मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 22

Story Info
जेन ने कौमार्य मुझे सौंप दिया.
5.8k words
0
236
00

Part 23 of the 47 part series

Updated 10/30/2023
Created 09/04/2021
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

जेन उस वक्त इसीलिए खुश थी. कि अब उस की रूखी ज़िंदगी और प्यासी चूत में रोनक आने वाली थी । एक दूसरे के लिए गरमी और प्यास इतनी बढ़ गयी थी की दोनों के लिए रुकना अब मुमकिन नहीं था ।

उसने अपनी उंगली अपनी चुत में डाली और फिर मेरे मुँह में डाली और बोलै, "मेरी उंगली पर मेरी प्यासी चूत का पानी लगा हुआ है. इस को चूस कर उस की गर्मी का अंदाज़ा लगा सकते हो, कि वो तुम्हारे लंड के लिए कितनी तड़प रही है ।"

मैंने फॉरन अपने मुँह में डाली हुई जेन की उंगली को चूसना शुरू कर दिया. और उंगली पर लगे हुए नमकीन पानी का ज़ायक़ा बहुत ही अच्छा लगा और मैं जेन की उंगली को "शर्प शरप" कर के चाटने लगा ।

"बस भी करो मेरी उंगली भी खा जाओगे क्या?" जेन ने मेरे मुँह से अपनी उंगली निकाली और मुझे धकेल कर थोड़ा पीछे किया ।

वाकई ही तुम्हारी चूत के पानी का ज़ायक़ा बहुत मस्त है" मैंने अपने होंठो पर ज़ुबान फेरते हुए कहा।

अच्छा अब जल्द ही दिल भर कर अपने होंठो और ज़ुबान की प्यास बुझा लेना,अब तुम मुझे बताओ कि तुम्हारा लंड कितना तड़प रहा है मेरी गरम फुद्दि में जाने के लिए?

मेरे लंड को आज एक नई कुंवारी और करारी फुद्दी चोदने को मिल रही थी. इसीलिए वो आज पहले से भी ज़्यादा जोश में आते हुए सख़्त और तन चुका था।

फिर उसने मेरा लंड छुआ और उसे कड़क पाकर बोली ओह आमिर! ये तो बॉर्डर पर खड़े हुए फौजी की ऐसे अकड़ कर खड़ा है।

आज जेन वाकई ही बहुत अच्छी तरह से तैयार हो कर आई थी. इसीलिए वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। जेन को देख कर विश्वास हो गया की मुझ पर किस्मत जबरदस्त मेहरबान थी कि पहले से ही बला की खूबसूरत, परफेक्ट शारीरिक बनावट की मालकिन जेन ने आज ही अपनी चूत को क्लीन सेव भी किया और बॉडी हेयर भी क्लीन किये। ऊपर से खूबसूरत बॉडी आयल और मेकअप ने सोने पर सुहागा कर दिया। इससे सामने से देखने वालो को जेन साक्षत आसमान से उतरी बिना कपड़ो की हूर जैसी लग रही थी। मेरी नजर कभी जेन के रस टपकाते ओठ पर अटक जाती, कभी जेन के गोलाकार सुडौल गोरे स्तनों पर टिक जाती, तो कभी दो जांघो के बीच बने गोरे मखमल जैसे चिकने और रपटीले गुलाबी चूत घाटी के त्रिकोण पर, कभी वह जेन की चिकनी गोरी मांसल जांघे घूरने लगता। मुझे समझ ही नहीं आ रहा था किसको ज्यादा देर तक निहारू। जेन ने सर झुककर एक बार खुद को निहारा और अपने खूबसूरत मादक जिस्म की मादकता में मन ही मन में आनंदित होकर वासना की समुद्र में गोते लगाने लगी लगी।

