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Click hereअम्मी बनी सास
PART 086
तीसरा फराद
रज़िया बीबी अपने घुटनों के बल बिस्तर पर बैठ कर अपनी बेटी की चूत पर अपनी ज़ुबान फिराने में मसरूफ़ थी। और इस अमल के दौरान रज़िया बीबी ने अपनी आँखे बंद की हुई थी।
ज़ाहिद ने देखा कि उस की अम्मी अपनी बेटी शाज़िया की गरम चूत को मज़े ले ले कर चाटने में इतनी मसरूफ़ थी। कि रज़िया बीबी को एक लम्हे के लिए भी कमरे में किसी तीसरे फराद की मौजूदगी का अहसास ना हुआ।
रज़िया बीबी बिस्तर पर लेटी शाज़िया की टाँगों के दरमियाँ कुछ इस तरह से झुक कर अपनी बेटी की चूत का गरम पानी पीने में मसरूफ़ थी। कि रज़िया बीबी का मोटा जिस्म बेड के आखरी किनारे पर आ चुका था।
जब कि अपने घुटनों पर बैठ के आगे की तरफ झुकने से रज़िया बीबी की मोटी चूत की फाँकेपीछे से पूरी तरह खुल गई थी।
"उफफफफफफफफफफ्फ़! मेरिइईईईईई! अम्मी की चूत के लब कितने फूले हुए हैं" कमरे में आ कर ज़ाहिद ज्यों ही अपनी अम्मी के पीछे खड़ा हुआ।
तो डबल रोटी की तरह फूली हुई अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे को इतने करीब से देख कर ज़ाहिद की साँस उस के हलक में ही अटक गई।
"ओह अपनी बहन शाज़िया के बाद अगर मेरा लंड किसी और चूत के लिए मचला है, तो वो मेरी अम्मी की ये गरम चूत ही हाईईईईईईईईईई!"अपनी अम्मी की चूत के खुले हुए लिप्स से अम्मी की मोटी पिंक चूत को पहली बार अंदर तक देख कर ज़ाहिद का लंड अपनी पूरी आबो-ताब से फन्फाना उठा।
अपनी अम्मी की खुली हुई फुद्दि को इतने करीब से देख कर ज़ाहिद के लिए अब मज़ीद सबर करना ना मुमकिन था।
इसीलिए ज़ाहिद ने जोश में आते हुए बड़ी तेज़ी के साथ अपनी अम्मी की गान्ड की थर्कति पहाड़ियों को अपने दोनो हाथों में जकड़ा। और इस से पहले के अपनी बेटी की चूत चाट्ती रज़िया बीबी को कुछ समझ आता।
ज़ाहिद ने एक भरपूर झटके से अपनी अम्मी की सालों से प्यासी चूत में अपना फॉलादी जवान लंड उडेल दिया।
एक तो ज़ाहिद ने अपने लंड को अपने थूक से पूरी तरह तर कर के काफ़ी गीला किया हुआ था।
दूसरा रज़िया बीबी की चूत भी उस की अपनी बेटी शाज़िया की सकिंग की वजह से खूब पानी पानी हो रही थी।
इसीलिए ज़ाहिद ने ज्यों ही अपनी अम्मी की मोटी चूत के खुले मुँह पर अपने सख़्त और जवान लंड को रख कर एक झटका दिया।
तो ज़ाहिद के लंड का मोटा टोपा फिसलता हुए उस की अम्मी के उस फुद्दे में दाखिल हो गया।
जिस फुद्दे से कई साल पहले ज़ाहिद ने निकल कर इस दुनिया में जनम लिया था।
"ओह! हाईईईईईईईईईई! में मर गैिईईईईईईई!, कौन हो तुम,छोड़ो मुझे " ज्यों ही ज़ाहिद का लंड अपनी अम्मी की चूत की दीवारो को फाड़ता हुए रज़िया बीबी की फुद्दि में घुसा । तो रज़िया बीबी एक दम से चीखी और उस ने फॉरन अपना सर उठा कर पीछे देखने की कोशिश की।
