रही थी। मेरा तो लंड उसे देख कर बेकाबू हो गया और मेरी हालत काम रोग से ग्रस्त हो गयी. वो शर्मायी हुई अपने पैरो की तरफ देख रही थी। उसने हल्का सा घूंघट किया हुआ था। उसका चेहरा शर्म और आगे जो होने वाला था वह सोच कर लाल हो रहा था. वह थोड़ी सी घबराई हुई थी। मैं थोड़ा सा आगे होकर और उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसको बेड पर ले गया । उसका नरम गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 9 इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा।
मैंने कहा मिस आप बहुत सुन्दर हो मैं तो आज फूला नहीं समा रहा की मुझे आज आप दोनों जैसी बेहद खूबसूरत और जवान कुंवारी दुल्हने मिली हैं। रीता सुन कर और भी शर्माने लगी और मेरे बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली मैं भी आप को प्यार करती हूँ। फिर मैंने अपनी जेब से निकाल कर अंगूठी उसको नज़राने के तौर पर दी। उसने हाथ आगे किया और बोली आप ही पहना दीजिये और उसके गहने खड़कने लगे।
मैंने उसके हाथ को चूमा और अंगूठी पहनायी फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दिया। दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह! मिस आप दोनों तो सच में क़यामत हो कयामत और मेरा लंड फुफकारने लगा। मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया रीता की शर्म के कारण आँखे बंद थी। मैं बोला मेरी जान अपनी आँखे खोलो और अपने प्रेमी को देखो उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायी मैं फिर रीता उसकी बंद आँखों के करीब हो गया। मेरा चेहरा उसके जबड़े की हड्डी के साथ जुड़ा और मैंने उसके ओंठो पर एक नरम सा चुम्बन ले लिया और उसके बाद उसकइ गालो, ठोड़ी फिर गर्दन पर चुंबन किया ।
वह शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी. मैंने रीता को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरा दिया उसकी पीठ बहुत चिकनी थी और वो मुझसे और कस का लिपट गयी। मेरे हाथ ने महसूस किया इसकी पीठ उसकी कमर तक बिलकुल बैकलेस थी जिसमे सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी। फिर मेरे फिसल हाथ की कमर तक पहुँच गए थे। क्या चिकनी नरम और नज्जुक कमर थी।
मेरे हाथ फिसल कर उसकी गांड पर पहुँच गए थे उसका शानदार गाउन उसकी गांड को ढके हुए था। मैंने उसकी गांड की दरार को मह्सूस किया तो उसकी सिसकी निकल गयी आअह्ह्ह!. मैंने पुछा तुम त्यार हो उसने हाँ में सर हिलाया।
मैं बोलै आप बहुत सुन्दर,गोरी और मस्त माल हो. आपको देखकर मैं तो दीवाना हो गया हूँ मैंने हल्की सी आवाज में ' आई लव यू मिस।
तो वो बोली आप मुझे रीता बोलो।
जारी रहेगी
दीपक कुमार