मैं जेन की जिस्म के और करीब आ गया जेन ने कुछ तो डर के मारे और कुछ आगे होने वाले का अनुमान लगाने के लिए अपनी आंखे बंद कर ली। जैसे ही मेरा सख्त हाथ उसकी कमर के नीचे से वासना से दहकती उसकी जांघो के बीच में नरम चिकनी त्रिकोण चूत घाटी के भूतपूर्व बालो के चिकने जंगली इलाके (जो अभी पूरी तरह से साफ़ सुथरा गुलाबी चिकना मैदान था) पर से फिसलता हुआ नीचे बढ़ा, जेन ने पैर फैलाकर खुद ही पूरी तरह से हथियार डाल दिए।

फिर मैंने जेन के होंठों पर अपने होंठों रख दिए होंठ चसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया। उसकी कमर पर हाथ फेरा तो उसके पूरे जिश्म में कंपन होने लगी।

मेरी सेक्सी छुअन से जेन पागल हो गयी, मेरी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था!

मैंने जेन को अपनी तरफ किया और अपने होंठों को जेन के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। मैं बहुत जोश में था और जेन के होंठों पर ही टूट पड़ा। फिर मैं जेन को की चूचियों को दबाने लगा।

मैंने अपना मुँह जेन की गर्दन पर किया और उस पर किस करने लगा। उसके शरीर से पसीने और लेडीज परफ्यूम की महक आ रही थी जो मुझे मदहोश कर रही थी! मैंने जेन के गले पर किस करते हुए अपना मुँह जेन के कान के पास किया और मेरे कान में कहा- जेन! आप बहुत अच्छी लग रही है!

मैंने उसकी एक चूची को मुँह में ले लिया और दूसरी को हाथ से सहलाने लगा। मैंने अब उसकी दूसरी चूची को मुँह में ले लिया और उसकी पहली चूची को जोर से दबाया। जेन ने एक सिसकी-सी ली। अबकी बार मैंने थोड़ा-सा और जोर से दबाया। अब उसकी सिसकी में दर्द पैदा हो गया।

जेन ने मेरे सामने अपने जिस्म और मन दोनों का समर्पण कर दिया, अब उसके अन्दर किसी बात का प्रतिरोध करने की शक्ति ख़त्म हो गयी थी। जेन ने अपनी जांघे मेरे लिए खोल दी थी।

उसकी दुधिया गुलाबी गीली चिकनी चूत दिखने लगी। मैं तो उसकी चूत की बनावट को देखकर हैरान रह गया, भला कोई चूत इतनी खूबसूरत कैसे हो सकती है। चिकनी सुडौल गोरी-गोरी मांसल जांघो के बीच में स्थित जेन की गीली गुलाबी सफ़ेद चूत अलग ही चमक रही थी। चूत की शुरुआत में ऊपर गुलाबी परतो के बीच उसका चूत दाना छिपा हुआ था उसके नीचे सलीके से दोनों गुलाबी ओठों की फांके नीचे की तरफ गयी हुई थी और चूत के मुहाने पर पंहुचते-पंहुचते गायब हो गयी थी। पूरी चूत बिलकुल साफ़ दुधिया गुलाबी रंग से नहाई हुई, आसपास की चमड़ी भी उसी रंग में चमक रही थी।

एक दम साफ़ हल्की गुलाबी लालिमा लिए जेन की चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी और उसकी चूत रस उसके पतले गुलाबी ओठो को सरोबार किये हुए था। मैं तो बस जेन की चूत देखता ही रह गया। फिर मेरे फिसल हाथ जेन की कमर तक पहुँच गए थेl मैंने अपना हाथ धीरे से जेन की जांघो के बीच उस वर्जित इलाके चूत घाटी की तरफ बढ़ाया, जहाँ आज से पहले बस उसके स्वर्गीय पति और प्रियम की उंगलिया गयी थी। उसने धीरे से अपनी उंगलिया जेन की चूत की तरफ बढ़ाई और बहता चूत रस पोछने लगा

जेन का चूत रस उंगलियों पर लेकर उसका रस पान करने लगा। रसपान करने के बाद उसने हलके से जेन की चूत के गुलाबी गीले ओठों को फैलाया और गुलाबी चूत दाने को रगड़ने लगा।

