एक नौजवान के कारनामे 111

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कुंवारी रीता की पहली चुदाई.
1.3k words
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133
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Part 111 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 41

कुंवारी रीता की पहली चुदाई

रीता आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी!

रीता ने प्यार से मेरी ओर देखा। मैंने उसकी आँखों में झाँका और अपने प्रति प्रेम और स्नेह की तीव्र, शुद्ध भावनाओं को महसूस किया। इस कोमल तरुणा के प्रति मेरे दिल में प्यार की एक चिंगारी जल उठी। मैं फिर ऊपर हुआ और धीरे से अपनी जीभ से उसके जबड़े को चूमते हुए उसके कान के पास पहुँचा और धीरे से उसके कान के लोब को चूसा। उसकी साँस धीमी हो गई। रीता कांप उठी। उसके मन में चल रही थी तीव्र भावनाएँ। मैंने धीरे से उसका चेहरा अपने सामने खींच लिया। रीता डर से थोड़ा फुसफुसाई, लेकिन उसने मेरी प्रेरक उंगलियों और अंगूठे का विरोध नहीं किया जो धीरे से उसकी ठुड्डी को सहला रही थी ।

"तुम क्यों डर रही हो? मैं तुम्हें चोट नहीं पहुंचाऊंगा यह सिर्फ प्यार भरे चुंबन है," मैं उसके कान में मोहक तरीके से एक हाथ से उसके सिर के ऊपर से उसका हाथ पकड़े फुसफुसाया। अच्छा चलो तुम ही मुझे किस करो ।

"मुझे चुम्बन से कोई ऐतराज या डर नहीं है, लेकिन यह तुम्हारा औजार बहुत बड़ा है " रीता ने घबराते हुए कहा।

"क्या आपने नहीं देखा कि मिस नीता ने इसका कितना आनंद कैसे लिया! आप भी इसकी शक्ति का आनंद लेंगे, यह आपको स्वर्ग दिखाएगा। मैं धीरे धीरे कोमल हो आराम से करूँगा," मैंने कहा।

मैं उसके होठों चूमना लगा और चंबण के कारण उसका ध्यान अब चुंबन पर चला गया और उसे अपने से चिपका लिया जिससे हम दोनों के बीच का अंतर बड़ी कुशलता से बंद कर दिया। वो क्या कर रही थी ये सोचने का मौका दिए बिना मैंने उसे बड़ी शिद्दत से चूमा और उसका शरीर मेरे साथ चिपटा धनुषाकार हुआ और उसने मेरे को वापस चूम कर मेरे चुंबन का जवाब दिया । मैंने अपनी जीभ उसके निचले होंठ पर फिरकर उन्हें ओंठो के अंदर घुसकर प्रवेश के लिए दबाब बनाया । उसने पहले तो थोड़ा मना किया पर जब मैंने जीभ नहीं हटाई तो उसने अपना मुंह खोल दिया और मेरी जीभ उसकी जीभ के साथ मिल गई। रीता अपने हाथों को नीचे ले गयी और उन्हें मेरे नंगे सीने और कंधों पर घुमाया, और अंत में उन्हें मेरे गले में डाल दिया। मैंने उसे अपने करीब खींच लिया।

मैंने फिर उसके होंठो पर एक लम्बी किस की उसकी आँखे बंद थी मैंने उसके होंठो को छोड कर चेहरा ऊपर किया तो रीता ने आँखे खोली और मुस्करायी । मैं फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी मैंने फिर से अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा। फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठो से अलग किये हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप्प किस करने लगे और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे । जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा। वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी ।

मैं उससे, उसकी खुशबू, उसके स्वाद में रम गया था और कुछ बहुत ही मीठा, मासूम और जागृत होने के जुनून की तरह चखा।

