एक नौजवान के कारनामे 121

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मरीना के साथ मुख मैथुन
1.3k words
5
142
00

Part 121 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 47

मरीना के साथ मुख मैथुन ​

कुछ ही पलों में हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने चाटने लगे वह भी मेरे पूरे बदन को चूम रही थी और चाट रही थी..., मेरा चेहरा मेरा सीना... और मैं उसके पेट और निचला हिस्सा सहला रहा था। मरीना तो अपना सुध बुध ही खो बैठी थी।

मैं उसके स्तनों को जोर से दबा रहा था। वह जोर-जोर से कराह रही थी। इससे मेरा लंड कड़ा हो गया था। मैं झुका और उसकी योनि के होंठो को चूमा और उसकी योनि में ऊँगली घुसाई तो वह गीली थी। मैने ऊँगली बाहर निकाली और उसके ओंठो पर फेरने लगा तो उसने अपने ओंठ खोले और मेरी ऊँगली पर लगे अपने चुतरस को चाटने लगी। चूत का गरम और नमकीन पानी चाटने से मरीना को मजा आ रहा था । फिर मैं भी अपना मुँह मरीना के मुँह के साथ-साथ में लगा कर ऊँगली और उसके ओंठो को चाटने लगा।

मरीना बोली मास्टर आप मेरी चुत को रगड़ों। इसे प्यार करो। इसे अपनी उंगलियों से रगडों। इसमें अपनी उंगली डाल कर खूब जोर-जोर से आगे पीछे कर के चोदो। मेरी चुत को अपने जीभ से चाटो। मेरी चुत फैलाकर इसमें अपना मोटा लन्ड डाल दो। मेरी चुत को खूब चोदो। मुझे चोदो, खूब चोदो।

लड़कियो को नियंत्रित करना कोई आसान काम नहीं होता है और मरीना तो कई बार मुझे चुदाई करते हुए देख चुकी थी पर मरीना ने खुद से मुझे अपना स्वामी मान मुझे समर्पण कर दिया था । हालांकि किसी को आप पर नियंत्रण करने देना कोई आसान काम नहीं है।

मैंने मरीना को खड़ा किया और उसे निहारने लगा मेरा मुँह उसके जर्मन हुस्न की सुंदरता देखकर खुला रह गया। उसकी सुंदरता देखकर मेरे लिंग में धीरे-धीरे तनाव आने लगा और अब मेरा लंड कड़क होकर खड़ा हो गया।

मैंने मरीना को दीवार से लगाया और उसके साथ चिपक कर पहले उसके पूरे पादन को सहलाया और उसके स्तनों को दबाया और फिर मरीना की लंबी चिकनी टाँगों के बीच में बैठ कर मैंने अपना मुँह उसकी चुत के साथ लगा दिया और चुत को चाटने लगा और बहुत जल्द ही मरीना की चूत पानी छोड़ने लगी ।

मेरे होंठ ज्यों ही मरीना की योनि से टच हुए. तो मरीना के मुँह से सिसकारियों का सैलाब उमड़ आया और वह मेरे मुँह में अपनी फुद्दि घुसेड़ती हुए चिल्लाई, "ओह ऊऊऊऊऊओ!"

मरीना मज़े से इतनी बेहाल हुई कि उस के लिए दीवार से लग कर खड़े होना मुश्किल हो गया उसका बदन कांपने लगा और मुझे लगा वह नीचे फर्श पर गिर जायेगी ।

मैं मरीना की टाँगों के बीच से उठा और उसकी चूत के गरम और नमकीन पानी ने दारु का-सा असर किया और उसके नशे में मैंने मरीना को अपनी बाहों में उठा लिया ।

जैसे ही मैंने मरीना को अपनी बाहों में उठाया। तो मरीना ने गरम जोशी से अपनी बाहों का घेरा मेरे गले में डालने के साथ-साथ अपनी टाँगों को भी मेरी कमर के गिर्द कस लिया उसके बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और लेटी हुई मरीना की खुली टाँगों के बीच में अपना मुँह रख कर उस की योनि का रस पीने लगा और लपर-लपर कर के मरीना की फुद्दि को पागलों की तरह चाटने लगा ।

फफफफफ्फ़! हाईईईईईईईईईईईईईई! ओह" मरीना के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी।

मरीना की योनि में ज़ुबान फिराते हुए मैंने उसे थोड़ा करवट बदल कर साइड के बल लेटा दिया । जिस की वजह से मरीना के भारी नितम्ब और मोटी गान्ड की पहाड़िया मेरी नज़रों के सामने आ गई।

मरीना की कुंवारी चुत और गान्ड को देख कर मेरी आँखों में एक अजीब-सी चमक आई और मैंने मरीना के पीछे आ कर उसकी गान्ड के छेद पर-पर अपनी ज़ुबान की नौक रखी और फिर उसकी गान्ड के ब्राउन सुराख को मज़े ले-ले कर चाटने लगा ।