वासना में तपती जेन की तेज धडकनों से बढे तेज खून के बहाव के कारन लाल गुलाबी होकर कर फूल गए चूत दाने या चूतलंड को जैसे ही मैंने छुआ, तो जेन के सुडौल मांसल चुतड अचानक से झटके में ऊपर को उठ गए, ऐसा लगा जैसे उसे बिजली का करंट लगा हो।

मैंने जेन के गुलाबी लाल फूले हुए चूत दाने पर उंगली का दबाव बढ़ा दिया और पांच सात बार तेजी से रगड़ दिया। और फिर कुछ देर तक मसलता ही रहा।

जेन के मुहँ से मादक कामुक कराह निकल गयी-ओह्ह! उफफफफफफफफ्फ़! ओह्ह्ह्ह! यस ओह्ह्ह्हह! यस।

मैंने जेन के चूत दाने को मसलना जारी रखा। जेन की कमर अपने आप झटके खाने लगी। उसके मुहँ से सिकरियाँ फूटने लगी।

जेन-आह्ह्हह्ह्ह्ह! मैं आअऊऊऊह्ह्ह्ह! ऊऊऊह्ह्ह।

मैंने धीरे से अपनी उंगलियाँ जेन की बाल रहित चिकनी चूत के पतले-पतले गुलाबी ओठो की तरफ बढ़ा दी और उन्हें सहलाने लगी, उनसे छेड़खानी करने लगा। पहले से ही सेंसिटिव गरम गीली चूत के ओठो को रगड़ना जेन के बर्दाश्त से बाहर हो गया।

जेन की नरम, गोरी, चिकनी और वासना की आग में जलती गुलाबी चूत को ऊपर से सहलाते मैंने ऐसा अपने सेक्स जीवन में कभी भी एक्सपीरियंस नहीं किया था, उसने जेन की गीली हो चुकी गुलाबी चूत को बमुश्किल अभी हाथ ही लगाया है और जेन के होश फाख्ता हो गए है, उसका खुद पर से काबू ख़तम हो गया है।

फिर मैंने उसकी चत के मुँह पर उंगली रख दी। उसकी चूत में जैसे आग निकल रही थी। मैंने अपनी उंगली को जरा-सा अंदर डाला, तो वह सीईईईll कर उठी।

मैंने जेन की चूत के ओठो को धीरे से इधर उधर किया और अपनी मध्य उंगली को उसकी बेहद कसी गीली गरम गुलाबी चूत में डालने लगा, चूत की दीवारे एक दूसरे से सटी हुई थी और चूत के छेद को इस कदर कस के रखा था कि हवा को भी जगह बनानी पड़े। उसकी उंगली को चूत की कसी दीवारों के जबदस्त विरोध का समाना करना पड़ रहा था। मैंने उंगली पर और जोर डाला, नाख़ून तक उसकी उंगली चूत की गुलाबी, मलमली, गीली दीवारों को चीरती हुई अन्दर घुस गयी। जेन के पूरे शरीर में कंपकपी दौड़ गयी, उसका पूरा शरीर उत्तेजना से गरम होने लगा।

मैंने और दबाव बढ़ाया, उंगली जेन की चूत की दीवारों का विरोध चीरती हुई अन्दर घुसती चली गयी, मैंने थोडा थोड़ा करके पूरी उंगली जेन के चूत में पेल दी। चूत की दीवारे अभी भी हार मानने को तैयार नहीं थी, वह बार-बार उंगली को बाहर की तरफ ठेलने की कोशिश करती। आखिरकार चूत की दीवारों के बीच मेरी उंगली ने अपने लिए जगह बना ही ली। जेन की चूत की नरम मखमली दीवारे जो चूत के रस से सराबोर हो चुकी थी, मेरी उंगली को कसकर चारो ओर जकड लिया। मैंने जेन की चूत में उंगली घुसेड कर अन्दर बाहर करनी शुर कर दी और अपनी गीली जीभ जेन के फूले हुए लाल चूत दाने पर रख दी और उसे चूमने चाटने लगा।

