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PART 081
अम्मी की फुद्दि की आग
"अब मुझे फॉरन घुसल (शवर) ले लेना चाहिए। " शाज़िया से बात करने के बाद रज़िया बीबी ये बात सोचती हुई बिस्तर से उठी। और अपनी शलवार उतार कर कमरे में ही पूरी नंगी हो गई।
अपनी शलवार उतारने के दौरान रज़िया बीबी चूँकि अभी तक शीशे के सामने ही खड़ी थी।
इसीलिए नंगा होते ही रज़िया बीबी की नज़र अपनी मोटी टाँगों के दरमियाँ पानी छोड़ती अपनी फुद्दि पर गई।
हालाँकि रज़िया बीबी ने अपनी फुद्दि की शेव चन्द दिन पहले ही की थी।
मगर इस के बावजूद इन चन्द दिनो में ही रज़िया बीबी की चूत की जुवैन (पुबिक हेर) दुबारा से थोड़ी थोड़ी उग आईं थी।
"क्यों ना आज अपने बेटे की खरीदी हुई शेविंग क्रीम से अपनी फुद्दि की शेव करूँ?" रज़िया बीबी ने अपनी चूत के थोड़े थोड़े सख़्त बल्लों पर अपना हाथ फेरते हुए सोचा।
ज़ाहिद की लाई हुई हेर रिमूविंग क्रीम से अपनी फुद्दि की शेव करने का ये आइडिया रज़िया बीबी को इतना भाया कि रज़िया बीबी की चूत ने शर शर कर के अपना पानी छोड़ दिया। तो अपनी फुद्दि से बैठे हुए झड़ने (वॉटर फॉल) के पानी ने रज़िया बीबी की उंगलियाँ को भी भिगो दिया।
रज़िया बीबी ने अलमारी में रखे हुए बॅग से हेर रिमूविंग क्रीम निकाली और फिर नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई।
उधर दूसरी तरफ अपनी अम्मी की कॉल बंद होने के बाद शाज़िया ने मार्केट में पहुँचते ही अपने भाई ज़ाहिद को फोन किया।
"जी भाई अम्मी ने बताया है कि आप ने कॉल की थी । " ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया की कॉल अटेंड की तो शाज़िया ने कहा।
"बस तुम्हारी याद सता रही थी,तो सोचा तुम्हें फोन कर के तुम्हारी प्यारी आवाज़ ही सुन लूँ"ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया से इश्क लड़ाते हुए कहा।
"अच्छा अगर मेरी याद आ रही है,तो फिर पोलीस स्टेशन में क्या कर रहे हैं,आप घर क्यों नही आ जाते" शाज़िया ने भी अपने भाई की प्यार भरी बात का उसी अंदाज़ में जवाब दिया। तो नीचे से शाज़िया की मोटी प्रेगनेंट फुद्दि भी अपने भाई के मोटे लंड के लिए गरम होने लगी।
"दिल तो चाह रहा है कि आ कर अपनी जान के मोटे मम्मो को चाट खाऊ, मगर तुम तो जानती हो कि इस साली पोलीस की नोकरि में क्या मजबूरी होती है, आज भी आधी रात से पहले घर नही आ पाउन्गा। " ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया से कहा।
"इतना लेट पर क्यों भाई?" शाज़िया अपने भाई के आज भी देर से घर आने की बात सुन कर मुरझा गई।
"नोकर क्या और नखरा क्या मेरी जान। " ज़ाहिद ने जवाब दिया और फिर चन्द मिनट्स मज़ीद अपनी बहन से बात कर कर ज़ाहिद ने फोन बंद कर दिया।
शाज़िया तो आज अपने भाई को उस का बर्थडे का सर्प्राइज़ देने के मूड में थी। इसीलिए अब ज़ाहिद के घर लेट वापसी का सुन कर उसे गुस्सा तो आया।
मगर ज़ाहिद की नोकरी ही कुछ ऐसी थी। जिस में घर वापसी का कोई टाइम सेट नही था। इसीलिए शाज़िया सिवाय गुस्से के और कुछ कर भी क्या सकती थी।