"ओह! ये कोई गैर नही बल्कि मेरा शोहर और आप का अपना बेटा ज़ाहिद भाई का जवान और गरम लंड है, अम्मी जान!" शाज़िया ने ये कहते हुए अपनी अम्मी के सर पर अपना हाथ रखा, और अपनी अम्मी के मुँह को फिर से अपनी चूत के साथ लगा दिया।
ज़ाहिद का लंड ज्यों ही अपनी अम्मी रज़िया बीबी के मोटे फुद्दे में घुसा, तो रज़िया बीबी को सच मुच ऐसा लगा। जैसे किसी ने उस की चूत में एक तेज़ धार चाकू घुसेड दिया हो।
ज़ाहिद के मोटे लंड की वजह से रज़िया बीबी की फुद्दि में दर्द की एक शदीद सी लहर उठी। रज़िया बीबी के पूरे वजूद में एक करंट सा दौड़ गया।
इतना दर्द तो रज़िया बीबी को अपनी सुहाग रात में ज़ाहिद के मेरहूम अब्बू से अपनी कंवारी चूत फ़रवाते वक्त नही हुआ था।
जितना दर्द वो आज इतने सालों बाद अपनी उस फुद्दि में महसूस कर रही थी। जिस फुद्दे से उस ने अब तक 5 बच्चे पैदा किए हुए थे।
इस दर्द की वजह शायद ये रही हो गी। कि रज़िया बीबी अपनी शादी के बाद से सिर्फ़ अपने मेरहूम सोहर के लंड की ही आदि थी। जो कि ज़ाहिद के लंड के मुकाबले में काफ़ी पतला और छोटा था।
इसीलिए अपनी बेवगी के इतने सालों बाद आज जब रज़िया बीबी की चूत में उस के अपने सगे जवान बेटे का मज़बूत लंड। रज़िया बीबी की चूत के बंद दरवाज़ों को खोलता हुआ अपनी अम्मी की फुद्दि के सहन में दाखिल हुआ।
तो अपने बेटे के तगड़े लंड को अपनी फुद्दि के अंदर पा कर रज़िया बीबी की ना सिर्फ़ चूत बल्कि उस का पूरा वजूद काँप उठा।
रज़िया बीबी को इतने सालों बाद अपनी भूरी फुद्दि में अपने ही जवान बेटे का सख़्त और गरम लंड डलवाते वक्त इतना मज़ा और सकून मिला। कि दूसरे ही लम्हे रज़िया बीबी अपनी चूत से निकलाते हुए दर्द को एक दम बुला कर लज़्जत की इंतहा पर पहुँच गई। और वो एक दम से सिसक उठी"आआअहह ऊओफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़!"।
"हाईईईईईईईईई! तुम दोनो बहन भाई ने मेरी क्या हालत बना दी है आज,चलो हटो छोड़ो मुझे बे शर्मो" रज़िया बीबी ने ये कहते हुए शाज़िया के हाथ को अपनी सर से हटा कर अपने आप को अपने बेटे ज़ाहिद और बेटी शाज़िया के चुंगल से निकालने की फिर कोशिश की।
मगर शाज़िया और ज़ाहिद दोनो बहन भाई के हाथों की पकड़ अपनी अम्मी के वजूद के गिर्द काफ़ी मज़बूत थी।
इसीलिए रज़िया बीबी अपने आप को अपने बच्चो की क़ैद से रिहाई ना दिला सकी।
आज अपनी फुद्दि की आग को अपने दोनो बच्चो के मुँह और लंड से बुझवाने के बावजूद रज़िया बीबी अपने बच्चो और खास तौर पर ज़ाहिद के सामने ना जाने क्यों शरमाने का झूठा नाटक करने लगी थी।