हमारी चुदाई का नंगा नाच लूसी और देना दोनों चुपचाप देख रही थी।

मुझे जेन की चूत की कसावट का अंदाजा हो गया था। जेन की चूत बहुत टाइट थी। जेन की मखमली चूत की दीवारों की सलवटे मैं अपनी उंगली पर महसूस कर रहा था। मैंने झटके से उंगली बाहर खींची और फिर झटके से अन्दर डाल दी। जेन का शरीर पूरी तरह से काम वासना की उत्तेजना से अकड़ने लगा था, उसके मुहँ से निकलने वाली आहे कराहे और तेज हो गयी थी। वह मुझे अपने ऊपर खीचने की कोशिश करने लगी। मैंने अब दूसरी उंगली भी चूत में घुसेड दी और तेजी से उंगली को जेन के चूत के छेद में अन्दर बाहर करके जेन की गरम गीली चूत को दो उंगलियों से चोद रह था और अपने नीचे लेटी खूबसूरत जेन को एकटक देखता जा रहा था।

मैंने अपनी उंगली से चूत का चोदना रोक दिया और फिर अपने पैर फंसा कर जेन के पैरो को और फैला दिया, जेन की चूत पर एक भी बाल नहीं था इसलिए अब कोई भी दूर से जेन की चिकनी गोरी गुलाबी चूत के खुले ओठो और गुलाबी छेद को देख सकता था। जिसे चूत की दीवारे कसकर बंद किये हुई थी। मैं पूरी तरह से जेन के ऊपर आ गया उसने अपने पैरो को हिलाकर थोडा एडजस्ट किया। अब खून से लबालब भरा मोटा लंड, जिसकी नसे दूर से ही देख रही थी, जेन की जांघो के बीच बिलकुल चूत के मुहाने पर झूल रहा था।

हर धड़कन के साथ कांपते मोटे लबे लंड को जिसका सुपाडा खून की वजह से फूल कर टमाटर जैसा लाल हो गया था को देखकर जेन ने अपनी आंखेबंद कर ली। ये मोटा-सा बड़ा-सा फूला हुआ लंड अभी उसकी चूत की दीवारों को चीर कर रख देगा, फाड़ कर रख देगा, इसी ख्याल से जेन का रोम-रोम खड़ा हो गया। जेन के शरीर में सिहरन दौड़ गयी। मैंने जेन के ओठो को कसकर चूमा और फिर खुद की कमर को थोडा नीचे झुकाते हुए, हाथ से चूत के दोनों ओठो को अलग-अलग किया और फिर लंड को चूत के लाल फूले हुए चूत दाने पर रगड़ दिया।

बस कुछ ही पलो में...जेन के मुहँ से एक लम्बी कामुक कराह निकल गयी--आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह-ओह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़। जेन उत्तेजना के इस भंवर को संभाल नहीं पाई और उसका शरीर कांपने लगा, उसके नितम्ब अपने आप उठने गिरने लगे। शायद वह झड़ने लगी थी। कुछ देर तक वह इसी तरह हिलती रही और फिर शांत हो गयी। हालाँकि वह मेरा साथ न दे पाने के लिए शर्मिंदा थी लेकिन उसकी उत्तेजना पर उसका कोई नियंत्रण नहीं था। इन सब का अनुभव था इसलिए मैंने जेन के सुडौल गोरे स्तनों को मसलना तेज कर दिया, जेन के गले और कान के पीछे तेजी से चूमने लगा, चाटने लगा।

बारी बारी से उसके मांसल सुडौल गोरे-गोरे स्तनों को मसलते हुए बीच-बीच उसके फूले हुए लाल चूत दाने को रगड़ने लगता। दूसरे हाथ से उसके नरम-नरम बड़े बड़े मांसल चुताड़ो मसलने लगता, जेन की कमर उठाकर, उसकी जांघे और चूत घाटी त्रिकोण पर खुद का फडकता हुआ मोटा लम्बा लंड रगड़ने लगता।

धीरे धीरे जेन का जिस्म फिर से गरम होना शुरू हुआ, मैंने अपने मोटे लंड के फूले हुए सुपाडे से जेन का फूला चूत दाना जोरे से रगड़ दिया और फिर मैंने लंड को जेन की गुलाबी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया

मोटे मुसल जैसे लंड के फूले हुए सुपाडे से लालिमा लिए चूतदाना रगड़ने से जेन बहुत जल्दी फिर से पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी। जेन की आहे फिर निकालनी शुरू हो गयी, कुछ ही पलो में जेन फिर से वासना के भंवर में मस्त होकर सिसकारियाँ भरने लगी, उसकी चूत की दीवारों से फिर पानी झरने लगा। मैंने जेन की गुलाबी चिकनी चूत पर अपना लंड रगड़ना अनवरत जारी रखा। जेन वासना में मस्त होकर सिसकारियाँ भरती रही।

इन्ही मादक कराहो के बीच मैंने लंड को जेन की चूत के छेद पर रखा और रगड़ने लगा।

जेन की कराहे और सिसकारियाँ बढती जा रही-रही थी। मैंने कमर को और झुकाते हुए लंड को जेन की चूत से सटा दिया और उसकी चूत रगड़ने लगा। जेन भी उसकी चूत को सहलाते मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी।

मैंने जेन की चिकनी गुलाबी गीली चूत को सहलाते-सहलाते जेन की चूत के ओठ खोल दिए और-और अपने खड़े लंड का फूला सुपाडा उसकी मखमली गुलाबी चूत पर सटा दिया। जेन को लगा अब बस मैं अपना मुसल लंड उसकी चूत में पेल देगा। मैं जेन की जांघो को अपने और करीब ले आया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पर लगा दिया

मैंने कमर पर जोर लगाया और अपने मोटे लंड का फूला हुआ सुपाडा जेन की चूत में पेलने की कोशिश करने लगा। उसने आइस्ते से जेन के कसे संकरे चूत छेद पर दबाव बढ़ाया और अपने सुपाडे को जेन की गीली चूतरस से भरी चूत के हवाले करने लगा। जेन की चूत के गुलाबी ओंठ उसके फूले सुपाडे के इर्द गिर्द फ़ैल गए।

जेन की चूत पर लंड सटाने के बाद उसने दो बार लंड को चूत में पेलने की कोशिश की और दोनों बार चिकनी चूत की कसी दीवारों और उसके चारों तरफ फैले चिकने चूत रस के कारन के कारन लंड फिसल गया।

मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा जेन की कुँवारी चूत के छोटे से छेद पर रख दिया। जेन अब लंबी-लंबी साँसे लेने लगी थी। मैंने इस बार लंड को जड़ से पकड़कर चूत के मुहाने पर लगाया और जोर का धक्का दे मारा। मैंने अपने लौड़े को जरा-सा जोर से दबाया तो थोड़ा-सा लण्ड उसकी चूत में घुसा। जेन के चेहरे पर दर्द दिखाई दे रहा था। मैं उसको अभी और तड़पा के चोदना चाहता था। मैंने उसकी चूत में अपना लण्ड थोड़ा-सा और घुसा दिया, तो उसकी चीख निकल गईं।

जेन की चूत की मखमली कुँवारी गुलाबी गीली दीवारों को चीरता हुआ लंड का सुपाडा चूत में घुस गया।

मेरे लंड का मोटा सुपाडा अन्दर जाते ही जेन दर्द से कराह उठी, जेन का पूरा शरीर काम उत्तेजना के कारन गरम था, चूत भी गीली थी, लगातार उसकी दीवारों से पानी रिस रहा था और जेन भी मेरा मोटा फूला हुआ मुसल लंड चूत में अन्दर तक लेने के लिये मानसिक रूप से तैयार थी फिर भी मेरा लंड इतना लम्बा और मोटा तगड़ा था किसी भी रोज चुदने वाली औरत की चीखे निकाल दे और जेन की चूत ने तो पहली बार लंड के दर्शन किये थे।

जेन-आआअह्ह्ह आआआआआह्हह्हह्हह्हहईईईईईईईईई स्सस्सस्स मैं आह्ह्हह्ह स्सस्सस्सस, हाय मैं मर गयी, प्लीज मैं बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज इसे बाहर निकाल लो, वरना मेरी चूत फट जाएगी, आआआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ।