"अब मार्केट तो में आ ही चुकी हूँ,इसीलिए केक और गिफ्ट ले ही लूँ,इस तरह आज ना सही कल सुबह ज़ाहिद भाई को ये केक और गिफ्ट दे दूँगी। " ये ख्याल आते ही शाज़िया ने दोनो चीज़े खरीदी और एक टेक्शी ले कर वापिस घर की तरफ निकल पड़ी।
अगर चे शाज़िया अपने भाई ज़ाहिद की जल्दी घर आमद ना होने की वजह से उदास सी हो गई थी।
मगर इस के बावजूद अपने भाई ज़ाहिद की प्यार भरी बातों ने शाज़िया की फुद्दि को गरमा दिया था।
इसीलिए वो टॅक्सी में अपने घर वापसी के दौरान अपने भाई की जबरदस्त चुदाई को याद कर के अपनी शलवार में ही अपनी फुद्दि का पानी छोड़े जा रही थी।
इधर बाथरूम में शवर लेती रज़िया बीबी ने अपने बेटे ज़ाहिद की दी हुई शेविंग क्रीम से अपनी चूत के बालों को अच्छी तरह सॉफ सुथरा किया। और फिर नहाने के बाद रज़िया बीबी अपने जिस्म पर टॉवल बंद कर वापिस अपने कमरे में आ गई।
अपने कमरे में आ कर रज़िया बीबी ने अलमारी से दुबारा शाज़िया का दिया हुआ शॉपिंग बॅग निकला।
और उस में से एक ब्रेज़ियर और मॅचिंग पैंटी निकाल कर पहन ली।
रज़िया बीबी तो आज से पहले तक सारी जिंदगी अपना ब्रेज़ियर और पैंटी अपने मम्मे और चूत को छुपाने के लिए पहना करती थी।
इसीलिए उसे आज तक पुश अप ब्रेज़ियर और थॉंग पैंटी के बारे में कुछ अंदाज़ा नही था। कि इस तरह के अंडर गारमेंट्स पहनने के बाद किसी औरत का जिस्म देखने में कैसा लगता है।
इसीलिए अपने बेटे ज़ाहिद की पसंद की ब्रेज़ियर और पैंटी को पहन कर रज़िया बीबी ने ज्यों ही शीशे के सामने खड़े हो कर अपने वजूद का जायज़ा लिया।
तो आज ज़ाहिद की सेलेक्ट की इंपोर्टेड ब्रेज़ियर और थॉंग नुमा पैंटी में कसे हुए अपने मोटे और भारी वजूद को पहली बार देख कर खुद रज़िया बीबी की अपनी आँखे खुली की खुली रह गईं।
रज़िया बीबी के 42 ड्ड मम्मे तो पहले ही साइज़ में बहुत मोटे और बड़े थे। जिन को रज़िया बीबी ने आज पहली बार एक पुश अप ब्रेज़ियर में क़ैद किया था।
अब शीशे के सामने खड़े हो रज़िया बीबी ने ज्यों ही अपनी छातियों पर निगाह डाली।
तो रज़िया बीबी को अंदाज़ा हो गया कि उस का पुश अप ब्रेज़ियर ने उस के मम्मो को छुपाने की बजाय पहले से मजीद नंगी कर दिया था।
जब कि कुछ इसी तरह की हालत रज़िया बीबी की लंबी और सुडोल टाँगों में मौजूद उस की मोटी फुद्दि की थी।
इस थॉंग पैंटी की सामने वाला कपड़ा बहुत ही छोटा होने की वजह से रज़िया बीबी के मोटे फुडे के अंदर जा कर फँस गया था।
जिस की वजह से रज़िया बीबी की फुद्दी के फूले हुए लॅब इस पैंटी में से सॉफ नज़र आ रहे थे।
"उफफफफफफफफफफफफफ्फ़! इतने सेक्सी और गरम किस्म के अंदर गारमेंट्स तो ज़ाहिद के अब्बू ने भी कभी नही खरीदे थे मेरे लिए"अपनी भारी छातियों और मोटी फुद्दि पर फँसे हुए ब्रेज़ियर और पैंटी को देखते हुए रज़िया बीबी ने सोचा।