"ज़ाहिद भाई के मोटे लंड के लिए आप के तड़पने का नज़ारा, चन्द दिन पहले में अपनी आँखों से देख चुकी हूँ, इसीलिए अब आप सती सावित्री औरत बनने का ड्रामा छोड़ो, और मेरी तरह आप भी,अपनी गरम फुद्दि की प्यास अपने बेटे के मोटे लंड से बुझवा लो अम्मी जी" शाज़िया अपनी अम्मी के रवैये से समझ गई कि उस की अम्मी रज़िया बीबी जान बूझ कर शरमाने का नाटक कर रही है।
इसीलिए शाज़िया ने अपनी अम्मी रज़िया बीबी के सर को पकड़ कर उसे अपनी चूत के उपर ज़ोर से दबाते हुए अपनी अम्मी से कहा।
"हान्न्न तुम सही कह रही हो शाज़िया,तुम्हारी तरह मेरी चूत भी तुम्हारे भाई के इस मोटे लंड के लिए काफ़ी टाइम से मचल रही है मेरी बचिईीईईईई!" अपनी बेटी के सामने अपनी गरम फुद्दि का राज़ खुल जाने का सुन कर एक लम्हे के लिए रज़िया बीबी को थोड़ी शर्मिंदगी सी महसूस हुई।
"हाईईईईईईई! आज मेरे दोनो बच्चो ने मेरे इस सदियों के प्यासे जिस्म की प्यास बुझाने का बीड़ा अपने सर उठा ही लिया है,तो अब मुझे भी अपने बच्चो के रंग में रंग कर ज़िंदगी के इस नये मज़े से लुफ्त अंदोज होना चाहिए" दूसरे ही लम्हे रज़िया बीबी के दिल में ख्याल आया। तो उस ने अपनी चूत और जिस्म को ढीला छोड़ दिया।
"हाईईईईईईईईईईईईईईईई! आप की चूत में तो शाज़िया की फुद्दि से ज़्यादा गेर्मी है अमि, ईईईईईईई! जीिइईईईईईईईईईई!" ज्यों ही रज़िया बीबी की चूत ने ढीली हो कर अपनी फुद्दि की गीली और मोटी दीवारों से अपने बेटे के मज़बूत लंड को अपनी ममता की शफकत भरी गिरिफ्त में लिया।
तो अपनी अम्मी की चूत की अन्द्रूनि गर्मी को अपने मोटे लंड की नसों (वाइन्स) पर महसूस कर के ज़ाहिद पागल हो गया।
ज़ाहिद को आज से पहले अगर किसी औरत की चूत ने सही महीनो में मज़ा दिया था। तो वो औरत उस की अपनी सग़ी बहन शाज़िया की फुद्दि थी।
जिस की गरम और प्यासी फुद्दि में पहली बार लंड डालने के बाद ज़ाहिद दुनिया की सारी चुतो को बुला बैठा था।
मगर आज अपनी सग़ी अम्मी की फुद्दि में लंड डाल कर ज़ाहिद को अंदाज़ा हुआ था। कि बेटी की चूत चाहे कितनी ही गरम क्यों ना हो। माँ की चूत तो फिर माँ की चूत ही होती है।
शाज़िया की गरम फुद्दि रज़िया बीबी की चूत की इसी गरम भट्टी से बन कर निकली थी।
जिस गरम भट्टी को इस वक्त ज़ाहिद अपने मोटे और तगड़े लंड के पाइप से पानी डाल डाल कर ठंडा करने की नाकाम कोशिश कर रहा था।
मगर हक़ीकत ये थी। कि रज़िया बीबी की फुद्दि में इतनी आग भरी हुई थी। कि अपनी अम्मी की गरम,प्यासी और चुड़क्कड़ फुद्दि के आगे आज ज़ाहिद के मज़बूत और जवान लंड की भी दाल नही गल रही थी।
ज़ाहिद अपने लंड को थोड़ा पीछे खैंचते हुए अपनी अम्मी की चूत के मुँह तक लाया। और फिर एक ज़ोर दार धक्का लगाया।
तो ज़ाहिद का लंड जड़ तक उस की अम्मी रज़िया बीबी की बरसों से प्यासी चूत में जगह बनाने लगा।