चूत की दीवारों में हाहाकार मच गया, दर्द के मारे चूत का बुरा हाल हो गया, जेन ने मुट्ठिया भीच ली, उसके जबड़े सख्त हो गए और अपने निचले ओठो को दांतों के बीच में कसकर दबा लिया। पूरे शरीर को कड़ा करके दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगी।

चूत की दीवारे पूरा जोर लगाकर लंड को बाहर ठेलने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं कमर से पूरा दबाव बनाये हुए था, जिससे दर्द से फाड़फाड़ती चूत की दीवारों अपनी हर कोशिस के बाद भी लंड को बाहर की तरफ ठेलने में नाकाम रही। चूत की मखमली चिकनी गीली दीवारों के पास और कोई रास्ता ही नहीं बचा था, आखिर मेरे गरम लोहे जैसे सख्त, खून के भरने से फूलकर मुसल बन गए मोटे लंड के फूले हुए सुपाडे को अपने आगोश में लेना ही पड़ा, चूत की गुलाबी दीवारों की सलवटे फैलने लगी। जेन दर्द से चीखने लगी, मेरी सख्त पकड़ के नीचे उसका पूरा कसमसाने लगा, खुद को मेरी पकड़ से आजाद करने की कोशिश करने लगी। पैर पटकने लगी, अपनी गुदाज जांघो को सिकोड़ने लगी, नितम्बो को नीचे की तरफ दबाने लगी ताकि भीषण दर्द से बेहाल जेन की चूत से सुपाडा बाहर निकल जाये।

मैंने अभी सिर्फ अपने लंड का सुपाडा घुसाया था और जेन की दर्द भरी कराह सुनकर सोच में पड़ गया। अभी इसका ये हाल है तो जब पूरा लंड जायेगा ये तो बेहोश ही हो जाएगी। जेन की हालत देखकर मैं जेन की चूत से लंड निकालने वाला ही था लेकिन निकाला नहीं बल्कि, मैंने जेन की ओठो पर ओठ रख दिए और उसे बेतहाशा चूमने लगा। कुछ देर तक चूमता ही रहा।

दर्द से परेशान जेन ने मेरी कमर को घेरकर ऊपर चुताड़ो तक अपनी गोरी जांघे सटा दी और मेरे नितम्बो को जकड लिया। मैं जेन को चुमते-चुमते ही कमर हिलाने लगा।

जेन भी नहीं चाहती थी कि मैं उस पर दया करके उसकी कसी हुई चूत से जो अभी भीषण दर्द से वेहाल में से लंड बाहर निकाल ले। मैं भी समझ गया जेन दर्द बर्दाश्त कर रही है। एक तरह से जेन मेरी कमर को अपनी गोरी गुदाज जांघो से कसकर जकड लिया और दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगी। अब उसे कुछ देर जेन की गोरी गुदाज जांघो के बंधन में रहकर ही कमर हिला-हिला कर जेन को चोदना होगा।

दोनों के बदनो की गरमी एक दूसरे में घुलने लगी, पसीना एक दूसरे में मिलने लगा और गरम-गरम सांसे एक दूसरे की बदन से टकराने लगी। जेन ने मेरी कमर पर बनाये जांघो का कसाव को ढीला कर दिया, मैं उसका इशारा समझ गया, मैंने कमर को हल्का-सा पीछे लेकर झटका दिया, लेकिन लंड अपनी जगह से चूत थोडा और आगे खिसक गया। फिर उसने धीरे-धीरे लंड को जेन की संकरी गुलाबी चिकनी चूत में उतारना शुरू कर दिया।

मैंने जेन को अभी हलके-हलके धक्के लगाकर चूत के मुहाने की दीवारों को नरम करने में लगा था। जितना अन्दर तक लंड घुस गया था वहाँ तक धक्के मार रहा था। दर्द के बावजूद भी जेन की मादक कराहे निकल रही थी-यस यस आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्आ ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह यस-यस चोदो मुझे, चोदो इस चूत को, कसकर चोदो।