"मेरा बेटे ने तो मेरे लिए ये इतने रेवेलिंग किस्म के ब्राज़ीएर्स और पॅंटीस ऐसे पसंद की हैं,जैसे में उस की माँ ना हुई उस की बीवी हो गई! "अपने मोटे और आधे नंगे जिस्म का जायज़ा लेते हुए रज़िया बीबी ने सोचा।
"ओह! कश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह! में ये कपड़े पहन कर अपने बेटे ज़ाहिद को अपना जिस्म दिखा सकती? " अपने जिस्म का जायज़ा लेते हुए दूसरे ही लम्हे रज़िया के दिल में ख्याल आया। तो उस की फुद्दि में लगी आग एक दम से भड़क उठी।
रज़िया बीबी ने थॉंग के ऊपर से अपनी गरम फुद्दि पर अपना हाथ फेरा।
तो रज़िया बीबी को अंदाज़ा हुआ कि अपने बेटे ज़ाहिद के मुतलक सोच कर ही उस की गरम फुद्दि ने नीचे से इतना पानी छोड़ा है। कि रज़िया बीबी की पैंटी उस की अपनी ही चूत के रस से भीग चुकी थी।
रज़िया बीबी को खड़े खड़े थोड़ी थकावट महसूस हुई। तो वो शीशे के सामने से हट कर अपने बिस्तर पर आन बैठी।
अपने बेड पर बैठ कर रज़िया बीबी ने अपनी पैंटी उतारी। तो रज़िया बीबी ने अपनी पैंटी को अपनी चूत के पानी से बिल्कुल गीला पाया।
"शाज़िया के आने में तो अभी देर है, तो इतनी देर में क्यों ना में अपनी फुद्दि की आग को ही ठंडा कर लूँ!" ये सोचते हुए रज़िया बीबी अपनी पैंटी उतार कर बिस्तर पर सीधी लेट गई।
बिस्तर पर लेटते ही रज़िया बीबी ने अपने ब्रेज़ियर को खैंच कर नीचे करते हुए ब्रेज़ियर में कसी हुई अपनी भारी छातियों को नंगा किया।
और फिर अपने मोटे मम्मो के ब्राउन निपल्स को अपनी उंगलियों में ले कर अपने मम्मो के ताने हुए निपल्स को मसल्ने लगी।
"हाईईईईईईईईईई! अगर कोई मेरी इन छातियों को अपने हाथ में ले कर मसले तो मुझे कितना ज़्यादा मज़ा आए"अपनी छातियों के टाइट हुए निपल्स को अपने हाथ से छेड़ते हुए रज़िया बीबी सिसकारी।
थोड़ी देर अपने निप्पलो को अपने हाथ से छेड़ने के बाद रज़िया बीबी ने अपना एक हाथ अपने एक मम्मे पर ही रहने दिया।
जब कि नीचे से अपने पैरों को चोडा करते हुए रज़िया बीबी अपना ड्सारा हाथ अपनी प्यारी और सॉफ सुथरी चूत पर ले आई।
रज़िया बीबी ने अपने हाथों की दो उंगलियों से अपनी मोटी फुद्दि के फूले हुए होंठो को खोला। और अपनी बीच की उंगली से अपनी गीली चूत के दाने को छुआ।
"ओह! हाआआआआआ!" अपनी चूत के मोटे दाने को अपनी उंगली से टच करते ही रज़िया बीबी के सबर का पैमाना लबरेज हो गया।
मज़े की शिद्दत से रज़िया बीबी की आँखे खुद ब खुद बंद हो गईं। और वो सिसकियाँ लेते हुए अपनी चूत के छोले (दाने) पर अपनी उंगली की रफ़्तार को बढ़ाने लगी।
अब रज़िया बीबी अपने एक हाथ से अपने मोटे मम्मे के निपल को मसल रही थी।
जब कि दूसरे हाथ की उंगली को अपनी गीली फुद्दि के उपर रगड़ रगड़ कर अपनी गरम और प्यासी फुद्दि में लगी हुई चुदाइ की आग को अपने हाथ से ठंडा करने की कोशिश करने लगी।
अपने जिस्म की जिन्सी भूक के हाथों रज़िया बीबी इतनी मदहोश और मजबूर हो चुकी थी। कि लाख रोकने के बावजूद रज़िया बीबी के मुँह से सिसकारियाँ फूट फूट कर ना सिर्फ़ कमरे में बल्कि पूरे घर में गूंजने लगी थी।
जारी रहेगी