रीता के नाजुक हाथ ने मेरी गर्दन को छोड़ दिया और मेरे बालों में ऊपर की ओर चला गया, फिर जहाँ-जहाँ उसकी उँगलियों मेरे को छूते हुए अपना हाथ मेरे गाल पर ले आई । मेरे हाथ धीरे-धीरे उसकी पीठ के चारों ओर घूमते रहे, अपना रास्ता बनाते हुए, धीरे से उसके तंग नितम्बो को सहलाते रहे। जैसे ही मैंने खुद को उसके खिलाफ दबाया, वह कराह उठी। भावनाओं की एक लहर फिर से उसके शरीर में चल रही थी। धीरे चुंबन को तोड़ा, मैं उसे देखा, उसके गाल लाल हो गए थे और उसके होंठ चूमने से सूज गए, और उसकी आँखों तीव्र जुनून के साथ चमकीले चमकने लगी । नीता अपनी विस्मय भरी निगाहों से यह सब देख रही थी और उसने कभी सोचा भी नहीं था कि रीता गलियों में रहने वाले के साथ प्रेमी की तरह रोमांटिक तरीके से व्यवहार करेगी।

मैंने बेशक नीता को कामुक और सेक्सी तरीके से चोदा था, लेकिन यहाँ उसने हम दोनों के बीच रोमांस की केमिस्ट्री देखी। वह चुप रही, आखिर रीता उसकी सबसे अच्छी दोस्त थी । वह उसे इस दुनिया में किसी भी चीज़ से ज्यादा प्यार करती थी, और उसे अपने तरीके से संतुष्ट होने देती थी। यही नहीं अगर रीता को इसके लिए उसकी मदद मांगती तो वो उसे भी सहर्ष देती ।

मैंने रीता की पींठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं । उसके हाथ मेरे गले से होते हुए कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी और धकेल रही थी। उसी बीच मेरा एक हाथ उनके गाउन पर से होते हुए रीता की पीठ कमर पर होते हुए उनके स्तनों पर पहुँच गया। मेरा हाथ गाउन के ऊपर से रीता के स्तनों को दबा रहा था। रीता की आँखें पूरी तरह से बंद थी वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी।

उसे उसके गर्दन और कंधों को चूमने के बाद उसकी बगल में बैठ, उसके शरीर सुगंध को अपनेी साँसो में भरा और कहा, "तुम बहुत सेक्सी और रोमांचक हो ।"

मैंने उसके कपडे उतारने शुरू किये तो पाया की रीता बहुत उत्तेजित थी, क्योंकि उसे आज पुरुष का पूरा प्यार मिल रहा था जोरीता को उसके नारीत्व का एहसास करवाएगा ।

फिर धीरे से मैंने उसका गोरा माथा चुमा और धीरे से उसकी चुनरी हटाने लगा उसने भी मुझे चुनरी हटाने में मदद करि उसका सजा सांवरा दुल्हन वाला रूप धीरे धीरे मेरे सामने आने लगा था वाह क्या रूप था मैं तो एकदम सन्न देखता रह गया गोरी चिट्टी तरुण कमसिन तीखी नैन नक्श गोल चेहरा मेरा लंड तो फुफकारने लगा ।

अब मैंने उसका मांग टिका हटा दिया और फिर धीरे से मैंने उसकी गोरी पेशानी चुम ली। उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। फिर मैंने उसकी दोनों नशीली आँखों पर एक चूमा दिया। फिर रीता की नाक को चूमा तो वह सिहर उठी। मैंने उसके गालो पर चुम्बन किया वह मुस्कराने लगी। मैंने फिर उसके गालो को चाटा बहुत मोठा स्वाद था। फिर मैंने ऊपरी होंठ पर किस किया और उसको धीरे धीरे चूसा आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी और उसका शरीर सिहरने लगा। फिर मैंने निचला होंठ चूमा और चूसा। फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी। और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।

वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा आपा मुझसे कस कर लिपट गयी। मेरे हाथ अब उनके स्तनों पर जा चुके थे। मैंने उसके गोल गोल बूब्स को पहले सहलाया फिर चोली के ऊपर से ही दबाया। मैंने महसूस किया उसके बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थे तभी मेरा हाथ को उसके निप्पल कड़क मह्सूस हुए और सोचा अब कबूतरो को आज़ाद कर देना चाहिए। मैंने चोली के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूमा और निप्पल्स को चूसा और उसके गले में पहने गहनों को उतार दिया ।जहाँ जहाँ के गहने उतरे मैंने वहां किस किया। बिच बिच में मैं उसकी मदहोश आँखों में देखता था तो वह मुस्करा देती थी। मेरे एक हाथ उसकी पीठ पर था।

जारी रहेगी

दीपक कुमार

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