कुछ देर मैंने अपनी कमर पर पूरा जोर डालकर एक तगड़ा झटका लगाया और लंड थोडा और अन्दर खिसक गया। इस अचानक हमले से चूत की दीवारों से भयानक घर्षण हुआ। चूत की गुलाबी गीली दीवारों को मेरे लंड ने थोडा और चीर दिया, दीवारों की सलवटे फैलती चली गयी, भयानक घर्षण से जेन की मक्खन जैसी नरम गुलाबी गीली दीवारों में जलन शुरू हो गयी, ऐसा लग रहा था किसी ने लोहे की गरम राड उसके चूत में घुसेड दिया हो। दर्द और जलन से जेन की चूत की दीवारे बेहाल थी, दर्द के मारे चूत की दीवारों में खून का दौरान तेज हो गया था और वह बेतहाशा फाड़फाड़ने लगी।

जेन दर्द के कराहते हुए कांपते होठो से बोली-पेलो न बेदर्दी से, जो होगा देखा जायेगा, अब ठेल तो पूरा अन्दर तक, जितना ताकत से घुसेड सकते हो, डाल दो अन्दर तक, जहाँ तक जा सकता है जाने दो, उसके लिए राह बनावो, मेरी और मेरी चूत की परवाह न करो तुम, कब तक मेरी चूत के दर्द के चक्कर में लंड को इस तरह तड़पाते रहोगे। जब तक लंड चूत को चीरेगा नहीं, ये ऐसे ही नखरे दिखाती रहेगी। पेल दो पूरा लंड मेरी चूत की गहराई में।

मैंने अबकी बार अपना लौड़ा चूत से सटाकर कसकर शाट मारा, अगली बार के धक्के में मैंने थोडा दवाब बड़ा दिया। मेरी साँसे जल्दी-जल्दी आ रही थीं। जेन ने अपनी टंगे मेरे चूतड़ों से और बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया। अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था। जेन ने जोर से एक चीख मारी। मैंने भी उसको रोका नहीं।

मैंने अपना लण्ड थोड़ा-सा बाहर निकाला और अब मैंने कस के शाट मारा, तो मेरा लण्ड अब जेन की कुँवारी चूत की झिल्ली को चीरता हुआ आधा अंदर चला गया। जेन के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया मेरा 10 इंची गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी में घुस गया।

जेन की चूत बहुत टाइट थी मुझे लगा मेरा लैंड उसमे जैसे फस गया और छील गया है मेरी भी चीखे निकल गयीl ऊह्ह्हह्ह मर गएl मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लैंड को बाहर खींचने की कोशिश की लेकिन लण्ड टस से मस नहीं हुआ जेन की चूत ने मेरा लण्ड जकड लिया था। मैंने बहुत आगे पीछे होने की कोशिश की लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा फिर मैंने पूरी ताकत से एक और धक्का लगाया और लण्ड पूरा अंदर समां गया और मैं जेन के ऊपर गिर गया फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वह शांत हुईl

मैंने उसके होंठों से अपने होंठ सटा कर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंबा और मोटा लंड अन्दर चला गया था। इस बार के झटके से उसकी चीख उसके गले में ही रह गई और उसकी आँखों से तेजी से आँसू बहने लगे। उसने चेहरे से ही लग रहा था कि उसे बहुत दर्द हो रहा है। मैंने जेन को धीरे-धीरे चूमना सहलाना और पुचकारना शुरू कर दिया, मैं बोला मेरी रानी, मेरी जेन कुछ नहीं होगा थोड़ा देर में सब ठीक हो जाएगा।

मैंने उसे लिप किश किया मैं उसे लिप किश करता ही रहा वह भी कभी मेरा उप्पर लिप तो कभी लोअर लिप चूसती रही मैंने उसके लिप्स पर काटा उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दिया, फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। जेन मुझे बेकरारी से चूमने चाटने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। फिर मैंने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दी। वह सिसकारियाँ ले मजे लेने लगी।

मैंने अब उसकी चूची को मुँह में ले लिया और हल्के-हल्के धक्के मारने लगा। उसकी चूत बहुत टाइट थी। फिर उनकी स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया जेन का चीखना चिलाना बंद हो गया था।

