खानदानी निकाह 11

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छोटी बेगम की सुहागरात.
968 words
4.75
118
00

Part 11 of the 67 part series

Updated 01/16/2024
Created 01/21/2022
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 11

छोटी बेगम की सुहागरात ​

मेरी बीबी होने के बाबजूद मैंने अभीतक जूनी को चोदने की नज़र से नहीं देखा था क्योंकि मुझे वह बहुत छोटी लगती थी। उस रात उसकी बातों से मैं मस्त हो उठा और मैंने फैसला कर लिया की कल इसकी सुहागरात होगी और जब सुबह मैंने ज़ीनत आपा को बताया तो वह गुस्सा हो गयी और बोली इसकी इज़ाज़त बड़ो से लेनी पड़ेगी।

तब मैंने कहा मेरा इसके साथ निकाह बड़ो की इजाजत से ही हुआ है अगर उन्हें कोई दिक्कत होती तो अभी इसके साथ मेरा निकाह नहीं करवाते और मेरी दुल्हन है जब चाहे में इसे चोद सकता हु और जब आप ने अपनी उम्र से कई साल छोटे मुझसे चुदवालिया है तो क्या में अपने से कुछ साल-साल छोटी इस नाज़नीन को नहीं चोद सकता और फिर जहाँ तक बड़ो की इजाजत का सवाल है तो आप भी मुझ से बड़ी हो आप इजाजत दे दो। आप ही तो उसको उस दिन कह रही थी अब तुम बड़ी हो गयी हो और फिर उनको चूमा और प्यार किया और उनको मना लिया और उन्होंने इजाजत देते हुआ कहा अगर जूनी नहीं ले पायेगी तो मैं जबरदस्ती उसे नहीं चौदूंगा और वह रात में कमरे में रहकर इस का ध्यान रखेगी।

फिर दिन में आपा ने जूनी का मेकअप और वैक्सिंग करवा के जूनि को त्यार किया और उसका भरपूर शृंगार किया। उस रात जूनी सजने सवारने से बहुत खुश थी। रात में ज़ीनत जूनी को ले कर आयी जूनी ने पश्चिमी दुल्हने शादी के समय जो गाउन पहनती है वह गाउन पहना हुआ था और दुल्हन की तरह सजी हुई थी। ज़ीनत आप बोली सलमान आज जूनी की सुहागरात है तो यादगार तो बनानी ही पड़ेगी इसीलिए उसकी सजाया है।

फिर ज़ीनत आपा ने पुछा जूनी क्या तुम अपना सब कुछ सलमान को सौंपने के लिए तैयार हो? जूनी बोली मेरा सब कुछ इन्हीं का है यही मेरे खाबिन्द है। इनके सिवा कोई और मर्द मुझे छु भी नहीं सकता?

अनुपमा बोली सलमान क्या तुम जूनी को चोदने के लिए तैयार हो मैं बोला जूनी की खिदमत में मैं और मेरा औज़ार दोनों हाज़िर और बेकरार हैं। फिर ज़ीनत आप बोली अब सलमान तुम जूनी को किश करो और सब हसने लगे। मैंने पहले-पहले ज़ीनत आपा को किस किया।

और अपनी गोद में उठा कर जूनी को अपने कमरे में अपने बिस्तर पर ले गया।

मैंने दरवाजा जैसे ही सरकाया तो अंदर लाल रंग की धीमी रौशनी थी और कमरा पूरा फूलो से सजा हुआ था कलियों फूलो से पूरा कमरा महक रहा था बिस्तर भी सुहाग की सेज बना हुआ था और मेरी गोद में दुल्हन भी ही जूनी थी जिसे मैं किस कर रहा था। पीछे-पीछे ज़ीनत आपा भी आ गयी।

मैंने जूनी को बिस्तर पर बैठा दिया एक तरफ ज़ीनत आपा बैठ गयी और जूनी ने अपने मुखड़े को नकाब में छुपा लिया।

