Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.
You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.
Click hereखानदानी निकाह
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
भाग 08
छोटी बीवी जूनि
अब जूनी के बारे में बताता हूँ उसका रंग गोरा, कद 5-5″, फीचर्स लम्बा चेहरा तब्बू जैसा आवाज़ वैसी ही तब्बू जैसी भोली पर बजन 39 kg, बूब्स 34″, कमर 20″ और चुतर 34″ के हैं, मैंने अभीतक उसको चोदने की नज़र से नहीं देखा था क्योंकि मुझे वह बहुत छोटी लगती थी।
उस रात के लाइव चुदाई देखने के बाद से मुझे देख वह उसका लिप्स बाइट करना, नज़रे मटकाना। उसके बाद उसकी रसीली मटकती हुई गान्ड जिसे देख लगता था कि जैसे 2 लीटर पानी से भरे बलून्स हो । छूकर ही स्खलन हो जाए. आख़िर खाते पीते घर की हैं। उसे भी पता था वह मेरी बीबी है ऐसे में उसका मेरी ओर खिंचाव प्राकृतिक था। वह हमेशा मुझे आकर्षित करने लगी रहती थी और मेरे आस पास मंडराने लगी।
जूनि ने एक दिन एक टी-शर्ट और स्कर्ट पहना था जिसमे उसके मस्त और मांसल टांगे दिखाई दे रही थी। यार क्या फिगर था यार मस्त माल थी । उसका जिस्म बहोत ही गरम हैं। बेहद खूबसूरत, गोरी चिट्टि, बेबी डॉल रेड टाइट टी-शर्ट में उसके स्तन अभी बड़े होने आने शुरू हो गए थे साफ़ दिख रहे थे, पर उसके निपल्स बड़े सेन्सिटिव हैं उसकी बूब्स एक दम नोकिले और टाइट लग रहे थे और उसकी गाँड मस्त थी । मैं काफ़ी देर तक उसे देखता रहा उसके मुममे बाहर की तरफ उभरे हुए थे, होंठ मस्त और उसकी गाँड फूली हुई. फिर मुझे ज़ीनत आप की बात याद आयी। अभी बच्ची है । तो मैने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
एक दिन जब मैं खेतो से लौटा तो ज़ीनत आपा रसोई में मेरे लिए चाय बना रही थी, तो जूनि तेजी से मेरी पास पानी लेकर आ रही थी फर्श गीला था और अचानक उसका पांव फिसल गया और वह धड़ाम से गिर गई। गिरने की आवाज़ और चीख सुनकर मैं भागा-भागा उसके पास गया। जूनि के दाहिने पैर में मोच आ गई थी और उसने अपना दाहिना घुटना पकड़ा हुआ था।
मैंने उसका पैर सीधा किया और घुटने की तरफ देख कर पूछा, "क्या हुआ?"
जूनि बोली मेरा पाँव फिसल गया और मेरा पांव फिसलते वक्त मुड़ गया था और मैं घुटने के बल गिरी थी। मैंने बिना हिचकिचाहट के उसकी स्कर्ट को घुटने तक ऊपर किया और जूनि का हाथ घुटने से हटाने के बाद उसका मुआयना करने लगा। मैंने जिस तरह जूनि की टांगें घुटने तक नंगी की उससे जूनि को बहुत शर्म आई तभी उसने ज़ीनत आपा को भी आते हुए देखा और उसने झट से अपना घाघरा नीचे खींचने की कोशिश की।
ऐसा करने में जूनि के मोच खाए पैर में ज़ोर का दर्द हुआ और वह नीचे लेट गई। इतने में ज़ीनत आपा भी वहाँ आ गयी और बोली "ओह! जूनि! क्या हुआ?"
"यहाँ पानी किसने गिराया था? मैं फिसल गई।" जूनि ने करहाते हुए कहा।
"सॉरी जूनि! पानी की बोतल भरते वक्त गिर गया होगा।" ज़ीनत ने कहा तुम भी थोड़ा ध्यान से चला करो अब बच्ची नहीं रही हो।
अब ज़ीनत आपा की ये बात सुन कर मेरे कान खड़े हो गए।
अब मैंने अपने हाथ जूनि की गर्दन और घुटनों के नीचे डाल कर जूनी को उठा लिया और खड़ा हो गया। जूनी ने अपनी दाहिनी टांग सीधी रखी और दोनों हाथ मेरी गरदन में डाल दिए। उसने मुझे अपने बदन के साथ सटा लिया और मैं छोटे-छोटे कदमों से मेरे कमरे की ओर चलने लगा। मुझे उसके नरम जिस्म का स्पर्श बहुत अच्छा लग रहा था।
मुझे कोई जल्दी नहीं थी... मैंने देखा जूनी ने हल्का मेकअप किया हुआ था और ओंठो पर गुलाबी लिपस्टिक भी लगा रही थी अपर दर्द से कराह रही थी । मुझे उसकी मजबूर हालत में मौका दिया था जिससे वह मेरे बिलकुल करीब हो गयी थी। जूनी को भी मेरा स्पर्श अच्छा लग रहा था । उसकी पकड़ इस तरह थी कि जीनी का एक स्तन मेरे सीने में गड़ रहा था। मेरी नज़रें जूनी की आँखों में घूर रही थीं... दर्द के मारे जूनी ने अपनी आँखें बंद कर लीं थी।