"ओह कित्नाआआआ मोटॅययायीययाया और सख़्त लंड है तुम्हाराआआआआआअ ज़ाहिद, मुझे आज पता चला कि क्यों मेरी बच्ची शाज़िया तुम्हारे इस लौडे के पागल होती रही है मेरे बचययययययययययययी! " रज़िया बीबी भी अपनी बेटी शाज़िया की तरह कब से अपने बेटे ज़ाहिद के गरम और सख़्त लंड के लिए तड़प रही थी।
इसीलिए आज ज़ाहिद के लंड ने ज्यों ही अपनी सग़ी अम्मी की प्यासी चूत में जा कर अपनी अम्मी की गरम चूत को अपने लंड की ठंडक पहुँचाई।
तो रज़िया बीबी ने भी शाज़िया की तरह अपनी शर्म का नकाब अपने चेहरे और चूत से उतार दिया।
और किसी बे शर्म चुड़क्कड़ औरत की तरह अपनी भारी गान्ड को पीछे की तरफ उठा उठा कर अपने जवान बेटे के साख लंड को अपनी फुद्दि के अंदर जज़्ब करने लगी।
"कैसाआआआअ लगा आप को मेरे शोहर का लंड अम्मी जान" जब शाज़िया ने अपनी अम्मी के मुँह से अपने भाई के लंड की तारीफ सुनने के साथ साथ अपनी अम्मी को अपनी गान्ड उठा कर अपने बेटे का लंड लेते देखा।
तो शाज़िया समझ गई कि उस की अम्मी रज़िया बीबी अब खुद अपनी चूत को अपने बेटे ज़ाहिद के जवान लंड के हवाले कर चुकी है।
इसीलिए अब उसे अपनी अम्मी के सर को मज़ीद ज़बरदस्ती पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने की ज़रूरत नही रही।
ये बात सोचते ही शाज़िया ने अपने हाथ को अपनी अम्मी के झुके हुए सर पर ढीला छोड़ दिया। और अपनी चूत को नीचे से उठा कर अपनी अम्मी के होंठो पर रगड़ती हुए रज़िया बीबी से पूछने लगी।
अब कमरे में हालत ये थी, कि ज़ाहिद जब पीछे से अपनी अम्मी की चूत में अपना मोटा लंड डालता। तो अपनी अम्मी की चूत को अपने मोटे लंड के लिए खुलता और बंद होता महसूस कर कर ज़ाहिद के मुँह से सिसकियाँ निकल जाती।
दूसरी तरफ दरमियाँ में लेटी हुई रज़िया बीबी को जब पीछे से अपने बेटे का ज़ोर दार झटका लगता।
तो रज़िया बीबी सिसकती हुई अपने आगे लेटी हुई अपनी जवान बेटी शाज़िया की चूत पर अपनी ज़ुबान रगड़ देती। जिस की वजह से शाज़िया के मुँह से भी सिसकियाँ फूट पड़ती।
और अब घर के इन तीनो अफराद ( लोगों ) की आपस में चुदाई की वजह से उन की सिसकियाँ और चुदाई की गरम आवाज़े पूरे घर में फैल कर घर के माहौल को मज़ीद रंगीन बना रही थी।
"ओह अब तुम्हारी तरह मुझे भी अपने बेटे ज़ाहिद के इस मोटे और लंबे लंड को अपनी चूत में लिए बिना चैन नही आएगा मेरी बचिईीईईईईईई!" शाज़िया की बात का जवाब देते हुए रज़िया बीबी ने शाज़िया की चूत से अपना मुँह अलग किया और शाज़िया की खुली टाँगों के दरमियाँ से उठ कर अपनी बेटी के जिस्म के बिल्कुल उपर आन कर लेट गई।
जिस की वजह से दोनो माँ बेटी के चेहरे एक दूसरे के बिल्कुल आमने सामने आ गये।
जारी रहेगी