जेन तेज-तेज सांसें ले रही थी। उसकी चूचियाँ अब ऊपर-नीचे हो रही थी। मैंने उसकी टांगों को अपनी टांगों में फंसा लिया था। मेरे हाथ जब उसकी गाण्ड पर लगे तो कुछ गीला-गीला-सा लगा। मैंने देखा तो उसके सफेद चादर पर खून के धब्बे साफ दिख रहे थे। वह मुस्कुराने लगी और मुझसे चिपक गई।

मैंने जेन को लिप किश दी और उनके बदन को सहलाया। उनके चुचो को दबाया और चूत पर हाथ फेरा और बोला आप तो जानती हो पहली बार थोड़ा दर्द होता है और खून भी आता है उसके बाद तो मजा है मजा है।

मेरा लंड और उसकी चूत दोनों मेरे वीर्य और चुतरस से एक दम चिकने हो चुके थे फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वह चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है? फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, हाईईईईई, म्म्म्मम! अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है।

जेन की चुत बहुत टाइट थी अभी तक लंड पूरा अंदर नहीं गया था। जेन को चुदाई में दर्द हो रहा था। वह पहली चुद रही थी इसलिए उसे ज्यादा देर एक पोजीशन में चोदना ठीक भी नहीं था। और फिर मैंने सोचा अब पोजीशन को बदला जाए।

फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया। मैंने जेन को उलटा करकर घुटनों के बल ला दिया और पीछे से धीरे से उसकी दर्द से बेहाल चूत में मुसल लंड पेल दिया। मैं जेन को पीछे से चोद रहा था। जेन अपने चूत दाने को सहलाकर अपना ध्यान दर्द से हटा रही थी। जेन को पता था कि जब मेरा लंड उसकी संकरी चूत के छेद को अन्दर गहराई तक चीरेगा तो उसे दर्द होना ही है। मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया।

जेन ने अब आगे होने वाले दर्द को बर्दाश्त करने के लिए तकिये में अपना मुहँ दबा लिया, ओठ भींच लिए, मुट्ठियाँ भींच ली और पैर के पंजो और उंगलियों को सिकोड़ कर खुद को दर्द झेलने के लिए तैयार कर लिया। मैंने एक लम्बा झटका लगाया।

जेन के मुहँ से घुटी-घुटी चीख निकल गयी, उसके दोनों आँखों में आंसू आ गए लेकिन मैंने लंड पर दबाव बनाते हुए उसे जेन की चूत में घुसेड़ना जारी रखा। जेन कभी पैर पटकती कभी सर झटकती। लेकिन मैंने जेन की चूत में लंड पेलना जारी रखा।

जरा जरा-सा खिसकता हुआ लंड धीरे-धीरे जेन की चूत में समां रहा था। जेन की चूत की आपस में चिपकी दीवारे मेरे लंड के लिए जगह बनाती जा रही थी, चूत की दीवारों की सिलवटे गायब होती जा रही थी, मक्खन जैसे नरम गुलाबी दीवारे जितना ज्यादा फ़ैल सकती थी फ़ैल जा रही थी और मेरे मुसल जैसे लंड को कसकर जकड़ ले रही थी। मैं जेन को लगातार चोद रहा था अपना लंड उसकी चूत में ठेलता जा रहा था। उसने फिर से जेन को सीधा किया और पहले की तरह चोदने लगा। जेन की पिंडलियाँ और नितम्ब उसकी चूत में हो रहे दर्द के कारन उसकी कमर को नीचे की तरफ ठेल रहे थे लेकिन मैं जेन को हिलने का कोई मौका नहीं दे रहा था। जेन मेरे लंड की खाल की सलवटे और फूली हुए नसे अपनी चूत की दीवारों पर महसूस कर रही थी लेकिन उसका दर्द के मारे बुरा हाल था, दर्द के कारन उसकी आँखो में आंसू आंसुओं की धारा बह रही थी, फिर भी उसने मुझे रुकने का इशारा किया नहीं किया। मैं भी लगातार धक्के लगाकर जेन को चोदता रहा।

12