मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 24

Story Info
कामुक जेन ​
1.4k words
2
150
00

Part 25 of the 47 part series

Updated 10/30/2023
Created 09/04/2021
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मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-24

कामुक जेन ​

मेरी कामुक हरकतों से जेन की दोनों छातियाँ भारी हो गयी थी और दोनों निपल्स कड़क होकर खड़े हो गए थे और मुझे आमंत्रित कर रहे थे।

मैं जेन के पैरों की तरफ़ बिल्कुल नंगा खड़ा था और मेरा गरम, लंबा, मोटा और चुदाई के लिए पूरा तैयार लंड कमरे की छत की तरफ़ अपना मूह उठाए खड़ा था और मेरी नज़रें जेन की चूचियों पर जमी हुई थीं।

गोरी गोरी चुचियों के ऊपर उन खड़े हुए निप्पल्स को देखकर मेरा लंड भी उत्तेजित हो गया था और मैं बड़ी प्यासी निगाहों से जेन के बूब्स को देख रहा था ।जेन बिल्कुल नंगी लेटी हुई अपनी प्यासी चूत पर अपने हाथ को आहिस्ता-आहिस्ता फेर कर प्यार कर रही थी और उस की फूली हुई गोरी चूत के गुलाबी होंठो से रस की बूंदे टपक रही थींl

जेन की गोरी-गोरी टाँगों के दरमियाँ में, किसी भी क़िस्म के बालों के बगैर, जेन की सॉफ और गुलाब की पंखुड़ियों की तरह से चिपकी हुई चूत की दरार को देख कर मेरे मुँह से लार टपकने लगी।

जेन ने जब देखा कि मैं क्या देख रहा हूँ तो वह शर्म से पानी-पानी हो गई।

मैंने जेन के एक पके हुए आम के जैसे स्तन को एक हाथ से दबोच लिया और उसके दुसरे निपल्स को अपनी जीभ से चाटने लगा और जेन के बूब पर अपनी ज़ुबान को ऊपर नीचे घुमाते हुए उसके निप्पल को अपने मुँह में भरा और उसे चूसने लगा।

निप्पल को अपनी ज़ुबान से रगड़ते-रगड़तेमैंने निप्पल को अपने होंठो में भर कर काबू किया और फिर निप्पल को अपने होंठो से खींच कर ज़ोर से बाहर की तरफ़ खींचा और फिर छोड़ दिया ल फिर मैंने ताहि काम दुसरे निप्पल और बूब के साथ किया।

फिर मैं उसे निप्पल चूसने लगा । कभी दाईं चूची तो कभी बाई।। जेन मेरे नीचे पड़ी हुई तड़प रही थी और सिसक रही थी।

जब मैंने जेन के जिस्म के नाज़ुक हिस्सो के तार छेड़ दिए। तो फिर उसके चाहने न चाहने के बावजूद उसका मादक जिस्म उसके नियंत्रण से बाहर निकलता चला गया।

जेन मेरे से लिपट कर मुझे चूमने लगी।।दोनों के वासना की आग में तपते हुए ओंठ कांपते हुए फलकों के साथ एक दुसरे से चिपक गए।। एक दुसरे के मुहँ का रस एक दुसरे के ओंठो को चूसने देने लगे।

मेरा लंड जेन की चूत के ऊपर इधर उधर नाच रहा था।और अब इंतजार करने की हालत में नहीं था वह बोली अब बस करो और जल्दी से मेरे अंदर डाल दो" कहते हुए उस ने मुझे मेरे सिर के बालों से पकड़ कर अपने उपर खींच लिया। मैं पूरी तरह से झुकते हुए जेन के गुलाबी बदन के ऊपर छा गया और अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर जेन की चूत के सुराख पर उपर नीचे रगड़ा और फिर कुछ देर दाने को छेड़ने और रगड़ने के बाद लंड को जेन की गुलाबी चूत के मुहाने से सटाया । लंड की टोपी उस की चूत के रस से बहुत गीली हो गई थी ।और फिर जेन ने मेरे को बांहों में भरते हुए अपने हाथ मेरी पीठ पर जमा दिए ।जेन जानती थी मेरा लंड बहुत मोटा और तगड़ा है और उसकी ताज़ी चुदी हुई चूत जो सूज चुकी है जब उसपे लंड का दबाब पड़ेगा तो उसे दर्द होगा और उसकी चीखे निकल जाएगी इसीलिए उसने भी अपने आप को तैयार कर लिया था।उसे मालूम था मेरा लंड उसकी चूत को चीर के रख देगा इसीलिए वह दर्द को बर्दाश्त करने के लिए पूरी तरह तैयार थी।।

मैंने उसे ओंठो पर चूमा और उसके बाद में धीरे से एक बार में हल्का-सा झटका मारा नतीजन सुपारा जेन की सूजी और कसी हुई गुलाबी चूत को चीरता हुआ अंदर फंस गया । मैंने फिर दूसरा झटका थोड़ा तेज मारा और पूरा का पूरा मुसल जेन की चूत के गुलाबी छेद में अंदर चला गया । जेन की बुर की दीवारों ने मेरे मुसल लंड को बुरी तरह जकड़ लिया और जेन के मुहँ से सिसकारी भरी कराह निकली आआआआ आअह्ह्ह्ह हाय मर गयी आह्हीईईईईईईईईईइ! ऊऊऊऊ! ओह्हह्ह हाय! प्लीज रुको!