मैंने उसे ठीक से उठाने के बहाने एक बार अपने पास चिपका लिया और फिर अपना एक हाथ जूनी की पीठ पर और एक उसके चूतड़ों पर लगा दिया। मुझे उसका स्पर्श अच्छा लग रहा था। पहली बारमैंने जूनी को इस तरह उठाया था। मेरे बदन में एक सुरसुराहट-सी होने लगी थी।
कमरे में पहुँच कर मैं ने धीरे से झुक कर जूनी को बिस्तर पर इस तरह से डालने की कोशिश की जिससे मैंने उसको अपने बदन से सटाते हुए नीचे सरकाना शुरू किया जिससे मेरी पीठ उसके पेट से रगड़ती हुई नीचे जाने लगी और एक क्षण भर के लिए मेरे उठे हुए लिंग का आभास कराते हुए जूनी की पीठ बिस्तर पर लग गई।
अब वह बिस्तर पर थी और मेरे दोनों हाथ उसके नीचे। थे मैंने धीरे-धीरे अपने हाथ सरकाते हुए बाहर खींचे। उसकी आँखों में एक नशा-सा था और उसकी सांस मानो रुक-रुक कर आ रही थी। वह मुझे एक अजीब-सी नज़र से देख रही थी। मेरा ध्यान मेरे स्तनों, पेट और जाँघों पर केंद्रित था।
वो भी चोरी-चोरी नज़रों से हलके-हलके कराहते हुए मुझे देख रही थी। पर मैं उसे बेशर्मी से घूर रहा था आखिर मेरी बीबी थी तो उससे मुझे क्या शर्म थी।
मैंने सीधे होकर एक बार अपने हाथों को ऊपर और पीछे की ओर खींच कर अंगड़ाई-सी ली जिससे मेरा पेट और जांघें आगे को जूनी की तरफ झुक गईं। अब मेरे तने हुए लंड का उभार मेरी पैन्ट में साफ़ दिखाई दे रहा था। कुछ देर इस अवस्था में रुक कर मैंने हम्म्म्म की आवाज़ निकालते हुए अपने आप को सीधा किया।
फिर मैंने जीनत आपा को थोड़ा गरम पानी और तौलिया लाने को कहा और बोलै जूनी जब तक जीनत आपा ये लेकर आती है तब तक मैं तुम्हारी चोट के बारे में कुछ करता हूँ। ठीक है? "
मैंने बिना हिचकिचाहट के एक बार फिर उसकी स्कर्ट को घुटने तक ऊपर किया और जूनि के घुटने का मुआयना करने लगा। जूनि को बहुत शर्म आई तभी उसने ज़ीनत आपा को गरम पानी और तौलिया लाते हुए देखा और उसने झट से अपना घाघरा नीचे खींचने की कोशिश की।
तो मैंने कहा जूनी अब इसे छोड़ो और मुझे देखने दो, मुझसे क्यों शर्मा रही हो मैं तुम्हारा शौहर हूँ।
सलमान तुम जूनी को देखो मैं तुम्हारे लिए चाय लाती हूँ "कुछ चाहिए हो तो मुझे बुला लेना..." कहती हुई जीनत आपा ने मुझे पानी का गिलास पीने के लिए दिया और चाय के लिए रसोई में चली गई।
मैंने एक कुर्सी खींच कर बिस्तर के पास की और उस पर गरम पानी और तौलिया रख दिया... फिर खुद जूनी के पैरों की तरफ आकर बैठ गया और जूनी का दाहिना पांव अपनी गोद में रख लिया। फिर तौलिए को गरम पानी में भिगो कर उसी में निचोड़ा और गरम तौलिए से जूनी के पांव को सेंक देने लगा। गरम सेंक से जूनी को आराम आने लगा। थोड़ा सेंकने के बाद मैंने उसके पांव को हल्के-हल्के गोल-गोल घुमाना शुरू किया। जूनी का दर्द पहले से कम था पर फिर भी था। जूनी के "ऊऊंह आह" करने पर मैंने पांव फिर से अपनी जांघ पर रख दिया और गरम तौलिए से दुबारा सेंकने लगा। ठोड़ी देर में पानी ठंडा हो गया तो मैंने ज़ीनत आप को बुला कर और गरम पानी लाने को कहा।
जब तक वह लाती मैंने उसका दाहिना पैर और पिंडली को सहलाना और दबाना शुरू कर दिया। मैं प्यार से हाथ चला रहा था, सो जूनी को भी मज़ा आ रहा था।
मैंने पुछा कैसा लग रहा है तो वह बोली अब ठीक लग रहा है। तो मैंने कहा अब और देखने दो कहीं और चोट तो नहीं है? और ये कह कर मैने धीरे-धीरे उसके जिस्म को टच करना स्टार्ट किया। अपनी उंगलियो से उसके पेट के उपरी हिस्सो को छूने लगा मज़ाक करते हुए. फिर मैने उसे अपनी बाहो में लिया और उसके गालो पर किस कर दी। वह शरमाने लगी।
जूनी बोली आपा आ जायेगी! मैं रुक गया और मैने उसे चूमना बंद कर दिया पर अपने बाहो में थामे रखा और फिर उससे बाते करने लगा। मैने उसको कहा कि वह बहोत सुंदर और सेक्सी! हैं। तो शरमा गयी। बोली ये सेक्सी! क्या होता हैं?
कहानी जारी रहेगी