" हाईईईईईईईईईईईई! माअअअअस्ससससससटतटरररररररररररर! क्या खूऊऊब! मज़ेययययययययये! दे रहे हो आप, मरीना मजे लेते हुए बोली।

फिर मैंने उसकी गांड को थप्पड़ मारा और बोला चलो अब मेरा लंड चूसो।

मेरा लम्बा मोटा लण्ड सामने लटक रहा था जिसमे कडापन आ रहा था। साथ हीमेरी चौडी छाती और कंधे मेरी मर्दांगी दिखा रहे थे। मरीना पहले से ही मुझ पर मोहित थी। वहीं मरीना उठी और मेरा मोटा लंड देख कर लंड को बड़े गौर से देखने भी लगी मेरे लन्ड पहले से खड़ा हुआ और ये पता चलने के बाद की अब उसकी बारी आ गयी है उसमे और तनाव आना शुरु हो गया था और मेरा सुपाड़ा अब अपनी झलक दिखाने लगा था। मरीना ने आगे बढ़ कर बिना किसी हिचक या शर्मिंदगी के मेरे लन्ड को अपने हाथों में पकड़ा। लंड औरत या लड़की के स्पर्श को पहचानता है मरीना के हाथ में तो जादू था, सो मेरा लन्ड ने उसके हाथ के स्पर्श से हीं अपना पूरा आकार ले लिया। फिर उस ने मेरा लंड पकड़ा और लंड को प्यार से सहलाया और लंडमुंड पर चुंबन कर दिया ।

मरीना कैंडी की तरह मेरा डिक चूस रही थी, वह अपनी जीभ से लंड के साथ खेल रही थी ।

और उसने मेरे लंड का सिरा चूस लिया, तो मैंने अपना मोटा लंड मरीना के खुले हुए होंठो के दरमियाँ थोड़ा आगे बढ़ा दिया ।

मेरे गरम सख़्त लंड को अपने होंठो के ऊपर से अंदर पा कर मरीना ने बेचैनी से अपना मुँह खोला और मेरे लंड को अपने मुँह के अंदर ले जा कर लंड को चूसने लगी। मरीना ने मुझे बिस्तर पर लिटा कर लन्ड अपने मुँह में भर लिया और होठों को कस कर चूस रही थी। यह कुछ ऐसा था जैसे लंड किसी कसी हुई कुंवारी चुत में पहली बार प्रवेश कर रहा हैं... ये अनुभव शब्दों से परे था। धीरे-धीरे उसने उसने पूरा लंड निगल लिया।

उसने अपने थूक से लंड को भिगो का चिकना कर दिया जिससे मेरा लंड अब उसके मुंह में, आराम से चला गया और उसकी जीभ पर से होते हुए गले तक चला गया। मैंने अब अपने कूल्हों को तब तक आगे बढ़ाया, जब तक कि लंड पूरा उसके मुंह के अंदर नहीं चला गया। उसके बाद मैं अपने लंड को उसके मुँह के अंदर बाहर करता रहा। वह मेरे लंड को अपने मुँह में फूला हुआ महसूस कर रही थी।

मैंने अपने लिंग को इतना ही बाहर निकालता था कि केवल फूला हुआ लंडमुंड ही उसके मुंह में रहे और फिर धीरे-धीरे दुबारा अंदर कर देता था इस बीच मरीना की जीभ लंड पर चलती रहती थी ।

वो अपनी आँखें बंद करके, अपना मुँह खोल कर मज़े ले रही थी और मेरा लंड उसके मुँह के अंदर बाहर हो रहा था। वह अपनी जीभ से लंड के सिर को रगड़ रही थी।

थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद, मरीना ने रफ़्तार पकड़नी शुरू कर दी और मेरे लंड को उसने अपने मुंह में ज़्यादा से ज़्यादा घुसेड़ दिया। अब मेरा लंड और कठोर हो गया था और लंड का सर भी फूल कर उसकी जीभ से भी बड़ा हो गया था। उस समय वह मेरा पूरा लंड अपने मुँह में घुसा लेती थी और फिर पूरा निकाल कर ओंठ टाइट कर लंड पर जीभ घूमा क्र पूरा अंदर ले जाती थी ।

उसे पता था कि आगे क्या होने वाला है। मेरा लंड का मुँह उस समय उसके गले के प्रवेश द्वार के ठीक सामने था मैं उत्कर्ष पर पहुँचा और उसके मुँह में पिचकारी मार दी। वह वीर्य की निगल गयी ।

साथ ही मैं लंड को आगे पीछे भी कर रहा था जिससे कुछ पिचकारियाँ उसके मुँह पर मार दी जिससे मेरे वीर्य उसके मुँह आँखो गालो माथे और बालो तक फ़ैल गया और उसके शरीर और मेरे पैर पर कुछ बूंदें बह कर गिर रही थीं।

मैंने उसे चाटने के लिए अपना पैर दिखाया। उसने मेरे पैर की उंगलियों को साफ किया।

कहानी जारी रहेगी

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