इसके बाद मैंने अपने लंड को बाहर खींचा और फिर से जेन की चूत में पेल दिया था। जेन कराहने लगी ईईईईईईईईईई! आअह्ह्ह्ह!

चूत रस से भीगे होने के कारण अब मेरे विशालकाय लंड को अंदर प्रवेश करने को लेकर कोई खास प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा और लंड अपना रास्ता बनाता चूत में आराम से जाने लगा। मैंने फिर जेन की चुदाई शुरू कर दी । लेकिन चूत चुदाई में नई थी इस लिए ज्यों ही मेरा लंड उस की चूत में दाखिल हुआ तो जेन एक दम चिल्लाई आआआआहह! आहिस्ता! आहह! मेरा लंड उसकी सील फाड़ चूका था, इसलिए जेन की चूत के लिए अब अजनबी नहीं रहा था और उसकी चूत ने रस छोड़ते हुए लंड का स्वागत किया ।

मैं हल्का-सा ऊपर उठा जिस की वज़ह से लंड जेन की चूत से थोड़ा से बाहर निकला, फिर दुबारा नीचे होते हुए मैंने दुबारा अपना लंड चूत की वादियों में धकेल दिया।

इस के साथ उस ने अपने मुँह को थोड़ा नीचे किया और जेन की छाती पर ऊपर नीचे होते हुए उसके बड़े-बड़े मम्मों के निपल को अपने मूँह में ले लिया और उन्हें सक करने लगा। अब मैं धीरे-धीरे से जेन की चूत को चोद रहा था और साथ ही साथ वह कभी उस के एक मम्मे को तो कभी दूसरे मम्मे को अपने होंठो और हाथो से चूस्ता और दबाता जा रहा था ।

फिर कुक देर बाद जेन की दोनों चूचियों को थाम के मैं उसे पेलने लगा । शुरुआत मैंने बहुत धीरे से की जेन अपनी गांड को ऊपर की तरह उठा-उठा कर मेरा पूरा लंड अपने अंदर ले रही थी। पर कुछ ही देर में अपनी पूरी रफ्तार पकड़ ली और जेन को अपनी पूरी ताकत से पेलने लगा । कमरे में चुदाई की " ठप्प्प्प्प्प!! ठप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प के साथ-साथ जेन की आहह! आहह! की आवाज़े भी गूँज रही थी।

जेन की सूजी हुई चूत फ़ैल चुकी थी और उसकी खुली गुलाबी चूत में लंड अब आराम से आ जा रहा था और साथ में दोनों की कामुक सिसकियाँ निकल रही थी । मैंने अपने मुसल को जेन की गुलाबी चूत में जोर से दे मारा तो उसे बाहर दर्द हुआ और जेन दर्द से तड़पने लगी। जेन यौन उत्तेजना में जंगली होती जा रही थी,

"आअह्ह्ह! म्मम्मम!" जेन ने भी अपनी गांड उठा-उठा कर मेरी स्पीड को मैच करने की कोशिश करने लगी फच-फच की आवाज आने लगी साथ-साथ जेन कराह रही थी।

ह्हह्ह्ह्हह! आआऊऊईई! अब उस पूरे कमरे में यही आवाजें गूँज रही थीं ।

एक चुदाई और दूसरी कराहने की मेरी पंपिंग की गति बढ़ गयी और मैंने जेन की मांसल कमर के चारों ओर से कसकर पकड़ कर उसकी चूत पर ज़ोरदार बेरहम तरीके से चुदाई चालू रखी। फिर जेन के दोनों पैर सीधे हवा में उठ कर और भी अधिक फ़ैल गए और जेन का बदन कांपने लगा और फिर उसी समय मेरा भी शरीर अकड़ा और काँप उठा। आख़िर में मुँह से एक ज़ोरदार आवाज़ निकालने के साथ-साथ एक जबरदस्त धक्का मारा और जेन भी अपने चूत में मेरे लंड के अकड़न और ऐंठन को महसूस कर ख़ुशी और यौन आनंद से "आह ऊऊऊऊ हहम्मम्मम!" कर चिल्ला उठी और वह झड़ गयी और उसकी नर्म--गर्म चूत में मेरा लंड ने पिचकारियाँ मार दी और मेरा गर्म वीर्य से उसकी चूत पूरी भर गयी ।

मैंने कुछ देर बाद विशालकाय लंड को बाहर निकाला, जेन की चूत का मुँह खुला हुआ रहा और तभी लूसी ने फट से मेरा लंड अपने मुँह में लिया और सारा रस चाट गयी ।

जेन पसीने से तर बतर थक गयी थी उसकी चूत से गर्म वीर्य बह रहा था ।टाँगे फैली हुई थी और उसके बाल बिखर गए थे । जेन के गाल, गर्दन, कंधे, सीने और चूचियों पर चूसने और काटने के कारण बने लाल निशान थे बिस्तर पर कपडे फूल और जो कुछ भी उसने और मैंने पहना था सब फैला हुआ था और वह होंठो और गालो पर लगी मेरी लार को हथेलियों से थोड़ा-थोड़ा कर पोछती हुई आँखें बंद कर चित्त लेटी रही और लम्बी और गहरी साँसे ले रही थी ।

और अब मैं भी उसके जिस्मसे चिपक कर पसीने से शराबोर जेन के पहलू में पड़ा गहरी साँसे ले रहा था और हमारी हवस भरी चुदाई देखने के बाद लूसी मेरा और जेन का बदन सहला रही थी।

जारी रहेगी

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