मैं दोनों के बीच में बैठ गया और बोला मेरी तो आज लाटरी लग गयी जो मुझे ऐसी नाजनीन कमसिन हसीना सुहागरात मानाने के लिए मिल गयी है। अब-अब जूनि गुलाबी रंग की पोशाक में-में बिना ब्रा और पेंटी के मेरे बिस्तर पर थी और में बहुत आवेश में था।

मैंने जूनी को बांहों में भर लिया और जूनी के माथे पर एक चुंबन कर दिया! " और मैंने एक गुलाब उठाया और जूनी को पेश करते हुए बोला मल्लिका ऐ हुस्न ऐ नाजनीना पेश के खिदमत है आपके गुलाम की और से मोहब्बत का पहले नज़राना। जूनी ने हाथ आगे बढ़ाया तो मैंने उसे अंगूठी पहना दी। फिर धीरे से उसका नकाब हटा दिया।

पहले तो जूनी शर्म से दोहरी हो गई, फिर उसे गले लगा लिया और उसके ओंठो को चूम लिया ये उसका किसी पुरुष के साथ ऐसा आलिंगन पहली बार था, जूनी के कमसिन बदन में कंपकपी-सी हुई.। पर वह जल्द ही मेरा साथ देने लगी।

इतनी कमसिन और नाजनीन दुल्हन भी हुई जूनी आज सजने और मेकअप करके बहुत सुंदर लग रही थी। मैं उसकी देखे जा रहा था तो ज़ीनत बोली सलमाा ऐसी नाजनीन बहुत नसीब वालो को ही मिलती है। अब ये तुम्हारी है। देख क्या रहे हो इसे प्यार करो और मैंने उसको बांहो में भर लिया और दबा दिया। तो वह चिलायी आह! मर गयी... तो ज़ीनत बोली सलमान आराम से करो ये तुम्हारी ही है। सलमान आराम से करोगे तो बहुत मजे करोगे नहीं तो जैसे हमारी सुहागरात के बाद तुम तड़पे थे वैसे ही पड़पोगे। मुझे भी बात सही लगी और मैंने धीरे-धीरे से करने का फैसला किया।

मैंने उसकी पोशाक उतारने के लिए उसका नक़ाब उतार दीया, मेरे दिल की धड़कनें और तेज होने लगीं, मैं उसके और करीब आ गया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. वह घबराहट, शर्म और खुशी से लबरेज होने लगी।

मैं उसे चूम कर थोड़ा पीछे हटा तो जूनी मेरे पास हुई और इस बार उसने मेरे होंठों को चूमा।

फिर क्या था! मैंने उसे खूब चूमा, उसकी पूरी गुलाबी लिपस्टिक, मेरे होंठों में समा गई। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

फिर मैंने उसे खड़ा किया और उसके मम्मों को खूब भींचा और दबाया।

मैंने उसकी ड्रेस की ज़िप खोल दी और निचे उतार दी। वह तो मेरे सामने नंगी हो चुकी थी, मैंने उसे उठाया और अपनी गोद में बिठा लिया उसका पतला शरीर मेरी गोद में पूरा समां गया।

मैंने उसके कंधे पर चुम्बन किया और उसने अपना चेहरा दोनों हाथों से ढक लिया। मैंने अपने एक हाथ से उसकी पीठ सहलाई और दूसरे हाथ से जांघों को सहलाने लगा।

मेरे छूने से उसके शरीर में सरसराहट होने लगी, जूनी के मोमो सख्त होने लगे, वह शर्म से लाल होकर मुझसे लिपट गयी।

मैंने उसके उरोजों को थाम लिया। उसके निपल्स को मैंने चूसा-चबाया, काटा, मींजा, खूब खेला। उसके मम्मे, जो मेरी हरकतों से बेहाल होकर लाल हो गए थे।

कहानी जारी रहेगी

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